RE: Thriller Sex Kahani - आख़िरी सबूत
जवाब देने से पहले मुंस्टर ने पल भर सोचा।
नहीं। मैं कहूंगा कि मजा सही शब्द नहीं है।"
क्रुइकशैंक ने आह भरी और कधे उचका दिए।
"सोच रहा था कि कुछ देर बार में बैठूं। तुम आना चाहो तो तुम्हारा स्वागत है।"
"शुक्रिया," मुंस्टर ने कहा। पहले मुझे कुछ पढ़ना है, शायद बाद में आऊं ।"
क्रुइकशैंक ने उसकी पीठ पर धौल मारा और बार की तरफ बढ़ गया। ब्रांडी का साफ झोंका आया, मुंस्टर ने पास से निकलते हुए महसूस किया। निस्संदेह,जीवित रहने की अनिवार्यता। वो रिसेप्शन पर गया और अपनी चाबी ली।
"जरा रुकिए," लड़की ने काउंटर के पीछे झुकते हुए कहा।
"आपके लिए एक मैसेज भी है।"
उसने एक सफेद लिफाफा उसे थमा दिया जिसे उसने अपनी जेब में डाल लिया। जब वो अपने कमरे में पहुंचा तो एक पैन सेउसने उसे खोला और संदेश पढ़ाः
हाइ!
अभी आरलाक रिपोर्ट पढ़कर चुकी हूं। कोई बात अचानक मुझे खटकी है।
बहुत अजीबोगरीब है, लेकिन मुझे इसकी जांच करनी है।
जॉगिंग पूरी करके करीब आठ बजे मैं घर पहुंच जाऊंगी। तब मुझे फोन करना।
प्यार,
बी
उसने अपनी घड़ी देखी। सात-बीस। क्या रिपोर्ट में वाकई कुछ हो सकता है? अपनी बेडसाइड टेबल पर रखे कागजों के ढेर पर उंगली फिराते हुए वो सोचने लगा। ये तो मन्नत मांगने लायक वरदान होगा।
जो भी है, अच्छा होगा मैं इसे पढ़ लूं। लेकिन पहले सिन को फोन कर लूं।
वान वीटरेन एस्प्लेनेड पर आगे बढ़ता रहा और रेत पर कदम रखने से पहले उसने पश्चिमी घाट को पार किया। धुंधलका घिरने लगा। था, लेकिन शायद अभी कोई आधे घंटे की रोशनी बची थी, लगातार कमजोर पड़ती, ये सच था, लेकिन फिर भी इतनी थी कि उसे रास्ता दिखता रहेगा, उसने सोचा। गर्म हवा बीच पर और ज़्यादा महसूस हो रही थी, और उसने एक पल को अपने जूते उतारने और रेत पर नंगे पांव चलने का सोचा-दूर तलक गर्म रेत। लेकिन फिर उसने इस ख़्याल को छोड़ दिया। समुद्र बेपरवाह सा दिख रहा था, जैसा उन हफ्तों के दौरान था जो उसने कॉटेज में गुजारे थे; लहरें अस्थिर, मगर उदासीन, बेजान थीं...
हम, समुद्र और मैं एक-दूसरे से उकता चुके हैं, उसने सोचा, और उसे उस मानसिकता का अहसास हुआ जिसे वो अपने बचपन की गर्मियों से पहचानता था। जब वो घर वापस जाने की तरसता था, समुद्र से दूर शहर में जाने को तरसता था, जैसा कि उन दिनों वो कहा करता था। जब वो अनंत के सिकुड़ने के सपने देखता था ताकि उसे पूरा का पूरा देख सके। वो हर उस चीज के चारों ओर एक फ़्रेम खींचना चाहता था जो कालातीत और अनंत थी और तटीय क्षेत्र के साथ-साथ आसमान के नीचे लगातार बढ़ती ही जाती मालूम देती थी...
क्या ये वही अहसास था जो वो इस समय भी महसूस कर रहा था?
क्या मुख़्तसर सी बात ये थी कि समुद्र के पास हालात को संभालना ज़्यादा मुश्किल होता है? क्या इस अंतहीन स्लेटी आईने ने हर चीज को अबोध और उसे बस में करने को नामुमकिन बना दिया था? इस केस को इतनी बुरी तरह से निराशाजनक बना दिया था? राइनहार्ट दावा करता था कि खास इसी जगह पर--जहां धरती, समुद्र और आसमान एक होते हैं--सब चीजें अपना असली वजन और महत्व हासिल करती हैं।
अपना नाम और गुण।
कहना मुश्किल है। शायद इसका उलट ही था। जो भी हो, उसे अहसास था कि विचार और धारणाएं बहक गए और धुंधले पड़ गए थे। जब उसने ठीक सामने की हल्की सी घुमावदार तटीयरेखा पर नजर डाली, जो अंततः पश्चिमी घाट के पार एक स्याह होती धुंध में घुल रही थी, तो किसी खास चीज पर ध्यान केंद्रित करना और फोकस कर पाना कहीं ज़्यादा मुश्किल लगा। मानो सब कुछ निगला जा रहा था, अनंत और कालातीत अंधकार में लुप्त हो रहा था। हां, राइनहार्ट गलत था, इसमें कोई शक नहीं था। ये, ये मनहूससमुद्र एक बाधा है।
दूसरी ओर, ये आपकी संवेदनशीलता को बढ़ा देता है, ये तो मानना ही होगा। प्रक्रिया दोनों दिशाओं में खुली थी... प्रयोजनों या निष्कर्षों को रोकने के लिए कोई गतिरोध नहीं था। इनपुट और आउटपुट। उसके लिए ये अनुभूतियों और प्रभावों को इतनी देर तक रोके रखने का विषय था कि वो उन्हें दर्ज कर सके, कम से कम पल भर के लिए |
और केस का क्या? फरसामार? वो विचार कया थे जो गर्म हवाओं के साथ उड़ गए थे?
हवा वापस सामने आ गई थी। कुछ तो गलत था। कुछ समय से उसे ये अहसास हो रहा था और यहां खामोश, सख्त रेत पर ये और भी ज्यादा मुखर हो रहा था। जब उसने फिर सोचा, तो ध्यान आया कि बीट्रिस लिंस्क्स से बातचीत के दौरान कोई बात निकली थी। उसे ठीक से याद नहीं आ रहा था कि वो क्या थी, उस समय भी नहीं पता था--कोई जुमला जो उसने बोला था, ऐसे ही बेध्यानी में कुछ कहा था, शायद खुद शब्दों के बीच का बुनियादी रिश्ता। एक असामान्य संबंध। जो काफी था, और उसने कुछ भांप लिया था।
कुछ जो शतरंज की आखरी बिसात के दौरान बॉजेन ने भी कहा था--पुलिस चीफ ने एक प्यादा हटाया था और अपने लिए फायदा हासिल किया था, इस सच के बावजूद कि ये असल में वही चाल थी जिसे वान वीटरेन ने पहले ही जान लिया था और वो चाहता था कि चीफ उसे चले ।
उन्होंने अपना पाइप जलाया था और कुछ कहा था।
वो भी अस्पष्ट था। बहुत अस्पष्ट-अचानक आए किसी झोंके की तरह जो आने के साथ ही फौरन बिखरकर गायब हो गया था, मगर फिर भी उसकी याददाश्त में एक अंश रह गया था।
कैसी मुश्किल है! उसने सोचा, और चबाई हुई टूथपिक को थूक दिया। ये किस तरह की अस्पष्ट सोच थी? कैसी सूक्ष्मता! जब अल्जाइमर रोग पूरी तरह पैठ बना लेता है तब ऐसा ही लगता होगा।
लेकिन दूसरी ओर--अब वो चरम स्थितियों के बीच बिजली के से तेज पुल बना रहा था--बुढ़ापे के मतिभ्रम का सबसे महत्वपूर्ण चिह्न ये नहीं था कि आपने अपनी याददाश्त खो दी है। बल्कि इसका उलट है! याददाश्त के द्वार चौपट खुले थे और हर चीज को अंदर आने दे रहे थे। बिना काट-छांट के। हर चीज को ।
समुद्र की तरह। लहरों की तरह। और इसलिए ये चुनने का विषय था। सब कुछ या कुछ नहीं।
तो फिर ये कौन था? फरसामार कौन था? उसे इस मनहूस जगह पर और कितनी देर पड़े रहना पड़ेगा तब जाकर वो इस शातिर खिलाड़ी को हथकड़ियां पहना पाएगा? वो क्या शब्द थे जो बीट्रिस लिंस्क्स के मुंह से निकल गए थे? बॉजेन ने क्या कहा था?
और लॉरिड्स रेजिन? कहीं अपने घर में बैठा उस दिलासे को तौल रहा होगा जो पुलिस की ओर से उसकी बीवी ने उसे दिया होगा। क्या वो भरोसा करने लायक था? उसने क्या वादा किया था? छह से आठ दिन? वो कब की बात थी? क्या वो, वास्तव में, उस सीमा को पार कर भी चुका था?
बिला शक, वान वीटरेन ने गहरी सांस ली।
बीस गज आगे एस्प्लेनेड से बाहर निकली। उसके काले बाल उसकी जैकेट जैसे रंग के रिबन से बंधे हुए थे। वो पानी के किनारे-किनारे, सख़्त रेत पर जॉग करती रही, फिर पश्चिम की ओर मुड़ गई और कुछ ही सैकड में उनके बीच की दूरी दोगुनी हो गई। उसमें कुछ बहुत जाना-पहचाना सा था, और ये समझने में कि वो कौन है, उसे कुछ पल लग गए।इंस्पेक्टर मोएक, बेशक!
पहले दिन पुलिस स्टेशन में बॉजेन ने उसके बारे में क्या कहा था?
खूबसूरती और सहजबोध? ऐसा ही कुछ; किसी भी सूरत में, वो जो भी रहा हो, वो उससे तहेदिल से सहमत था।
उसने गहरी सांस ली और अपने हाथ जेबों में डाल लिए। सिगरेट के पैकेट को छुआ और कुछ देर अपने आपसे तर्क-वितर्क किया। अरे, ठीक है, उसने तय किया, और जब तक उसने सिगरेट जलाई बियाटे मोएर्क अंधकार में गुम हो चुकी थी।
निगल ली गई थी।
अंधकार, उसने सोचा, और एक गहरा कश लिया। वो इकलौती इतनी बड़ी चीज जो समुद्र को भी ढक सकती है।
बुरा विचार नहीं है। किसी दिन राइनहार्ट के सामने इसका जिक्र करने का उसे याद रखना होगा।
लेकिन शायद समुद्र ही ज़्यादा बड़ा है, लगभग तुरंत ही उसे अहसास हुआ। निस्संदेह किसी दूसरे किनारे पर अभी सुबह होगी। दूसरा किनारा तो हमेशा होता है।
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