Thriller Sex Kahani - आख़िरी सबूत
07-09-2020, 10:36 AM,
#37
RE: Thriller Sex Kahani - आख़िरी सबूत
30
उसने स्मोकहाउस के दूसरी ओर हमेशा वाली जगह पर कार पार्क की। कार को लॉक किया और अपने ट्रैकसूट की जिप थोड़ी सी खोली। दिन में उसे जितना लग रहा था, अभी उससे ज्यादा गर्मी थी; यकीनन उसे बहुत पसीना आ जाएगा।
उसने जॉगिंग शुरू कर दी और तुरंत ही वो गर्म उत्तेजना जो उसे अपने दिमाग में महसूस हो रही थी, उसके सारे शरीर में, उसकी टांगों और पांवों तक उतर गई। अपने लिए जो गति उसने तय की थी, वो दौड़ के इतने शुरू के लिए एकदम पागलपन थी। उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा, मगर पता नहीं क्यों ये सम्मोहक सा था। अब उसे बस तेज दौड़ना था। तेज दौड़ना और खुद को इस सीमा नर्वसनेस और बेतहाशा तनाव खत्म हो जाए--जीत की ओर पहुंचने का ये ताकतवर, लगभग उन्माद भरा अहसास। हल लगभग उसकी मुट्टी में होने का अहसास।
सफलता आ पहुंची थी। खैर, ये कहना अतिशयोक्ति हो सकता था, शायद, लेकिन अगर वो अपने विचारों की श्रृंखला को पूरा कर सके, उसे जिसने मैलिनक रिपोर्ट से आकार पाया था और जो अब, पहली जांच के बाद, साबित हुई थी... क्या?
उसकी काट करने के लिए कुछ नहीं था, कम से कम--कुछ भी नहीं। हालांकि इसके जो निहितार्थ थे वो बिल्कुल ही एक अलग विषय था।
वो बीच पर उतर गई और पानी के किनारे-किनारे दौड़ती रही। यहां नीचे हवा बहुत गर्म थी और उसने चाहा कि उसने कुछ पतले कपड़े पहने होते।
तो इसकी काट करने को कुछ नहीं था। बल्कि उलटा ही था। इसका समर्थन करने को बहुत कुछ था--सब कुछ, शायद । अगर आज रात मुंस्टर के सामने, शांति से, होशो-हवास में वो अपने विचारों को व्यक्त कर सकी, तो निस्संदेह सब कुछ शीशे की तरह साफ हो जाएगा।
धुंधलका छा रहा था, और वो सोच रही थी कि क्या उसे आज भी पूरा रास्ता दौड़ना चाहिए। वापस लौटने तक शायद जंगल में बहुत अंधेरा हो जाएगा, लेकिन फिर, अब तक तो वो चप्पे-चप्पे को पहचान चुकी थी... हर जड़ और हर शाख को जान चुकी थी; अगर वो अपनी दौड़ को छोटा करती है तो ये कच्चा काम होगा और कच्चे काम बियाटे मोएर्क को पसंद नहीं थे।
और मुंस्टर भी आठ बजे से पहले फोन नहीं करेगा। तब तक बहुत समय था।
लैक्टिक एसिड जल्दी काम करने लगा था। कोई हैरानी नहीं, उसने सोचा, और आखिर अपनी गति थोड़ी कम कर दी। खुद को इतना थकाने की जरूरत नहीं थी कि उसे जंगल से लड़खड़ाते हुए जाना पड़े। उसके दिमाग के फलक पर अखबार की सुर्खी उभरीः
महिला पुलिस इंस्पेक्टर ने फरसामार को पकड़ा!
और शुरुआती पैराग्राफ कुछ ऐसा होगाः "बाहर से आए अपराध विशेषज्ञों की मौजूदगी के बावजूद, कालब्रिंजेन की अपनी बियाटे मोएर्क ने फरसा-हत्यारे के मामले को हल कर दिया है जो देशभर के अखबारों की सुखीं बना हुआ है। हमारा शहर उनका बहुत आभारी है किअब हमारे नागरिक एक बार फिर सड़कों पर अपनी मर्जी से घूम सकेंगे और रात को अपने विस्तरों पर शांति से सो सकेंगे।"
संतोष की लहरों को काबू करना मुमकिन नहीं था और उसने फिर से अपनी गति बढ़ा दी।
मगर, वो ज़्यादा देर अपने बारे में लिखी गई तारीफों का लुत्फ नहीं ले पाई और उसके दिमाग में एक और सुख काँध गई. एकदम अप्रत्याशित सी। इस बार ये एक किताब का शीर्षक था, एक किताब जो उसने कभी पढ़ी नहीं थी, लेकिन उसे याद था कि बहुत साल पहले अपने गृहनगर फ्रीसेन में लगी किताबों की एक सेल में उसने उसे हाथ में लिया था। वो अंग्रेजी की किताब थी।
द लोनलीनेस ऑफ द लांग-डिस्टेंस रनर ।
वो एक ओर को लहरा गई और लगभग रेत पर गिर ही पड़ी थी।
आखिर ऐसा क्यों हुआ कि उसके दिमाग में इस किताब का शीर्षक इस समय कौधा?
उसने इस ख्याल को दरकिनार किया और पीछे नजर डाली। बीच सुनसान था। उसके पीछे भी उतना ही सुनसान था जितना उसके आगे था। उसने समय देखा। सात-पच्चीस-कुछ मिनट और, और फिर वो बड़ी चट्टान के पास और सड़क के नीचे की सुरंग तक पहुंच जाएगी। फिर जंगल में थोड़ी चढ़ाई, और वापस घर.
बियाटे मोएर्क ने फरसा-हत्यारे की पहेली हल कर ली थी!
द लोनलीनेस ऑफ द लाग-डिस्टेंस रनर ।
जब वो आखरी पहाड़ी के शिखर पर पहुंचने वाली थी तो उसे बहुत थकान सी महसूस होने लगी। लैक्टिक एसिड उसकी जांघों में दर्द कर रहा था, और उसका दिल गले में धाड़-धाड़ खून पहुंचा रहा था. अब वो लगभग शिखर पर थी। विशुद्ध इच्छाशक्तिः अपनीके लिए खुद को मजबूर करो। फिर एक बार ऊपर पहुंचने के बाद ढलान है--एक मौका इसे आसानी से लेने का, अपने शरीर को स्वस्थ होने देने का, आखरी चक्कर के लिए तैयार होने का, हल्की सी ढलान से बीचवृक्षों के जंगल से होकर नीचे स्मोकहाउस और फिर पार्किंग...
आसान अंत, इंतजार करती कार और गर्म शॉवर के बारे में सोचने ने उसे शिखर पर पंहुचा दिया और नीचे ढलान पर उसे एक अच्छी शुरुआत दी; लेकिन अगर उसकी टांगें थोड़ा सा कम भी थकी होतीं, और अगर सितंबर की उस गर्म शाम को रोशनी थोड़ी ज़्यादा भी होती, तो भी ये बहुत ज़्यादा असंभाव्य ही था कि वो समय रहते लोहे के काले तार को देख पाती।
वो पहाड़ी की एकदम तली में--ठीक वहां जहां एक नीबू के पेड़ की पत्तियां घिरते आ रहे अंधेरे में एक परत और जोड़ रही थीं--घुटने की ऊंचाई के ठीक नीचे ट्रैक के आरपार जा रहा था। वो सिर के बल जमीन पर जा गिरी, और इससे पहले कि वो समझ भी पाती कि हुआ क्या था, वो उसके ऊपर आ गया था।
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RE: Thriller Sex Kahani - आख़िरी सबूत - by desiaks - 07-09-2020, 10:36 AM

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