RE: Thriller Sex Kahani - आख़िरी सबूत
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जब वो सी वार्फ के पीछे की पार्किंग से गाड़ी निकालकर चला, तो साढ़े सात से ज़्यादा नहीं हुए थे और सूरज पूर्व के ऊंचे तटीय क्षेत्र के ऊपर उठा ही था। लगता था कि दिन साफ रहने वाला है, और वो कुछ घंटे स्टीयरिंग के पीछे बिताने के लिए उत्सुक था।
वहां बैठना और दमकते रंगों और ड्राइपॉइंट नक्काशी की तीखी रूपरेखाओं वाले पतझड़ के नजारों से होकर गुजरना। शायद वो ये दिखावा कर सकता था कि वो किसी साधारण से काम के लिए निकला एक आम आदमी है--आधुनिक प्रबंधन की तकनीकों पर लेक्चर देने बॉशहुइजेन जा रहा। किसी पुरानी कैमिकल फैक्टरी से निकलने वाले सल्फर डाइऑक्साइड की जांच करने जा रहा। एयरपोर्ट पर किसी रिश्तेदार से मिलने जा रहा।
या जो भी आम लोग करते थे।
मार्च में किसी वक्त वो बड़ी पशोपेश में रहा था कि उसे अपनी कार बदलनी चाहिए या नहीं, या बस एक बेहतर स्टीरियो सिस्टम खरीदकर ही संतुष्ट हो जाए। धीरे-धीरे दूसरा विकल्प उसे भाने लगा और अब जबकि वो कालब्रिंजेन की संकरी गलियों से गुजर रहा था तो वो शुक्रगुजार था कि उसने इतना समझदारी भरा फैसला लिया था। अगर उसने नई कार भी खरीदी होती, तो वो कभी भी कुछ हजार ऊपर से लगाकर कोई बहुत शानदार लाउडस्पीकर नहीं खरीद पाता।
जैसे कि अब हालात थे, उसके स्टीरियो सिस्टम का मूल्य उससे कहीं ज़्यादा था जितना कोई उसे उसकी बाकी पुरानी ओपेल के लिए देने को तैयार होता, और उसे इसी तरह ये पसंद थी।
कार यातायात का एक साधन थी। संगीत विलासिता था। इसमें कोई शक नहीं था कि किसे प्राथमिकता देनी चाहिए।
आज सुबह के लिए उसने नॉर्डिक चुना था। शांत, स्पष्ट और गंभीर। सिबेलियस और ग्रेग। उसने सीडी लगाई, और जब ट्वाओनेला के पहले सुर उसे बांधने लगे तो उसे महसूस हो रहा था कि कैसे उसकी बांह के रोंगटे खड़े हो गए थे।
ये कमाल का खूबसूरत था। जैसे लैम्मिंकैनियन गुफाओं में होना, और पूरे पहाड़ का इस प्रेरक संगीत का प्रतिनिधित्व करना। इतने हफ्तों में पहली बार--बेशक जबसे वो कालब्रिंजेन आया था--वो फरसामार को अपने ख्यालों से निकाल पाया था। उसे भूल गया था। वो वहां बैठा था, संगीत में गुम... स्फटिक सी साफ धुन के गुंबद में, जबकि धुंध छंटती गई थी और विस्तृत पहाड़ी देहात में गुम हो गई थी।
मगर उर्डिन्जेन के स्तर पर सड़क किनारे के एक साधारण और सूने से कैफे पर रुकने के बाद भारी बदलाव आ गया था। उसे अहसास हुआ कि और ज़्यादा दूर जाने की बजाय, अब ये करीब आने का सवाल था। उसका शुरुआती बिंदु पीछे, और पीछे छूटता जा रहा था, उसकी मंजिल आकार लेती जा रही थी... उठती,गिरती, हमेशा की तरह। वो पहाड़ी के शिखर को पार कर चुका था। जल्दी ही वो वहां पहुंच जाएगा। समय का क्रमभंग हो गया था, और सब कुछ अपनी जगह पर फिट हो जाने वाला था।
या बिखरने वाला था। ये साला केस!
और हालांकि एक बार फिर उसने खुद को इससे दूर करने की, उसे अपने दिमाग से निकाल बाहर करने की कोशिश की, मगर वो बार-बार उसके मन में सिर उठाता ही रहा, विचारों, अनुमानों या निष्कर्षों के रूप में नहीं बल्कि छवियों के रूप में।
पूरे हॉल ऑफ द माउंटेन किंग" और "एनिद्राज डांस" के दौरान तीखे, अनछुए फोटोग्राफों का निरंतर प्रवाह जारी रहा। वो एक नियमित और सतत मगर काफी धीमी गति से आगे अपनी राह बनाते रहे। स्कूल में इतिहास के सबक की उन पुरानी फिल्मों की तरह इसने उसे जकड़ लिया था। हरेक छवि को अलग-अलग परखने के लिए बहुत समय था, हालांकि सामग्री जरूर बहुत भिन्न थी।
पैथोलॉजिस्ट की संगमरमर की मेज पर एक अस्वाभाविक से कोण पर रखा अन्स्र्ट सिमेल का सिर, और खुली गर्दन के अंदर छानबीन करता पैथोलॉजिस्ट का बॉलपॉइंट पैन।
वकील क्लिंगफोर्ट की थरथराती दोहरी ठोड़ी जब हैरानी से उसका मुंह खुला रह गया था।
मॉरिस र्यूमे के अपार्टमेंट में खून में भीगा हॉल का कार्पट। और कसाई का फरसा, जिसके मूल को वो कभी स्थापित नहीं कर पाए थे।
एगर्स की भड़कीले मेकअप वाली वेश्या लुइस मेयर, जिससे बात करने की कोशिश में उसने एक पूरी दोपहर बिता दी थी, मगर वो इतना नशे में थी कि उससे बात कर पाना नामुमकिन ही था।
ज़्यां-क्लॉड र्यूमे की बर्फ सी ठंडी आंखें, और इंस्पेक्टर मोएर्क के खूबसूरत बाल जब वो हाथ में मैल्निक रिपोर्ट लिए कमरे में दाखिल हुई थीं...
सैल्डन हॉस्पिस के अहाते में उस विकलांग संतान को घुमाते डॉ. मैंड्रीन और उनकी पत्नी ।
और लॉरिड्स रेजिन। उस आदमी की काल्पनिक और हठी छवि जिसकी अपने घर से बाहर कदम रखने की हिम्मत नहीं हो रही थी । और फरसामार ।
खुद फरसामार की छवि। अभी भी धुंधली रूपरेखा वाली और अनपहचानी सी, लेकिन अगर वान वीटरेन अब सही राह पर चल रहा है तो ये बस एकाध घंटे की ही बात है कि वो छवि इतनी स्पष्टता के साथ उभरकर आएगी जिसकी कोई अपेक्षा कर सकता है।
कुछेक छोटी-छोटी पुष्टियां। एक गंदे संदेह की पुष्टि, और ये सब खत्म हो जाएगा।
शायद ।
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