RE: Hindi Antarvasna - काला इश्क़
अगले दो दिन इसी तरह गमगीन निकले, इधर मैं अरुण और सिद्धार्थ से मिला और उनसे बिज़नेस यहाँ शिफ्ट करने की बात की| जब मैंने उन्हें detail में सब बताया तो वो दोनों मान गए, पर partnership के लिए नहीं| उनका family background इतना strong नहीं था और उन्हें एक constant और stable income चाहिए थी जो उन्हें सैलरी से मिलती| वो मेरे साथ सैलरी पर काम करने को मान गए, उनके साथ मिल कर मैंने ऑफिस के लिए जगह देखनी शुरू की| मैंने बैंगलोर फ़ोन कर के पांचों को हालात बता दिए और ये भी की मैं ऑफिस लखनऊ शिफ्ट कर रहा हूँ| उनके पास बतेहरा टाइम था नै जॉब ढूँढने के लिए| मैंने ये बात घर में भी बता दी तो सब को इत्मीनान हुआ की जल्द ही मैं उनके नजदीक रहूँगा| अनु ने घर के साथ-साथ ऑफिस का काम भी संभाला| खेती का काम मैंने समझना शुरू कर दिया, ताऊ जी, पिता जी और चन्दर भैया मुझे साड़ी चीजें समझा रहे थे और खुश भी थे की मैं इतनी दिलचस्पी ले रहा हूँ| एक दिन वो मुझे व्यापारियों से मिलने ले गए तो मैंने उनके साथ रेट को ले कर भाव-ताव करना शुरू कर दिया| मैंने थोड़ी जांच-पड़ताल के बाद खेतों का soil test भी करवा दिया और उससे जो बातें सामने आईं उसे जान कर पिताजी और ताऊ जी काफी हैरान हुए| दिन बीतते गए और घर के हालत अब सुधरने लगे, पैसों के तौर पर नहीं बल्कि घर की सुख और शान्ति के तौर पर|
2 सितंबर आया और सुबह मैं सब के लिए चाय बना रहा था की अनु को उल्टियाँ शुरू हो गईं| मैं चाय छोड़ कर उसके पास जाने को हुआ तो माँ हँसती हुईं मेरे पास आईं और बोलीं; "तू बाप बनने वाला है!" ये सुन कर मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा, मैं दौड़ता हुआ ऊपर आया और अनु ने मुझे एकदम से गले लगा लिया, उसकी ख़ुशी आज सैकड़ों गुना ज्यादा थी| “Thank you baby!!!!” मैंने अनु को कस कर बाहों में जकड़ा और उसे कमर से उठा कर छत पर गोल घूमने लगा| अब तक माँ ने सब को ये खबर दे दी थी, ताऊ जी ने मुझे नीचे से आवाज मारी और हम दोनों नीचे आये| अनु ने हमेशा की तरह घूंघट किया हुआ था, ताऊजी उसके पास आये और जेब से 2000 का नोट निकाला और अनु के सर से वार कर ताई जी को देते हुए कहा की वो ये मंदिर में दान कर दें| ताऊ जी ने मुझे अनु को डॉक्टर के ले जाने को कहा ताकि अनु का एक बार चेक-अप हो जाए, मैंने चन्दर भैया से कहा की वो भाभी को भी ले लें एक साथ दोनों का चेक-अप हो जायेगा| भैया को उस समय कहीं जाना था सो मैं दोनों को ले कर डॉक्टर के पास आ गया| डॉक्टर ने पहले अनु का चेक-अप किया और उसके प्रेग्नेंट होने की बात कन्फर्म की| ये सुनते ही हम तीनों के चेहरे खिल उठे, फिर डॉक्टर ने भाभी का भी चेक-अप किया और उन्हें भी सब कुछ नार्मल ही लगा| मैंने अनु के घर फ़ोन लगाया और अनु ने मेरे घर फ़ोन लगा दिया| डैडी जी को जब ये बात पता चली तो वो बहुत खुश हुए और कल आने की बात कही" इधर अनु ने माँ से बात कर के बताया की सभी लोग मंदिर में हैं| हम तीनों मिठाई ले कर सीधा मंदिर गए जहाँ पुजारी जी ने अनु और मुझे ख़ास भगवान् का आशीर्वाद दिया| फिर हम सब घर लौट आये, हमारा घर खुशियों से भर गया था और चूँकि कल मेरा जन्मदिन था तो पूरा परिवार डबल ख़ुशी मना रहा था| ताऊ जी ने ये डबल खुशखबरी मनाने के लिए तुरंत अपने समधी जी (अनु के डैडी) को कॉल किया और कल की दावत के बारे में बता दिया| पूरे गाँव भर में ढिंढोरा पीटा जा चूका था, ये खबर उड़ती-उड़ती रितिका तक भी जा पहुँची थी| उसे अनु की प्रेगनेंसी के बारे में जान कर बहुत कोफ़्त हुई क्योंकि अब उसका तुरुख का पत्ता पिट चूका था| उसने अपनी अगली चाल की प्लानिंग शुरू कर दी थी! रितिका ने अपने पाँव राजनीति की तरफ बढ़ा दिए थे और उसने अब वहाँ कनेक्शन बनाने शुरू कर दिए थे......
रात को खाने के बाद मैं लैपटॉप पर काम कर रहा था की अनु बिस्तर से उठ कर मेरे पास आई| उसने पीछे से अपनी बाहों को मेरी गर्दन पर सामने की तरफ लॉक किया और मेरे कान में फुसफुसाई; "Happy Birthday my शोना!" मैं उठा और अनु को गोद में उठा लिया और उसे बिस्तर पर लिटा दिया, झुक कर उसके होठों को मुँह में भर चूसने लगा| अनु कसमसा रही थी, मैं रुका और उसकी आँखों में देखते हुए मुस्कुराया और बोला; "ऐसे सूखे-सूखे कौन बर्थडे wish करता है!" मैंने कहा तो अनु मुस्कुराई और बोली; "तो मेरे शोना, बोलो क्या चाहिए आपको?"
"आपने मुझे दुनिया का सबसे बेस्ट गिफ्ट दिया है!" मैंने कहा और अनु की बगल में लेट गया| अनु कसमसाती हुई मेरे से चिपक गई और सोने लगी| मैं उसके बालों में हाथ फेरता रहा और नेहा को याद करता रहा| महीना होने वाला था मुझे नेहा से दूर, आज बाप बनने की इस ख़ुशी ने मुझे जिंझोड़ कर रख दिया था| नेहा के लिए प्यार आज फिर उमड़ आया था और आँखों से एक क़तरा निकल कर तकिये पर जा गिरा| अगली सुबह मैं जल्दी उठा और सब ने बारी-बारी मुझे जन्मदिन की बधाइयाँ दी और मैंने सब का आशीर्वाद लिया| इतने में मम्मी-डैडी जी भी आ गये और मेरे हाथ में चाय की ट्रे देख हैरान हुए, दोनों ने मुझे खूब प्यार दिया और आशीर्वाद दिया! इतने में अनु ऊपर से उत्तरी और अपने मम्मी-डैडी को देख कर उसने उनका आशीर्वाद लिया| फिर उन्होंने सवाल अनु से सवाल पुछा; "तू पहले ये बता की मानु चाय की ट्रे ले कर क्यों खड़ा है?" अनु कुछ बोल पाती उससे पहले मैं ही उसके बचाव में कूद पड़ा; "डैडी जी ये तो रोज का है, मैं जल्दी उठ जाता हूँ तो सब के लिए चाय बना लेता हूँ|" मेरा जवाब सुन ताऊ जी बोले; "समधी जी, ये छोटे-मोटे काम करने के लिए हमने इसे (यानी मुझे) रखा हुआ है|" ताऊ जी की बात सुन सारे हँस पड़े! मम्मी-डैडी जी को दरअसल शाम को वापस जान था इसलिए वो जल्दी आये थे, पर ताऊ जी कहाँ मानने वाले थे उन्होंने जबरदस्ती उन्हें भी शाम के जश्न में शरीक होने के लिए रोक लिया| शाम को बड़ी जोरदार पार्टी हुई और पूरा गाँव पार्टी में हिस्सा लेने आया| रात के 8 बजे थे और अँधेरा हो गया था, सारे आदमी लोग ऊपर छत पर थे और सभी औरतें नीचे आंगन में, खाना-पीना जारी था की तभी घर के सामने रितिका की काली Mercedes आ कर रुकी| उसकी गाडी देखते ही मैं तमतमाता हुआ नीचे आया, वो गाडी से अकेली उतरी काली रंग की शिफॉन की साडी, लो कट ब्लाउज जो देख कर ही लगा रहा था की बहुत टाइट है, स्लीवलेस और वही कमीनी हँसी! अब सारे घर वाले नीचे मेरे साथ खड़े हो गए थे| वो कुछ बोलती उसके पहले ही मैं चिल्लाते हुए बोला; "Get the fuck out of here!" मेरे गुस्से से आज भी उसे डर लगता था इसलिए वो एक पल को सहम गई, फिर हिम्मत बटोरते हुए बोली; "मैं तो तुम्हें wish करने आई थी!"
"Fuck you and fuck your wishes! Now get lost or I'll call the cops!" मैंने फिर से गरजते हुए कहा| वो अकड़ कर गाडी में बैठ गई और चली गई, सब का मूड खराब ना हो इसलिए मैंने संकेत को इशारा कर के म्यूजिक चालू करने को कहा और फिर सब को ले कर अंदर आ गया| "सब चलिए ऊपर...अभी तो पार्टी शुरू हुई है!" मैंने बात पलटते हुए कहा और सब ऊपर आ गए पर सब का मूड ऑफ था!
ये मायूसी देख मेरे मुँह से ये शब्द निकले;
"ना जाने वक्त खफा है या खुदा नाराज है हमसे,
दम तोड़ देती है हर खुशी मेरे घर तक आते-आते।"
ये सुनते ही ताऊ जी उठे और संकेत से बोले; "अरे बेटा जरा मेरा वाला गाना तो लगा..." मैं हैरानी से ताऊ जी को देखने लगा और तभी गाना बजा; "दर्द-ऐ-दिल ....दर्द-ऐ-जिगर दिल में जगाया आपने|" ताऊ जी ने ताई जी की तरफ इशारा करते हुए गाना शुरू किया| उनका गाना सुन पार्टी में जान आ गई और सब खुश हो गए| इधर ताई जी शर्म के मारे लाल हो गईं अब तो पिताजी भी जोश में आ गए और उन्होंने गाने का अगला आन्तरा संभाला;
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