RE: Sex kahani द मैजिक मिरर (Tell Of Tilism)
बड़ी मुश्किल से राज ने कोमल रानी से वादा किया कि वो आगे से सबसे गले मिल कर ही नमस्ते करेगा। तब जाकर कोमल रानी ने राज को छोड़ा।
कोमल और राज को कोमल ने एक रूम दे दिया था। राज को इस बात की बिल्कुल भी उम्मीद नही थी यहां कोमल अपनी दीदी के सामने उसके साथ एक ही रूम शेयर करगी। लेकिन अभी तो राज को मालूम ही क्या था।
9 बजे तक राज और कोमल दोनो फ्रेश हुए तब तक कोमल रानी ने खाना बना लिया था उसे टेबल पर परोस दिया था। जब राज और कोमल खाने की टेबल पर आए तो वहां पर दो नए मेहमान आये हुए थे। मेरा मतलब दो नए अनजाने शख्स मौजूद थे। एक कोमल रानी के पति देव और दूसरी उनकी ननद।
जब राज और कोमल खाने की टेबल की और बढ़ रहे थे तो कोमक की नज़र अपने जीजू पर पड़ते ही जीजू बोलते हुए सीधे उनके गले लग गयी। कोमल के ऐसा करने से कोमल की चुंचिया सीधे कोमल रानी के पतिदेव की छाती में...
तभी राज भी टेबल पर वहां पहुंच और जैसे ही राज ने हाथ मिलाने के लिए आगे बढ़ाया उसे कोमल रानी की चेतावनी भरी मोटी मोटी नज़रे नज़र आ गयी जो टेबल पर बैठे बैठे उसे घर रही थी। उसने तुरंत अपने हाथ अंदर किये और कोमल रानी के पति देव राज के गले लग गया। राज ने भी आराम से राज को गले लगाया और साथ ही राज की गांड को अपने हाथों से दबा दिया।
राज कोमल के जीजा जी की हरकत पर झेंप गया। राज को लगा कि आज तो उसकी इज्जत यहां से सलामत नही जाने वाली। तभी कोमल अपने जीजू की बहन के गले लगी।
कोमल: गुड्डीssssss वाउssss यू लुक्स सो अमेजिंग एंड हॉट।
कोमल की आवाज सुनकर राज की नज़र कोमल रानी की ननद पर गयी जिसका नाम था गुड्डी। कमाल की लड़की थी यार। एक झीना सा शर्ट और उसके नीचे एक निकर। निकर से जहां गुड्डी की केले के पेड़ जैसे चिकनी टांगे नज़र आ रही थी वही उस झीने शर्ट से गुड्डी की चुंचिया नज़र आ रही थी। नज़र क्या आ रही थी ये समझ लो ए के 47 ने निशाना साद रखा था एक दम सामने की और।
कोमल रानी: आगे से ये फिजूल की फॉरमैलिटी हमारे साथ मत करना। अब तो समझ गए ना कैसे मिला जाता है या फिर समझाऊ।
राज: नहीं नहीं में समझ गया।
राज को ये समझ नही आ रहा था कि ये कोमल रानी इतनी एडवांस ओपन क्यों है। क्या पहली मुलाकात में ये सब आम बात है। राज ये सब समझने में असफल थालेकिं कोमल रानी जानती थी को कोमल को छोड़ कर राज जाने वाला नहीं है और राज को कुछ सिखाने के लिए उस से ओपन ही होना पड़ेगा। और वैसे भी थोड़े से दिन है नहीं तो पूर एक्सपर्ट बना देती।
खाने की टेबल सब लोग इधर उधर की बातों के साथ साथ डबल मीनिंग बातें भी कर रहे थे। जिन्हें राज भी समझ रहा था और हल्के हल्के मुस्कुरा रहा था। कोमल रानी को इतना तो समझ आ गया था कि ये लड़का भी उनके पति की तरह शर्मिला है । लेकिन ये उनके लिए परेशानी नहीं थी। जब वो अपने पति की शर्म तोड़ सकती है तो फिर राज क्या चीज है। लेकिन ये काम वो नहीं बल्कि उनकी बहन कोमल खुद करे तो ज्यादा अच्छा होगा। इतना सोच कर कोमल रानी कोमल को अपने बेडरूम में बुला लेती है।
राज दूसरे कमरे में जा कर कुछ देर पहले हुई घटनाओं को याद कर रहा था। तभी अचानक से राज का बैग चमक ने लगा। राज ने तुरंत अपना बैग खोला तो देखा आईना चमक रहा है। आज ये आज ये आखिरी दिन का आखिरी घंटे था जहां राज आईने का इस्तेमाल बिना कुछ दिए कर सकता था। राज आईने से उसके चमकने का कारण पूछा।
राज के ऐसा सवाल करते ही आईने में राज के नाना जी आ गये।
नाना: सावधान राज वो शैतान नैना मेरे बस से बाहर हो गयी है। मैं उसे अब और कंट्रोल नही कर पा रहा हूँ । तुम्हे उसे नष्ट करना ही होगा राज।
राज के नाना ने इतना ही कहा था कि एक काली रोशनी के बवंडर में फिर से राज के नाना गुम हो जाते है।
राज कुछ पल आईने को थामे कुछ सोचता रहता है तभी दरवाजे पर नॉक होता है। जिसे सुनकर राज फुर्ती से आईना अपने बैग में रख कर दरवाजा खोलता है। दरवाजे पर कोई और नही बल्कि कोमल थी। जिसे देख कर राज का मुह खुला का खुला रह गया।
राज कोमल को एक तक देखता ही रह गया। कोमल एक शर्ट मे थी। उसके नीचे कुछ भी नही पहना था। एक दम एक्सपोज़ में थी। कोमल अपने मासूम चेहरे के साथ साथ बहुत ही सेक्सी लग रही थी।
दरवाजा खुलने के साथ ही कोमल आकर सीधे राज के गले लग गयी।
कोमल के गले लगते ही राज को बहुत अच्छा महसूस हो रहा था। इस वक़्त ये फीलिंग जो राज के मन मे थी कोई हवस से भरी नही बल्कि महोब्बत से भरी थी। लेकिन उसमें हवस भी शामिल थी। कोमल के पीछे राज, जहां राज कोमल की चुंचियो को चुने के प्रयास में था वही कोमल के हाथ राज के पेंट में सेंध लगा चुके थे।
कोमल राज की बाहों में समेटे हुए उस भावना को भली भांति समझ चुकी थी। आज कोमल अपना सब कुछ राज पर कुर्बान करने को तैयार थी। या फिर ऐसा कहूँ की कोमल रानी के नक्शे कदम पर चलने को तैयार थी।
दरअसल जब कोमल अपनी कजिन बहन कोमल रानी के साथ थी तो राज के बारे में और उसके परिवार के बारे में कोमल में सब कुछ बता दिया। जब पहली बार कोमल ने कोमल रानी को राज और उसकी बहनों के बारे में बोल था तब कोमल राज से अपनी बेइजती का बदला लेना चाहती थी। लेकिन वक़्त के साथ साथ कोमल को एहसास हुआ कि राज खुद चंचल का शिकार हो चुका।
और फिर जब राज ने कोमल को प्रपोजल दिया तब से अब तक कोमल राज को धीरे धीरे समझने लगी और उसे एहसास ही नहीं हुआ कि वो कब राज से सच मे प्यार करने लगी। आज वो ये बात अपनी बहन को बता रही थी कि वो राज से प्यार करती है। तो कोमल रानी ने कोमल से कहा " अगर प्यार करती है तो अपने प्यार के साथ हर जंग में खड़ी रहना। लेकिन उस से पहले तुम दोनों को एक हो जाना चाहिए। इतना एक कि कोई उसे छुए तो महसूस तुम्हे हो। मेरा मतलब दो जिस्म एक जान जैसे। उसके लिए तुम्हे सबसे पहले राज को अपनाना होगा। उसे अपने दिल मे उतारना होगा और साथ ही साथ उसके दिल मे भी उतरना होगा। "
कोमल: और ये सब मे कैसे करूँ?
कोमल रानी: बहुत सिम्पल है यार अंदर एक ही बेड है तोड़ दो रात भर में। ही ही ही ही , अच्छा मजाक अलग है लेकिन ये सच है सेक्स कोई प्यार नही है कोमल लेकिन ये प्यार जाहिर करने का तरीका है। तुम आज राज को सब सौंप दो और राज को अपना लो।
कोमल और कोमल रानी अपनी बातें करते करते ये भी सोच चुकी थी कि कल राज को क्या सीखाना है और कैसे चंचल और उसकी बहन के साथ अपना हिसाब पूरा करना है। लेकिन दोनों बहनों को अभी ये नहीं पता था कि राज सिर्फ चंचल और उसकी बहन के लिए ही नही बल्कि राजकुमारी नैना और उसके परिवार के बीच भी फंसा पड़ा है।
खेर जो होगा सो होगा लेकिन फिलहाल तो दोनों एक दूसरे की बाहों में गम हुए खड़े थे।
तभी राज कोमल की नाजुक कमर पर हाथ रख कर कोमल के चेहरे पर झुकता है और एक स्मूच किस करता है। ये एक ऐसा चुम्मा था जिसके अंदर दोनो गुम थे। सारी दुनिया से दूर किसी हसीन जगह पर।
तभी दूसरे कमरे से एक हल्की सी आह और चीख निकली। उस चीख को सुन कर जहां एक तरफ राज चोंक गया था वही कोमल एक पल को चोंकि लेकिन अगले ही पल मुस्कुरा पड़ी।
राज: ये गुड्डी की आह थी ना?
कोमल: (अपना नाक राज के नाक से रगड़ते हुए) ह्म्म्म
राज: क्या वो इस वक़्त....
कोमल: अपने भाई के साथ मस्ती कर रही है।
राज: क्या???? भी के साथ? लेकिन कैसे ?
अब कोमल ने कोमल रानी की शादी से लेकर के अब तक कि कहानी राज को सुनाई की कैसे कोमल रानी को ससुराल में अपने सम्मान के लिए लड़ना पड़ा। कैसे अपनी जिठानी को कोठे पे और अपनी ननद को अपने पति की रखेल बनाया। सब कुछ। लेकिन उसने गुड्डी के सोलह श्रृंगार के बारे में नहीं बताया । क्योंकि उसके बारे में तो राज काल सीखने वाला था।
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