RE: Maa Chudai Story सौतेली माँ से बदला
जब सुबह हुई तो नीलोफर का दर्द थोड़ा कम हो गया था.. लेकिन, फिर भी वो लंगड़ा के चल रही थी.. !!
उसे लंगड़ाता हुआ देख, गुलबदन ने पूछा की क्या हुआ मासी… ?? आप, ऐसे क्यूँ चल रही हैं… ?? तो नीलोफर से पहले सलमा ने उसे बताया के वो बाथरूम में गिर गई थी, इसीलिए ऐसी चल रही है…
2-3 दिनों में नीलोफर, ठीक हो गई।
फिर क्या था, रोज़ रात को वसीम सलमा और नीलोफर को जम के चोदता था।
सलमा को डर था के कहीं दोनों बहनें “प्रेग्नेंट” ना हो जाए.. इसी डर से, वो दोनों “गर्भ निरोधक दवाएँ” खाते थे और वसीम से चुदाई का आनंद उठाते थे।
उनके घर की स्थिति, अब सामान्य हो गई थी।
वो लोग, हँसी खुशी रहने लगे… !!
वसीम सब के लिए, अक्सर कोई ना कोई गिफ्ट लाता था।
मैं भी, जब उसके घर जाता था तो हम सब मिलके हँसी मज़ाक करते थे।
ऐसे ही, 1.5 साल बीत गये…
मेरा भी उनके घर आना-जाना, थोड़ा कम हो गया था क्यूंकि उस वक़्त मैं अपने भैया और भाभी के साथ रहता था।
वहां मुझे मजबूरी में भाभी को चोदना पड़ा, मगर सिर्फ़ अपने परिवार की इज़्ज़त के खातिर…
ये एक अलग कहानी है, जो आपको अगली बार सुनाऊंगा..
सलमा की दोनों बेटियाँ, बहुत खूबसूरत थीं… !!
मेरी नज़र हमेशा, उन दोनों पर थी।
सोचता था के उन्हें एक दिन ज़रूर चोदूंगा और उनकी “कुँवारी चूत” का उद्घाटन मेरे लण्ड से ही करूँगा..
मगर मेरा सपना, सपना ही रह गया।
वसीम, सलमा और नीलोफर का रूम ऊपर था और गुलबदन और गुलनार का बेड रूम नीचे था…
एक दिन वसीम, सलमा और नीलोफर “मस्त चुदाई” कर रहे थे तो उस दिन वो लोग ग़लती से दरवाजा बंद करना भूल गये थे तो इसी कारण उनकी चुदाई की आवाज़ नीचे तक आ रही थी..
उस दिन कमरे में पानी ख़तम हो जाने के कारण, गुलनार किचन में पानी लेने गई।
जैसे ही वो हॉल में आई तो उसे कुछ अजीब तरहा की आवाज़ें सुनाई दी तो वो पहले डर गई।
फिर उसने ध्यान से सुना तो वो आवाज़ ऊपर वसीम के कमरे से आ रही थी।
गुलनार, फ़ौरन ऊपर आ गई और वसीम के कमरे में झाँक कर देखा तो उसके होश उड़ गये…
उसने देखा की जिसको वो बड़ा भाई मानती है, वही उसकी माँ और मासी को जम के चोद रहा था… …
ये देख के, उसे थोड़ा अजीब लगा।
वो भाग के अपने कमरे में आई और गुलबदन को सारी बातें बताई तो गुलबदन ने कहा के उसे पहले से ही सब कुछ मालूम है।
उसने बताया के जिस दिन मासी, लंगड़ा के चल रही थीं तो वो कोई बाथरूम में नहीं गिरी थीं… बल्कि, वसीम भैया ने उन्हें चोदा था इसलिए वो ऐसे चल रही थीं..
उसने रात को, उन लोगों को चुदाई करते हुए देख लिया था.. लेकिन, वो डर के मारे गुलनार को कुछ नहीं बता पाई के कहीं वो किसी को ना बता दे..
तभी गुलनार ने कहा के मुझे अभी समझ में आया के भैया जो हम से इतनी नफ़रत करते थे, अचानक कैसे प्यार करने लगे..
उसने गुलबदन से कहा के चल जा के देखते हैं, कैसे भैया माँ और मासी को चोदते हैं…
फिर वो दोनों, वसीम के कमरे में जा के चुपके से देखने लगे..
देखते देखते, उन दोनों की चूत भी गीली हो गई और अपने आप ही उनका हाथ चूत को सहलाने लगा.. क्यूंकि, अब वो भी जवान हो चुकी थीं.. !!!
उनकी उम्र अब तक, लगभग 18 साल हो गई थी…
फिर वो दोनों, अपने कमरे में आ गयीं और एक दूसरे को ही चूमने लगीं।
अपनी अपनी, चुचियों को मसलने लगीं।
जल्द ही, वो दोनों पूरे कपड़े उतार के, एक दूसरे की चूत में उंगली डाल के चुदाई करने लगीं…
जब उनका पानी निकल गया तो वो शांत होके सो गईं.. ..
अब जब भी उन्हें मौका मिलता तो वो उन तीनों को चुदाई करते हुए देखतीं और फिर अपने कमरे में आ के उंगली, कंगा वगेरह चूत में डाल के एक दूसरे की चूत की खुजली मिटाते थे..
ये तो अब, रोज़ का काम हो गया था।
अब वो दोनों, वसीम को “वासना और हवस की नज़र” से देखने लगीं।
एक दिन, उन दोनों ने ज़िद की वो फिल्म देखना जाना चाहतीं हैं तो सलमा ने उनको मना कर दिया।
फिर वो दोनों वसीम के पास गयीं और कहने लगीं के भैया आप माँ से बोलो ना, हमें फिल्म देखने जाने दें… तो वसीम ने सलमा से कहा के अगर ये दोनों जाना चाहते हैं तो मैं इनको ले के जाता हूँ… तो सलमा मान गई।
फिर ये तीनों, फिल्म देखने चले गये।
वसीम ने फिल्म के, 3 सीट बुक किया।
अब फिल्म चालू हो गई…
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