RE: Maa Chudai Story सौतेली माँ से बदला
फिल्म पुरानी और अच्छी नहीं होने के कारण, सिनेमा हॉल में कम लोग थे।
ये लोग जहाँ बैठे थे, उनके आस पास कोई नहीं बैठा था…
फिल्म में, काफ़ी सारे “बोल्ड सीन” थे..
सीन देख कर, दोनों ही वसीम से चिपक गईं।
ये सब देख कर, वसीम को भी गर्मी चढ़ने लगी।
उसने भी धीरे धीरे, उन दोनों की जांगों पर हाथ फेरना शुरू कर दिया।
उन दोनों को भी मस्ती चढ़ने लगी…
धीरे धीरे, उन दोनों ने अपनी टांगें फैला दी तो वसीम आहिस्ता से ड्रेस के ऊपर से ही, बारी बारी उनकी चूत को सहलाने लगा.. !!!
वसीम ने गुलनार के हाथ को अपने लण्ड के ऊपर रख दिया तो वो उसे पेंट के ऊपर से ही सहलाने लगी..
अब, वसीम ने गुलनार के ड्रेस के अंदर हाथ घुसा के बूब्स को दबाने लगा…
वो हॉल में ही, सिसकारियाँ भरने लगी..
फिर, हाफ टाइम हो गया तो वो तीनों आराम से बैठ गये।
वसीम बाहर जा के, उनके लिए कुछ खाने के लिए ले आया।
लेकिन, उन दोनों को तो लण्ड का चस्का लग गया था.. गुलबदन ने सारे नाश्ते को, बेग में भर दिया…
10 मिनट बाद, फिल्म चालू हुई तो इनका काम भी चालू हो गया..
वसीम ने पेंट की ज़िप खोल के अपने लण्ड को बाहर निकाला और उन दोनों को चूसने को कहा तो वो दोनों उस पर टूट पड़े.. ..
उन दोनों ने मिल के, वसीम के लण्ड को जम के चूसा…
10 मिनट बाद, वसीम झड़ने वाला था तो उसने कहा के उन दोनों में से कोई एक लण्ड को अपने मुँह में पूरा डाल दे और उसका सारा पानी पी जाए..
ये सुन कर गुलबदन ने फाटक से वसीम के लण्ड को, अपने मुँह में भर लिया.. लेकिन, बड़ा लण्ड होने के कारण पूरा अंदर तक नहीं ले पाई..
फिर, उसने सारा मूठ अपने मुँह मे भर लिया और फिर जब वसीम का पानी निकलना बंद हो गया तो उसने गुलनार के मुँह मे अपनी मुँह लगा के आधा पानी उसके मुँह के अंदर छोड़ दिया..
ऐसे ही उन दोनों ने, वसीम का सारा मूठ पी लिया…
फिर दोनों ने मिल के, वसीम के लण्ड को अच्छी तरहा से चाट के साफ कर दिया।
लेकिन, अभी भी उन दोनों की प्यास नहीं बुझी थी तो गुलबदन ने कहा के भैया हम दोनों आपके लण्ड से अपनी चूत को चुदवाना चाहती हैं..
ये सुनकर, वसीम बोला के उनकी माँ को अगर पता चल गया तो वो बहुत नाराज़ होंगीं..
लेकिन, वो दोनों ज़िद करने लगे तो वसीम ने एक प्लान बनाया…
उसने कहा के जब वो सलमा और नीलोफर को रात में चोद रहा होगा… तभी तुम दोनों दरवाजा खोल के अंदर आ जाना और सारी बातें बाहर वालों को बताने की धमकी देना… तो डर के, सलमा तुम दोनों को भी मेरे साथ चुदवाने के लिए मजबूर हो जाएगी…
फिर वो वहां से उठ के, घर के लिए निकल पड़े..
रास्ते में ही, वो तीनों खाना खा के गये।
वसीम घर पहुँचते ही, अपने कमरे में चला गया…
सलमा ने उन दोनों से पूछा के कैसी रही फिल्म.. !! ?? तो गुलबदन ने कहा के भैया बहुत अच्छे हैं… हमें फिल्म दिखाई और रेस्तरॉं में खाना भी खिलाया…
ये सुन कर सलमा बहुत खुश हुई, क्यूंकि “आज रात को आने वाले तूफान” के बारे में वो अंजान थी.. !!
फिर गुलबदन और गुलनार, अपने कमरे में चले गये..
सलमा और नीलोफर भी, खाना ख़ाके अपने अपने कमरे में चले गये।
लेकिन, गुलबदन और गुलनार को नींद कहाँ आनी थी..
वो दोनों, तो उनकी “माँ और मासी की चुदाई” का इंतज़ार करने लगीं।
हर रात की तरहा, उस दिन भी सलमा ने गुलबदन और गुलनार के कमरे में झाँक कर देखा के वो लोग सो रहे हैं या नहीं।
उसने देखा के वो दोनों सो गई हैं तो वो नीलोफर के साथ वसीम के कमरे में चली गयीं।
मगर, गुलबदन और गुलनार सोए नहीं थे.. वो, सिर्फ़ सोने का नाटक कर रहे थे..
थोड़ी देर बाद, वो दोनों भी ऊपर वसीम के कमरे के बाहर जाके खड़े हो गये और इंतज़ार करने लगे, उनकी चुदाई का…
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