RE: Maa Chudai Story सौतेली माँ से बदला
जैसे रोज़ होता है नीलोफर, सलमा और वसीम लोग लग गये, अपने काम में।
सलमा, वसीम का लण्ड चूस रही थी.. नीलोफर, सलमा की चूत चाट रही थी और वसीम, नीलोफर की चूत चाट रहा था..
कुछ देर बाद, वसीम ने नीलोफर की टांगें खोलीं और उसकी चूत में लण्ड पेल कर चोदने लगा..
नीलोफर, अभी भी सलमा की चूत चाट रही थी…
करीब 10 मिनट बाद, गुलबदन और गुलनार कमरे में घुस गयीं…
इन दोनों को ऐसे देख कर, सलमा और नीलोफर घबरा गयीं.. क्यूंकि वो तीनों, बिल्कुल नंगे ही चुदाई कर रहे थे..
गुलबदन ने कहा की माँ ये सब क्या चल रहा है.. !! ?? आप दोनों ने, हमें कहीं मुँह दिखाने लायक नहीं छोड़ा है.. !! वसीम भैया, आपके बेटे जैसे हैं और उनसे ही आप दोनों चुदवा रही हो…
ये सुन कर सलमा और नीलोफर, उन दोनों के पैरों पर गिर गयीं और माफी माँगने लगीं..
सलमा ने कहा के बेटी इस बारे में किसी को मत बताना.. !! आप लोग जो कहेंगे, हम करेंगे.. !!
इस पर वसीम, गुलबदन और गुलनार मन ही मन हंस रहे थे…
तभी गुलबदन ने कहा के आप लोग जो कर रहे हैं, हमें भी भैया के साथ वो करना है…
ये सुनकर सलमा को गुस्सा आया..
उसने गुलबदन के गाल पर, एक ज़ोरदार तमाचा मारा और कहने लगी – वसीम, तेरा भाई है… तुम उससे ही, चुदवाना चाहती हो.. !! बेशरम…
इस पर गुलनार बोली – वाह माँ वाह!!! हमारा तो चलो, फिर भी भाई है… आपका तो बेटा है.. !! नंगी, खुद खड़ी हो और बेशरम हमें बोल रही हो.. !! जो आप लोग कर रहे हैं, वो ग़लत नहीं है तो हम लोग अगर भैया से चुदवाना चाहते हैं तो इसमे ग़लत क्या है… ?? अगर, तुमने हमे भैया से चुदने नहीं दिया तो हम बाहर के किसी लड़कों के साथ चुदवायेंगी, तब क्या करोगी… ??
सलमा और नीलोफर दोनों ने, उन्हें बहुत समझाने की कोशिश की..
उनको दिखा ने के लिए, वसीम भी उन दोनों को समझाने का नाटक करने लगा।
लेकिन गुलबदन और गुलनार समझने के लिए तैयार ही नहीं हुए तो मजबूरन सलमा को उनकी बात माननी पड़ी..
सच बात तो ये है की असल में उन्हें समझाने जैसा, नीलोफर या सलमा के पास कुछ था ही नहीं.. !!
मगर फिर, सलमा ने कहा के वो दोनों उस के सामने ही चुदवायेंगी..
लेकिन, गुलबदन ने कहा के आप दोनों यहाँ से चले जाइए… हम अपने आप ही, भैया से चुदवा लेंगी…
सलमा क्या करती…
उसने वसीम से कहा के ये दोनों अभी बहुत ही छोटीं हैं… ज़रा धीरे से, इनको चोदना…
वसीम बोला के गुलबदन, अगर तुम्हारी माँ यहाँ रहेंगी तो हमें चुदाई मे मदद करेंगीं…
गुलबदन ने, वसीम की बात मान ली।
पहले गुलबदन चुदवाना चाहती थी तो नीलोफर, गुलनार को अपने साथ लेकर बाहर चली गई…
उन दोनों के जाने के बाद, गुलबदन ने खुद ही अपने सारे कपड़े उतार दिए और “नंगी” हो गई.. !!
उसने अंदर कुछ नहीं पहना था, तो वो बिल्कुल नंगी हो गई और अपनी दोनों टांगें, पूरी तरहा खोले हुए बेड पर लेट गई..
उसका बदन, नीलोफर की ही तरह एकदम “संगेमरमर” जैसा था.. !!
वसीम ने उसकी चूत को देखा तो वो पागल हो गया.. अभी उसकी चूत में, पूरी तरहा बाल नहीं उगे थे..
काफ़ी, “फूली हुई चूत” थी.. !!
वो झट से, उसके ऊपर टूट पड़ा।
उसने चूत को हाथ लगा के देखा तो देखा के वो बहुत ही गरम थी।
चूत के होंठों को खोल के अंदर देखा, बिल्कुल “गुलाबी” थी… मगर उंगली, कन्गे और मोमबत्ती से, रोज़ चुदाई से थोड़ी खुल गई थी..
लंड तो उसने नहीं लिया था पर अब वो “कुँवारी” नहीं थी.. !!
वसीम, उसके उपर चढ़ गया और उसकी मस्त छोटी छोटी चुचियों को दबाने और चूसने लगा..
वो, मस्त आहें भर रही थी।
सलमा साइड में बैठ के उस की सर को सहला रही थी और डर भी रही थी की क्या होगा, उसकी इस “नन्ही सी जान” का… ??
आख़िर, वो उसकी बेटी थी..
जहाँ वो खुद भी वसीम के चुदाई से चिल्ला पड़ती, वहां ये “छोटी सी चूत” का क्या हाल होगा.. !! !!
मगर, अभी डरने का क्या फायदा.. जो कुछ होना है, आज होकर ही रहेगा..
वो, अपने भूल के बारे में सोच के अंदर ही अंदर रोने लगी.. !! क्यूंकि ये जो कुछ भी आज हो रहा है, ये सलमा की ही ग़लती का नतीजा है.. !!
अगर, वो अपनी पति का घर नहीं छोड़ती तो आज उसका एक “सुखी परिवार” होता…
सोचते सोचते, उसने गुलबदन को देखा तो वो बड़े मज़े से मदहोश हो के वसीम का लण्ड चूस रही थी..
वसीम ने गुलबदन की चूत को चाट चाट के लाल कर दिया था..
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