RE: Maa Chudai Story सौतेली माँ से बदला
फिर गुलबदन ज़ोर से चीखी और झड़ गई.. तभी वसीम ने गुलबदन के मुँह को और तेज़ी से चोदना शुरू कर दिया क्यूंकि उसका भी लण्ड अब पानी छोड़ने को था..
5-6 धक्के के बाद, वसीम ने ढेर सारा मूठ गुलबदन के मुँह के अंदर छोड़ते हुए झड़ गया..
गुलबदन ने, सारा पानी गटक लिया..
एक बूँद भी नहीं छोड़ा…
फिर, उसने वसीम के लण्ड को चाट चाट के साफ कर दिया..
वसीम का लण्ड, अब थोड़ा सिकुड गया..
मगर, गुलबदन तो अभी भी प्यासी थी.. लेकिन, इतने देर तक लण्ड चूसने और झड़ने के बाद वो थोड़ी थक गई थी और अभी वो लण्ड को चूस के खड़ा करने के हालत में नहीं थी तो उसने अपनो माँ से कहा के वो चूस के वसीम के लण्ड को तैयार कर दे, फिर वो चुदवाएगी…
सलमा, मजबूरी में आकर वसीम के लण्ड को चूसने लगी तो वसीम ने कहा के आज के लिए, बस इतना ही… वो, बहुत थक गया है.. !!
मगर, गुलबदन नहीं मानी तो उसे भी उसकी बात माननी पड़ी और फिर सलमा ने चूसना शुरू किया..
लेकिन ज़्यादा थका होने के कारण, वसीम का लण्ड खड़ा नहीं हो पा रहा था..
सलमा ने फिर बहुत ज़ोर लगाया तो तब जा के, करीब 15-20 मिनट के बाद, उसका लण्ड खड़ा हुआ..
चोदने से पहले, सलमा ने एक पूरी तेल की बॉटल गुलबदन की चूत में डाल दी और फिर वसीम के लण्ड को भी तेल से अच्छी तरहा मालिश कर के थोड़ा नरम किया, ताकि चुदाई के वक़्त गुलबदन को ज़्यादा दर्द ना हो।
फिर, सलमा ने वसीम को आराम से घुसाने को कहा..
वसीम ने गुलबदन की टाँगों को जितना हो सके, फैला दिया।
सलमा ने गुलबदन की चूत के छेद को पूरी खोल के लंड घुसने को कहा।
वसीम ने अपने लण्ड को हाथ में पकड़ के, गुलबदन की चूत के छेद पर दबाया।
तेल की चिकनाई होते हुए भी, बहुत ही मुश्किल से सिर्फ़ आधा लण्ड ही घुस पाया।
इतने में ही गुलबदन की सांस फूलने लगी तो वसीम ने डर के लण्ड को बाहर निकाल दिया..
गुलबदन दर्द से, तड़पने लगी।
सलमा और वसीम, दोनों मिल के उसके बदन के हर हिस्से को सहलाने लगे।
कुछ देर बाद, गुलबदन शांत हुई तो अपने आप उसने अपनी टांगें खोल दी..
वसीम, फिर से उसके चूत में लण्ड को घुसाने लगा।
क्या दृश्य था.. “एक माँ, अपनी बेटी की चूत खोल रही थी, उसके भाई से ही चुदवाने के लिए”..
खैर, इस बार उसका लण्ड थोड़ा और अंदर घुस गया तो गुलबदन फिर से चिल्लाने लगी – ओममाआ माआररर ग्आईयईई…
वसीम ऐसे ही लण्ड को उसकी चूत में डाले हुए, उसे चूमता रहा..
सलमा भी अपनी बेटी, गुलबदन के बूब्स को चूस रही थी।
वसीम, उस आधे घुसे लण्ड को बाहर भीतर करने लगा।
जब गुलबदन को थोड़ा मज़ा आया तो उसने एक ज़ोर का झटका मार के, पूरे लण्ड को गुलबदन की चूत में पेल दिया और वैसे ही उसके ऊपर पड़ा रहा..
गुलबदन की आँखों से आँसू निकलने लगे.. !!
वो ज़ोर ज़ोर से रोने लगी..
कुछ देर बाद, वसीम ने उसे चोदना शुरू किया..
वो रो रही थी.. लेकिन, वसीम उसे चोदे जा रहा था..
सलमा भी, गुलबदन को सहलाने में लगी थी।
मोमबती चूत में डालना और किसी “मर्द के लण्ड” से चुदवाने में, ज़मीन आसमान का फरक है.. !!
वसीम भी बहुत थक गया था.. क्यूंकि, गुलबदन की चूत इतनी टाइट थी की उसके लण्ड में भी दर्द होने लगा था..
उसने चुदाई की स्पीड बढ़ा दी और ज़ोर ज़ोर से पेलने लगा…
गुलबदन दर्द से चिल्ला रही थी – बचाओ मुझे.. !! आह माँ.. !! मेरी चूत, फट गयी.. !! आह.. !! नहीं.. !! छोड़ दे, हरामी.. !!
उसकी तड़प देख कर, सलमा के आँखों में भी पानी आ गया..
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