RE: Maa Chudai Story सौतेली माँ से बदला
जब भी मैं गुलनार की चूत से बाहर निकाल के, अपनी उंगली फिर से अंदर डालता। वो, पागलों की तरह अपने दाँतों से अपने होंठों को काट लेती।
हम दोनों “सेक्स के नशे” में, इतने मदहोश हो गये थे के कब हम फार्म हाउस पहुँच गये, पता ही नहीं चला।
जैसे ही, गाड़ी गेट के अंदर घुसी तो वसीम ने मुझे हिला के कहा के हम लोग फार्म हाउस पहुँच गये हैं… बाकी की कसर, अंदर पूरी कर लेना…
अब हम दोनों, अपने कपड़े ठीक करने लगे!!
एक दूसरे को छोड़ने का मन तो नहीं था!! मगर क्या करें, मजबूरी में हमे अलग होना पड़ा।
वैसे तो मुझे “ग्रूप सेक्स” या किसी और के सामने चोदने में, बिल्कुल अच्छा नहीं लगता था।
मैंने जब भी किसी लड़की या औरत को चोदा है तो बस अकेले में, आराम से चोदा है।
मुझे चोदने के लिए प्राइवेसी चाहिए!! क्यूंकि दोस्तो, आप जब भी किसी को चोदते हैं तो आराम से मज़े लेते हुए और लड़की को मज़े देते हुए चोदना चाहिए!!
मैंने अपने गाँव में देखा है के अक्सर लोग चोदने को एक काम की तरहा करते हैं।
मैंने कई बार देखा है के आदमी जब अपनी पत्नी को चोदने जाता है तो वो उसके पास जा के पहले तो उसकी साड़ी को ऊपर कर लेता है, जिससे की उसकी चूत दिखाई दे!!
मगर, वो चूत की तरफ देखे या चूत को बिना हाथ लगाए अपना लण्ड निकाल के औरत की चूत में घुसेड देता है…
ये भी नहीं सोचता है की उसकी पत्नी जाग रही है या सो रही है और पत्नी भी वैसे ही बिना आँखें खोले, अपने मर्द का लण्ड चूत में ले लेती है।
फिर, वो आदमी लण्ड को चूत में घुसेड़ने लगता है और बहुत ही जल्द झड़ जाता है।
उसके लण्ड का सारा पानी चूत में पूरी तरहा गिरता भी नहीं और वो अपना लण्ड बाहर निकल के चला जाता है और सो जाता है!!
फिर पत्नी वैसे ही नींद में, अपनी साड़ी को नीचे कर के सो जाती है।
बहुत से लोग, चाहें अपनी पत्नी को चोदें या किसी बाहर की औरत को चोदें, हर किसी के साथ यही करते हैं!!
अब आप लोग मुझे बताइए, इसमे सेक्स का क्या मज़ा मिलता होगा।
दोस्तो मज़ा तो छोड़िए, उन दोनों को महसूस भी नहीं होता है की उन्होने सेक्स किया है।
मेरा मानना है की लड़की चाहे कितनी भी बेकार क्यूँ ना हो, जब वो किसी के साथ सेक्स करती है तो उस वक़्त वो सिर्फ़ एक वासना में भरी औरत या लड़की होती है…
जिसको सिर्फ़ और सिर्फ़ चुदवा के, अपनी चूत में लण्ड का आनंद लेना होता है…
आजकल, बहुत सारे “एम एम एस स्कैंडल” हो रहे हैं!! जिसमें, मैंने देखा है की कोई भी लड़का हो, अगर किसी लड़की को वो चोदना चाहता है तो कहीं भी चोद देता है!! जैसे की, बाथरूम में या फिर साइबर केफे में खड़े खड़े!! चाहे लण्ड पूरा अंदर घुसा हो या नहीं, कोई फ़र्क नहीं पड़ता!! लड़की सामने हो, फिर भी वो उस लड़की के हाथ से ही मूठ मरवा लेता है!! क्यूंकि, उसे तो बस अपना पानी निकालना है!!
अब मैं अपनी कहानी पर आता हूँ… …
वसीम के फार्म हाउस की रखबाली करने के लिए, उसके पिता ने दो आदमियों को रखा था।
एक का नाम – ललन और दूसरा – बिरजू था…
वो दोनों, हमेशा बंदूक ले के चलते थे। क्यूंकि, पास ही जंगल है और ये जगह भी शहर से दूर बिल्कुल सुनसान है।
ललन और बिरजू, अपने अपने परिवार के साथ यहाँ रहते थे।
ललन के घर में, उसकी पत्नी और एक बेटी जो 10 साल की थी रहते थे!!
बिरजू के घर में उसकी पत्नी, एक बेटा और एक बेटी थी!!
उन लोगों को रहने के लिए, उसी कंपाउंड में दो घर दिए हुए था।
हम, जैसे ही गाड़ी से उतरे तो ललन हमें देखते ही, भागा चला आया।
वो साथ में, बिरजू को भी बुला लाया।
उन दोनों ने, हम सब को नमस्ते किया!!
फिर, वसीम ने उसको गाड़ी से समान उतार के अंदर रूम में रखने को कहा।
वसीम का फार्महाउस, बहुत ही बड़ा था।
उसमें, एक बड़ा सा हॉल, 1 किचन, 4 बेड रूम और सभी रूम के साथ अटैच बाथरूम था…
हम चारों सेक्स के नशे में थे तो मैंने वसीम से कहा के यार ललन और बिरजू से कह दे के हमे परेशान ना करें!!
वसीम ने उनसे कहा के जब तक मैं ना बोलूं, कोई अंदर नहीं आना और किसी को मत भेजना!!
फिर हम लोग, तुरंत अंदर चले गये।
अंदर जाते ही, दोनों बहनें हम दोनों पर टूट पड़ीं तो मैंने कहा के पहले हम सब थोड़ा फ्रेश हो जाते हैं, फिर ये सब करेंगे…
लेकिन, सबसे ज़्यादा गुलबदन उत्तावली थी चुदवाने के लिए!! क्यूंकि, जब कोई लड़की अपनी चूत में लण्ड का मज़ा ले लेती है तो फिर, बार बार लेने का मन करता है!!
गुलबदन ने कहा के जल्दी से एक राउंड, यहाँ हॉल में मार लेते हैं… फिर, फ्रेश हो के आराम से सेक्स करेंगे…
वसीम ने हाँ कहा… लेकिन, मुझे ऐसे सेक्स करने में मज़ा नहीं आता तो मैंने कहा के तुम दोनों अपना काम कर लो… मैं फ्रेश होने के बाद, बेड रूम में अकेले में करूँगा…
गुलनार नहीं मान रही थी तो मैंने उसे कहा के तुम फ्रेश हो जाओ… फिर, देखना के चुदवाने में कितना मज़ा आता है…
गुलबदन और वसीम, वहीं चालू हो गये।
मैं और गुलनार, बेड रूम में जाके फ्रेश होने लगे।
उसके बाद हम दोनों फ्रेश हो के बेड पर लेट गये।
मैं बहुत सारे ब्लू फिल्म लेकर आया था ताकि चोदते टाइम, उसे चला कर चुदाई का पूरा आनंद लिया जाए।
मैंने बेग में से सारी ब्लू फिल्म की सीडी निकली और एक अच्छी सी फिल्म लगा के, हम लेटे लेटे देखने लगे।
गुलनार, मेरे कंधे में सर रख के देख रही थी।
मैंने सिर्फ़ एक हाफ पैंट पहनी थी।
गुलनार, अपने ऊपर तौलिया लपेट के लेटी थी।
देखते ही देखते, हम दोनों को सेक्स का नशा चढ़ने लगा…
मैंने गुलनार के गाल को सहलाना शुरू किया।
वो भी मेरी छाती में हाथ फेर रही थी।
फिर, मैंने अपने होठों को गुलनार के होठों से लगा दिया और उसको चूसने लगा।
गुलनार भी बराबर, मेरा साथ दे रही थी…
वो अपनी जीभ मेरे मुँह के अंदर डाल के, मेरी जीभ को चाटने लगी।
मैंने गुलनार के तौलिया को खोल दिया और उसकी प्यारी सी नारंगी जैसी चुचियों को दबाने लगा।
इस हरकत से हम दोनों, एकदम मदहोश हो गये…
उस वक़्त हम दोनों, एक दूसरी ही दुनिया में थे!! !!!
हमारे कानो में, उस ब्लू फिल्म की चुदाई की आवाज़ें पड़ रही थीं जिससे और भी नशा चड़ने लगा!! !!
कुछ देर बाद, मैं गुलनार के पीछे बैठ गया!! लेकिन, हमारी चुम्मा चाटी जारी थी!!
फिर, मैं पीछे से एक हाथ से उसकी चुचियों को मसल रहा था और मेरा दूसरा हाथ उसकी चूत की तरफ बढ़ने लगा…
जैसे ही, मैंने उसकी टाँगों के बीच हाथ रखा तो उसकी दोनों टांगें, अपने आप फैल गईं!! जिससे, मेरा हाथ सीधा जा के उसकी चूत को सहलाने लगा!!
उस वक़्त, गुलनार की चूत ने पानी छोड़ना आरंभ कर दिया था…
इसी कारण, उसकी चूत गीली होने लगी थी!!
गीली चूत में, उंगलियाँ ऐसे चल रहीं थीं जैसे की मक्खन में चाकू।
उसके मुँह से वासना से भरी आवाज़ें निकल रही थीं – उन्हु… आनह… अइया…
फिर वो बोली – विनय, आज ऐसा लग रहा है की मैं दुनिया की सबसे किस्मत वाली लड़की हूँ… जिसको तुम आज जैसे मर्ज़ी चाहे, चोद सकते हो… आज से, मैं तुम्हारी और सिर्फ़ तुम्हारी हूँ…
ये सुन कर, मुझे भी नशा छाने लगा।
मैं कभी कभी, उसके कान को काट लेता था!!
हम दोनों ही, पागल हुए जा रहे थे…
फिर, गुलनार ने मुझे बेड पर लेटा दिया और मेरे पैंट को खोल के फेंक दिया!!
अब हम दोनों, बिल्कुल नंगे थे।
वो, मेरे ऊपर चढ़ गई और पागलों की तरहा मुझे किस करने लगी।
उसने मेरे चेस्ट के निप्पल को, जैसे ही चूसा तो मैंने उसे ज़ोर से अपने बाहों में दबोच लिया…
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