RE: Maa Chudai Story सौतेली माँ से बदला
फिर, वसीम ने मुझ से कहा के यार चल किनारे पर चल के, इन दोनों को चोदते हैं…
मैं गुलनार को बाहों मे उठा के किस करते हुए, बाहर ले आया।
आपको याद होगा मैंने आपको बताया था, मुझे सबके सामने चोदने में मज़ा नहीं आता।
मगर क्या करें, वहाँ कोई अच्छी जगह नहीं थी।
चारों तरफ, बस ख़तरनाक झाड़ियाँ थीं।
पहले तो, मैंने सोचा के उन झाड़ियों के पीछे जा के गुलनार को चोदूंगा.. !! लेकिन, जब मैं झाड़ियों के पास गया तो मुझे कुछ सापों की केंचुली मिली.. !!
मेरी गाण्ड फट गई और फिर मैं वहां से चला आया और वसीम ने मुझे एक तौलिया दिया, नीचे बिछाने के लिए।
उसने भी, एक चादर को नीचे बिछा दिया था।
गुलनार और गुलबदन नीचे लेट गये और हम दोनों ने उन दोनों को चूमना शुरू किया।
मैंने गुलनार को सिर से लेकर पावं तक चूमा और फिर उसके ऊपर लेट के उसकी चुचियों को चूसने लगा और एक हाथ से, उसकी चूत के दाने को रगड़ने लगा.. !!
रगड़ते रगड़ते, मैं एक उंगली उसकी चूत में डाल के चोदने लगा.. !!
उसकी चूत, अब तक गीली हो चुकी थी।
हमारे साइड में, वसीम और गुलबदन 69 की पोज़िशन में थे।
वसीम, गुलबदन की चूत को चाट रहा था और गुलबदन, वसीम के लण्ड को चूस रही थी…
कुछ देर बाद, मैं गुलनार को अपने ऊपर ले आया.. !!
वो, मेरे लण्ड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी.. !!
फिर, मुझसे रहा नहीं गया और मैंने गुलनार को नीचे लेटा कर उसकी टाँगों को फैला कर, अपने लण्ड को उसकी चूत के छेद पर रख दिया और एक ही झटके में चूत के अंदर तक, लण्ड को पेल दिया…
इस कारण गुलनार ज़ोर से चिल्लाने लगी – आ आ आ आ आ ह ह ह ह ह ह माँ, धीरे विनय, ऐसा लग रहा है कोई गरमा गरम लोहे की रोड, मेरी चूत में घुस गई…
अब मैं, गुलनार को चोदने लगा… !!
वसीम और गुलबदन का चूसाई का काम, अभी भी जारी था.. !!
मैं गुलनार के ऊपर लेट के, कभी उसके होठों को चूसता तो कभी उसकी दोनों चुचियों को बारी बारी से चूसता.. !!
हम दोनों, मदहोश हो के चुदाई करने लगे… …
कुछ देर बाद, वसीम ने गुलबदन को अपने लण्ड के ऊपर बिठा लिया.. !!
जैसे ही, वसीम का लण्ड गुलबदन की चूत में घुसा वो चिल्लाने लगी और उठ के खड़ी हो गई.. !!
गुलबदन ने वसीम से कहा – जान, अभी मैं ऐसी चुदाई के लिए तैयार नहीं हूँ… तुम मुझे लेटा के चोद लो…
फिर वसीम, गुलबदन को नीचे लेटा कर उसकी दोनों टाँगों के बीच बैठ कर उसे चोदने लगा… …
गुलबदन चिल्ला रही थी – फाड़ डालो, मेरी चूत को… मिटा दो इस की प्यास… आह आह आ ह… चोदो चोदो और ज़ोर से चोदो… हाँ… आन्ह माँ, मर गई… फाड़ दो… आह हहह हह ह ह ह ह ह हह…
इस से वसीम और ज़ोर से उसे चोदने लगा और इस बार, वसीम बहुत जल्दी झड़ गया।
उसने अपने लण्ड को फाटक से निकाल कर, गुलबदन के मुँह में घुसेड दिया और चोदने लगा.. !!
5-10 धक्कों के बाद, उसने सारा पानी उसकी मुँह में छोड़ दिया।
गुलबदन ने भी वो सारा पानी, फटाफट गटक लिया।
अब वो दोनों एक दूसरे से चिपक के लेट गये और हमारी चुदाई देखने लगे.. !!
हम दोनों एक दूसरे की जीभ को, चूस चूस के चुदाई कर रहे थे.. !!
इस बार गुलनार की चूत में, मेरा लण्ड पूरी तरह अंदर तक जा रहा था…
दोनों के देखने से मेरे बदन में एक अजीब सी सरसराहट हो रही थी और मेरा लण्ड एकदम फूल के, कुप्पा हो गया था.. !!
बस एक दो मिनट की चुदाई के बाद ही, जब मुझे लगा के मैं झड़ने वाला हूँ तो मैंने गुलनार को उल्टा लिटा कर उसकी गाण्ड में अपना लण्ड पेल दिया और उसकी गाण्ड चोदने लगा.. !!
इस बीच, गुलनार भी एक दो बार झड़ चुकी थी.. !! शायद, अपनी चुदाई दिखाने में उसे भी मज़ा आ रहा था.. !!
वो, लगातार सिसकारियाँ भर रही थी और मुँह से – आँह… उंह… उम्मह… इसस्स… उफ़… फूह… म्म्मह… आ: आ आआ आआ… उफ़फ्फ़ माँ… जैसी आवाज़े, लगातार निकाल रहीं थीं।
उसकी चूत भी, लगातार पानी छोड़ रही थी.. !! जिसके कारण, वो जल्द ही थोडा थक सी गई थी.. !!
वसीम और गुलबदन, हमारी चुदाई लगातार देख रहे थे.. !! जिसके चलते, मैं बहुत ज़्यादा एक्साइटेड महसूस कर रहा था और 4-5 मिनट गुलनार की गाण्ड चोदने के बाद, मैं भी झड़ गया और सारा मूठ उसकी गाण्ड में ही भर दिया और उसके ऊपर लेट गया.. !!
कुछ देर बाद, जब मेरा सारा पानी उसकी गाण्ड में भर गया तब मैंने अपना लण्ड उसकी गाण्ड से निकाला तो गुलनार ने उसको अपने मुँह में भर लिया और चाट चाट के बाकी बचा मूठ भी पी लिया.. !!
मैंने वसीम के तरफ देखा तो गुलबदन अभी भी हमें आँखे फाड़ फाड़ के, एकटक देख रही थी।
फिर वसीम ने उस से कहा के जानू देखा, तुमने… मैंने कहा था ना की विनय जब तक चाहे, चोद सकता है… अभी यकीन हुआ के ये दोनों, सुबह इतने देर तक चुदाई कर रहे थे…
गुलबदन, गुलनार को देखते हुए बोली – क्या तुम्हें दर्द नहीं हो रहा है… अगर, मैं तुम्हारी जगह होती तो चिल्ला चिल्ला कर, मर जाती…
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