RE: Maa Chudai Story सौतेली माँ से बदला
झील का पानी साफ नहीं था.. !! इसलिए, हमने फार्महाउस जाकर नहाने का सोचा.. !!
फिर, हम चारों ने कपड़े पहन लिए और वापस फार्म हाउस में आ गए।
फार्म हाउस पहुँचते ही, हम अपने अपने कमरों में चले गये।
कमरे में जाते ही, मैं नहाने के लिए बाथरूम में जाने लगा तो गुलनार भी मेरे साथ अंदर आ गई।
हम दोनों ने फ़ौरन एक दूसरे के कपड़े उतार दिए और गुलनार मुझसे लिपट कर शवर के नीचे खड़ी हो गई।
हम दोनों ने एक दूसरे को साबुन से नहलाया।
गुलनार तो फिर से गरम होने लगी थी.. !!
आख़िर, नया नया चस्का जो लगा था, लण्ड लेने का…
वो, मेरा लण्ड पकड़ के सहलाने लगी।
मगर, मैंने गुलनार को रोक लिया और बोला – डार्लिंग, अभी तो पूरी रात पड़ी है… थोड़ा सा इंतज़ार कर लो, नहीं तो तुम्हें वीकनेस आ जाएगी…
जैसे तैसे, मैंने गुलनार को मना लिया.. !!
चुदाई का चस्का, एक बार अगर जवान लड़की को लग जाए तो उसे समझाना, कितना मुश्किल होता है, मुझे यकीन है ये बहुत से पाठक जानते होंगे.. !! .. !!
खैर, फिर हम नहा कर वापस आ गये।
नहाने के बाद, हम चारों हॉल में बैठ के बातें करने लगे।
वसीम ने मुझ से अकेले में कहा के गुलबदन मुझ से चुदवाना चाहती है और आज रात उसे मैं जम कर चोद दूँ.. !! मगर, इधर मैंने तो पहले ही गुलनार से वादा किया था की आज पूरी रात मैं उसे ही चोदूंगा.. !!
मैंने वसीम से कहा – यार, ये तो मुश्किल हो गई… तू गुलबदन से कहना के उसकी ये तमन्ना, मैं किसी और दिन पूरी कर दूँगा… मगर, यार तू मुझ से वादा कर की गुलनार को मेरे इलावा, कोई और नहीं चोदेगा… तू तो जनता है की मुझे अपनी गर्लफ्रेंड, किसी के साथ शेयर करना अच्छा नहीं लगता…
वसीम ने मुझसे वादा किया के गुलनार को सिर्फ़ मैं ही चोदूंगा। मेरी इजाज़त के बगैर, वो गुलनार को हाथ भी नहीं लगाएगा और वैसे भी उसके पास, चूत की कहाँ कमी है। पहले ही, वो सलमा और नीलोफर को भी चोद रहा था। अब तो, गुलबदन भी उसके खेल में शामिल हो गई थी।
बातें करते करते, कब रात हो गई पता ही नहीं चला।
फिर ललन की बीवी, हमारे लिए खाना लेकर आ गई।
हम चारों ने, एक साथ खाना खाया।
खाते खाते, हम बैठकर बातें कर रहे थे।
मगर, मैंने नोटीस किया के गुलबदन बार बार मेरे पैंट के तरफ देख रही थी.. !! जब भी मैं गुलबदन को देखता तो वो, मुस्कुरा देती.. !!
मुझे उसकी आँखों में हवस दिखाई दे रही थी और वैसे भी वसीम ने मुझे पहले ही बता दिया था के गुलबदन मुझसे चुदवाना चाहती है।
खैर, हमारा खाना ख़तम हुआ और उसके बाद हम अपने अपने कमरे में चले गये।
कमरे में जाते ही, मैंने टीवी चालू किया।
मैंने गुलनार से पूछा – डार्लिंग, क्या देखना पसंद करोगी – हिन्दी फिल्म या चुदाई वाली फिल्म… ??
उसने कहा के जान, अभी तो बस मुझे तुम्हारे लण्ड को अपनी चूत में डाल कर पूरी रात चुदवाना है… क्यूंकि, कल सुबह होते ही हम लोग यहाँ से चले जाएँगे… तो इसलिए, मुझे आज की रात बस तुम्हारे लण्ड से चुदती हुई, अपनी चूत की फिल्म देखनी है… अब, मुझसे सब्र नहीं हो रहा… जल्दी से, मुझे चोदो… वरना, मैं नंगी ही सड़क पर निकल जाउंगी… उस वक़्त तो तुमने मुझे रोक दिया… मगर, अब मैं नहीं रुकने वाली… ये देखो, उस वक़्त से मेरी चूत से पानी टपक रहा है… अब तो, पैंटी के साथ साथ मेरी जीन्स भी चूत के पानी से पूरी तरह गीली हो चुकी है…
इतना कहते ही, गुलनार जानवरों की तरह मेरे होठों को चूमने लगी.. !!
मैंने महसूस किया के उसका बदन, पूरी तरहा गरम हो गया था।
उसके मुँह से गरम सिसकारियाँ निकल रही थीं…
ये देख कर, मुझे भी अपने आप पर कंट्रोल नहीं हुआ.. !!
मैंने उसे पूरी तरहा अपनी बाहों में जकड़ लिया और उसकी जीभ को चूसने लगा।
मैं एक हाथ से उसके बूब्स दबा रहा था और दूसरे हाथ से उसकी गाण्ड के छेद में उंगली घुसा रहा था.. !!
इस हरकत से, गुलनार तो मानो मदहोश सी हो गई थी।
उसके अंदर, वासना की ऐसी ज्वाला जाग उठी थी के अब तो वो पूरी तरहा ठीक से खड़ी भी नहीं हो पा रही थी।
मैंने उसे, बेड पर लेटा दिया।
उसकी आँखें, मदहोशी से बिल्कुल बंद थीं.. !!
गुलनार की ये हालत देख कर, अब मुझसे भी रहा नहीं गया।
मैंने उसके और मेरे सारे कपड़े उतार दिए…
फिर, मैंने अपने लण्ड को उसके मुँह में डाल दिया तो वो उसे ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी.. !!
मगर, मुझसे बर्दाशत नहीं हो रहा था.. !! इसलिए, मैंने जल्दी ही लण्ड को उसके मुँह से निकाल के उसकी दोनों टाँगों के बीच बैठ गया.. !!
मैं जैसे ही बैठा, गुलनार ने अपनी टांगें पूरी तरहा खोल दी और मैंने झट से उसकी चूत का मुँह खोल के एक ही झटके में, अपना लण्ड उसकी चूत के अंदर डाल दिया…
इस झटके से गुलनार बहुत ज़ोर से चीख पड़ी – आहहह हह हहह हह हहह हह हहह हह हहह हह अहहह हह हहह म्माआ… मैं मर गाइइ… मेरी चूत फट गईईई ईई ईईई ईई ईईई ईई ई ई ई ई ई ई ई ई… और उसकी चूत से भी खून बहने लगा।
मगर, हम दोनों के ऊपर हवस का नशा छाया हुआ था तो इस लिए हमें कोई भी दर्द का एहसास नहीं था।
फिर मैंने, ज़बरदस्त झटके लगाने शुरू कर दिए.. !!
हर झटके के साथ, जब मेरा लण्ड गुलनार की चूत में घुसता उसकी फ़ुद्दी से – फ़चक फ़चक… पच पच… की आवाज़ निकलती।
उसी के साथ उसके मुँह से भी – आआ आआआ आआ आआआहह हहह हह हहह हह ह ह ह हह हहह औररर र र रर र र ज़ोररर से… की आवाज़ निकल रही थी.. !! जिसे सुनते ही, मेरे अंदर फ़ुद्दी को और भी तेज़ी से चोदने की ताक़त आ जाती.. !!
उसकी फ़ुद्दी से, लगातार खून भी बह रहा था…
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