RE: Maa Chudai Story सौतेली माँ से बदला
आते ही, गुलबदन ने मुझे पकड़ा और कहा – अब तो मैं घर आ गई हूँ, चलो ना रूम में… मैंने इतने दिन से अपने आपको, तुम्हारे लिए रोक के रखा है… अब मुझ से बर्दाशत नहीं होता… जल्दी से मुझे चोद के, मेरी चूत की आग को बुझाओ…
मैंने उसे कहा – ठीक है, आज रात को, तुम्हारी ये तमन्ना पूरी कर दूँगा…
ऐसा कह के, मैं वसीम के पास गया और बोला – यार, बहुत दिन हो गये मैं घर नहीं गया… अब तो सब लोग आ गए हैं, इस लिए मैं घर जाना चाहता हूँ…
ये सुनते ही वसीम का चेहरा उतर गया.. !! क्यूंकि, वो नहीं चाहता था के मैं उस से दूर जाऊं.. !! वो मुझ से, अपनी जान से भी ज़्यादा प्यार करता था.. !!
वसीम मेरे लिए पूरी दुनियाँ को छोड़ सकता था.. !! मगर, इस बार वो मुझे कुछ नहीं कह पाया.. !!
मैं जैसे ही घर के लिए निकलने लगा तो एक एक करके सब लोग मेरे पास आए और मुझे रुकने के लिए कहने लगे।
सलमा मेरे पास आई और बोली – विनय, मुझे नीलोफर ने सब कुछ बता दिया है… तुम क्यूँ जा रहे हो, ये भी तो तुम्हारा ही घर है और वसीम तुमसे बहुत प्यार करता है इस लिए वो बहुत दुखी है…
मैं समझ गया के उसको मेरे पास, वसीम ने ही भेजा है।
मैंने कहा – देखो आंटी, अभी मेरा घर जाना ज़रूरी है… इतने दिन हो गये, एक ही शहर में रहते हुए मैं घर नहीं गया…
मेरे मुँह से आंटी सुनते ही, सलमा ने मेरे मुँह पर हाथ रख दिया और कहा – आंटी नहीं, सलमा… तुम्हारा दोस्त, वसीम भी तो मुझे नाम से ही बुलाता है… इस लिए, तुम भी मुझे सलमा कह के बुलाना…
उन सब ने मिलकर मुझे बहुत रोकने की कोशिश की मगर मैं रुका नहीं तो वसीम खुद मुझे गाड़ी में घर तक छोड़ने के लिए आया।
मेरा घर, वसीम के घर से थोड़ा ही दूर था।
घर जाते ही, मुझे भैया ने कहा के पापा ने तुम्हें गाँव बुलाया है… तो, कल सुबह तुम्हें गाँव जाना होगा… एक काम करना, अपने साथ अपनी भाभी और ऋचा को भी ले जाना…
फिर अगले दिन सुबह मैं, भाभी और ऋचा गाँव के लिए निकल गये।
जैसे मैंने पहले बताया था के भाभी के प्रेग्नेंट होने के बाद, मैं ऋचा को चोदा करता था।
भाभी ने मुझे गाड़ी में कहा – देवर जी, इतने दिन तक कहाँ थे… ?? मेरी बहन को बहुत तरसया है, तुमने… अभी इसकी सारी ज़िद, तुम्हें पूरी करनी पड़ेगी… ये तुम्हारा सज़ा है…
मैं भी भाभी की कोई भी बात नहीं टालता हूँ, इस लिए मैंने कहा – भाभी, आपका हुक्म सर आखों पर…
फिर, मैं ऋचा के करीब जा के बैठ गया।
उसने मुझसे बात नहीं की तो मैंने उससे कहा – देखो, अब तुम्हें छोड़ के कभी नहीं जाऊंगा… अब तो मुस्कुरा दो, मेरी जान…
ऐसी ही बहुत सारी बातें करने के बाद, फाइनली ऋचा मान गई। उसने मेरी तरफ देखा और हँसी।
कुछ देर बाद, हम लोग गाँव पहुँच गये।
घर जाते ही, पापा ने ऑर्डर सुना दिया के अब हम लोग भी जा के शहर में रहेंगे… इस लिए, तुझे एक बड़ा सा घर देखना होगा…
पापा की बात सुनकर, मैं खुश हो गया और थोड़ा दुखी भी हुआ क्यूंकि अगर सब लोग वहां रहेंगे तो मे अपनो मनमानी नहीं कर पाउँगा.. !! मगर, क्या करें ये तो सुप्रीम कोर्ट का आदेश था, मानना तो पड़ेगा.. !!
रात को, मैंने ऋचा को अकेले बुला कर अपने कमरे में जम कर चुदाई की.. !! इस काम में, भाभी ने भी हमारी मदद की.. !!
रात को, मैंने उसे 2 बार चोदा।
मेरा तो और भी चोदने का मन था.. !! मगर, ऋचा 2 बार में ही थक गई.. !! इसीलिए, मुझे अपने आप को रोक के चुप चाप सोना पड़ा.. !!
सुबह होते ही, वसीम का फोन आया और उसने मुझे तुरंत आने के लिए कहा।
मैंने उस से कहा के पापा, अभी जाने नहीं देंगे… तो उसने, बोला – मैं जानता था तू यही कहेगा… इसलिए, साले मैंने पहले से ही अंकल से बात कर ली है और उन्होने हाँ भी कह दिया है… इसीलिए, फटाफट तू वहां से आ जा और ये मत कहना के अभी आने के लिए कोई गाड़ी नहीं है क्यूंकि मैंने तेरे लिए गाड़ी भेज दी है… जल्दी से, तैयार हो ज़ा… गाड़ी, पहुँचती होगी…
मैं क्या कहता। बस, फटाफट रेडी हो गया।
मेरे जाने की बात सुनते ही, ऋचा मेरे कमरे में दौड़ के आई और मेरे बाहों मे चिपक गई और रोने लगी।
उसने मुझे, जाने से मना किया।
मैंने भी उस से कहा के कल रात को जब में तुम्हें और चोदना चाहता था तो तुमने मना कर दिया… अब, भुक्तो उसकी सज़ा…
ये सुनते ही उसने कहा – आज के बाद, कभी नहीं मना करूँगी… जब तक तुम चाहो और जैसे चाहो, मुझे चोद सकते हो… मैं नहीं रोकूंगी, तुम्हें… पर मत जाओ, प्लीज़…
फिर मैंने, उसे समझाया – पगली, मैं तो मज़ाक कर रहा था… क्या करूँ, मैं भी जाना नहीं चाहता… मगर, मेरे दोस्त ने बुलाया है और वैसे भी एक बड़ा घर ढूढ़ना है, मुझे… उसके लिए तो, टाइम लगेगा…
इतना कहकर, मैंने उसे किस किया और उसके बूब्स को दबाया।
फिर, गाड़ी आ गई तो मैं जल्दी से निकल गया, शहर के लिए।
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