RE: Maa Chudai Story सौतेली माँ से बदला
कुछ देर बाद, मैं सलमा को बेड में सीधा लिटा के उसके सीने पर बैठ गया और लण्ड को, उसके मुँह में डाल के चुसवाने लगा।
फिर, मैं उसकी चूत में लण्ड को घुसा कर, चोदने लगा.. !!
मैंने उसकी चुचियों को चूस चूस के लाल कर दिया.. !!
मुँह में उंगली डाल देने से, वो उसे भी चूसने लगती थी।
उसके मुँह से – आह आ आ आअ… उई मा… आ आ आ आ आ आआ अ चोद ई ईई हूऊऊऊ ओ मम्म्म मममम… की आवाज़ निकल रही थी।
सारे कमरे में, सेक्सी आवाज़ें गूँज रही थीं.. !!
उसकी चूत से भी “फ़च फ़च” का साउंड निकल रहा था।
मैं उसकी आँखों में आँखें डाल के, चोद रहा था।
फिर 15-20 मिनट के बाद, मेरा माल निकलने लगा.. !!
जैसे ही वीर्य की एक बूँद उसकी चूत के अंदर गिरी तो उसने मुझे कस के पकड़ लिया और चिल्लाने लगी – आाहूऊऊऊ आ आ आहह… ऐसा लग रहा है, किसी ने चूत के अंदर गरम एसिड डाल दिया हो…
मैं ज़ोर के झटके मार मार के झड़ रहा था।
मैंने सारा का सारा वीर्य, सलमा की चूत में डाल दिया और जब तक लण्ड से आखरी बूँद गिरना नहीं ख़तम हुई, तब तक उसने मुझे अपनी बाहों में जकड़ा हुआ था.. !!
मैं भी, उसे पकड़ के झड़ रहा था.. !!
फिर मेरा लण्ड सिकुड़ने तक, मैं उसके ऊपर लेटा रहा।
10-15 मिनट बाद, मैंने उसकी चूत से लण्ड को निकाला तो फक की आवाज़ के साथ, ढेर सारा वीर्य और पानी निकलने लगा…
मैं उसकी साइड में लेट गया।
सलमा, मेरे सिने में सिर रख कर मुझसे चिपक के लेटी रही।
कुछ देर बाद, उसने कहा – मैंने वसीम के पिता, वसीम और सुहाग रात के दिन एक बार अपने पति से चुदवाया है… मगर, किसी ने भी मुझे ऐसे नहीं चोदा… तुमने तो मेरी चूत और गाण्ड की धज़ियाँ उड़ा के रख दी… दोनों ही, बहुत दर्द कर रहे हैं… उस रात, जब वसीम ने मुझे ज़बरदस्ती चोदा था तब ऐसा ही दर्द हुआ था… (मेरे सिने पर, किस करते करते) तुम तो चोदने में एक्सपर्ट हो… किसी की भी, जान निकाल दोगे… मैं सोच रही हूँ, अगर दो ज़बान लड़कियों की माँ होते हुए मेरी ये हालत है तो जब तुमने गुलनार को चोदा तो उसकी क्या हालत हुई होगी… उसकी तो सील भी नहीं टूटी थी… वो तो बेहोश हो गई होगी…
मैंने कहा – जानेमन, तुम अपनी बेटी को कम मत समझना… वो, तुमसे भी बड़ी खिलाड़ी है… चुदाई से पहले ही, उसने पेन किल्लर खा रखी थी… मगर, एक बात है तुम सब एक जैसे हो, जिसे चोदने के लिए कोई भी पागल हो जाएगा… और तुम तो अभी भी, 16 साल की लड़की की तरह ही चुदवाती हो…
ये सुनते ही सलमा ने मेरे चेहरे को किस किया और कहने लगी – मुझसे वादा करो के रोज़ दिन में कम से कम, एक बार तुम मुझे चोदा करोगे… क्यूंकि, तुम्हारा एक बार चोदना पाँच बार चोदने के समान है… अभी तो, इस एक बार में ही मैं थक गई हूँ… वसीम भी मुझे रोज़ चोदता है… मगर, वो ज़्यादा देर तक चूत नहीं चाटता है और ना ही अलग अलग पोज़िशन में चोदता है… वो तो, 10-15 मिनट में ही झड़ जाता है…
मैंने कहा – अगर, तुम सभी को मैं रोज़ दिन रात चोदने लगा तो मेरी भी हालत वसीम की तरहा हो जाएगी और मेरी जान निकल जाएगी… इसीलिए, सलमा रोज़ तो नहीं मगर हफ्ते में 3-4 बार तुम्हें ज़रूर चोदूंगा… क्यूंकि, मुझे भी तुम्हें चोदने में बहुत मज़ा आया… अब चलो, फ्रेश हो जाओ… वसीम आता होगा, मीटिंग ख़तम करके… उसके आने से पहले से ही, हम दोनों रेडी हो जाते है और फिर एक साथ खाना खाएँगे.. !!
मैंने सलमा को किस किया और बाथरूम में जा के फ्रेश हो के आ गया।
उसके बाद, सलमा भी अपने कमरे में जा के साड़ी चेंज करके आ गई.. !!
फिर, हम दोनों टीवी देखते देखते वसीम का इंतज़ार करने लगे।
सलमा, मेरी बाहों में सिर रख कर टीवी देख रही थी।
मैं उसकी उंगलियों में अपनी उंगलियों को क्रॉस करके, हाथ को चूम रहा था।
सलमा ने कहा – आज रात, मैं तुम्हारे कमरे में रहूंगी और पूरी रात तुमसे चुदवाउंगी…
मैंने कहा – अगर, रात भर मैं तुम्हें चोदूंगा तो वसीम क्या करेगा… उसे भी तो चोदना है, तुम्हें… इसीलिए, तो बाकी सबको छोड़ के तुम्हें साथ लाया है…
ऐसे, बात करते करते पता ही नहीं चला के कब वसीम कमरे में आ गया है।
उसने आते ही, हमें इस पोज़ में देख कर ताली बजाई.. !!
उसकी ताली की आवाज़ सुन के, हम दोनों चौंक गये।
फिर वसीम ने कहा – वाह यार, मज़ा आ गया… तुम दोनों, ऐसे बहुत मस्त लग रहे हो… बिल्कुल, पति पत्नी के जैसे दिख रहे हो… ऐसा लग रहा है के जैसे नया शादी शुदा जोड़ा, हनीमून पर आया हो और रोमांस में लगा हो… मैं खामखा कबाब में हड्डी बन गया… तो सलमा, अभी तक सिर्फ़ बातें ही हो रही हैं या मेरे दोस्त के लण्ड का मज़ा भी लिया… नहीं लिया है, तो ले लो… तभी, तुम्हें पता चलेगा के असली चुदाई क्या होती है… क्यूँ बे साले, चोदा के नहीं अभी तक…
मेरे बोलने से पहले ही सलमा बोल पड़ी – सही कह रहे हो, वसीम… अभी 10-15 मिनट ही हुए हैं, हमें चुदाई ख़तम किए हुए… विनय तो चोदने में माहिर है… इसने मेरी चूत और गाण्ड की धज्जियां, उड़ा के रख दी हैं… पूरे एक घंटे से ज़्यादा देर तक चोदा है और मेरी जान निकाल दी… पता नहीं, ये इतने देर तक कैसे चोद लेता है… मगर, मुझे बड़ा मज़ा आया…
फिर, मैंने बीच में सलमा को रोक कर कहा – यार, आज क्या ऐसे ही बातें करके पेट भरना है… बहुत ज़ोरो की भूख लगी है और तुम भी तो भूखे हो… इसीलिए, पहले कुछ खाने को ऑर्डर करो… फिर, बाद में दोनों मिलकर मेरी जितनी तारीफ़ करना है, कर लेना… उस के लिए पूरी रात पड़ी है…
ये सुनते ही, वसीम ने कहा – सही कह रहा है, साले… भूख तो लगी होगी क्यूंकि इतनी मेहनत से सलमा को जो चोदा है… सलमा, तुम्हें जो कुछ भी पसंद है जल्दी से हम सब के लिए ऑर्डर कर दो… तब तक, मैं थोड़ा फ्रेश हो लेता हूँ…
इतना कहने के बाद, वसीम मेरे ही कमरे में फ्रेश होने के लिए बाथरूम में जाने लगा।
तो मैंने कहा – यार, तूने फालतू में दो कमरे बुक किए… हम तीनों तो, एक ही कमरे में रह जाएँगे…
वसीम ने कहा – अगर मुझे पता होता के तुझे यहाँ आकर सलमा के साथ चुदाई करने में कोई प्राब्लम नहीं है तो मैं एक ही कमरा बुक करता… मगर, तू तो साले पहले बड़े नखरे करता था और सलमा से बात करने में भी हिचकिचाता था… इसलिए, मैंने 2 कमरे बुक किए… चल अब जो होना था, हो गया… मैं नाह के आता हूँ…
फिर, सलमा ने खाने का ऑर्डर दिया।
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