RE: Desi Sex Kahani वेवफा थी वो
#50
सॅटर्डे ‘ 1स्ट जन्वरी
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रात की खुमारी का असर था शायद ….हम दोनो सुबह देर तक सोते रहे ….फिर उठने पर याद आया कि हम को जल्द ही यहाँ से
निकलना है ……हम दोनो जल्दी जल्दी तय्यार हुए और फिर थोड़ी ही देर में हम अपनी गाड़ी में , चंडीगढ़ की तरफ जा रहे थे……..
हमारी अगली मंज़िल चंडीगढ़ थी ……….वहाँ भी हमारे लिए रूम्स बुक थे ………दोपहर में हम लोग यहाँ पहुँचे और फिर शाम को 4.00 बजे से हमारी क्लाइंट्स के साथ मीटिंग्स शुरू हो गयी थी …….जो देर रात , करीब 10.30 बजे तक चलती रहीं ……….. मीटिंग्स के बाद
ऐज-यूषुयल डिन्नर का अरेंज्मेंट था ….और फिर हम दोनो अपने रूम्स में आ गये ……..
एक संकोच की दीवार जो कल तक हमारे बीच में थी , अब गिर चुकी थी ……..हम दोनो एक साथ , एक ही कमरे में , एक ही बिस्तर पर सोए ……..कल रात जो जिस्म का रिश्ता हमारे बीच बन गया था , आज भी कायम रहा …….पूरी रात हम दोनो प्यार और सेक्स के इस अनूठे खेल का मज़ा लेते रहे ………..बिल्कुल किसी न्यूली मॅरीड कपल की तरह ……….
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सनडे ‘2न्ड जन्वरी
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आज हमारे टूर का लास्ट दिन था……सुबह उठ कर हम दोनो तय्यार होने लगे ……….पूरी रात बिस्तर पर चलने वाला खेल , बाथरूम में भी चालू रहा……….हम एक साथ ही नहाए और बाथरूम में ही एक बार प्यार की नदी में गोते भी लगा लिए …..
फिर हम दोनो ने अपनी आज की मीटिंग्स शुरू कर दी ……… दो-पहर 2 बजे तक हमारी मीटिंग्स चलती रही और फिर हम लोग वापस अपने होटेल में आ गये …..शाम 4 बजे हमारी फ्लाइट थी , वापस राज नगर जाने के लिए ……हम दोनो ने एक साथ लंच किया और फिर जो टाइम हमें मिला ……उसको हमने एक दूसरे की बाहों में बिता दिया ………….
कुल-मिलाकर हम दोनो ही बहुत खुश थे ……..मैं इसलिए , की जिसको मैने चाहा था , वो अब सिर्फ़ मेरी थी ……..सिर्फ़ एक काँटा मेरे रास्ते में था , उसका पति …..मुझे उम्मीद थी की मैं जल्दी ही उसका भी कोई ना कोई इंतेज़ाम कर लूँगा ……..
शाम को 6 बजे हम लोग वापस राज नगर पहुँच चुके थे ……..अपनी गाड़ी में बैठे हुए हम अपने अपने घर की तरफ जा रहे थे ………गाड़ी
के अंदर हम दोनो थोड़ा दूर दूर बैठे हुए थे ……पर एक दूसरे का हाथ पकड़े हुए ……….
नेहा को उसके घर ड्रॉप करने के बाद मैं अपने घर आ गया …….मुझे मालूम था कि कल से मुझे बहुत ज़्यादा बिज़ी हो जाना है ……..पर
साथ ही साथ मैने नेहा से प्रॉमिस भी किया था की हम दोनो डेली थोड़ा टाइम सिर्फ़ अपने लिए भी निकालेंगे ……
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मंडे
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जैसी कि मुझे उम्मीद थी ……आज का दिन बहुत बिज़ी साबित हुआ………….सुबह ऑफीस पहुँचते ही हम लोगो ने एक मीटिंग ऑर्गनाइज़ की …….जिस में सारी टीम्स अपनी अपनी रिपोर्ट्स के साथ पहुँची ……….
मिस्टर.चौधरी खुद इस मीटिंग में शामिल थे ……उन्होने हम सब की रिपोर्ट्स सुनी और हमारे अच्छे काम के लिए सब को कॉनग्रॅजुलेट किया………हम सब की रिपोर्ट का कंक्लूषन यह था कि हम लोग पूरे देश में कहीं भी अपनी बॅंक की ब्रांच खोल सकते थे ….. हमारे
क्लाइंट्स तय्यार थे , कि जैसे ही हमारे बॅंक की ब्रॅंचस उनके शहर में खुलेगी ……..वो हमारी सर्विस ले लेंगे …
फिर मिस्टर.चौधरी ने एक और खुश-खबरी सबको सुनाई ……….सेंट्रल गवरमेंट. ने हमारा प्रपोज़ल आक्सेप्ट कर लिया था , अफीशियली …….अब हमें जल्द से जल्द 2 वॉल्ट तय्यार करने थे …….एक स्टेट गवर्नमेंट के लिए और एक सेंट्रल गवर्नमेंट के लिए ……हमेशा की तरह
मिस्टर.चौधरी ने यह रेस्पॉन्सिबिलिटी भी मुझे ही सौंपी ………जिस में मेरी हेल्प करण और निधि को करनी थी ……………
फिर मीटिंग ख़तम हो गयी ……सब लोग एक एक करके रूम से बाहर चले गये …….सिर्फ़ मैं , करण और निधि वहाँ रह गये ………
करण ने मुझे बताया कि वॉल्ट का काम वो चालू कर चुका है ………सिविल कन्स्ट्रक्षन वर्क काफ़ी हद तक निपट चुका है …….अब फॅब्रिकेशन का काम होना है और उसके बाद एलेक्ट्रॉनिक्स एक्विपमेंट्स की सेट्टिंग करनी है ………..
हम लोगो ने सारे काम की प्लांनिंग्स तय्यार कर ली और डे बाइ डे उसको रिव्यू करने का फ़ैसला किया …….फिर करण वहाँ से उठ कर चला गया ……और मैं भी अपनी फाइल्स समेटने लगा ………निधि जो अभी तक लगभग चुप ही बैठी हुई थी ……..बोली
“ तुम्हारा टूर कैसा रहा राजीव ? “
मैने उसकी तरफ देखा ……एक अर्थ-पूर्ण मुस्कुराहट उसके चेहरे पर थी ……..
“ बहुत अच्च्छा रहा …….मैने बताया था ना कि हमारी सारी मीटिंग्स सक्सेस्फुल रही है ……” मैं उस से निगाह मिलाए बगैर बोला …….
“ मैं अफीशियल मीटिंग्स की बात नही कर रही हूँ राजीव…………पर्सनल मीटिंग्स के बारे में पूछ रही हूँ …? “
उसने कहा और मैं उसके चेहरे की तरफ देखता रह गया ……..मैं समझ नही पा रहा था कि उसकी बात का क्या जवाब दूँ …….क्यों कि
मुझे भी नही मालूम था कि हमेशा की तरह वो सिर्फ़ मज़ाक कर रही है ……या सच में उसको कुछ पता चल गया है …………
“ मैं तुम्हारी बात समझा नही निधि ? “ मैने अंजान बनते हुए कहा…
“ इसमें समझने वाली कौन सी बात है ……..एक जवान लड़का, एक जवान लड़की …..दोनो एक साथ 14 दिन तक रहे ….उसके बाद भी अगर कोई पर्सनल मीटिंग नही हुई …तो बेकार है “ उसने बुरा सा मुँह बनाते हुए कहा और फिर मेरी आँखों में देखते हुए बोली “ क्यों ? सच कह रहे हो ना ? “
मैं कुछ नही बोल पाया ……सिर्फ़ उसकी आँखों में देखता रहा ……. फिर अपनी निगाहें नीचे को झुका ली ……….. कुछ सेकेंड्स बाद में उसकी तरफ फिर से देखा ..
उसने एक बार अपनी आखों से इशारा किया और फिर ज़ोर ज़ोर से हँसना शुरू कर दिया …मैं हैरानी से उसका मुँह देखता रह गया ………फिर जब उसकी हँसी थमी तो उसने कहा
“ तुम तो वाकयि ऐसे डर गये थे जैसे मैने तुम्हारी कोई चोरी पकड़ ली हो …….. मुझे मालूम है यार , तुम्हे सिर्फ़ अपने काम से प्यार है …….और मैं भी तो यही चाहती हूँ “ आख़िरी बात उसने कुछ गंभीर होकर कही ……..फिर उसने अपनी फाइल्स उठाई और रूम से बाहर
निकल गयी ……..और उसके पीछे पीछे मैं भी वहाँ से निकल आया ……….
मैं अपने रूम में आ गया….और अपने काम में लग गया…..बीच में जब मैने थोड़ी देर के लिए आराम कर रहा था….तब मुझे नेहा का ध्यान आया……मैने उसका नंबर लगाया …….2 बेल्स के बाद ही उसने फोन उठा लिया ….
“ हाई …..”
“ जी कहिए …?”
“ क्या कर रही हो……” मैने अपने लहज़े को रोमॅंटिक सा बनाते हुए कहा …….
“ काम कर रही हूँ बाबा ………बोलिए “
“ आज सुबह से तुम्हे देखा नही ना , इसलिए फोन किया था ….. “ मैने कहा …
“ अच्च्छा जी ………अभी थोड़ी देर पहले ही तो मीटिंग रूम में तुम्हारे पास बैठी हुई थी ……तब नही देखा था ….” उसने भी अपनी आवाज़ में एक अदा सी लाते हुए कहा ………
“ तुम जानती हो नेहा …..जब मैं काम करता हूँ तो , सिर्फ़ काम में ही ध्यान लगाता हूँ ……..अब मेरा दिल किया तुमसे , मिलने का तो मैने तुम्हे फोन कर दिया “
“ इसका मतलब ……तुम्हारे लिए काम सब से पहले है ,मैं बाद में…… “ उसने अपना लहज़ा शिकायती सा करते हुए कहा………..
“ सच तो यही है जान…………..मेरे लिए मेरा कमिटमेंट सबसे पहले है …….अच्च्छा छोड़ो यह बाते , और बताओ कब मिल रही हो ……”
थोड़ी देर वो खामोश रही फिर बोली “ कोशिश करूँगी ………कल शाम को तुम्हारे घर पर आने की ……..अगर तुम्हे कोई प्राब्लम ना हो तो “
“ मुझे क्या प्राब्लम होगी ? तुम्हारा ही घर है …….जब चाहे आ जाओ “ मैने कहा और फिर कुछ और बातें कर के मैने फोन रख दिया ………….
अब मुझे अपने आप को वॉल्ट के काम में झोंक देना था………पर साथ ही साथ मुझे इंतेज़ार था , कल शाम को नेहा से मुलाकात का …………
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