RE: Rishton May chudai परिवार में चुदाई की गाथा
काकी ताई के बूब्स में झपट जाती है और निप्पल को सहलाती है, बूब्स को मसलती है, ताई दबे मुह सिसकारियां भरती है, दूसरी तरफ मैं ताई के पेट को चूमने लगता हूँ, नाभि में जीभ घुसेड़ कर ताई में कामोत्तेजना पैदा करने का भरपूर प्रयास करता हूँ और इसका प्रभाव भी ताई पर दिखाई दिया..
ताई आहें भरने लगती है, सिहर उठती है, मैं ताई की कमर, पेट, टांगें, जांघें सब कुछ चाटता हूँ और प्रेमपूर्वक सहलाता हूँ, ताई की आँखों में हवस और कामोत्तेजना स्पष्ट पता चल रही थी, ऊपर काकी ताई के निप्पल भी चूसे जा रही है, ताई के काले, बड़े, लंबे, तने हुए, सख्त निप्पल ताई के गदराए हुए मरदाना विशालकाय बदन में चार चाँद लगा रहे थे)
मैं – काकी, इस रंडी के मुह से दुपट्टा हटा दे अब, चिल्लाएगी तो फिर से बाँध देंगे।
काकी – जो हुकुम स्वामी।
(काकी दुपट्टा खोल देती है)
ताई – बहन चोदों, भेन की लोड़ी रत्ना, मादरचोद पंडित, पाप चढ़ेगा तुम्हे भोसडी वालों… अह्ह्ह्ह्ह्ह… मार दिया माँ अह्ह्ह्ह… गयी मैं उईईई…
मैं – ताई, गाली न दे, तेरी माँ चोद दूंगा, मजे लेते रहे बस।
काकी – गाली किसे देती है हरामजादी, माँ की लोड़ी, तेरी बेटी सबसे बड़ी रंडी है गांव की पता है तुझे।
ताई – अह्ह्हह्ह्.. भक्क्क बहनचोद तेरी बेटी भी हरामी है, साली लाला के साथ देखा था मेने उसे, यकीन नहीं आता तो पूछना उसे, खुद की बेटी रंडी है दूसरों को बोलती है चिनल कहीं की.. अह्ह्हह्ह्ह्ह.. मार दिया पंडित बेटा.. अह्ह्ह्ह्ह्ह..
काकी – अगर ये सच हुआ तो मैं तेरी गुलाम बन जाऊंगी, जिंदगी भर तेरा चूत रस पान करूँगी, मुझे अपनी सपना पर पूरा भरोसा है, लेकिन अगर झूट हुआ तो तू और तेरी बेटी रोज मेरी चूत चाटेगी, बोल मंजूर है रांड?
ताई – अह्ह्ह्ह्ह्ह.. हाँ चिनाल मंजूर है तेरी शर्त, अब पहले मेरे बोब्बे चुस जल्दी, अह्ह्हह्ह्ह्ह.. उईईईई.. सहन ना होता अब रत्ना..
(अब ताई भी पुरे जोश में आ चुकी थी और अब ताई के दिमाग और बदन पर पूरा सेक्स का नियंत्रण था, ताई की तरफ से चोदने का निमंत्रण मिल चुका था, काकी गुस्से से रगड़ रगड़ कर ताई के निप्पल चुस रही थी, ताई को पीड़ा भी हो रही थी, ताई करर्ररा रही थी)
ताई – हाये, अह्ह्ह्हह्.. रत्ना.. चुस मेरी देवरानी उटीईई.. उम्ममम्म.. अह्ह्हह्ह्ह.. गयी रे अह्ह्ह्ह्ह.. दीवाना बना दिया तुम दोनों हरामियों ने तो।
मैं – ताई अभी तो देखती जा, ताऊ की याद में जो तू इतने साल से तड़प रही है, आज तेरा भतीजा तेरी सारी हवस मिटा देगा और तेरी कोख से आनन्दी को एक भाई देगा।
ताई – हाये दय्या, दे दे रे मुझे एक लड़का, लड़के के लिए कब से तरस रही हूँ मैं, मेरी कोख में बीज बो दे मेरे भतीजे।
(फिर मैं ताई की चूत का लंबा बाहर की तरफ निकला हुआ चमड़ा अपने हाथों की उँगलियों से चौड़ा करता हूँ, और खोल कर अपनी ताई का चूत दर्शन करता हूँ, सुर्ख लाल मांस से लबा लब भरी हुई ताई की चूत कम भोसडा ज्यादा लग रहा था, जो चूत के पानी से बिलकुल गीला हुआ था..
जब कसाई मुर्गी को काटता है तो जैसे मुर्गी का लाल मांस होता है वैसे ही ताई की चूत के अंदर का वीभत्स नज़ारा था, मेरी आँखें फटी की फटी रह गयी, अब मेरा प्यार काकी से ताई की तरफ हो गया, ऐसा गर्म मांस से लबालब भरा भोसड़ा देखकर अब मैं ताई से प्यार करने लगा)
मैं – वाह ताई, मैं कितना भाग्यशाली हूँ, मुझे तेरी इस मास से लबालब भरी चूत के दर्शन हुए, तू कितनी सेक्सी है ताई, तेरे लिए जान भी कुर्बान।
काकी – पंडित, जान तो मेरे लिए है ना?
मैं – नहीं काकी, अब ताई के लिए है, अब मैं ताई से प्यार करने लगा हूँ, और अगर तूने ताई को कुछ बोला, तो तेरी बेटी चोद दूंगा, समझी?
(काकी झंड हो जाती है, उसकी ताई के सामने बेइजती हो जाती है, काकी का मुह उतर जाता है और बेइज़्ज़ती से चेहरा लाल हो जाता है, क्योंकि अभी जो थोड़ी देर पहले खुद को रानी समझ रही थी, असल में उसकी औकात रंडी वाली है ये काकी भली भांति समझ गयी थी और गुस्सा हो गयी, वहीँ दूसरी और ताई की हंसी बंद नहीं हो रही थी)
ताई – हा हा हा, साली रंडी कहीं की, औकात पता चल गयी तुझे, माँ की लोड़ी..
काकी – चुप कर चिनल कहीं की।
मैं – काकी, बहन चोद तू चुप हो जा, रंडी, मेरी ताई मेरी रानी है, इस घर की रानी है, तू नौकरानी है समझी रांड?
(और मैंने काकी के गाल पर जोरदार थप्पड़ लगा दिया, और मैं फिर ताई के हाथ खोल देता हूँ, ताई खुलते ही मुझ से पत्नी की तरह लिपट जाती है और मेरे होंठ पर अपने होंठ रख देती है, हम करीब 5 मिनट तक एक दूसरे के होंठ और जीभ चूसते हैं, काकी ये सब नज़ारा देखकर दंग रह जाती है)
ताई – पंडित बेटा, जल्दी डाल दे अपना कोबरा मेरी चूत के अंदर और सारा वीर्य मेरी बच्चादानी में छोड़ दे।
मैं – जो हुकुम मेरी रानी।
(और मैं अपना खड़ा हुआ फंफनता लण्ड सीधा ताई की गर्म हुयी भट्टी जैसी चूत के अंदर डालता हूँ और फिर ताई और मेरी चुदाई प्रक्रिया शुरू हो जाती है, काकी सारा खेल देखे जा रही थी)
ताई – अह्ह्हह्ह्ह.. उम्ममम्मम.. उईईईई.. रेरेरेरेरेरे.. ऐसे ही चोद अपनी ताई को बेटा, अह्ह्ह्हह्ह्.. तेरा सुपाडा तो बहुत ही बड़ा है रे.. ममममम.. उईईईई माँ.. मर गयी..
मैं – ताई, सुनंदा, मेरी जान, आज तेरी कोख में अपना बीजारोपण कर दूंगा मेरी पत्नी.. अह्ह्ह्ह.. कितनी गर्म भट्टी है तेरी भोसड़ी, काकी की तो ठंडी है.. अह्ह्ह्ह..
काकी – पंडित तुम इतने जल्दी क्यों बदल गए बेटा, मुझ में क्या बुरा है, तुमने तो कहा था कि मैं नंगी फिल्मों की हीरोइन लगती हूँ?
मैं – भक्क्क चिनल, शक्ल देखि है आईने में अपनी, वो तो मैं झूट बोल रहा था, तेरा बदन अच्छा है बस चुदाई लायक,आह्ह्ह्ह.. 200 रूपये मिल जायेंगे तेरे बदन के गाँव के बाजार में, आहहहह.. और रहा सवाल मेरे बदलने का, मुझे जहाँ बड़ी चूत मिली, अच्छा स्वाद मिला, ममममम.. अह्ह्ह्हह्.. मैं वहीँ जाऊंगा, आज ताई मुझे पसंद आयी है तो मैं ताई का दीवाना हूँ, कल ताई की जगह तेरी बेटी सपना भी ले सकती है, उईईईई.. अह्ह्ह्हह्.. मैं झड़ने वाला हूँ ताई, अह्ह्ह्ह्ह.. मैं आया आया..
ताई – अंदर ही छोड़ दे बेटा, मुझे बच्चा चाहिए, अह्ह्हह्ह्ह्ह.. मैं भी फारिक होने वाली हूँ मेरे लाल, अह्ह्ह्ह्ह्.. उईईईई.. उम्ममम्मम्म.. आयी मैं भी जान..
(मेरा लण्ड फचापच फचापच ताई की बच्चादानी में गोते खा रहा था, मेरा लण्ड ताई की चूत के पानी से भीग कर और भी लचीला हो गया था, इस चुदाई के अंतिम चरम पर ताई और मैं तेज तेज झटकों के साथ पसीने में लटपट एक साथ झड़ जाते हैं और हमारा नंगन शरीर एक दूसरे से नाग नागिन की तरह लिपटा हुआ था)
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