RE: Rishton May chudai परिवार में चुदाई की गाथा
सपना-कल क्या सोचेंगे भाई अभी सोच ना
मैं-देख सपना मैं तुझे एक कहानी सुनाता हूँ उसे सुनकर ही तू फ़ैसला करना
काकी- अरे पंडित अब इस मामले में ये कहानी कहाँ से आ गई
मैं- पहले तुम दोनों मेरी ये कहानी सुन लो फिर फ़ैसला करना
सपना- किसकी कहानी है और कैसी है चल शुरू कर भाई
काकी- हाँ पर ये तो बता ये कहानी है किसकी
मैं-ये कहानी मेरे दोस्त हापुड़ निवासी रमन, उसकी माँ कामना और छोटी बहन रिंकी की है.
रमन एक 21 वर्षीय लड़का है जिसका अभी हाल ही में दिल्ली के कॉलेज में एडमिशन हुआ है, रमन दिखने में हष्ट पुष्ट लड़का है जिसने अभी अभी कॉलेज की दुनिया में कदम रखा है.
रमन की चौड़ी छाती के घने बाल लड़कियों के लिए आकर्षण का कारण हैं, रमन के घर में उसकी छोटी बहिन रिंकी(उम्र *** वर्ष) और माँ कामना(उम्र 46 वर्ष) रहतीं हैं, रमन का बाप नाम- भास्कर फौजी है जो असम में रहता है.
रिंकी *** वर्षीय 12वीं की गोरी,पतली,सुंदर छात्रा है जिसके जीवन में जवानी का बीच अभी अभी उगा है, रिंकी के उभरते हुए अमिया जैसे कच्चे स्तन काफी टाइट हैं जिसमे उसके टाइट कसे हुए छोटे छोटे निप्पल उसके स्तनों की बनावट में चार चाँद लगाते हैं..
रिंकी की पतली कमर, उभरते हुए कूल्हे, गोरा बदन देखने लायक है, रिंकी ने हाल ही में जवानी में अपना पहला कदम रखा है जिसका प्रभाव उसके चेहरे की तड़प में साफ़ साफ़ नजर आता है..
रिंकी घर में बिना बाँहों वाला छोटा टॉप और निचे नेकर पहने रहती है जिसके कारण उसकी गोरी गोरी मोटी जांघों के दर्शन रमन को होते हैं तो रमन का भी मन डोलने लगता है, गोरी गोरी टांगों में रिंकी ने काले धागे बांधे हुए हैं ताकि उसके हुस्न बदन पर किसी की बुरी नजर न लगे. रमन कई बार अपनी बहन रिंकी से चिपकने का प्रयास करता है और उसके छोटे छोटे कच्चे अमिया जैसे बूब्स की एक झलक पाने के लिए हर समय आतुर रहता है.
वहीं दूसरी और रमन की माँ कामना जिसकी उम्र 45 वर्ष है पति के घर में न होने की वजह से काफी परेशान रहती है, घर में कामना सुबह से श्याम तक नाईटी पहन के रखती है और उसके अंदर कुछ नहीं पहनती..
कामना दिखने में मोटी भैंस जैसी गोरे और सुडौल बदन की मालकिन है जिसके सुडौल मोटे उभरे हुए बूब्स उसकी नाईटी को फाड़ने के लिए उतारू रहते हैं, उसके बड़े बड़े निप्प्ल का आकार उसकी नाईटी के बाहर से साफ साफ दिखता हुआ प्रतीत होता हैं..
लेकिन वो रमन और रिंकी से कभी नहीं शर्माती और घर में सुबह से शाम तक ऐसे ही बेझिझक नाईटी में रहती है, परन्तु रमन की गन्दी नजर अपनी माँ के मोटे गठीले सुडौल बदन पर हमेशा रहती है और अपनी माँ को देखकर उसका लण्ड हर बार खड़ा हो जाता है..
कभी कभी वो बाथरूम में अपने माँ के गोर, मोटे, हाथी जैसे सेक्सी और कामुक बदन के बारे में सोचते हुए अपना गाढ़ा सफेद पानी निकालता है. अपनी माँ के बूब्स की एक झलक पाने के लिए वो हर समय तैयार रहता है, जब कामना झाड़ू लगाती है, पौछा लगाती है या घर का कुछ काम करती है तो रमन अपनी माँ के बूब्स और गांड को चोरी छिपे देखता रहता है, कभी कभी उसकी वीडियो भी बना लेता है.
बात उस समय की है जब रमन और उसकी माँ कामना दिल्ली से ट्रेन में हापुड़ आ रहे थे, जनरल डिब्बे में सीट न होने की वजह से रमन को अपनी माँ की गोद पर बैठना पड़ा, गर्मी का मौसम था, कामना और रमन दोनों पसीने में लतपत थे..
थोड़ा सफर तय करने के बाद रमन कामना को अपनी गोद में बैठने को बोलता है. कामना रमन की गोद में आ जाती है, 110 किलो की रमन की 46 वर्षीय गोरी, मोटे बूब्स वाली माँ अब अपने बेटे की गोद में बैठी थी, ट्रेन स्पीड में थी और झटके मारते हुए चल रही थी और इसी झटके के साथ साथ कामना अपने बेटे की गोद में उछल रही थी जिस वजह से रमन के लण्ड पर दबाव पड़ा और उसका लण्ड खड़ा हो गया और कामना की गांड में चुभ रहा था..
कामना मजबूरी में कुछ कर भी नहीं सकती थी, वह ऐसे ही अपने बेटे की गोद में बैठी रही, वहीँ दूसरी ओर रमन की हालत खराब थी, उसका मन अपनी माँ की गांड में लण्ड डालने का कर रहा था लेकिन वो मजबूर था..
एक आदमी दूसरी सीट में बैठा हुआ ये सब दृश्य देख रहा था, उस आदमी की उम्र लगभग 52 वर्ष होगी, उसकी आँखों में हवस दिख रही थी, अचानक उस आदमी ने कहा –
आदमी- भाभी जी, आपका बेटा थक गया होगा, आप मेरी जगह में बैठ सकते हैं.
कामना- नहीं नहीं भाई साहब, धन्यवाद, अगर मैं आपकी जगह में बैठ गयी तो आप कहाँ बैठोगे फिर?
आदमी- भाभी जी, मैं खड़ा हो जाता हूँ थोड़ी देर तक.
कामना- नहीं भाई साहब, आपका बहुत बहुत शुक्रिया, मेरा बेटा अभी नहीं थका है, जब थक जाए तो मैं बता दूंगी.
आदमी- ठीक है भाभी जी.
(थोड़ा सफर तय करने के बाद झटके मारते हुए रमन के लण्ड ने कच्छे में ही सफेद गाढ़ा माल छोड़ दिया और पुरे डब्बे में रमन के वीर्य की दुर्गन्ध फैल गयी, कामना को ज्यादा बदबू आ रही थी, तो कामना ने उस आदमी को उठने के लिए बोला)
कामना- भाई साहब, अब उठ जाइए आप.
(आदमी ने थोड़ी जगह बनाते हुए कामना को थोड़ी सी सीट दी)
आदमी- उठने की जरुरत नही है भाभी जी, यहीं एडजस्ट कर लेंगे.
कामना- धन्यवाद भाई साहब.
(जगह कम होने की वजह से कामना धीरे धीरे ट्रेन के झटकों के साथ साथ उस आदमी की गोद में आ जाती है, अब कामना उस अनजान आदमी की गोद में बैठी थी, और आदमी से बात कर रही थी)
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