RE: Rishton May chudai परिवार में चुदाई की गाथा
अचानक फिर सुरंग आती है और इस सुरंग के चलते जो 6-7 लोग मुठ मार रहे थे उन्होंने अपना अपना माल कामना के ऊपर डाल दिया और कुछ माल रमन के मुह पर भी पड़ा,कामना का मुह, गला और बूब्स तो माल से भीग गए थे, और रमन का माल भी कच्छे में निकल गया, कामना भी झड़ गयी..
कामना और रमन को पता भी नहीं चला कि ये किसने किया, कैसे हुआ क्योंकि सुरंग खत्म होने पर सभी लोग वैसे ही खड़े हो गए जैसे पहले थे, शक करें तो किस पर, सुरंग खत्म होने पर सबका स्टेशन आया और कामना का मुह 6-7 आदमियों के वीर्य से पूरा सफेद हो गया था..
रमन के भी मुह में माल था, दोनों सभी से नजर छुपाते हुए ट्रेन से जल्दी जल्दी उतरे और घर चले गए, घर पहुँच कर कामना ऐसा बर्ताव कर रही थी जैसे कुछ हुआ ही न हो, रिंकी कामना और अपने भाई रमन को देखकर बहुत खुश हुयी..
रिंकी ने स्कर्ट और ऊपर एक हलकी सी नेट वाली बनियान पहनी हुयी थी जिसमे उसके कच्ची अमिया जैसे बूब्स हल्के से उभरे हुए लग रहे थे और निप्पल का गोल आकार भी दिख रहा था..
रिंकी अपने भाई के गले लगती है और उससे चिपक जाती है, छोटी होने के कारण रमन रिंकी को गोद में उठा लेता है और उसे उसके कमरे में ले जाता है)
रिंकी- भैया आप मेरे लिए क्या लाये, और आपसे और माँ से इतनी बदबू क्यों आ रही है?
रमन- पगली तेरे लिए तरह तरह के टॉप, जीन्स, शॉर्ट्स लेकर आया हूँ, और बदबू पसीने की है, सफ़र की वजह से आ रही है, अभी नहाऊंगा चली जायेगी.
(रिंकी बहुत खुश हो जाती है, वहीँ दूसरी और कामना नहाने चली जाती है, रिंकी जब अपने भैया रमन द्वारा लाये गए छोटे छोटे साइज के जालीदार ब्रा और पेंटी देखती है तो चौंक जाती है और शरमा भी जाती है)
रिंकी- अरे भैया, ये क्या लाये आप मेरे लिए, मैं नहीं पहनती हूँ ये सब, ये सब तो माँ पहनती है.
रमन- सिस्टर अब तू जवान हो रही है, इन सब चीजों की तुझे जरुरत है, लेकिन माँ को मत बताना कि मैं तेरे लिए ये सब लाया हूँ, वो गुस्सा करेगी.
रिंकी- हाँ लेकिन मैं कैसे पहनू ये सब, माँ को दिख जायेगी तो.
रमन- पगली अगर माँ देख भी ले तो कहना तू अपनी फ्रेंड के साथ मार्किट से ये सब लायी.
रिंकी- ओके भैया, थैंक यू सो मच, आई लव यू भैया.
रमन- आई लव यू टू बेबी.
(और रिंकी बहुत ही खुश होती है और रमन के गले लग जाती है, जिस वजह से उसकी बनियान के अंदर सख्त गुठली से बने कच्चे बूब्स और उनके निप्पल रमन की छाती में टच हो जाते हैं और रमन का पूरा बदन सिहर जाता है, लण्ड खड़ा हो जाता है और जोर जोर से झटके मारने लगता है, उसके बाद रमन और रिंकी अलग होते हैं)
रिंकी- भैया, आज मुझे मैथ्स के कुछ सवाल सिखाना, आपकी मैथ्स काफी अच्छी है.
रमन- ठीक है बहना, मैं सब कुछ सीखा दूंगा तुझे, अभी नहा लेता हूँ, बहुत बदबू आ रही है.
(रमन से भी माल की काफी बदबू आ रही थी, कामना नहा कर अपनी जालीदार नाईटी पहन लेती है, जिसमें से उसके बड़े बड़े तरबूज जैसे स्तन काफी विशाल लग रहे थे..
नाईटी के अंदर ब्रा न पहनने के कारण उसके निप्प्ल्स का उभार स्पष्ट प्रतीत हो रहा था जिसे देखकर रमन का लण्ड अपनी माँ के हुस्न से भरे हुए कामुक सुडौल बदन को सलामी देने लगा, और जब कामना ने रमन की ये हालत देखी तो एक कुटिल कामुक मुस्कान उसके चेहरे पर आई, अब रमन और उसकी माँ कामना के रिश्तों में थोड़ा परिवर्तन दिखाई दे रहा था..
कामना का रमन के प्रति बर्ताव बदल रहा था, और रमन भी अपनी माँ को माँ की नज़र से नहीं बल्कि किसी वैश्या की नज़र से देखने लगा था, ट्रेन की घटना के बाद ज्यादातर टाइम रमन का लण्ड अपनी माँ के ख्यालों में खड़ा रहता था और घर में पैजामे के ऊपर लण्ड का उभार साफ दिखाई देता था, और कामना रमन के लण्ड के उभार को हमेशा घूर घूर के देखा करती थी और मंद मंद कामुक हरामी वाली हंसी देती थी, धीरे धीरे रमन का हौसला भी बुलंद होता चला गया..
कभी कभी रमन अपनी माँ के सामने पैजामे के अंदर अपने लण्ड को इतना खड़ा कर देता था की साफ साफ उभार दिखाई देता था और झटके मारते हुए हिलता भी था, लेकिन कामना का कोई विरोध नहीं था)
(रात का समय था, रिंकी ने रमन को उसे मैथ्स पढ़ाने को कहा)
रिंकी- भैया, प्लीज समझा दो कुछ सवाल. मेरे कमरे में चलो.
रमन- चल बहना.
(रमन और रिंकी कमरे में जाते हैं, रिंकी ने एक टाइट लाल रंग का टॉप पहना हुआ था, जिसके अंदर गुलाबी रंग की उसके भाई रमन द्वारा लायी हुयी जालीदार ब्रा पहनी थी, और उसके बूब्स पहले से थोडा सा बड़े लग रहे थे..
टॉप इतना छोटा था की उसका पेट साफ साफ दिख रहा था, ** साल की उम्र की गोरी लड़की की गहरी नाभि भी दिख रही थी, नीचे उसने एक जीन्स की नेकर पहनी थी और उसके अंदर भी गुलाबी पेंटी पहनी थी जो उसके पिछवाड़े के ऊपर से दिखाई दे रही थी..
उसकी गोरी चिकनी मोटी झांघें बहुत ही सेक्सी लग रही थी जिसमे हलके हलके सुनहरे भूरे रंग के बाल रमन का लण्ड खड़ा कर रहे थे, बुरी नजर से बचने के लिए दोनों पैरों में बंधा हुआ काला धागा उसकी गोरी टांगों के सेक्सिपन की शोभा बढ़ा रहा था..
अपनी बहन को इस वेशभूषा में देखकर उसे उसको पढ़ाने का मन नहीं बल्कि चोदने का मन ज्यादा कर रहा था, रमन की हालत खराब थी, लेकिन उसकी भोली भाली बहन उसके इरादों से वाकिफ नहीं थी, रमन उसे सवाल समझने लगा)
रमन- बहना तूने कपडे पहन लिए जो मैं लाया था, बहुत अच्छी लग रही है तू कसम से.
रिंकी- झूठ बोल रहे हो भैया. सच सच बताओ.
रमन- माँ की कसम, बहुत ज्यादा हॉट और सेक्सी लग रही है.
रिंकी- बहुत गंदे हो आप भैया, कोई अपनी बहन के लिए ऐसे बोलता है.
रमन- इसमें क्या बुरा है, तू सही में गजब लग रही है, मेने तो बस सच बोला बहना.
रिंकी- चलो कोई बात नहीं, थैंक्स.
रमन- अब तू सारे सवाल कर तब तक मैं कंप्यूटर में गेम खेलता हूँ.
रिंकी- ठीक है भैया.
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