RE: Rishton May chudai परिवार में चुदाई की गाथा
कामना- और नहीं तो क्या, चुस चूस कर लाल कर देता था निप्पल, जब नहीं पिलाती थी तो रो रो कर बुरा हाल कर देता था, बड़ा शैतान था बचपन से, जब तू बड़ा हुआ तब थोड़ा मेरी चुच्चियों को आराम मिला बेटा.
रमन- माँ इतनी बड़ी चुच्ची को किसी का भी मन चूसने का करेगा, अभी भी देखो बाहर दिख रही है, आप जब भी मार्किट या कहीं भी जाती हो आपकी चुच्चियां आधी बाहर दिखती हैं माँ, सब लोग आपकी चुच्चियों को घूरते रहते हैं.
कामना- तो क्या हुआ, चुच्चियां तो औरतों की शान होती है, जितनी बड़ी चुच्ची मतलब उतने ही अच्छे घर से है.
रमन- मेरे छोड़ने के बाद किसी ने आपकी चुच्ची चूसी माँ?
कामना- ये कैसा गन्दा सवाल कर रहा है बदमाश, (शरमाते हुए)- हाँ तेरे पापा चूसते हैं जब छुट्टी में आते हैं घर.
रमन- मुझे तो अभी भी आपकी चुच्ची चूसने का मन होता है माँ.
कामना- तुझे तो मैं कभी न चुसाऊं अपनी चुच्ची, बचपन में छोड़ता नहीं था, अब तो बड़ा हो गया है अब तो बिलकुल भी नहीं छोड़ेगा.
रमन- नहीं माँ अब मैं कम चुसुंगा, पिला दो प्लीज…
(कामना रमन की छाती में बालों में हाथ फेरती है)
कामना- तेरी छाती में कितने बाल है बाप रे, इतने तो सर में होते हैं, कहाँ तक फैलें हैं ये?
रमन- पेट से भी नीचे तक माँ, रुको मैं बनियान उतरता हूँ, अब देखो.
कामना- बाप रे इतने बाल हैं पेट तक.
रमन- माँ पेट से भी नीचे तक घने बाल हैं टांगों में खत्म होते हैं सीधे.
(कामना चौंकते हुए अपने बेटे की चौड़ी छाती के बाल देखती है, पेट से छाती तक बालों में हाथ फेरती है, कामना की नजर रमन के पैजामे में खड़े झटके मारते हुए लण्ड पर भी जाती है, और कामना हंसने लगती है)
कामना- अब बड़ा हो गया तू, गबरू जवान. कोई गर्लफ्रेंड है क्या कॉलेज में?
रमन- नहीं माँ अभी नहीं, मुझे कोई पसंद ही नहीं आती.
कामना- क्यों, कैसी लड़की पसंद है तुझे?
रमन- माँ आपके जैसी, मोटी सी, जिसकी चूचियाँ मोटी हों, जिनका दूध में रात भर पी सकूँ.
कामना- तेरे साथ जिसकी शादी होगी उसकी चुच्ची को चूस चूस कर पका देगा तू तो, बड़ा ही दीवाना है तू चुच्ची का.
रमन- हाँ माँ तभी तो आपकी चुच्ची चूसना चाहता हूँ. प्लीज चूसने दो.
कामना(रमन के सर पर हाथ फ़ेरते हुए)- माँ की चुच्ची चुसेगा? लेकिन ज्यादा मत चूसना बचपन की तरह ठीक है?
रमन- हाँ माँ, कम चुसुंगा. जल्दी दिखाओ चुच्ची प्लीज प्लीज प्लीज..
कामना- ज्यादा जोश में मत आ, जोश में होश मत खो देना तू.
(फिर कामना नाईटी के ऊपर से ही अपने दोनों बूब्स बाहर निकाल देती है जो अब रमन के सामने नंगे थे, सुर्ख काले रंग के खड़े निप्पल बड़े बड़े गोरे बूब्स में ठीक वैसे लग रहे थे जैसे अंग्रेजों के बीच में कोई नीग्रो)
कामना- आजा, चूस ले इन्हें.
(कामना के इतना कहते ही रमन बूब्स में भूखे शेर की तरह झपट जाता है और रगड़ रगड़ के निप्पल को चूसता है, कामना सिहर उठती है और अपने बूब्स को दबाते हुए जैसे उनसे दूध निकाल रही हो रमन को चुसवाती है)
कामना- अह्ह्ह… ठीक ऐसे ही चूसता था रमन तू इन्हें बचपन में, तूने पुरानी यादें ताज़ा करदी कसम से बेटे. अह्ह्ह्ह…
(रमन लगातार बूब्स को चूसता है, उसे काफी समय बाद इतने विशालकाय और गोरे बूब्स चूसने को मिले थे, एक पल भी वो इन्हें बिना चूसे व्यर्थ नही करना चाहता था इसलिए वो पागलों की तरह चूसे जा रहा था और कामना भी इसका फायदा उठा कर मजे ले रही थी, पैजामे में लगातार रमन का लण्ड झटके मार रहा था, और उसने ऊपर से भी कुछ नहीं पहना था, कामना रमन की छाती में हाथ फ़ेरने लगती है)
कामना- कितना भूखा है मेरा लाडला बेटा, पी ले बेटा दूध आज जितना भी पी सकता है, अह्ह्ह्ह… उम्म्म्म्म…
(आधा घंटा हो गया अब भवना को नींद आ रही थी लेकिन रमन चुच्चियां चूसे जा रहा था, रुकने का नाम नही ले रहा था, और कामना को नींद आ जाती है…
सुबह जब कामना उठती है तो देखती है रमन अभी भी उसके बूब्स चूस रहा है, और वो गुस्से से रमन को अलग करती है और देखती है उसके बूब्स के काले निप्पल में सूजन आ गयी थी और वो फूल कर बहुत मोटे दाने जैसे हो गए थे)
कामना- पागल लड़के, तू सोया नहीं क्या?
रमन- नहीं माँ, मैं निप्पल चूस रहा था, बहुत मजा आया, रात भर आपके निप्पल चूसे, इसमें से हल्का सा दूध भी आया.
कामना- उफ्फ्फ ये लड़का तो पागल है, इतना चूसेगा तो दूध तो निकलेगा ही, अब देख कितने मोटेे हो गए ये, डॉक्टर को दिखाना पड़ेगा अब.
इससे बढ़िया रोज़ थोडा थोडा चूसता, अब ऐसे ही बैठा रह तू.
रमन- सॉरी माँ, डॉक्टर को मत दिखाओ ऐसे ही सही हो जायेगा ये.
कामना- तू डॉक्टर है क्या?
रमन- मेने इंटरनेट में पढ़ा था इसके बारे में.
कामना- चल ठीक है, अब उठ जा तू, रिंकी तो स्कूल जायेगी अभी. उसके लिए लंच पैक कर देती हूँ, तब तक तू भी नाहा धो ले, बदबू फैला रखी है तूने कमरे में.
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