RE: Rishton May chudai परिवार में चुदाई की गाथा
कामना की कमर पर एक सोने की चैन बंधी हुयी थी, जो उसके बदन की शोभा बढ़ा रही थी, रमन अपनी माँ के पुरे बदन को चूमे और चाटे जा रहा था, आज उसका इरादा कामना को खा जाने का था)
कामना- बेटा, अह्ह्ह्ह… अब सहन नहीं होता, डाल दे मगरमच्छ कीचड के अंदर, जल्दी कर बेटा, माँ को ऐसे ना तड़पा, अह्ह्ह्ह…. अह्ह्ह्ह…
रमन- आज तुझे जन्नत दिखाता हूँ माँ, तू फिक्र न कर, तेरा बेटा तुझे संतुष्ट कर देगा.
(और रमन अपना लण्ड अपनी माँ की चूत में लगाता है, और जोर लगा के हाइन्सा कर धक्के मारता है, माँ-बेटा चुदाई आरम्भ हो जाती है, कामना की सिसकारियाँ गालियों के साथ शुरू हो जाती हैं)
कामना- अह्ह्हह्ह्ह्ह… आह्ह्ह्ह्ह्… ऐसे ही जान, मेरे बेटे, हरामी, चोद अपनी माँ को और मादरचोद की उपाधि ले भोसडीके…अह्ह्ह्ह…
रमन- मेरी जान, मेरी रानी माँ, अह्ह्ह्ह… रंडी नंबर एक, आज फाड़ दूंगा तेरी चूत चिनाल… अह्ह्ह्ह्ह…
कामना- बहिनचोद, रंडवे, फाड़ अह्ह्ह.. के दिखा अह्ह्ह.. उम्म्म… अगर गांड में दम है तो अह्ह्ह.. ओहोह्ह्ह्ह्ह्… गयी मम्मी मैं तो अह्ह्ह्ह… चोद चोद अह्ह्ह…
(रमन अपनी रफ़्तार गतिमान एक्सप्रेस से भी तेज़ कर देता है और रफ़्तार के साथ और आवाज़ के साथ अपनी माँ की चूत में धक्के लगता है, फच फच की आवाज पुरे किचन में गूंजती है, साथ ही साथ कामना की चूड़ियों और घुँगरू की आवाज़ भी कामुक माहौल में एक समा बाँध देती है और रमन का जोश दोगुना करती है)
कामना- हाँ बस ऐसे ही, अह्ह्ह्ह्ह…. मेरे राजा, अह्ह्ह्ह… मेरे स्वामी… अह्ह्हहह… उम्म्म्म्म्म…. ओहोह्ह्ह्ह्…. ऐसे ही चोदो, यही रफ़्तार, यही जोश अह्हहाआआ….
रमन- मैं झड़ने वाला हूँ माँ…. अह्ह्ह्ह्ह….
कामना- मेरी चूत के अंदर ही डाल बेटा, अह्ह्ह्ह्ह माँ बना दे मुझे अपने बच्चे की, भर दे मेरी कोख एक बार फिर, डाल दे अपना बीज मेरी चूत में, अह्ह्ह्ह…. मैं भी झड़ने वाली हूँ बेटा अह्ह्ह्ह्ह्ह….. रमन डार्लिंग अह्ह्ह्ह…
(अपनी माँ के मुह से ये सब सुनकर रमन का जोश और बढ़ जाता है और चुदाई करते करते वो अपनी माँ की चूत के अंदर ही वीर्यपात कर देता है और कामना और रमन दोनो एक साथ झड़ते हैं और दोनों बिल्कुल कस कर एक दूसरे से चिपक जाते हैं, बाद में 69 मुद्रा में दोनों एक दूसरे की चूत और लण्ड चूसते हैं और एक बार और चुदाई करते हैं)
9 महीने बाद जब रिंकी और कामना दोनों अपने अपने बच्चों को जन्म देती हैं तो कारणवश रमन को अपनी माँ और बहन दोनों से शादी करनी पड़ती है और रिंकी और कामना एक दूसरे की सौतन ननद, जेठानी बनकर रमन को अपना पति मानती हैं और उसी के साथ रहती हैं..
कामना एक साथ बेटी की तरफ से नानी भी बनी थी, बेटे की तरफ से दादी भी बनी थी, और अपनी तरफ से माँ बनी थी, तो एक हिसाब से कामना को एक साथ 3 रिश्तों की जिम्मेदारी आई, वहीँ दूसरी और रिंकी अपनी तरफ से माँ भी बनी, भाई की तरफ से मौसी भी बनी और कामना की तरफ से एक बार फिर नन्हे मुन्हे बच्चे की बड़ी दीदी भी बनी और रमन चाचा, बाप और बड़ा भाई बना, ऐसा शायद ही कहीं देखने को मिले.
उपाधियाँ – रमन – मादरचोद (कामना (46) को चोदकर), बहिनचोद (रिंकी (**) को चोदकर).
अब वर्तमान में
सपना -इस कहानी का मतलब समझ नही आया भाई
काकी -- पंडित वैसे कुछ भी हो तेरी कहानी थी बहुत अच्छी पर इस कहानी से सुनंदा से बदला लेने वाली बात कहाँ से आ गई
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