RE: Romance एक एहसास
एकाएक आवाज आई “लगे रहो इंड़िया… लगे रहो…” ये सागर के शब्द थे|
“हाँ छ…छ…छोटे… बोल क्या बात है,” किशन हड़बड़ा गया|
“बात क्या है… कब से चिल्ला रहा था मगर आपको कुछ सुने तब तो… मैं एक झूले पर इससे ज्यादा देर तक नहीं खेल सकता| अब आपको रूकना है तो रूको मगर मैं घर जा रहा हूँ|
किशन ने उसे आइसक्रीम के लिए पैसे दे दिये और सागर चला गया|
सागर के जाने के बाद किशन व राधिका फिर से अपनी बातों में मशगुल हो गये|
“किशन जी एक बात पूछूं आपसे”
“पूछो…”
“आप किस तरह की लाईफ पसंद है,”
“लाईफ… मैं इस तरह से नहीं जीना चाहूंगा के अपने आस-पड़ोस और रिस्तेदारों के सिवा किसी को पता भी न चले कब दुनिया में आये और कब चला गये| मैं अपनी मातॄभूमि की ऐसी सेवा करना चाहता हूं कि लोग मुझे भी भारतीय आन्दोलनकारियों की तरह याद रखें और मॄत्यु के बाद भी मै उनकी बातों व यादों में जिन्दा रहूं| यदि मै अपने देश के लिये कुछ ऐसा कर सका तो मै अपना जीवन सफल समझूँगा|
“ओहो … तब तो आपको लेखक बनने की बजाये फौज मे भर्ती होना पडेगा”
“राधिका जी मेरे लिएअपने आप को सुधार लेना ही संसार की सबसे बड़ी सेवा ह परन्तु ऐसा हरगिज नही है कि अपनी मातॄभूमि की सेवा करने के लिये फौज का जवान होना जरूरी है नि:सदेंह फौज के जवान देश की रक्षा करते हुए मातॄभूमि की उत्तम सेवा करते हैं लेकिन यह एकमात्र रास्ता नही हैं उदाहरण के लिये बाबा रामदेव जी को लिजिये, वे फौज के जवान नही हैं लेकिन आज के हालातों को देखते हुए बाबा रामदेव जी अपनी मातॄभूमि की अति उत्तम सेवा कर रहे हैं| हमारे समाज में आज भी बहुत सी कमियां है जिनमे सुधार करके या करने का प्रयास करके भी हम अपने देश के विकास मे मदद कर सकते है|”
“किशन जी मै आपकी बात से सहमत हूं परन्तु हर कोइ इस बात से सहमत नहीं है और शायद इसीलिए कुछ लोग उनकी आलोचना भी कर रहे हैं”
“राधिका जी मै जानता हूं कुछ लोग बाबा जी की आलोचना कर रहे हैं मगर मै उन लोगों से सहमत नहीं हूं जो यह कहते है कि बाबा रामदेव जी को सिर्फ योग सिखाना चाहिये और जिसका जो काम है वह उसको करने दें और बाबा रामदेव जी के कुछ आलोचकों के शब्दों में साफ तौर पर गुन्डागर्दी झलक रही है मैं उन लोगों से पुछना चाहता हूं काले धन का मामला पिछले कइ वर्षों से उठ रहा है जिन लोगों का इस काले धन को वापिस लाने का काम था उनको अब तक किसने रोक रखा था या जो लोग यह कहते हैं कि बाबा रामदेव जी को सिर्फ योग सिखाना चाहिये वह यह बतायें कि यदि देश मे कोइ विप्पति आयेगी या देश के हालात बिगडेंगें तो क्या उसका प्रभाव बाबा रामदेव पर नही पडेगा और यदि देश के अच्छे तथा बुरे का प्रभाव उन पर पडता है तो देश के अच्छे या बुरे हालातों पर विचार करने का और यदि उनके पास इसके बारे मे कोइ उचित उपाय है तो वह देश के समक्ष रखने का उनको पूरा अधिकार है, न सिर्फ बाबा रामदेव बल्कि इस देश के हर नागरिक को यह अधिकार है क्योंकि स्वदेशप्रेम, स्वधर्मभक्ति और स्वावलंबन आदि ऐसे गुण हैं जो प्रत्येक मनुष्य में होने चाहिए|”
“किशन जी मै आपकी बात से फिर सहमत हूं मगर यह सवाल भी तो उठ रहे है कि बाबा रामदेव जी भी राजनिति मे आना चाहतें हैं”
“अरे तो इसमे गलत क्या है| क्या संविधान में कहीं ऐसा लिखा है कि देश का भला चाहने वाला कोइ योगी या महात्मा देश की बागढ़ोर संभालने के लिये राजनिति मे नहीं आ सकता| यह तो और भी अच्छा है कि बाबा रामदेव जैसे देशभक्त मेरे देश का नेतॄत्व करें| राधिका जी मै तो उनके इस निर्णय का भी सर्मथन करता हूं और अपनी शुभकामनाएं देता हूं|”
“परन्तु उनके बारे मे भी तो कुछ गैर कानुनी बातें सामने आ रही हैं जैसे की उनकी पंतजलि योगपीठ की जमीन व टैक्स चोरी के बारे मे भी तो सवाल उठ रहे हैं|”
“राधिका जी गुणों व अवगुणों के समावेश से ही इन्सान बनता है| इन्सान जीवन में बहुत सी गलतियां करता है, मगर कुछ लोग कोइ ऐसा नेक काम कर जाते हैं कि वे मरने के बाद भी लोगों की बातों में, उनकी यादों में जिन्दा रहते हैं| यदि बाबा रामदेव पर लगाये गये आरोप सत्य हैं और यदि वे यह साबित हो जाने पर भी उन मामलों में कानुनी कमियों मे सुधार नहीं करेंगें तब उन मामलों में मै उनका विरोध भी करूगा लेकिन इसका मतलब ये कतई नही है कि मै उनके “भ्रष्टाचार मिटाओ सत्याग्रह” का समर्थन नहीं करूगा| मै स्वामी रामदेव जी के “भ्रष्टाचार मिटाओ सत्याग्रह” का समर्थक था, हूं और रहूंगा क्योंकि इस सत्याग्रह मे उनकी हर मांग राष्ट्र हित में है| जब 5अप्रैल2011 सें माननीय श्री अन्ना हज़ारे ने भ्रष्टाचार के विरुद्ध संघर्ष करते हुए “जन लोकपाल विधेयक” पारित कराने के लिये उन्होने आमरण अनशन आरम्भ किया था तब उनके समर्थन मे मैने भी जन्तर-मन्तर से इण्डिया गेट तक हाथ में मोमबत्ती लेकर प्रदर्शन किया था| कुल मिलाकर मै यह कहना चाहता हूं कि मै आंखें बंद करके बाबा रामदेव जी का समर्थन नहीं कर रहा हूं बल्कि मै उनका समर्थन इसलिये कर रहा हूं क्योंकि उनकी हर मांग राष्ट्र हित में है और मै देश हित वाले सभी मुद्दों का समर्थन करूगा|
“मगर सुनने मे तो यह भी आ रहा है कि इस आंदोलन के पीछे आर. एस. एस., बीजेपी व सांप्रदायिक ताकतें हैं| ”
“अगर यह मान भी लिया जाए कि अन्ना और बाबा को संघ का समर्थन हासिल है तो उससे क्या आदोलन का उद्देश्य कमजोर हो जाता है| क्या जिन सवालों को लेकर अन्ना हजारे या बाबा रामदेव आदोलन कर रहे हैं, वे बेमानी हो जाते हैं| क्या आज हमारे देश में भ्रष्टाचार और काला धन राष्ट्रीय मुद्दा नहीं है| क्या देश और जनता से जुड़े इन मुद्दों को राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी को समर्थन देने का हक नहीं है| राधिका जी भ्रष्टाचार और काला धन पूरे देश की समस्या है और आंदोलन के पीछे चाहे जिसका भी हाथ हो मगर ये मुद्दे हैं तो विशुद्ध और गंभीर| जिनके लिए कड़े कानून बनाने ही होंगे| साथ ही काले धन को देश में वापस लाने के लिए भी ठोस रणनीति अपनाने की भी सख्त जरूरत है| राधिका जी कुव्यवस्था के विरूध इस लड़ाइ में हम सभी को लड़ना चाहिए या लडने वालों का समर्थन करके उनका हाथ मजबूत करें| भ्रष्टाचार से सभी परेशान हैं इसलिये हर धर्म और मजहब के लोग इसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं लेकिन सरकार काले धन को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करने के बारे में अध्यादेश जारी करने की बजाए लोगों को गुमराह करने के लिये इधर-उधर की बातें कर रही है| इससे तो यही समझ आता है कि सरकार न तो लोकपाल का गठन करना चाहती है और न ही विदेशों में जमा कालाधन को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करना चाहती है| शायद इसके पीछे कारण यह है कि कालाधन को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करने से सरकार के मंत्रियों और उसके सहयोगी दलों के कइ नेता बेनकाब हो जाएंगे| राधिका जी काले धन के खिलाफ कार्रवाइ मे देरी देश के लिये नुक्सानदायक है क्योंकि इस दौरान भ्रष्ट लोगों को अपने अवैध धन को मुखौटा कंपनियों में लगाने का मौका मिल जाएगा और इस बात से भी इन्कार नही किया जा सकता कि सरकार के कुछ लोग झूठे, धोखेबाज और षड़यंत्रकारी हैं| लोगों पर आधी रात में लाठियां और आंसू गैस के गोले चलाए गए लेकिन सरकार के कुछ अधिकारी उस कार्यवाई को जायज बता रहे हैं जबकि उसे षड़यंत्र के अलावा कोइ नाम नही दिया जा सकता| अहिंसा के साथ किसी भी परेशानी के लिये प्रर्दशन करने वाले लोगों पर जिसमे निर्दोष बच्चें और महिलाएं शामिल हों, इस तरह की कार्यवाइ को जो लोग जायज बता रहे हैं वे लोकतंत्र का अपमान कर रहे हैं| ऐसे कृत्य को किसी भी हालत में सही नहीं ठहराया जा सकता है|
“किशन जी अगर एक मिनट के लिये कार्यवाई के सही या गलत के मुद्दे को भुला दिया जाये तो आप पायेंगे कि औरतों और बच्चों को मिले कष्ट के लिये कुछ हद तक उनके माता-पिता की मुर्खता जिम्मेदार है…”
“मूर्खता… कैसी मूर्खता| ” राधिका की बात बीच मे ही काटते हुए किशन ने पूछा|
“किशन जी बच्चों को इस आंदोलन मे लाने की क्या जरूरत थी| ”
“राधिका जी बहुत जरूरत थी और जिसे आप मूर्खता कह रही है वह भविष्य की तैयारी है| यह इसलिए जरूरी है ताकि नई पीढ़ी बचपन से ही अपने अधिकारों के बारे में और गलत व्यवस्था ठीक करने का तरीका जाने| उनमें भ्रष्ट व्यवस्था से संघर्ष करने का जज्बा पैदा हो और बचपन से ही उनमें गलत चीजों को मिटाने और अच्छे संस्कार अपनाने की भावना जन्म ले|”
“मैने तो इस नजरिये से सोचा ही नही था, चलो आपकी ये बात तो मै मान लेती हूं मगर एक बात तो आपको मेरी माननी ही पड़ेगी कि हमारे देश के तत्काल सिस्टम को देखते हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ इस लडाई को कामयाबी आसानी से नहीं मिलेगी|”
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