RE: Hindi Antarvasna Kahani - ये क्या हो रहा है?
अब बापू ने मेरी पैंट की ज़िप नीचे की और मेरी पैंट की बेल्ट भी निकाल दी, अम्मा हैरानी से बापू की करतूत देख रही थी, अब बापू ने मेरी पैंट नीचे गिरा दी, और अम्मा ही नहीं बापू की भी आँखें फटीं रह गयीं, क्या ज़बरदस्त उभार था चड्डी में और मेरा लौडा चड्डी से बाहर आकर एक तरफ़ को निकल आया था, वो था ही इतना बड़ा की चड्डी में समा ही नहीं रहा था,
मेरा मोटा सुपाड़ा बाहर देखकर अम्मा की तो आह निकल गई, वो बोली- हे भगवान , कितना बड़ा है और मोटा भी,
बापू- हाँ जानू तुम्हारी बुर तो ये फाड़ ही देगा,
अम्मा - हाँ सच बहुत दर्द होगा लगता है मुझे,
बापू- अरे एक बार ये पहले भी तुम्हारी बुर फाड़ चुका है, जब बुर से बाहर आया था, आज अंदर जाकर फिर फाड़ेगा, और वो हँसने लगे, अब अम्मा भी मुस्करा दी,
फिर बापू ने अम्मा की कुर्ती उतार दी और ब्रा में फंसे हुए गोरे कबूतरों को देखकर मैं मस्ती से उनको दबाकर अम्मा की नरम जवानी का मज़ा लेने लगा,
बापू ने कहा- जानु चड्डी तो उतार दो बेचारा इसका लौड़ा कैसे फ़ंड़ा हुआ है, देखो ना,
अब अम्मा भी मस्ती में आ गयीं थीं , उन्होंने मेरी चड्डी उतार दी और मेरा गोरा मोटा लौड़ा देखकर सिसकी भर उठी,
अब बापू ने मेरा लौडा हाथ में लेकर सहलाया और कहा- देखो जानु कितना गरम है इसका लौड़ा और फिर अम्मा का हाथ पकड़कर उसपर रख दिया,
अम्मा के हाथ में मेरा लौड़ा आते ही अम्मा हाय कर उठी, वो मुझसे आँख नहीं मिला पा रही थी, पर उनका हाथ मेरे लौड़े पर चल रहा था और उनके अंगूठे ने सुपाडे का भी मज़ा ले लिया, मुझे उत्तेजना हो रही थी और मैं झुक कर उनकी ब्रा का हुक खोलना चाहा, पर मैं अनाड़ी खोल ही नहीं पाया,
बापू हँसते हुए मुझे हटा कर हुक खोल दिए और ब्रा को अलग करके अम्मा के बड़े बड़े मम्मे नंगा कर दिए, मैं तो जैसे पागल ही हो गया और मैंने अम्मा के खड़े लम्बे काले निपल्ज़ को मसलना शुरू किया, अब अम्मा की आह्ह्ह्ह्ह्ह निकलने लगी और उनका हाथ लौड़े पर और ज़ोर से चलने लगा,
तभी बापू ने अम्मा को लिटा दिया और मुझे बोले- चल बेटा अब अपनी माँ का दूध पी, जैसे बचपन में पिया था,
मैं झुका और अपना मुँह एक दूध पर रख दिया और उसे चूसने लगा, और दूसरे हाथ से दूसरे दूध को दबाकर मस्ती से भर गया,
अब अम्मा भी मज़े से हाऊय्य्य्य्य मेरा बच्चाआऽऽऽऽऽ हाय्य्य्य्य्य्य कहकर मेरा सर अपनी छाती पर दबाने लगी,
बापू बोले- अरे बस क्या एक ही दूध पिएगा , चल दूसरा भी चूस,
मैंने दूध बदलकर चूसना चालू किया, उधर बापू अम्मा की सलवार उतार दिए, और मुझे पहली बार पता चला की अम्मा पैंटी पहनती ही नहीं, बापू ने बाद में बताया था कि पिछले कुछ सालों से उन्होंने अम्मा को पैंटी पहनने से मना किया था,
अब अम्मा की बिना बालों वाली बुर मेरे आँखों के सामने थी, बापू ने मुझे अम्मा के पैरों के पास आने को कहा और उनकी टांगों को घुटनो से मोड़कर फैला दिया और उनकी जाँघों के बीच इनकी फूली हुई बुर देख कर मुझे लगा कि मैं अभी झड़ जाऊंगा
फिर बापू ने मुझे बुर सहलाने को कहा और वो नरम फूली हुई बुर को दबाकर सहलाकर मैं बहुत गरम हो गया, मेरे लौड़े के मुँह में एक दो बूँद प्रीकम आ गया था,
बापू ने उस प्रीकम को अपनी ऊँगली में लिया और सूंघकर बोले- वाह क्या मस्त गंध है,
फिर अम्मा के नाक के नीचे रखकर उनको सुँघाए और फिर अपनी ऊँगली अम्मा के मुँह में डाल दी, अम्मा बड़े प्यार से उसको चाट ली,
बापू बोले- बेटा, अपनी अम्मा को लंड दो चूसने के लिए , उसको चूसने में बहुत मज़ा आता है, अब अम्मा उठकर मेरा लौडा मुँह में लेकर चूसने लगी, और सुपाडे को जीभ से चाटने लगी,
फिर बापू ने कहा- चलो बाद में चूस लेना, अब चुदवा लो, अम्मा लौडा मुँह से निकाल कर लेट गयी,
अब बापू ने अम्मा की बुर की फाँकों को अलग किया और उनकी गुलाबी छेद को मुझे दिखाया और बोले- बेटा ये तेरा जन्म स्थान है, तू यहाँ से ही पैदा हुआ था, अब चल वापस यहीं अपना लौड़ा डालकर फिर से अंदर जा,
अब मैं अम्मा की जाँघों के बीच आया और बापू ने मेरे लौड़े को पकड़ कर के सुपाडे को गुलाबी छेद पर रखा और कहा- चल बेटा धक्का दो, मैंने धक्का मारा और आधा लौड़ा बुर के अंदर चला गया, अम्मा की चीख़ निकल गयी- हाऽऽऽऽयय्यय मरीइइइइइइइइइइ , धीरे से करोओओओओओओओओ ,
मैंने घबरा के बापू को देखा तो उन्होंने इशारा किया और ज़ोर से मारो, मैंने फिर धक्का मारा और मेरा पूरा लौड़ा अंदर चले गया, मुझे लगा कि जैसे किसी गरम भट्टी में मेरा लौडा फँस गया है, वाह क्या तंग बुर थी अम्मा की, अम्मा को शायद दर्द हो रहा था वो बोली- आह बेटा धीरे करो, तुम्हारा बहुत बड़ा है, थोड़ा समय दो आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह,
बापू ने कहा- बेटा अम्मा का दूध चूसो और दबाओ वो मस्त हो कर चुदवायेगी, मैंने वैसे ही किया, अब अम्मा गरम होने लगी और उनका दर्द भी मज़े में बदलने लगा,
फिर मैंने उनके होंठ चूसने शुरू किए, अब अम्मा ने मेरे चूतरों पर अपने हाथ रख दिया और मुझे धक्का मारने में मदद करने लगी,
उधर अम्मा नीचे से अपनी कमर उठाकर मेरा साथ देने लगी, अब ज़ोरों की चुदायी हो रही थी, तभी मैंने देखा कि बापू अपना पैंट उतारकर अपने छोटे से लंड को रगड़ रहे थे पर वो खड़ा नहीं हो रहा था,
उधर अम्मा अब चिल्ला रही थी- हाऊय्य्य्य्य्य बेटाआऽऽऽऽऽऽ चोद मुझे आऽऽह्ह्ह्ह्ह्ह क्या मस्त लौड़ा है तेरा हाय्य्य्य्य मर गईइइइइइइइइ फाड़ दे आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मेरी फाड़ दे, हाय्य्य्य्य्य्य्य ऐसी ही चुदायी चाहिए थी मुझे बेटाआऽऽऽऽऽऽऽऽ ,
अब कमरा फ़च फ़च की आवाज़ से भर गया था,
बापू अब पास आकर हमारी चुदायी देख रहे थे और अपना लंड हिला रहे थे, तभी अम्मा चिल्ला कर बोली- हाय्य्य्य्य्य्य्य जोओओओओओओओओओर्र्र्र्र से चोदोओओओओओओओओओ , आह्ह्ह्ह्ह मैं झड़ीइइइइइइ ,
अब मैं भी अपनी अम्मा के साथ ही झड़ गया,
बापू अभी भी लंड हिला रहे थे पर वह अभी भी छोटा सा सिकुड़ा हुआ ही था, मुझे बापू के लिए काफ़ी अफ़सोस था पर अपने लिए मैं बहुत ख़ुश था, मुझे चोदने के लिए चूत जो मिल गयी थी,
बस उस दिन के बाद से मैं अम्मा के साथ ही सोता हूँ, और वो रोज़ ही कम से कम दो बार मुझसे अपनी फुद्दी मरवाती है, अब तो मैं अम्मा की गांड भी मारता हूँ....
चमकू की कहानी सुनकर मेरा लोडा तो मेरी पेंट फाडकर बाहर आने को तैयार हो गया, मैं बहुत ही ज्यादा उत्तेजना महसूस कर रहा था, अब मुझे चुदाई के बारे में काफी कुछ पता चल गया था, और ये भी कि कल सरला ताई और सुमेर चुदाई ही कर रहे थे.....
चमकू – क्यों बे, अब तो यकीन हुआ ना कि अम्मा मेरी गुलाम है....
मैं – हाँ यार , सच में, तू बड़ी ही किस्मत वाला है, तेरे पास रोज़ चोदने के लिए चूत जो है...
चमकू – वैसे अगर तू चाहे तो एक काम हो सकता है..
मैं – वो क्या
चमकू – मैं तुझसे अपनी अम्मा को चुदवा सकता हूँ
चमकू की बात सुनकर तो मुझे लगा जैसे अभी मेरा पानी निकल जाएगा
मैं – पर यार ये कैसे सम्भव है, मेरा मतलब है कि तेरी बात अलग है, तू उनका बेटा है, पर वो मुझसे क्यों करवाएगी
चमकू – मेरे कहने से वो कुछ भी कर सकती है...
मैं – सच्ची, तू सच में काकी की दिलवाएगा मुझे....
चमकू – हाँ, पर एक शर्त है....
मैं – वो क्या...
चमकू – तू जब भी कोई चूत मारे तो मुझसे भी उसकी मरवाएगा....
मैं – पर यार मैं तो किसी की चूत नही मारता.,...
चमकू – अबे पता है बेवकूफ, इसलिए तो बोला कि जब भी मारे, आज नही तो कल, पर जब भी मारे
मैं – चल फिर तय रहा... पर तू झुमरी काकी को कैसे राज़ी करेगा....
चमकू – तू उसकी फ़िक्र मत कर, कुछ ही दिनों में वो तेरे लंड के निचे लेटी होंगी, बस तेरा लंड चूत मारने के लायक हो, कहीं ऐसा ना हो कि 2 इंच की लुल्ली लेकर हाज़िर हो जाए, नही तो तेरे साथ मुझे भी हाथ धोना पड जायेगा अपनी अम्मा की फुद्दी से, हा हा हा ..........
चमकू मेरे लंड का मजाक उड़ाकर हंसने लगा पर उसे ये बात कहाँ पता थी कि मेरा लंड उसके लंड से दुगुना लम्बा और ढाई गुना मोटा है.... मैं भी उस वक्त ज्यादा कुछ नही बोला... कुछ देर और हम यहाँ वहां की बाते करते रहे और फिर मैं वापस अपने घर की तरफ चल पड़ा....
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