Desi Porn Kahani नाइट क्लब
08-02-2020, 12:57 PM,
#53
RE: Desi Porn Kahani नाइट क्लब
सरदार करतार सिंह ने कुर्सी पर बैठे—बैठे सामने टेबिल पर रखी शराब की बोतल खोल डाली और फिर थोड़ी—सी शराब गिलास के अंदर पलटी।
उसके बाद फ्रीज में से निकालकर दो आइस क्यूब भी उसने गिलास में डाले।
पैग तैयार हो गया।
“क्या तुसी बी एक पैग लोगी?” करतार सिंह ने मेरी तरफ देखकर पूछा।
“नहीं।”
“क्यों- तुसी पहले तो खूब पीन्दी सी। पहले तो शराब त्वाडा सबसे चंगा शौक सी।”
“मेरी फिलहाल इच्छा नहीं है।”
“या फिर एक शरीफ बंदे दी बीवी बनने के साथ—साथ शराब नू पीना वी छोड़ दित्ता ए। इस तरह दे सारे नामुराद शौका नाल तौंबा कर ली है। एक—आध पैग ले लो, पुराने दोस्तां नाल कदो—कदो यादें ताजा कर लेनी चाहिए।”
करतार सिंह ने एक—दूसरे बड़े खूबसूरत कटिंग वाले गिलास में थोड़ी—सी शराब और पलट दी तथा उसमें एक आइस क्यूब भी डाल दिया।
“लो- चियर्स!”
“मैंने कहा न, मेरी इच्छा नहीं है।”
“ओ.के.।”
करतार सिंह ने ज्यादा बहस नहीं की।
उसने गिलास वापस वहीं टेबिल पर रख दिया।
फिर वो पहले की तरह कुर्सी की पुश्त से पीठ लगाकर बैठ गया और अपने गिलास में से शराब का एक घूंट चुसका।
“मैं त्वानु एक गल बहुत साफतौर पर बता देना चाहता हूं शिनाया शर्मा!” करतार सिंह बोला।
“क्या?”
“कम—से—कम मेरी वजह से त्वानु ज्यादा परेशान होने दी जरूरत नहीं है। मैं त्वाडे राज ते जरूर वाकिफ हूं, लेकिन ए राज हमेशा मेरे दिल विच ही रहेगा। ए गल कभी वी मेरी जुबान ते तिलक राजकोटिया नूं पता नहीं लगेगी।”
मैंने करतार सिंह की उन बातों की तरफ कोई खास ध्यान न दिया।
मेरी आंखें उसके कमरे का मुआयना करने में तल्लीन थीं।
वो काफी बड़ा कमरा था और हनीमून लॉज के बिल्कुल बैक साइड में बना हुआ था। सामने की तरफ एक छोटा—सा टैरेस था, जो एक बिल्कुल उजाड़ बियाबान इलाके की तरफ खुलता था और जहां दूर—दूर तक सन्नाटा था। मैं धीरे—धीरे टहलती हुई टैरेस पर पहुंची।
फिर मैंने बियाबान इलाके की तरफ देखा।
रात के समय उस उजाड़ बियाबान इलाके का सन्नाटा और भी गहरा दिखाई पड़ रहा था।
“क्या देख रही हो?” पीछे से करतार सिंह की आवाज मेरे कानों में पड़ी।
“कुछ नहीं।”
तभी सरदार करतार सिंह भी शराब का गिलास हाथ में पकड़े—पकड़े वहां टेरेस पर आ गया।
उसके मुंह से शराब के भभकारे छूट रहे थे।
“तुसी मेरी गल सुनी।” सरदार करतार सिंह पुनः बोला—”कम—से—कम मेरी वजह तों त्वानु ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है।”
“मैं जानती हूं, इस बात को बार—बार दोहराओ मत।”
“क्या जानती हो?”
“यही कि तुम भले आदमी हो।” मैं उसकी आंखों में झांकते हुए बोली—”शरीफ आदमी हो। तुम्हारे कारण मुझे कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। लेकिन फिर भी एक भयंकर गलती तो तुमसे हो ही चुकी है करतार सिंह।”
“क्या?”
“यही कि तुम मुझे पहचान चुके हो। अगर शराब ने तुम्हारे दिमाग को वाकई घिस दिया होता, तो तुम्हारे हक में बहुत अच्छा रहता। तब शायद तुम्हारे ऊपर वह आफत न आती, जो अब आने वाली है। मैं जानती हूं, तुम अपनी जबान के पक्के हो। लेकिन फिर भी मैं कोई रिस्क नहीं उठाना चाहती।”
“की मतलब?”
“दरअसल तिलक राजकोटिया को मैंने बड़ी मुश्किल से हासिल किया है करतार सिंह!” मैं धीरे—धीरे उसकी तरफ बढ़ी—”इसमें कोई शक नहीं कि मैंने दौलत की खातिर ही उससे शादी की। मैं नाइट क्लब की जिंदगी से तंग आ चुकी थी, मुझे दौलत चाहिए थी, ढेर सारी दौलत! और वह दौलत मुझे तिलक के पास दिखाई दी। करतार सिंह,तुम्हारी जानकारी के लिए बता दूं, उसे तथा उसकी दौलत को हासिल करने के लिए मैं एक खून कर चुकी हूं।”
“दाता! तुसी एक खून वी कर चुकी हो?”
“हां।” मैं बहुत दृढ़ शब्दों में बोली—”एक खून! जरा सोचो, जिस आदमी को हासिल करने के लिए मैं एक खून कर सकती हूं, तो वह सदा मेरी मुट्ठी में रहे,इसके लिए मैं एक खून और नहीं कर सकती।”
“क... की कहना चांदी हो तुम?”
मैं एकदम चीते की भांति सरदार करतार सिंह की तरफ झपट पड़ी।
इससे पहले कि करतार सिंह को मेरे खतरनाक इरादों की जरा भी भनक मिल पाती, मैंने नीचे झुककर करतार सिंह के दोनों पैर पकड़ लिये और फिर अपनी पूरी शक्ति लगाकर उसे टैरेस से पीछे की तरफ उछाल दिया।
करतार सिंह की अत्यन्त हृदयग्राही चीख गूंज उठी।
वह हवा में कलाबाजी खाता चला गया और फिर कई मंजिल नीचे धड़ाम् से नुकीले पत्थरों पर जाकर गिरा। नीचे गिरते ही उसका सिर बिल्कुल किसी तरबूज की तरह दो हिस्सों में फट पड़ा। वह जिंदा बचा होगा, इस बात का तो अब प्रश्न ही नहीं था।
मैं टैरेस से वापस कमरे में पहुंची।
मेरी सतर्क निगाहें इधर—उधर घूमीं।
शराब का वह दूसरा गिलास अभी भी टेबिल पर रखा था, जिसे करतार सिंह ने मेरे लिए तैयार किया था और जिसमें एक पैग शराब थी।
मैं एक ही घूंट में उस शराब को पी गयी और फिर गिलास धोकर वापस यथास्थान रखा।
फिर मैं बिल्कुल चोरों की भांति कमरे से बाहर निकली।
लॉज में पूर्व की भांति गहन सन्नाटा व्याप्त था। शायद सरदार करतार सिंह की हृदयग्राही चीख किसी के कानों में नहीं पड़ी थी।
मैं तेज—तेज कदमों से सीढ़ियों की तरफ बढ़ती चली गयी।
•••
Reply


Messages In This Thread
RE: Desi Porn Kahani नाइट क्लब - by desiaks - 08-02-2020, 12:57 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,501,616 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 544,414 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,231,865 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 931,630 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,653,883 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,080,893 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,951,315 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,056,321 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,032,148 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 284,872 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 5 Guest(s)