Desi Porn Kahani नाइट क्लब
08-02-2020, 12:59 PM,
#74
RE: Desi Porn Kahani नाइट क्लब
तिलक राजकोटिया ने अब रिवॉल्वर और भी ज्यादा मजबूती के साथ अपने हाथों में पकड़ ली थी।
वो भांप गया था, दुश्मन अब उससे कोई बहुत ज्यादा दूर नहीं है।
छत पर पहुंचते ही हमारी निगाहें इधर—उधर घूमीं।
पूरी छत बिल्कुल सुनसान पड़ी थी।
दूर—दूर तक रात की गहन नीरवता व्याप्त थी। छत पर पानी की बड़ी—बड़ी काली सिंटेक्स टंकियों के अलावा कुछ नजर नहीं आ रहा था।
“जरूर वो इस समय किसी पानी की टंकी के पीछे छुपा है।” मैं बहुत धीमी आवाज में फुसफुसाई।
“ठीक कहती हो तुम!”
फिर हम धीरे—धीरे पानी की टंकियों की तरफ बढ़े।
हम हर चंद यह कोशिश कर रहे थे कि हमारे चलने के कारण आवाज उत्पन्न न हो। लेकिन छत पर इस कदर सन्नाटा था कि अगर कोई सांस भी लेता, तो उसकी भी आवाज सुनाई पड़ती।
“डॉक्टर!” मैं टंकियों के नजदीक पहुंचकर चिल्लाई—”हम जानते हैं- तुम टंकियों के पीछे छिपे हो। अगर अपनी खैरियत चाहते हो, तो खामोशी के साथ बाहर निकल आओ। वरना तुम कुत्ते से भी ज्यादा बद्तर मौत मरोगे।”
डॉक्टर ने कोई जवाब नहीं दिया।
छत पर पुनः सन्नाटा व्याप्त हो गया।
उसकी सांसों की आवाज तक हमें सुनाई नहीं पड़ रही थी।
ऐसा लग रहा था- मानो वह अपने दिल की धड़कन तक पर काबू किये हुए था।
“डॉक्टर!” तिलक भी रिवॉल्वर टंकियों की तरफ तानकर चीखा—”बाहर निकल आओ, यह हमारी तरफ से तुम्हें आखिरी चेतावनी है।”
फिर कोई जवाब नहीं।
अब हमारे दिल में एक नई शंका घर बनाने लगी। कहीं ऐसा तो नहीं था- वह मद्रासी डॉक्टर पानी की टंकियों के पीछे भी न हो।
हम धीरे—धीरे टंकियों के थोड़ा और नजदीक पहुंचे।
तभी एकाएक डॉक्टर बहुत जबरदस्त झटके के साथ टंकी के पीछे से बाहर निकला और चीते की तरह हमारे ऊपर झपट पड़ा।
वह बड़े रौद्र रूप में था और उसके हाथ में लोहे की एक लम्बी रॉड थी। एकदम प्रकट होते ही उसकी रॉड धड़ाक् से घूमी और सीधे मेरी टांग पर पड़ी।
मेरे हलक से अत्यन्त मर्मभेदी चीख निकल गयी।
मैं दहाड़ते हुए पीछे गिरी।
मुझे ऐसा लगा- जैसे मेरी टांग की हड्डी में अंदर तक सनसनाहट दौड़ गयी हो।
तिलक ने फौरन उसका निशाना लेकर रिवॉल्वर का ट्रेगर दबाना चाहा। लेकिन डॉक्टर अय्यर में न जाने कहां से बेपनाह फुर्ती आ चुकी थी। मेरे ऊपर लोहे की रॉड का प्रहार करते ही वह एकदम बिजली जैसी फुर्ती के साथ तिलक की तरफ घूम गया और फिर रॉड भड़ाक से उसके भी पड़ी।
तिलक भैंसे की तरह डकरा उठा।
रॉड सीधे उसके कंधे पर पड़ी थी।
उसने फिर बहुत जोर से घुमकर एक बार और रॉड तिलक के जड़ी।
“ऐन्ना- तुम क्या समझते हो!” वह अर्द्धविक्षिप्तों की भांति दहाड़कर बोला—”तुम मुझे पकड़ लोगे, बृन्दा की तरह मार डालोगे मुझे? नहीं- मुरुगन की शपथ, अब मैंने तुम दोनों को नरक पहुंचा देना है।”
गुस्से के कारण उसके जिस्म का एक—एक पुर्जा कांप रहा था।
वह साक्षात् दरिन्दा नजर आ रहा था।
खूनी दरिन्दा!
जो उस क्षण किसी की भी जान ले सकता था।
उसने फिर अपनी भरपूर शक्ति के साथ घुमाकर लोहे की रॉड तिलक के जड़नी चाही।
तिलक फौरन छत पर कलाबाजी खा गया।
रॉड टन्न् की जोरदार आवाज के साथ लैंटर पर जाकर लगी।
उसके बाद डॉक्टर अय्यर वहां नहीं रुका।
सैकेण्डों में अपना रौद्र रूप दिखाने के बाद वह वापस छत से नीचे जाने वाली सीढ़ियों की तरफ झपटा।
तिलक ने भी इस बीच असीमित फुर्ती का परिचय दिया। वह बड़ी तेजी के साथ न सिर्फ छत से उठकर खड़ा हो गया, बल्कि उसने रिवॉल्वर भी उसकी तरफ तान दी।
डॉक्टर अय्यर द्रुतगति के साथ सीढ़ियों की तरफ दौड़ा जा रहा था।
रॉड अभी भी उसके हाथ में थी।
“डॉक्टर!” तिलक कहर भरे स्वर में चिल्लाया—”रुक जाओ, वरना मैं गोली चला दूंगा।”
भागते—भागते डॉक्टर अय्यर ने पलटकर देखा।
एकाएक उसकी आंखों में आतंक के भाव तैर गये।
“पागल मत बनो डॉक्टर!” तिलक दोबारा चीखा—”मौत तुम्हारे बिल्कुल सिर पर खड़ी है।”
मगर वो रुका फिर भी नहीं।
तब तक वो दौड़ता—दौड़ता सीढ़ियों के पास तक पहुंच गया था। तभी उसने पहली सीढ़ी पर कदम रखा।
लेकिन वो पहली सीढ़ी से दूसरी सीढ़ी पर कदम नहीं रख पाया।
उससे पहले ही तिलक ने गोली चला दी।
डॉक्टर अत्यन्त हृदयग्राही ढंग से चिल्ला उठा। उसके चीखने की आवाज ऐसी थी- जैसे कोई बकरा जिबह किया गया हो। फिर भी वो कुछेक सीढ़ियां काफी जल्दी—जल्दी उतरा। उसके बाद उसका पैर फिसलने की आवाज हुई और धड़ाधड़ सीढ़ियों पर गिरने की आवाज हुई।
हम दोनों उसके पीछे—पीछे दौड़ते हुए सीढ़ियों से नीचे उतरे।
नीचे पहुंचकर हमने देखा- वह बिल्कुल आख़िरी सीढ़ी पर औंधे मुंह पड़ा हुआ था। उसकी टांगें पीछे को थीं और हाथ आगे को फैले हुए थे।
गोली ठीक उसकी गर्दन की हड्डी को तोड़ती चली गयी थी तथा अब वहां से थुलथुल करके खून निकल रहा था।
इतना ही नहीं, दहशत के कारण उसकी आंखें भी बड़े खौफनाक अंदाज में फटी—की—फटी रह गयी थीं।
सबसे पहले मैंने डॉक्टर अय्यर के नजदीक पहुंचकर उसका मुआयना किया।
“क्या हुआ?” मेरे पीछे—पीछे तिलक राजकोटिया भी दौड़ता हुआ उसके पास पहुंचा—”क्या यह मर गया?”
“हां- यह मर चुका है।”
“माई गॉड!”
आतंक और बढ़ गया।
•••
Reply


Messages In This Thread
RE: Desi Porn Kahani नाइट क्लब - by desiaks - 08-02-2020, 12:59 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,502,288 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 544,496 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,232,128 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 931,789 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,654,218 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,081,242 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,951,896 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,058,350 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,032,848 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 284,932 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 3 Guest(s)