Thriller विक्षिप्त हत्यारा
08-02-2020, 01:06 PM,
#9
Thriller विक्षिप्त हत्यारा
सारा दिन सुनील राम ललवानी की शंकर रोड स्थित कोठी की निगरानी करता रहा ।

उसे वहां मुकुल या बिन्दु के दर्शन नहीं हुए ।

अन्धेरा होने के बाद सुनील ने कोठी के भीतर घुसने का निश्चय कर लिया ।

वह मोड़ काटकर कोठी के पिछवाड़े में पहुंचा । वहां एक जीरो वाट का बल्ब जल रहा था जिसका प्रकाश पिछवाड़े के लॉन का अन्धकार दूर करने के लिये काफी नहीं था । सुनील चारदीवारी फांद कर पिछवाड़े में कूद गया ।

पिछवाड़े के नीचे की मंजिल के कमरों में प्रकाश नहीं था । साइड के एक कमरे की खिड़की में प्रकाश था । सुनील ने उसमें से झांककर भीतर देखा । वह एक किचन थी । भीतर दो नौकर मौजूद थे ।

पहली मंजिल के साइड के एक कमरे में से काफी रोशनी बाहर फूट रही थी । कमरे में से संगीत की आवाज आ रही थी ।

सुनील उस कमरे की खिड़की के नीचे पहुंचा । काफी देर तक वहां कान लगाये खड़ा रहा लेकिन कमरे में से किसी के बोलने की आवाज नहीं आई । केवल विलायती गानों की स्वर लहरियां ही उनके कानों तक पहुंच रही थीं ।

सुनील ने दीवार का निरीक्षण किया ।

पानी का एक पाइप दीवार के साथ-साथ ऊपर की मंजिल की छत पर गया था । वह पाइप ऊपर की मंजिल की खिड़की के सामने से गुजरता था ।

सुनील ने मन-ही-मन फैसला किया । उसने जूते उतारकर पैंट में ठूंसे और चुपचाप पाइप के सहारे ऊपर चढने लगा ।

खिड़की के समीप पहुंकर उसने बड़ी सावधानी से भीतर झांका ।

वह एक विशाल कमरा था । एक कोने में एक रेडियोग्राम था जिसके सामने बिन्दु बैठी थी और बड़ी तन्मयता से रिकार्ड सुन रही थी । रेडियोग्राम से एकदम विपरीत दिशा में दीवार के साथ पड़े सोफे पर राम ललवानी और मुकुल बैठे थे । दोनों धीरे-धीरे बातें कर रहे थे ।

सुनील ने गरदन पीछे खींच ली और फिर सावधानी से पाइप से नीचे उतरने लगा ।

आधा रास्ता तय कर चुकने के बाद उसने दुबारा नीचे झांककर देखा और फिर उसका दिल धड़कने लगा ।
नीचे अन्धकार में एक साया खड़ा था जो सिर उठाकर उसी की ओर देख रहा था ।

सुनील को पाइप पर रुकता देखकर नीचे खड़ा साया धीमे स्वर में बोला - "मेरे हाथ में रिवाल्वर है । चुपचाप नीचे उतर आओ । जरा सी भी शरारत करने की कोशिश की तो शूट कर दूंगा ।"

सुनील पाइप पर नीचे सरकने लगा । साया उससे बहुत दूर था, इसलिये वह उस पर छलांग नहीं लगा सकता था ।

ज्यों ही सुनील के पांव धरती पर पड़े, साया आगे बढा ।

सुनील ने देखा वह एक लगभग पैंतीस साल का, लम्बा चौड़ा, पहलवान-सा आदमी था । उसके हाथ में वाकई रिवाल्वर थमी हुई थी जिसका रुख सुनील की ओर था ।

"आगे बढो ।" - वह बोला ।

सुनील आगे बढा । पहलवान ने उसकी पीठ के पीछे रिवाल्वर सटा दी और उसे टहोकता हुआ आगे बढाता चला गया ।

इमारत के साइड में एक द्वार था जिसके वे भीतर गए । सीढियों के रास्ते वे पहली मंजिल पर पहुंचे । वे एक गलियारे में से गुजरे । पहलवान ने उसे एक दरवाजे के सामने रुकने का संकेत किया ।

सुनील रुक गया ।

पहलवान के संकेत पर उसने दरवाजा खटखटाया ।

"कौन है ?" - भीतर से किसी की कर्कश स्वर सुनाई दिया ।

"पूरन सिंह, बॉस ।" - पहलवान बोला ।

"दरवाजा खुला है ।"

पूरन सिंह के संकेत पर सुनील ने दरवाजे को धक्का दिया । दरवाजा खुल गया और साथ ही संगीत की स्वर लहरियां बाहर फूट पड़ी । सुनील ने देखा, वह वही कमरा था जिसमें उसने थोड़ी देर पहले खिड़की के रास्ते भीतर झांका था ।

पूरन सिंह ने उसकी पसलियों को रिवाल्वर से टहोका । सुनील ने कमरे के भीतर कदम रखा ।
राम ललवानी और मुकुल वह दृश्य देखकर स्प्रिंग लगे खिलौने की तरह अपने स्थान से उठ खड़े हुए । बिन्दु ने एक बार भी सिर उठाकर देखने की तकलीफ न की कि भीतर कौन आया था । वह पूर्ववत् रेडियोग्राम के सामने बैठी रही ।

"बॉस" - पूरन सिंह राम ललवानी से सम्बोधित हुआ - "यह आदमी पिछवाड़े के पाइप के सहारे चढकर इस कमरे में झांक रहा था ।"

मुकुल की निगाहें सुनील से मिलीं और फिर मुकुल के नेत्र फैल गये ।

"राम" - वह हड़बड़ाये स्वर में बोला - "यह तो वही आदमी है जो..."

"शटअप !" - राम ललवानी मुकुल की बात काटकर अधिकारपूर्ण स्वर में बोला - "मैं जानता हूं यह कौन है ? आज के अखबार में इसकी तस्वीर छपी है । इसने सोहन लाल की हत्या की थी लेकिन पुलिस इन्स्पेक्टर से कोई यारी होने की वजह से यह अभी तक आजाद घूम रहा है ।"

मुकुल फौरन चुप हो गया ।

"पूरन सिंह, इसकी तलाशी ली ।" - राम ललवानी ने आदेशात्मक स्वर में कहा ।

पूरन सिंह ने नकारात्मक ढंग से सिर हिला दिया ।

"रिवाल्वर मुझे दो और इसकी तलाशी लो ।"

पूरन सिंह ने रिवाल्वर राम ललवानी की ओर उछाल दी जिसे उसने बड़ी दक्षता से लपक लिया ।

पूरन सिंह ने उसकी तलाशी ली ।

"इसके पास कुछ नहीं है ।" - थोड़ी देर बाद वह बोला । सुनील की दाईं आस्तीन पर उसका हाथ नहीं पड़ा था, जहां कि उसने स्लीव गन छुपाई हुई थी ।

राम ललवानी ने वापिस रिवाल्वर पूरन सिंह की ओर उछाल दी और बोला - "तुम जाओ ।"

पूरन सिंह रिवाल्वर लेकर कमरे से बाहर निकल गया । जाती बार वह दरवाजा बाहर से बन्द करता गया ।
कई क्षण कोई कुछ नहीं बोला ।

अन्त में सुनील ने ही शान्ति भंग की । वह राम ललवानी और मुकुल की ओर देखकर मुस्कुराया और फिर मीठे स्वर से बोला - "हल्लो, ललवानी बन्धुओ ।"

मुकुल एकदम चौंका । वह राम ललवानी की ओर घूमकर बोला - "राम, देखा । यह आदमी बहुत खतरनाक है । यह जानता है कि...."

"शटअप, मैन ।" - राम ललवानी बोला ।

मुकुल फिर कसमसा कर चुप हो गया ।
Reply


Messages In This Thread
Thriller विक्षिप्त हत्यारा - by hotaks - 08-02-2020, 01:06 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,483,008 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 542,418 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,224,645 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 926,244 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,643,647 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,071,937 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,936,315 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,008,660 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,013,590 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 283,125 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)