Thriller विक्षिप्त हत्यारा
मनोहर ललवानी अपने भाई राम ललवानी के रेस्टोरेन्ट गुलनार में गिटार बजाता था और विलायती गाने गाता था । पुलिस को विश्वस्त सूत्रों से मालूम हुआ था गीगी ओब्रायन वगैरह की नृशंस हत्याओं के लिये मनोहर ललवानी जिम्मेदार था । आज रात को जब वह क्लब में से बाहर निकल रहा था तो पुलिस ने उसे घेर लिया लेकिन मनोहर ललवानी के पास रिवाल्वर थी, पुलिस इस विषय में असावधान थी । पुलिस इस बात की अपेक्षा नहीं कर रही थी कि मनोहर ललवानी पुलिस पर गोली चलाने की हिम्मत करेगा । परिणामस्वरूम मनोहर ललवानी गुलनार रेस्टोरेन्ट के सामने से पुलिस का घेरा तोड़कर निकल भागा लेकिन पुलिस से अपना पीछा छुड़ाने में सफल न हो सका । पुलिस ने उसका पीछा किया और बान्द्रा के रेल के पुल पर उसे दुबारा घेर लिया । दोनों ओर से गोलियों का आदान-प्रदान हुआ जिसमें एक सब-इन्सपेक्टर और दो सिपाही बुरी तरह घायल हो गये । मनोहर ललवानी पुल पर दोनों ओर से पुलिस द्वारा घिर गया था । जब उसकी रिवाल्वर की गोलियां खत्म हो गईं तो उसने रिवाल्वर फेंक दी और पुल के ऊपर चढकर नीचे समुद्र में छलांग लगाने की कोशिश की लेकिन वह अपने इस प्रयत्न में सफल नहीं हो सका । वह पुलिस इन्सपेक्टर कर्माकर की गोली का शिकार हो गया और फिर उसकी गोलियों से छलनी लाश पानी में जा गिरी ।
समुद्र में मनोहर ललवानी की लाश की तलाश जारी है ।
साथ में अखबार की दो कटिंग और थीं जिनमें गीगी ओब्रायन की हत्या से पहले मरी दो लड़कियों की हत्याओं का पूरा विवरण था । फ्लोरी की हत्या भी बिल्कुल उसी ढंग से हुई थी । चारों हत्यायें एक ही शख्स का कारनामा कैसे हो सकती थी जब कि कटिंग में छपा वह समाचार भी झूठ नहीं मालूम होता था कि पहली तीन हत्याओं का जिम्मेदार मनोहर ललवानी पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया था ।
दो ही बातें सम्भव मालूम होती थीं ।
या तो पुलिस ने किसी गलत आदमी को अपनी गोली का शिकार बना दिया था और या फिर मनोहर ललवानी ब्रान्दा के पुल से पानी में गिर कर मरा नहीं था और किसी प्रकार बच निकलने से सफल हो गया था ।
दूसरी सम्भावना उसे तत्काल ही निराधार मालूम होने लगी ।
जौहरी की रिपोर्ट में एक छोटी-सी अखबार की कटिंग और थी जिस पर लिखा था ।
आज रात को पुलिस ने समुद्र में से मनोहर ललवानी की लाश बरामद कर ली है । स्मरण रहे कि मनोहर ललवानी वही भयंकर हत्यारा है जो पिछली रात को बाद्रा के रेल पुल पर हुई पुलिस मुठभेड़ में इन्सपेक्टर कर्माकर की गोलियों का शिकार हो गया था । मनोहर ललवानी के बड़े भाई राम ललवानी को और मनोहर ललवानी के एक मित्र सोहन साल को लाश की शिनाख्त के लिये पुलिस ने बुलाया था । राम ललवानी ने अपने भाई की लाश को देखकर जोर-जोर से रोते हुए कहा था कि वह उसका छोटा भाई मनोहर ललवानी ही था । सोहन लाल ने राम ललवानी के बयान की पुष्टि की थी ।
जौहरी की रिपोर्ट के अन्त में अखबार में छपी कुछ तस्वीरों की कटिंग थी जिनके पीछे नाम भी लिखे हुये थे ।
पहली तस्वीर राम ललवानी की थी ।
सुनील 'ब्लास्ट' में छपे मैड हाउस के विज्ञापन में राम ललवानी की तस्वीर देख चुका था । वह निश्चय ही वही आदमी था जो आजकल राजनगर में 'मैड हाउस' नाम का डिस्कोथेक और फोर स्टार नाम की नाइट क्लब चला रहा था ।
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