Thriller विक्षिप्त हत्यारा
Chapter 3
अगले दिन सुबह नौ बजे तैयार होकर सुनील अपने फ्लैट से निकलने ही वाला था कि फोन की घन्टी घनघना उठी ।
उसने रिसीवर उठा लिया ।
"हल्लो ।" - वह बोला ।
"मिस्टर सुनील देअर ?" - किसी स्त्री स्वर में प्रश्न किया ।
"स्पीकिंग ।"
"मिस्टर सुनील, मैं कावेरी बोल रही हूं ।" - दूसरी ओर से कावेरी का उत्तेजित स्वर सुनाई दिया । वह बहुत उत्तेजित स्वर से बोल रही थी इसलिये सुनील उसकी आवाज नहीं पहचान पाया था ।
"गुड मार्निंग, मिसेज जायसवाल ।" - सुनील शिष्ट स्वर में बोला ।
कावेरी ने उसकी बात की ओर ध्यान न दिया । वह पहले से भी अधिक उत्तेजित स्वर में बोली - "मिस्टर सुनील, बिन्दु गायब हो गई है ।"
"जी !" - सुनील चौंककर बोला ।
"जी हां । वह कल दोपहर से घर में नहीं है ।"
"तो फिर क्या हो गया ? कहीं मित्रों में चली गयी होगी ।"
"मैंने सारे राजनगर में हर ऐसे स्थान पर पूछताछ कर ली है जहा कि बिन्दु के होने की सम्भावना हो सकती है । बिन्दु कहीं नहीं है, मिस्टर सुनील ।"
"क्या वह पहले भी कभी आपको - या जब रायबहादुर साहब जीवित थे, उनको - बताये बिना यूं घर से चली जाती थी ?"
"नहीं । हरगिज नहीं । घर से तो वह किसी की इजाजत लिये बिना या किसी को बताये बिना अक्सर चली जाया करती थी लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि वह रात को वापिस न लौटी हो । और फिर वह अपने कपड़े वगैरह भी तो ले गई है ।"
"कपड़े !"
"जी हां । आज सुबह मुझे उसकी नौकरानी ने बताया है कि कल जब बिन्दु कोठी से गई थी तो अपने साथ एक सूटकेस भी लेकर गई थी । यह बात अगर मुझे नौकरानी ने कल बता दी होती तो मैं कल ही आपको फोन कर देती ।"
"नौकरानी ने आपको इस बात की सूचना पहले क्यों नहीं दी ?"
"क्योंकि उसे इसमें अश्वाभाविक कुछ भी नहीं लगा था । वह तो समझी थी कि बिन्दु जहां जा रही थी, मुझे बताकर जा रही थी । वह तो आज सुबह जिक्र आ गया तो उसने बताया कि वह कल अपने साथ एक सूटकेस भी लेकर गई थी । मिस्टर सुनील, मुझे एक शंका हो रही है ।"
"क्या ?"
"कहीं वह मुकुल के साथ तो नहीं चली गई !"
"आपने मुकुल से इस बारें में पूछा है ?"
"कैसे पूछती ? रात भर तो मुझे आशा ही लगी रही थी कि वह लौटकर आ जायेगी । रात के दो बजे के बाद तो वह मैड हाउस से घर कई बार आई है । उस समय मुझे यह बात नहीं मालूम थी कि इस बार हमेशा की तरह मनोरंजन के लिये नहीं गई है बल्कि अपना सामान भी साथ लेकर गई है । फिर अब जब नौकरानी ने सूटकेस के बारे में बताया तो मेरा दिल दहल गया । इस समय मैं मुकुल से इस विषय में कोई पूछताछ नहीं कर सकती । मैड हाउस तो शाम को ही खुलता है और मुझे यह मालूम नहीं है कि मुकुल रहता कहां है ?"
"मिसेज जायसवाल" - सुनील धीरे से बोला - "कल मुकुल मैड हाउस में नहीं था ।"
बात का महत्व तत्काल कावेरी की समझ में न आया ।
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