Thriller विक्षिप्त हत्यारा
08-02-2020, 01:10 PM,
#53
Thriller विक्षिप्त हत्यारा
मुकुल स्टेज पर खड़ा था । उसके गले में एक गिटार लटक रही थी । फिर वह जोर-जोर से गिटार के तार छेड़ने लगा और फिर एल्विस प्रिसले की तरह टांगें फड़काता हुआ अंग्रेजी का कोई गीत गाने लगा ।
फ्लोरी बैंड स्टैण्ड के समीप पहुंच गई और मुकुल पर अपना कैमरा फोकस करने लगी । किसी का ध्यान फ्लोरी की ओर नहीं था । अधिकतर लोग गीत की ताल पर चुटकियां बजा रहे थे ।
फिर फ्लैश बल्ब का तीव्र प्रकाश मुकुल पर पड़ा ।
मुकुल एक क्षण के लिये चौंका । उसकी आवाज थरथराई । गिटार के तारों को छेड़ते हुए उसके हाथ एक क्षण के लिये अपनी गति खोने लगे और फिर सब ठीक हो गया । मुकुल दुबारा पूरी तन्मयता से गिटार बजाने लगा और गाना गाने लगा ।
फ्लोरी लम्बे डग भरती सीढियों की ओर बढ गई ।
सुनील ने अपना कप खाली किया और एक नया सिगरेट सुलगा लिया ।
मुकुल ने अपना गीत समाप्त किया । लोगों ने तालियां बजाईं । सुनील को यूं लगा जैसे गीत लोगों की अपेक्षा से पहले समाप्त हो गया हो ।
मुकुल ने गिटार को गले से उतारकर बैंड स्टैण्ड के एक कोने में टिका दिया और नीचे उतर आया । अपनी टेबल की ओर बढने के स्थान पर वह तहखाने की पिछली दीवार में बने एक दरवाजे की ओर बढा । दरवाजा खोलकर वह भीतर घुस गया । दरवाजा उसके पीछे बन्द हो गया ।
सुनील फ्लोरी की प्रतीक्षा करने लगा ।
लगभग दो मिनट बाद मुकुल उस दरवाजे से बाहर निकला और फिर वापस आकर अपनी टेबल पर बैठ गया ।
थोड़ी देर बाद पिछले दरवाजे में से एक मोटा-ताजा ठिगने से कद का आदमी निकला । मेजों में से गुजरता हुआ वह आगे बढा और सुनील से तीन-चार मेजों दूर एक मेज पर बैठ गया । उस मेज पर पहले से ही दो लड़के और दो लड़कियां मौजूद थीं । मोटा स्टूल पर पहले से बैठे एक युवक के साथ बैठ गया ।
उसी क्षण फ्लोरी भीतर प्रविष्ट हुई । सुनील ने कलाई घड़ी पर दृष्टिपात किया । फ्लोरी ठीक तेरह मिनट में वापिस लौटी थी ।
फ्लोरी सीधी सुनील की मेज के समीप पहुंची । वह अपने द्वारा रिक्त स्थान पर दुबारा आकर बैठ गई । उसने एक बन्द लिफाफा सुनील की ओर बढा दिया ।
सुनील ने लिफाफा खोला । भीतर दो तस्वीरें थीं, उसने एक तस्वीर को थोड़ा-सा बाहर खींच कर देखा । वह मुकुल का बड़ा स्पष्ट कलोज अप था । उसी क्षण उसकी दृष्टि अपने से थोड़ी दूर बैठे मोटे आदमी पर पड़ी ।
वह गिद्ध की तरह सुनील की देख रहा था । सुनील से निगाहें मिलते ही वह फौरन दूसरी ओर देखने लगा ।
सुनील ने तस्वीर को दुबारा लिफाफे के भीतर धकेला और लिफाफे को कोट की भीतरी जेब में रख लिया ।
बैंड फिर बजने लगा था । इस बार बैंड पर किसी तेज नृत्य की धुन बज रही थी और धुन पर ढेर सारे जोड़े डांस फ्लोर पर आकर नृत्य करने लगे थे ।
"हम भी नाचें, हैंडसम ?" - फ्लोरी बोली ।
"सॉरी, मुझे यह नाच नहीं आता ।" - सुनील बोला ।
"कमाल करते हो !" - फ्लोरी हैरानी से बोली - "इस में नाच आनी वाली कौन-सी बात है ? बस मेरे सामने खड़े होकर रबड़ की गेंद की तरह फुदकते रहना और अपने हाथ-पांव झटकते रहना । बाकी लोग भी यही कह रहे हैं ।"
"मुझे... मुझे शर्म आती है ।"
फ्लोरी ने विस्मयपूर्ण नेत्रों से उसकी ओर देखा और फिर खिलखिला कर हंस पड़ी ।
"बाई गॉड, हैण्डसम" - वह हंसती हुई बोली - "यू आर रीयल क्यूट ।"
सुनील शरमाया ।
फ्लोरी हंसती रही ।
"फ्लोरी" - एकाएक सुनील बोला - "मैं चलता हूं ।"
"क्यों ?" - फ्लोरी बोली - "क्या हुआ ?"
"कुछ नहीं । एक बहुत ही जरूरी काम याद आ गया है । मैं तुमसे फिर मिलूंगा ।"
"मतलब हल हो जाने पर खिसक रहे हो !" - फ्लोरी शिकायत भरे स्वर में बोली ।
"नहीं, ऐसी बात नहीं है, फ्लोरी । वाकई मुझे बहुत जरूरी काम है ।"
"ओके । फिर कभी मिलना । जो लिफाफा मैंने तुम्हें दिया है, उस पर मेरा पता लिखा हुआ है । जरूर आना ।"
"जरूर आऊंगा ।"
"वैसे शाम को मैं हमेशा यहीं होती हूं ।"
"अच्छा । वेटर को बुलाओ ।"
"क्यों ?"
"बिल अदा करने के लिये और इस फोटोग्राफ के लिये भी..."
"अब मैं क्या केतली मारकर तुम्हारा खोपड़ा तोड़ दूं ?"
"लेकिन..."
"स्क्रैम, मैन । दिस इज ऑन मी ।"
सुनील ने प्रतिवाद करना चाहा, लेकिन फिर ख्याल छोड़ दिया ।
फ्लोरी केवल मुस्कराई ।
सुनील सीढियों की ओर बढ गया । सीढियों के समीप पहुंचकर उसने एक बार घूमकर पीछे देखा ।
मुकुल उसी की ओर देख रहा था । उसे अपनी ओर देखते देखकर उसने फौरन बगल में बैठी बिन्दु की ओर सिर झुका लिया ।
उसने मोटे आदमी की ओर देखा ।
वह बड़ी तन्मयता से अपने साथियों से बातें कर रहा थ ।
सुनील सीढियां तय करके बाहर आ गया ।
गेटकीपर उसे देखकर मुस्कराया । सुनील ने अपने कोट की जेब में हाथ डाला । उसने एक नोट निकालकर चुपचाप गेटकीपर की ओर बढा दिया । नोट गेटकीपर की वर्दी में कहीं गायब हो गया । मुस्कराहट में उसके होंठ और फैल गये ।
सुनील रोड क्रॉसिंग पर आ खड़ा हुआ । सड़क से पार पार्किंग थी जहां वह अपनी मोटरसाइकल खड़ी करके आया था ।
बत्ती हरी होने से पहले इसने एक बार पीछे घूम कर देखा ।
मैड हाउस के दरवाजे पर मोटा आदमी खड़ा था और उसी की ओर देख रहा था ।
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Thriller विक्षिप्त हत्यारा - by hotaks - 08-02-2020, 01:10 PM

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