Thriller विक्षिप्त हत्यारा
"और रायबहादुर साहब की वसीयत के अनुसार आपको क्या मिला है ?"
कावेरी कुछ क्षण हिचकिचाई और फिर बोली - "मेरे नाम भी रायबहादुर साहब अपनी ढेर सारी अचल सम्पत्ति और लगभग पच्चीस लाख रुपया नकद छोड़ गये हैं ।"
"और बाकी सम्पत्ति ? रायबहादुर साहब के पास तो बहुत दौलत थी ।"
"बाकी सम्पत्ति का एक बहुत बड़ा भाग वे धर्मार्थ छोड़ गये हैं । और बाकी को उनके पुराने नौकरों में बांट दिया गया है ।"
"मेरे से आप किस सेवा की अपेक्षा कर रही हैं ?"
"वही बताने जा रही हूं ।" - कावेरी बोली - "मिस्टर सुनील, वैसे तो बिन्दु के पीछे हर वर्ग के और हर आयु के लोग घूमते हैं लेकिन पहले बिन्दु सब में समान रूप से दिलचस्पी लेती थी । अब एकाएक वह एक आदमी में जरूरत से ज्यादा दिलचस्पी लेने लगी है, इतनी ज्यादा कि उसने अपनी मित्रमंडली के अधिकतर सदस्यों को काटना आरम्भ कर दिया है ।"
"और वह आदमी कौन है ?"
"उसका नाम मुकुल है । मुकुल विदेशों में फैली हिप्पी कल्ट का शत-प्रतिशत भारतीय डुप्लीकेट है । हिप्पियों जैसा ही उसका पहनावा है, वैसे ही वह दाढी-मूंछ और बाल वगैरह रखता है, वैसे ही वह मैजेस्टिक सर्कल पर स्थित मैड हाउस नाम के एक रेस्टोरेन्ट में गिटार बजाता है और अंग्रेजी के गाने गाता है । मैड हाउस हिप्पियों का अड्डा है । नौजवान जोड़े आधी-आधी रात तक वहां नाचते-गाते रहते हैं ।"
"आप कभी वहां गई हैं ?"
"जी हां एक बार गई थी । मैं देखना चाहती थी कि जिस जगह की इतनी चर्चा होती होती थी और जहां से बिन्दु कभी रात के एक बजे से पहले लौटती नहीं थी, आखिर वह थी क्या बला ! मिस्टर सुनील, वह रेस्टोरेन्ट वाकई मैड हाउस है । ऐसी बेहूदा हरकतें होती है वहां, ऐसा गुल-गपाड़ा मचता है कि कोई नया आदमी तो वहां जाकर पागल हो जाये । कोई संभ्रांत व्यक्ति वहां जाने के बारे में सोच भी नहीं सकता ।"
"आपने मुकुल को देखा ?"
"जी हां और इस बात की कल्पना मात्र से ही मेरा दिल दहल गया कि बिन्दु उस आदमी के बारे में इस हद तक गम्भीर थी कि उससे शादी करना चाहती थी ।"
"शादी !"
"जी हां । बिन्दु ने मुझे कुछ नहीं बताया है लेकिन मैंने और लोगों के मुंह से सुना है कि वह मुकुल नाम के उस देसी हिप्पी से शादी करना चाहती है । हे भगवान ! कैसा वीभत्स रूप था उसका ! पैंतीस साल से कम उसकी उम्र नहीं थी । उसने लम्बे-लम्बे बाल रखे हुए थे जो वह गरदन को झटका देता था तो उसके चेहरे पर आ गिरते थे । उसने गले में गिटार लटकाई हुई थी, वह गिटार बजा रहा था और गला फाड़-फाड़ कर भगवान जाने क्या गा रहा था ! मुझे तो उस आदमी से ऐसी अरुचि हुई कि मैं फौरन वहां से चली आई । अगले दिन मैंने बिन्दु से बात की ।"
"फिर ?"
"पहले तो वह इस विषय में कोई बात करने के लिये तैयार ही न हुई लेकिन जब मैंने उसे रायबहादुर साहब की इज्जत का वास्ता दिया तो वह बोली कि वह शीघ्र ही मुकुल से शादी करने वाली थी और उसके इस कृत्य से रायबहादुर साहब की इज्जत पर कोई आंच नहीं आने वाली थी । वह बोली कि मेरे जैसे लोगों को मुकुल इसलिये बुरा लगता था, क्योंकि हक आधुनिक सभ्यता से बहुत पिछड़े हुए लोग थे और आज की तेजरफ्तार जिन्दगी से कदम मिलाकर चल पाना हमारे बस की बात नहीं थी । मैंने खानदान की बात की तो उसने उसे एक पुराना, घिसा-पिटा और दकियानूसी विचार बताया । मैंने कहा कि मुकुल उससे उम्र में कम से कम पन्द्रह वर्ष बड़ा था तो वह बोली कि रायबहादुर साहब भी तो मुझ से कम से कम बीस वर्ष बड़े थे फिर मैंने उन से शादी क्यों की ? मैंने कहा कि सम्भव था कि वह उस की दौलत हथियाने के लिये उससे शादी करना चाहता था । उत्तर में वह बड़े व्यंग्यपूर्ण स्वर में बोली कि मैं अपनी स्थिति भूले जा रही थी । मैंने भी तो रायबहादुर साहब की दौलत हथियाने के लिये ही शादी की थी । बोली, अव्वल तो ऐसी बात थी नहीं लेकिन अगर वास्तव में मुकुल ऐसा कर भी रहा था तो तकलीफ क्यों हो रही थी । मैंने पूछा कि वह मुकुल के बारे में क्या जानती थी तो वह बोली कि मुकुल के बारे में उसे कुछ जानने की जरूरत ही नहीं थी । कहने का मतलब यह है कि उस लड़की के पास हर बात का नपा-तुला जवाब मौजूद है । उस हिप्पी ने उस पर ऐसा जादू कर दिया है कि उसका कोइ उतार मुझे नहीं सूझ रहा है । उसका बिन्दु पर इतना अधिक प्रभाव है कि वह खुद भी अपने खूबसूरत शालीनतापूर्ण और कीमती परिधान उतार कर हिप्पियों जैसे बेहूदा और बेढंगे कपड़े पहनने लगी है ।"
कावेरी चुप हो गई ।
"मैडम" - सुनील धैर्यपूर्ण स्वर में बोला - "मैं दसवीं बार आप से यह सवाल पूछ रहा हूं कि मैं इस मामले में आपकी क्या सहायता कर सकता हूं ?"
"आप मुकुल के बारे में जानकारी हासिल करने में मेरी सहायता कर सकते हैं ।"
"क्या मतलब ?"
"देखिये, बिन्दु पर वह इस हद तक हावी हो चुका है कि उसके बारे में मैं बिन्दु की राय तो बदल नहीं सकती हूं लेकिन शायद मैं मुकुल को बिन्दु का पीछा छोड़ने के लिये मजबूर करने में सफल हो जाऊं ।"
"कैसे ?"
"मुकुल इस शहर का रहने वाला नहीं है । हाल ही में वह किसी अन्य शहर से राजनगर आया है ।"
"कहां से ?"
"मुझे नहीं मालूम ।"
"फिर ?"
"उस आदमी की शक्ल-सूरत से मैं इतना तो अन्दाजा लगा ही सकती हूं कि वह किसी कुलीन परिवार का सदस्य नहीं है । मेरे दिमाग में एक आशंका पैदा हो रही है, या यह कह लीजिये कि एक आशा जाग रही है, कि शायद वह कोई जरायमपेशा आदमी हो । शायद वह किसी अन्य शहर में ऐसा कोई बखेड़ा कर बैठा हो कि उसे वहां से भागना पड़ा हो । शायद आज भी पुलिस को उस की तलाश हो । उसका हिप्पियों वाला पहरावा देखकर न जाने क्यों मुझे ऐस लगता है जैसे वह वास्तव में हिप्पी बनने का शौकीन नहीं बल्कि अपना रूप बदलने के लिये ऐसा स्वांग भर रहा है ।"
"आप का ऐसा सोचने का कोई आधार तो होगा ?"
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