Raj Sharma Stories जलती चट्टान
08-13-2020, 01:12 PM,
#57
RE: Raj Sharma Stories जलती चट्टान
पार्वती चुप हो गई। न जाने कितनी ही देर बैठी जीवन की उलझनों को मानो सुलझाती रही। उधर केशव दादा सोने के लिए गए। चारों ओर सन्नाटा छाया हुआ था। इस सन्नाटे में मानो आज भय के स्थान पर शांति छिपी हुई थी। बाबा के जाने के बाद वह पहली रात्रि थी, जो पार्वती को न भा रही थी। वह अपने बिस्तर से उठ, खिड़की के समीप जा खड़ी हुई और उसे खोल लिया।

बाहर अंधेरा छाया हुआ था। धुनकी हुई रुई के समान बर्फ गिरती दिखाई दे रही थी। पहाड़ी की ऊँचाई पर लगी ‘सर्चलाइट’ का प्रकाश घूम-घूमकर बर्फ ढकी ‘वादी’ को जगमगा रहा था। घूमता हुआ प्रकाश जब खिड़की से होते हुए पार्वती के चेहरे पर पड़ता तो उसकी आँखें मूंद जातीं। फिर आँख खुलते ही उसकी दृष्टि जाते हुए प्रकाश के साथ-साथ ऊँची सफेद चोटियों पर जा रुकती और उसे ऐसा अनुभव होता मानो वह ऊँचाई की ओर उड़ती जा रही हो और रह-रहकर वे शब्द उसके कानों में गूँजते-‘अपने लिए तो हर कोई जीता है दूसरों के लिए जीना जीवन है।’

उसने खिड़की बंद करने को हाथ बढ़ाया, पर न जाने क्या सोच उसे खुला छोड़ दिया और अपने बिस्तर पर जा लेटी।

उसकी आँखों में नींद न थी। वह टकटकी बाँधे खिड़की से गिरती बर्फ को देखे जा रही थी।

उसे भी अपने बाबा का वचन पूरा करना था। उसे इस संसार में एक मनुष्य की तरह जीना है और देवता की लगन उसका सच्चा जीवन। वही उसे शांति तथा सुख का रास्ता दिखाता है।

दूर कहीं कोई उस अंधेरी और बर्फीली रात्रि में बाँसुरी की तान छेड़ रहा था। पार्वती उस धुन में खो सी गई।
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

छः

दूसरी साँझ ठीक पूजा के समय मंदिर की सीढ़ियों पर फिर से पाजेब की झंकार सुनाई दी। आज एक अर्से के बाद पार्वती अपने देवता के लिए जा रही थी। सीढ़ियों पर आज उसके पग धीरे-धीरे बढ़ रहे थे। वह हृदय कड़ा कर मन में देवता का ध्यान धर ऊपर जाने लगी। पूजा के फूलों में से एक लाल रंग का गुलाब नीचे गिरा। पार्वती के उठते हुए कदम अपने आप रुक गए। वह घबरा-सी गई, नीचे झुक फूल उठाने लगी, परंतु उसका हाथ पड़ने से पहले ही वह फूल किसी राही के पाँव तले आकर मसला गया। पार्वती ने कड़ी दृष्टि से उस राहगीर को देखा-जो एक साधु था और फिर कदम बढ़ाती सीढ़ियाँ चढ़ गई।

सर्दी के कारण मंदिर में भीड़ बहुत कम थी। अंदर प्रवेश करते ही पार्वती ने एक बार चारों ओर देखा। दीवारों पर लगी तस्वीरें तथा देवमूर्ति सब उदास लगते थे... मानो उनकी पुजारिन के बिना उनकी दुनिया सुनसान थी। धीरे-धीरे वह देवमूर्ति की ओर बढ़ी। केशव काका उसको देखते ही मुस्कराए और प्रसाद की थाली एक बुढ़िया के हाथ में देते हुए बोले-
‘आओ पार्वती-पूजा की थाली लाना भूल गयीं क्या?’

‘हाँ काका-फूल जो लाई हूँ।’ फिर पास खड़ी बुढ़िया को देखने लगी, जो टकटकी बाँध उसके चेहरे को देख रही थी। केशव यूँ अनजान नजरों से दोनों को एक-दूसरे को देखते हुए पाकर बुढ़िया से बोला-
‘मेरी बेटी पार्वती आज बहुत दिनों के बाद पूजा को चली आई।’

‘ओह चिरंजीव रहो बेटी!’ लड़खड़ाते शब्दों में बुढ़िया ने उसे आशीर्वाद दिया और बाहर चली गई। पार्वती ने एक बार उसे देखा, फिर देवता की तरफ मुड़ी।

‘जानती हो कौन थी?’ केशव ने थाली में रखे दीये में जोत डालते हुए पूछा।

‘नहीं तो।’ पार्वती ने फूल देवता के चरणों में अर्पित किए और जिज्ञासु की भांति उसकी ओर देखने लगी।

केशव ने थाली बढ़ाई। पार्वती ने दीये की जोत जला दी। सामग्री का धुंआ पार्वती के चेहरे पर लाते हुए वह बोला-
‘राजन की माँ।’

‘माँ!’ पार्वती के मुँह से निकला और वह आश्चर्यचकित केशव की ओर देखने लगी।

केशव थाली नीचे रखता हुआ बोला-‘क्यों क्या हुआ?’

‘मुझे... कुछ भी तो नहीं... परंतु यह यहाँ?’

‘थोड़े ही दिन हुए आई है। प्रतिदिन पूजा को आती है। कह रही थी-शायद राजन बाहर जा रहा है।’

यह सुनकर पार्वती के हृदय को ठेस-सी लगी। वह पूछना चाहती थी-कहाँ जा रहा है वह... पर शब्द मुँह में ही रह गए।

ज्यों ही राजन की माँ को धीरे-धीरे सीढ़ियाँ उतरते देखा वह उस ओर लपकी, परंतु उसके पैर अचानक रुक गए और वह मुंडेर की ओट में छिप गई। सीढ़ियों पर मुँह मोड़ राजन खड़ा था। पार्वती अपने को रोक न सकी। चोरी-चोरी उसने नीचे झाँका। माँ अपने बेटे की आरती उतार रही थी। राजन ने अपनी माँ के पैर छुए और सीढ़ियों पर मसले फूल को उठा लिया। पहले फूल की ओर और फिर मंदिर की ओर देखने लगा, पार्वती फिर से ओट में हो गई। न जाने किन-किन बातों को याद कर उसकी आँखों से आँसू बह निकले।
Reply


Messages In This Thread
RE: Raj Sharma Stories जलती चट्टान - by desiaks - 08-13-2020, 01:12 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,484,690 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 542,594 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,225,322 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 926,713 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,644,592 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,072,718 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,937,540 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,012,519 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,015,144 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 283,285 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)