RE: Bahan Sex Story प्यारी बहना की चुदास
और फिर मैंने बियर का एक केन खोला और हम दोनों एक ही केन से पीने लग गये। मैने सिगरेट जलाकर उसको केन थामया और दूसरा केन खोलने लग गया। अब दोनों बियर पीते हुए मस्त थे तो ज्योति दीदी मुझे सिगरेट पीने को दी और वो मेरे लंड को थामकर हिलाने लग गयी।
कुछ देर बाद बियर का केन खाली हुई, अब ज्योति ने मुझे बेड पर धकेल दिया। और वो बड़ी बहन की तरह खुद ही अपनी हरकत करने लग गयी, मै बेड पर टांग सीधे किए लेटा हुआ था। तो ज्योति मेरे बदन पर सवार हो गई, वो अपने चेहरे को मेरे लंड की ओर करने लग गयी।
फिर उसने अपनी गान्ड को मेरे चेहरे के ऊपर रख दी, अब उसके दोनों पैर दो दिशा में थे। तो ज्योति दीदी मानो मेरे ऊपर कुतिया बन गयी थी। मैने ज्योति दीदी की चूत का दीदार किया और उसके चूतड़ को सहलाने लग गया।
मैं उसकी बुर पर होंठ लगाने लगा, और बुर को चूमता हुआ मस्त होने लग गया। ज्योति मेरे लंड के चमड़े को खींचकर सुपाड़ा को अपने ओंठो पर रगड़ रही थी। तभी ज्योति की बुर को चूमकर मैंने अपनी उंगली की मदद से बुर के छेद को फैलाया।
अब मैंने सर को थोड़ा ऊपर किया, और मैंने ज्योति दीदी की कमर को कसकर पकड़ रखा था। फिर मैंने बुर में जीभ घुसा दी, और मैं बुर चाटने लगा गया।
तो ज्योति दीदी मेरे लंड के २/३ हिस्से को अपने मुंह में भरकर चूस रही थी, दोनों काम क्रिया में लीन थे। ज्योति दीदी अब अपने सर का झटका लंड पर दे देकर मुखमैथुन करने लगी, तो मै भी ज्योति की बुर को कुते की तरह लपालप चाटने लग गया।
कमरे में दोनों की मधुर सिसकने की आवाज ‘’आह और चूसो बे रण्डी उह ऊं आह चाट बे कुत्ते।” ऐसी मस्त आवाज आ रही थी। और फिर मैने ज्योति की बुर को चाटना छोड़ दिया, तो ज्योति दीदी मेरे लंड को जीभ से चाटने लग गयी।
अब मेरा बदन पूरी तरह से गरम हो गया था, तो लंड भी लोहे की गरम सलाख बन चुका था। अब सिर्फ चुदाई बाकी थी, पल भर बाद ज्योति मेरे बदन पर से उतर कर वाशरूम भागी। तो मै भी अंदर घुस गया, मैंने देखा कि वो बैठ कर मुत रही थी।
तो मैने भी पेशाब किया और हम दोनों बेड पर आ गए। ज्योति अब बिस्तर पर लेट गई तो मै उसके दोनों पैर को दो दिशा में करके बुर को निहारने लग गया। उसकी बुर की चमक के साथ दर्रार स्पष्ट दिख रही थी।
तो मै अब उसके दोनों जांघों के बीच लंड थामे बैठा हुआ था, फिर मैंने एक तकिया उसकी गान्ड के नीचे डाल दिया। अब बुर और लंड एक दूसरे को निहार रहे थे, तो मै लंड के सुपाडे को बुर में घुसाने लग गया।
ज्योति की चूत गरम और सुखी थी, तो धीरे धीरे आधा लंड बुर में मैंने पेबस्त कर दिया। फिर मैंने ज्योति की कमर को थामा, और मैंने एक जोर का झटका बुर में दे दिया। तो मेरा लंड बुर को चीरता हुआ अंदर चला गया, और उसकी चिंक्ख और वो बोली।
ज्योति – उई मां बुर का भर्ता करेगा क्या बे साले कुत्ते आराम से कर ना।
सतीश ने अग्ला धक्का दिया और वो बोला – जरूर बे रण्डी तेरी बुर को तो मै आज गुफा बना दूंगा।
अब मेरा लंड गरम बुर में चिकने पथ पर दौड़ लगाने लगा गया, तो ज्योति की आंखें बंद हो गयी थी। फिर मैं उसकी एक चूची को मसलता हुआ मस्त था, करीब ३-४ मिनट तक चोदने के बाद ज्योति चिल्ला उठी।
ज्योति – हाई अबे मादरचोद जोर से चोद ना पानी आने वाला है।
अब मेरा लंड पूरी गति से बुर को चोद रहा था, कुछ धक्के के बाद उसकी बुर रस फेंकने लग गयी। और अब गीली बुर को चोदने में “फच फचा फाच “की आवाज आ रही थी। फिर मैंने ज्योति दीदी की बुर में से लंड निकाल लिया।
|