RE: Bahan Sex Story प्यारी बहना की चुदास
मेरी बड़ी बहन ज्योति एक और अपने भाई के साथ काम वासना में आनंद उठा रही थी, तो दूसरी और उसका मन कहीं और भी जा रहा था। ज्योति और सतीश एक हफ्ते अपने घर में ही मजे लेने वाले थे, चूंकि हम दोनों के पापा और मम्मी किसी काम से पैतृक गांव जाने वाले थे।
हम दोनों भाई और बहन अकेले अपने घर में रहने वाले थे। ज्योति घर में अकेली थी, जब मैं पापा और मम्मी को छोड़ने कानपुर सेंट्रल स्टेशन गया था, शाम की ट्रेन में दोनों को आरक्षित श्रेणी में बिठा कर मै घर की और चल दिया।
मै घर तकरीबन ०८:०० बजे पहुंचा, आज दिन में कालेज की क्लास और फिर स्टेशन जाकर दोनों को छोड़ना, काफी थकावट महसूस कर रहा था और घर घुसते ही मैं बोला।
मैं – ज्योति एक कप काफी जरा बना देना।
ज्योति मुस्कुराते हुए बोली – तुम भी ना सतीश, अभी काफी पीने का वक़्त है क्या? चलो जा फ्रेश हो कर आयो और खाना खा लो, उसके बाद फिर तुम सो जाना।
मै खुद किचेन में चला गया और कॉफी बनाने लग गया, तभी पीछे से ज्योति आकर मुझे दबोचने लग गयी और अपने मुलायम चूची को मेरे पीठ से रगड़ने लग गयी। तो मै सर पीछे घुमाकर उससे बोला।
मैं – इतनी थकावट में काफी की जगह तुम मुझे जकड़ रही हो?
ज्योति मुझे गर्दन चूमने लग गयी और बोली – सो क्या, इतनी जल्दी मेरे से मन भर गया तुम्हारा?
सतीश – नहीं रे, इससे भी कभी किसी का मन भरा है क्या?
तभी मैं काफी ले कर कमरे में आया, तो ज्योति एक कप काफी को दो कप में करके ले आयी। फिर हम दोनों डायनिंग हाल में बैठकर काफी पीने लग गये। ज्योति पीले रंग के नाइटी में मस्त दिख रही थी, तो मेरा ध्यान उसके बूब्स पर जा रहा था।
ज्योति – एक हफ्ते तक हम दोनों बिंदास मस्ती करेंगे, ना कोई देखने वाला और ना हि कोई रोकने वाला।
मै ज्योति के दाहिने बूब्स को पकड़ दबाने लग गया और मैं बोला – जरूर ज्योति, घर में साडी जरूरत की सामान मैं कल ही ला कर रख दूंगा, फिर उसके बाद हम दोनों को घर में ही मजा करना है।
हम दोनों का काफी पिना हो गया था, तो मै उसके स्तन को पुचकारते हुए मस्त होने लग गया। तभी ज्योति मेरी शर्ट के बटन को खोलने लग गयी, तो मै उसके करीब होकर उसकी गर्दन को चूमने लग गया।
मुझे उसके बालो से शैंपू की सुगंध आ रही थी। अब मै ज्योति को बाहों में लेकर चूमने लग गया, उसकी बाईं चूची मेरे सीने से लग रही थी, तो ज्योति मेरे से चिपकने को आतुर हो रही थी। मेरे होंठ उसके चेहरे और होंठ को चूम रहे थे, और उसके हाथ का एहसास अपने जींस पर पा रहा था।
ज्योति मेरे जींस को खोलने में लीन थी, तो मै उसके रसीली होंठो को चूसता हुआ। उसके बूब्स को सहला रहा था। दोनों निर्भीक होकर अपने ही घर में एक दूसरे से लिपटे हुए थे, तब तक मेरी शर्ट और जींस खुल चुकी थी।
ज्योति अपने होंठ को स्वतंत्र करके अपनी लम्बी सी जीभ मेरे मुंह में दे रही थी, और मै ज्योति दीदी की जीभ को चूसता हुआ उसके हाथ का एहसास अपने लंड के उभार पर पा रहा था। दोनों की आंखे बंद थी, और सांसे आपस में टकरा रही थी।
फिर मैं ३-४ मिनट तक ज्योति दीदी की जीभ को चूसता रहा, वो मेरे चेहरे को पीछे धकेल कर अपनी जीभ को मेरे मुंह से निकालने लग गयी। अब उसने मेरी छाती पर अपना सर रख दिया।
ज्योति – पता नहीं जब भी तुम्हे देखती हूं मन डोलने लगता है।
सतीश – कोई बात नहीं, एक बार अपने आशिक या बॉयफ्रेंड से चुद लोगी तो मेरे से ध्यान हट जाएगा, वैसे भी हम दोनों की ये प्रेम दास्तां कुछ साल की ही तो है।
ज्योति अपना चेहरा मेरी और करते हुए बोली – क्यों मेरी शादी होने के बाद तुम मुझे मजे नहीं दोगे?
सतीश – क्यों नहीं।
फिर ज्योति को मै अपने गोद में उठाकर बेडरूम में ले गया, और मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया। वो नाइटी में बहुत मस्त दिख रही थी, तो मै उसके करीब बैठकर उसके नाइटी को ऊपर की और करने लग गया।
तो ज्योति समझदार लड़की की तरह अपनी नाईटी को अपने बदन से निकालने लग गयी। उसके दोनों नग्न बूब्स खूबसूरत लग रहे थे, तो उसका सपाट पेट नाभि तक चमक रहा था। लेकिन चूत पेंटी में ही थी, और मै उसके बदन पर हाथ फेरने लग गया।
उसके गोलाई को मसलता हुआ, मैं उसके स्तन पर झुका। तो ज्योति अपना स्तन पकड़ कर मेरे मुंह में भरने लग गयी। उसके स्तन का २/३ हिस्सा मेरे मुंह में था, तो मै उसकी चूची को चूसता हुआ उसके दूसरे चूची को दबाने लग गया।
उसके मुंह से ओह आह ऊं जैसे शब्द निकल रहे थे, और मेरा लंड कच्छा के अंदर टाईट हो चुका था। तभी ज्योति मेरे चूतड़ को सहलाने लग गयी, और वो धीरे से मेरा कच्छा को उतारने लग गयी।
अब मैं उसके दूसरे स्तन को चूसता हुआ, उसके दुसरे चूसे के निपल को मैं उंगली में लेकर मसलने लग गया। इससे ज्योति अपने दोनो पैर को एक दूसरे से रगड़ रही थी, पल भर तक मैंने उसकी चूची को चूसा।
फिर मैं वाशरूम चला गया, वहां मैंने अपना कच्छा को खोलकर रख दिया और मैं पेशाब करके लंड को धोने लग गया। फिर मैं वापस कमरे में नंगा ही आया, तो ज्योति मेरे लंड को देख बेड पर उठकर बैठ गई।
अब जब मै बेड पर बैठा तो, उसने मुझे बिस्तर पर धकेल दिया। और वो मेरे लंड को हाथ में पकड़ने लग गई, धीरे धीरे लंड को हिलाते हुए उसने अपना चेहरा मेरे लंड पर झुकाया। फिर उसने मेरे लंड को चुसना शुरू कर दिया।
|