RE: Bahan Sex Story प्यारी बहना की चुदास
ज्योति का हाल खराब था, उसकी चूत गरम और सुखी हुई थी। तो मै बुर के मानसल हिस्से को मुंह में लेकर चूसने लग गया, वो भी कुछ देर के बाद अपने चूतड़ को ऊपर की ओर करने लगी।
फिर ज्योति दीदी कि चूत ने रस फेंक दिया, मै रस का स्वाद लेकर बुर को छोड़ा और फिर जीभ घुसा कार रस को चाटने लग गया। फिर अंत में एक उंगली उसकी बुर में डालकर रस से उंगली को गीला किया, फिर मैं उस उंगली को ज्योति दीदी के मुंह में डालकर बोला।
मैं – चख साली अपनी चूत के रस का स्वाद।
मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा था, लेकिन आज का दिन और रात सिर्फ मुख से प्यार करने का तय हुआ था। चुदाई रहित काम वासना आज होने वाली थी, और वो हि हो रहा था।
तभी ज्योति मेरे पैर के पास बैठी और उसने मेरे लंड को थाम लिया। लंड का चमड़ा टाईट होने की वजह से वो खुद नीचे आ चुका था, और ज्योति मेरे लंड पर होंठ सटाकर चुम्बन देने लगी।
तो मै अपना हाथ ज्योति दीदी के गोलाई पर लगाकर चूची दबाने लग गया, और वो लंड का सुपाड़ा अपने चेहरे पर घुमाने लग गयी। तो मेरा हाल खराब होने लग गया, फिर वो मेरे लंड को मुंह में भरकर चूसने लग गयी।
फिलहाल स्थिर मुख से लंड को चूसा जा रहा था और मै सिसक ले कर बोल रहा था।
मैं – अबे साली अपने सर का झटका दे ना आह।
मेरा लंड उसके मुंह में लंबा और कड़ा होने लग गया। तो ज्योति कुछ देर के बाद मेरे लंड को सर का झटका देते हुए मेरे झांट में उंगली घुमा रही थी। और उसके मुखमैथुन की क्रिया से मेरा लंड अब गरम हो चुका था। ज्योति तेजी से मुख का झटका लंड पर दे रही थी। तो मै भी उसकी चूची को दबा कर मजा ले रहा था, पल भर बाद ज्योति लंड को मुंह से बाहर निकल कर उसे अपनी लम्बी जीभ से चाटने लग गयी।
मेरा जी कर रहा था कि अभी इस साली चूद्दक्कर को चोद डालूं, लेकिन ये संभव नहीं था। तो ज्योति मेरे लंड को छोड़कर वाशरूम चली गई और मै ग्लास में बियर भरने लग गया।
उस वक़्त १२:४० दोपहर का हो रहा था और तभी ज्योति नग्न अवस्था में कमर बलखाते हुए मेरे पास आई, और वो मेरे जांघ पर अपना चूतड़ रख कर मेरे गले में बाहों का हार पहनाने लग गयी।
ज्योति के मांस्ल चूतड़ का एहसास मेरी जांघों को मिल रहा था, तो ज्योति दीदी कि बाईं चूची मेरे सीने से चिपकी हुई थी। तभी ज्योति मेरे होंठो पर अपना होंठ रखकर चूमने लग गयी।
मै उसकी पीठ को सहला रहा था, ज्योति की तेज सांसें मेरी सांसों से टकरा कर हम दोनों कि कामुकता को बढ़ा रही थी। अब ज्योति मेरे होंठो को अपनी जीभ से चाटने लग गयी।
तो मेरा मुंह खुलने लगा और उसकी लम्बी सी जीभ मेरे मुह में आ गयी, मैं उसकी जीभ को चूसते हुए ज्योति के पीठ से लेकर उसके चूतड़ को सहला रहा था।
मेरा लंड गरम हो चूका था, पल भर बाद ज्योति जीभ निकाल कर होंठ को चूमने लग गयी और वो बोली।
ज्योति – अब मैं तेरे लंड का वीर्य पियूंगी।
सतीश – निकलेगा तब तो पियोगी साली।
ज्योति – जरूर, एक बात पूछूं?
सतीश – जरूर जानेमन।
ज्योति – कोई गेर तेरी बहन को चोदेगा तो तुझे कैसा लगेगा?
सतीश – जानू कल तेरी शादी होगी, तो तू अपने पति से ही चुदेगी, तो मुझे उससे क्या दिक्कत होगी भला?
ज्योति – अरे सीधे ये बता, अगर मेरे साथ तेरे अलावा एक और लड़का होगा और।
सतीश – तू पागल हो गई है क्या, किसी लड़के के साथ मजे लेना है तूने तो तेरी मर्जी, लेकिन मै भी रहूं तो वो लड़का क्या सोचेगा?
ज्योति – ये तो है?
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