RE: Bahan Sex Story प्यारी बहना की चुदास
शनिवार के सुबह ही मेरी ज्योति दीदी ज्योति की चिकनी चूत खुजलाने लगी, तो मेरे दिल में भी उनको चोदने की इच्छा थी। बस मै शर्त हारना नहीं चाहता था, एक २२-२३ साल की कुंवारी लड़की अपने जिस्म की आग को कैसे शांत करती है।
वो तो मुझे नहीं पता लेकिन ज्योति की लंड के लिए तड़प हमेशा उसे मेरे करीब खींच लाती थी। रविवार के सुबह घर के सभी सदस्य साथ बैठकर चाय पी रहे थे, तो मेरी नजर कभी ज्योति के स्तन पर जाती तो कभी उसके जांघों की ओर जाती।
वो सलवार कमीज़ पहन कर बैठी हुई थी। उसका गोरा मुखड़ा, सुराही नुमा गर्दन, टेनिस बॉल समान चूची तो सपाट पेट लेकिन मेरी बहन के बदन का निचला भाग अधिक भारी और सेक्सी था।
उसकी गोल गुंबदाकार चूतड़ और मोटे चिकने जांघों के साथ उसके बीच में बुर, दोनों फांक गद्देदार और दरार काफी कसी हुई है। तो ज्योति बुर को काफी हद तक बाल रहित रखती थी।
चाय पीने के बाद, ज्योति वहां से उठकर चली गई तो मम्मी बोली -ज्योति को लेकर ब्यूटी पार्लर जाऊंगी, तुम स्नान करके नाश्ता कर लेना।
मैं – कोई खास बात।
मम्मी – हां, कल उसे देखने के लिए लड़के वाले आ रहे है।
तो अब मै क्या बोलत, खैर मै उठकर अपने कमरे में चला गया। फिर वाशरूम घुसा, स्नान करते वक़्त सिर्फ ज्योति को सोच रहा था। लेकिन उसकी शादी होने पर मुझे ही परेशानी थी, खैर स्नान करके डायनिंग हाल में घुसा और फिर नाश्ता लेने के लिए किचन चला गया।
नाशता कर ही रहा था कि ज्योति और मम्मी दोनों अपने अपने कमरे से बाहर निकले और फिर मम्मी बोली।
मम्मी – बेटा मै एक घंटे में आ जाऊंगी।
मै ज्योति को घूरता हुआ बोला – ठीक है।
वो काले रंग की स्कर्ट और टॉप पहने हुए थी, उनके जाने के बाद मेरा नाश्ता खत्म होते ही मैने घर का दरवाजा बंद कर दिया। पापा भी किसी दोस्त के घर गए हुए थे, तो अकेले में मैने अपना मोबाइल लिया और बेड पर लेटकर एक पोर्न वीडियो देखने लग गया।
ज्योति की शादी उसको कुछ खास परेशान नहीं करती, आखिर हर लड़की का ये एक सपना होता है। और २२-२३ साल की लड़की के लिए अपनी जवानी को संभालना काफी कठिन भी होता है और वो भी बिना किसी बॉयफ्रेंड के।
खैर मै पोर्न वीडियो देखने में मशगूल था। पोर्न वीडियो देख मेरा लन्ड टाईट हो गया और मै एक नग्न महिला को दो लड़कों के साथ मजे लेते देख अपने लंड को बरमूडा से बाहर निकाल कर उसे धीरे धीरे हिलाने लग गया। महिला एक लड़के के लंड को चूसते हुए दूसरे से चूद रही थी, वो बिस्तर पर घोड़ी बनकर गान्ड की ओर से लंड लिए दूसरा लंड मुंह में भर मुखमैथुन करने में मस्त थी।
तो उसके दोनों स्तन सीने से लटक रहे थे जिसे एक लड़का पकड़कर दबा रहा था। तभी मैने वाशरूम जाकर पिसाब किया और फिर बेड पर आकर लेट गया। अब आराम फरमाते हुए मैं लंड को ठंडा कर रहा था।
ज्योति के रहते मुठ मारकर लंड को ठंडा करना बेवकूफी था और फिर मेरी आंख लग गई। मेरी नींद मोबाइल की घंटी बजने से टूटी, तो मै मम्मी का नंबर देख कर थोड़ा हैरान रह गया। फिर मैंने मोबाइल पर कॉल रिसीव किया और मैं बोला. ।
मैं – हां मम्मी, बोलो?
मम्मी – दरवाजे के बाहर खड़ी हूं।
फिर मैंने जाकर दरवाजा खोला, मुझे देख कर मम्मी गुस्से में थी और वो बोली – इतनी देर से दरवाजा खटखटाया और तुम कहाँ थे?
मैं – मेरी आंखें लग गई थी।
फिर मम्मी अपने कमरे में चली गई और ज्योति अपने कमरे की ओर चली गयी। मै कुछ देर रुककर ज्योति के कमरे में घुसा तो उसको देख दिमाग सन्न रह गया। वो अपने स्कर्ट और टॉप्स को उतारकर सिर्फ पेंटी और ब्रा में खड़ी थी।
लेकिन उसका चेहरा दीवार की ओर था तो मै हल्के कदम से उसके करीब पहुंचा और पीछे से दबोच लिया। ज्योति मेरे छुअन से डर गई, पीछे देखते हुए बोली।
ज्योति – पता है ना, कल मुझे लड़के वाला देखने आयेगें।
मै ज्योति की गोलाई को दबाने लग गया और मैं बोला – तो क्या हुआ बेबी, उसको जों देखना है वो तो ऊपर से ही दिख जाएगा।
ज्योति – क्यों शादी के बाद क्या वो अंदर का हिस्सा नहीं देखेंगे?
मै ज्योति के गर्दन को चूमने लग गया और बोला – वो तो तुम्हारे पति देखेंगे, नाकि उनके मम्मी और पापा।
ज्योति मुझे पीछे की ओर धकेलने का प्रयास कर रही थी और बोली – चुपकर साले कुत्ते, जब देखो मुझे देख मुंह से लार टपकाने लगता है।
सतीश अपनी ज्योति दीदी की चूची को जोर जोर से मसलता हुआ अपने लंड को उसके चूतड़ पर गड़ा रहा था। तभी कमरे से बाहर पैर की आहट सुनाई दी, तो मै डर सा गया। मैंने तभी ज्योति को छोड़ा और वो अपना नाइटी लिए वाशरूम घुस गई।
मैं ज्योति दीदी के बेड पर लेटकर एक किताब उठा कर और उसे पढ़ने लग गया। पल भर बाद मै ज्योति दीदी के कमरे से बाहर गया, तो मम्मी किचन में थी। फिर मैं सीधे अपने कमरे में घुसा और बेड पर लेटकर सोचने लग गया कि किस तरह से ज्योति को अपने खड़े लंड से जल्दी चोदा जाये।
खैर वक़्त दोपहर के १२:३० हो रहे थे, तो मुझे पता था कि मम्मी खाना बनाकर मार्केट निकलेगी और शायद वो कुछ देर आराम करे। फिर हम सब ने एक साथ खाना खाया। तभी मै डायनिंग रूम गया, तो मम्मी किचन में ही थी और मै एक ग्लास पानी लेने के लिए रेफ्रिजरेटर के पास गया।
तो मम्मी पीछे देखते हुए बोली – मै अब आराम करने जा रही हूं, अगर नींद लग जाय तो एक घंटे बाद उठा देना।
फिर मम्मी अपने रूम चली गई और में मौका पाते ही ज्योति के कमरे में चला गया। वो बेड पर लेटकर एक किताब पढ़ रही थी, मुझे देख का वो उठकर बैठ गई और मै उसके सामने बैठकर बोला।
मैं – एक तो तुम शर्त मुझसे हार चुकी हो, उस पर से इतना नखरा।
ज्योति मुस्कुराने लगी और बोली – चल बोल जल्दी से, अभी यहां तेरा क्या काम है।
तो मै झट से उसके गर्दन के पीछे हाथ लगा कर उसके होंठो को चूमने लग गया। चूमते चूमते मैं उसके रसीले होठो को अपने मुंह में भरकर चूसने लग गया।
ज्योति नाइटी में मस्त माल लग रही थी, और वो धीरे से मेरे गोद में बैठकर अपने दोनों पैर को मेरे कमर से लपेटने लग गयी। उसकी गद्देदार गान्ड को जांघों पर रख मै काम की दुनिया में खो गया।
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