RE: Sex kahani मासूमियत का अंत
मैं मुस्कुरा दी और फिर हम शाम तक नंगे ही रहे उसके फ्लैट में।
फिर शाम को मैंने और उसने अपने कपड़े पहने और मैं वापस हॉस्टल जाने के लिए तैयार हो गयी। इतनी जबरदस्त चुदाई के बाद मुझे चलने तक में भी दिक्कत हो रही थी।
तब हर्षिल ने खाना ऑर्डर किया और हमने खाना खाया।
थोड़ी देर बात की, मैंने हर्षिल से कहा- प्लीज, इस बारे में कॉलेज में किसी को न बताना, वरना मेरी क्यूट और मासूम लड़की वाली इमेज खराब हो जाएगी।
उसने कहा- चिंता मत करो, यह राज हमारे बीच ही रहेगा।
फिर हमने एक दूसरे को एक लंबी किस दी। हर्षिल ने मोबाइल से कैब बुलवायी.
थोड़ी देर में कैब आ गयी और मैं चुपचाप हॉस्टल आ गयी।
अपने रूम पे पहुँच कर मैंने गेट खटकटाया, तन्वी ने दरवाजा खोला और मैं अंदर कमरे में चली गयी।
तन्वी ने पूछा- इतना लड़खड़ा के क्यूँ चल रही है? लगता है आज ये कच्ची कली फूल बन के आयी है और खूब अच्छे से चुदी है आज।
तो मैंने कहा- पूछ मत यार … मेरी चूत की कली को उस साले ने चोद चोद के फूल ही नहीं भोसडा बना दिया और सब कुछ दुख रहा है, पर मजा भी बहुत आया, ऐसा मजा तो कभी नहीं आया आज तक।
फिर हम दोनों सहेलियां हंसने लगी और थोड़ी देर बाद सो गई। मैंने अगले दिन भी कॉलेज बँक मारा क्योंकि ठीक से चला नहीं जा रहा था।
अगले दो दिन तक मैं दर्द की वजह से कॉलेज नहीं गयी थी। सिर्फ तन्वी कॉलेज गयी थी।
अगले दिन संडे था, कुछ खास काम था नहीं तो तन्वी ने बोला- चलो आज शॉपिंग चलते हैं।
मैं जानती थी कि तन्वी के पापा गरीब है और मैं भी मिडल क्लास फॅमिली से हूँ तो मैंने कहा- पैसे कहाँ से आएंगे? हम इतने अमीर थोड़े ही हैं कि इतनी महंगी शॉपिंग कर सकें।
तन्वी बोली- तू चल न … खर्चा मैं कर लूँगी।
मैंने कहा- तेरे पास पैसे कहाँ से आए इतने?
उसने बोला- छोड़ न वो सब … और तैयार हो जा।
हम दोनों तैयार होके शॉपिंग के लिए चली गई। हमने खूब खाया पिया और मेरी पहली चुदाई सेलीब्रेट की। फिर हम कपड़े खरीदने चले गए।
वहाँ तन्वी ने मुझे एक सेक्सी सी रेड टॉप और ब्लाक स्कर्ट वाली ड्रेस ट्राई करने को कहा।
मैं ड्रेस पहन के आई तो उसने कहा- तुझपे बहुत जँच रही है, तू ले ले।
मैंने पूछा- कितने की है?
तो उसने कहा- तू पैक करवा … मैं पैसे दे रही हूँ।
फिर हम काफी सारी शॉपिंग कर के हॉस्टल आ गए।
मुझे जानना था कि ड्रेस कितने की है तो मैंने तन्वी के पर्स में से बिल निकाल लिया चुपके से।
मैं हैरान रह गयी, ड्रेस 7500 रुपए की थी, मैंने तन्वी से पूछा- अब सच सच बता कि तेरे पास इतने पैसे आए कहाँ से?
तन्वी समझ गयी कि मैं जान के ही रहूँगी।
उसने बताया- अरे वो एक फ्रेंड पे उधार थे तो उसने वापस किए थे।
मैं समझ गयी कि वो झूठ बोल रही है; मैंने उसे उसकी मम्मी की कसम दी और कहा- सच बोल!
उसने जो बताया, वो सुनके तो मैं हैरान रह गयी। उसने बताया कि हर्षिल ने उसको दिये थे, उनकी 2 हफ़्तों पहले डील हुई थी 35000 रुपए की, डील ये थी कि तन्वी मुझे हर्षिल से चुदवाएगी, और अगर मैं सच में सील पैक निकली तो हर्षिल तन्वी को 35000 रुपए देगा वरना सिर्फ 20000 रुपए। तो चुदाई के अगले दिन हर्षिल ने तन्वी को 35000 रुपए दिये थे।
मेरी आँखों में आँसू आ गए थे, मेरी बेस्ट फ्रेंड ने मेरी जवानी की, मेरी चूत की डील की थी। मैं रोने लगी।
तन्वी ने मुझे चुप कराते हुए कहा- सॉरी यार, पर तू किसी से सेटिंग नहीं कर रही थी तो मुझे तुझे बहला फुसला के चुदवाना पड़ा।
पहले तो मैं बहुत गुस्सा थी पर फिर मैं नॉर्मल हो गयी। मैंने सोचा कि तन्वी सही कहती है, जब तक पकड़े न जाओ सब शरीफ होते हैं, और मैं तो शक्ल से वैसे भी शरीफ और मासूम लगती हूँ। मैंने कहा- मैं एक शर्त पे माफ करूंगी।
उसने पूछा- क्या?
तो मैंने कहा- अगली बार से 60-40 हिस्सा होगा पैसों का, 60 मेरा 40 तेरा, अगर मेहनत मेरी तो ज्यादा हिस्सा भी मेरा।
वो हंसने लगी और बोली- पक्का।
फिर तन्वी बोली- वैसे अगला ऑफर 20000 का है हर्षिल का, उसका बाप बहुत अमीर है।
मैंने बोला- तूने फिर डील की मेरी?
उसने बोला- नहीं यार … उसका मेसेज आया था। तू बोल?
मैंने कहा- यार हम गलत तो नहीं कर रहे? ये तो धंधा हो गया।
उसने कहा- पागल है क्या? तू सड़क पे जा के थोड़े ही ग्राहक लगा रही है, ये सिर्फ अपनी जरूरत पूरी करने के लिए साइड इन्कम है।
मैंने सोचा कि ‘ठीक ही तो है’ तो मैंने हाँ कर दी और कहा- ये बात किसी और को न पता चले।
वो हंस दी और बोली- हर्षिल की डिमांड है कि अब जब जाए तो वैसे ही सेक्सी बन के जइयो और वैसे ही मासूम और शर्मीली सी बन के रहीयो। उसे बहुत मजा आया था तुझे ऐसे चोदने में।
मैंने कहा- ठीक है।
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