RE: Antarvasna कामूकता की इंतेहा
20-25 मिनट के बाद अफीम ने अपना असर दिखाया। दारू का नशा उतर और थकावट एकदम काफूर हो गई। मैंने खुद को बहुत तरोताज़ा महसूस किया और अच्छी तरह से गर्म पानी से नहा कर आई।अभी नहाकर बाहर निकली ही थी कि आते ही ढिल्लों फुद्दी में दो उंगलियां डाल कर स्मूच करने लगा। अब मुझमें जोश था, मैंने उसका पूरा साथ दिया और उसमें मगन हो गयी। इसी तरह एक दूसरे में घुसे हुए हम बेड पर गिरे और मैं उसके हर एक अंग को चाटने लगी। इसके बदले में वो भी ऊपर से नीचे तक मेरा अंग अंग चाटने लगा। मेरे दोनों मम्में उसने बड़ी महारत से चाटे और पिए।
तभी वो मेरे मम्मों के बीच में से चाटते चाटते मेरी नाभि से हुए मेरी फुद्दी तक पहुंचा और उसे बुरी तरह चाटते हुए पीने लगा। मैं उसकी इस हरकत से कमान की तरह टेढ़ी हो रही थी। लेकिन अब मैं बिना चुदे झड़ना नहीं चाहती थी, इसलिए मैंने उसे हल्का सा धक्का दिया और एक झटके से उसकी अंडरवियर निकाल कर उसका 10 इंच लंबा लौड़ा रूह से चाटने लगी। जितना मेरे मुँह में जा सकता था मैं ले रही थी।
पता नहीं क्यों … मुझे उसका लंड इतना अच्छा लग रहा था कि जी करता था कि रात भर चूसती ही रहूं। मैं जब सब कुछ भूल कर उसका लौड़ा अलग तरीकों से 15-20 चूमती चाटती रही तो ढिल्लों ने हैरान होकर कहा- बहुत पसंद आ गया लगता मेरा हथियार, छोड़ ही नहीं रही?मुझे ऐसा लगा जैसे मुझे एकदम किसी ने नींद से जगा दिया हो। मुझे अपनी इस हरकत से थोड़ी शर्मिंदगी महसूस हुई और मैं बस मुस्कुरा दी।
उसने मेरी फुद्दी में हाथ लगा कर चेक किया और बोला- तैयार है तू, आ जा फिर।
यह कहकर उसने दो तकिए मेरी गांड के नीचे रखे और फुद्दी ऊपर को बुलंद करके अपने लौड़े को 8-10 बार ऊपर से नीचे तक फुद्दी और गांड पर रगड़ा। तभी उसने मेरी टाँगें अपनी बाहों में लीं और मेरी तह लगा कर एक झटका मारा और आधा लौड़ा यानि 5-6 इंच फुद्दी के अंदर उतार दिया। मुझे बेहद तसल्ली का अहसास हुआ और मेरी मुंह से निकला- हाय ओए एएए…
इसके बाद उसने 10-15 घस्से इसी तरह मारे मगर पूरा अंदर नहीं डाला; मैंने खीझ कर ढिल्लों से कहा- पूरा डाल अंदर ढिल्लों, आधे से काम नहीं चलता अब।ढिल्लों बोला- मैं यही सुनना चाहता था!और हंस पड़ा।
इसके बाद उसने बुरी तरह से अपना पूरा जोर लगा कर 8-10 ऐसे तूफानी घस्से मारे कि मेरे वजूद का कच्चा मकान ढह ढेरी होकर बिखर गया। जब वो तेज़ी से लौड़ा जड़ अंदर पेलता तो मेरी फुद्दी भी 2-3 इंच अंदर को लौड़े के साथ ही भिंच जाती थी और जब उसी स्पीड से लौड़ा बाहर निकालता तो फुद्दी भी कुछ इंच तक साथ ही बाहर निकल आती थी। मुझे यह पता था कि अगर ढिल्लों इसी तरह 10-12 दिन तक मुझे चोद दे तो फुद्दी की बुनियाद ढह-ढेरी कर देगा और मांस को बाहर लटका देगा।
खैर इसी तरह जब उसने और 5-10 मिनट मुझे ठोका तो मैं धन्य हो गयी और एक अजीब सी बेसबरी और जोश में आकर मैंने पूरे ज़ोर से होठों में होंठ और फुद्दी में लौड़ा लिए हुए ही एक पटखनी लगा कर उसके ऊपर आ गयी।ढिल्लों ने थोड़ा हैरान होकर कहा- बल्ले नी घोड़ीए, दिखा दे फिर अपनी ताकत, थक गई तो बता देना।
अब आलम यह था कि मैं उसके ऊपर थी, उसका लौड़ा मेरी फुद्दी में जड़ तक घुसा हुआ था, मेरा मुंह उसके मुंह में और मेरे बड़े बड़े मम्में उसकी छाती पर लगे हुए थे। शायद यह अफीम का नशा था कि 3 बार कसाइयों की तरह चुदने के बाद भी मुझमें इतना जोश था।
खैर अब मैं 10-12 उसे स्मूच करते करते हल्के हल्के घस्से मारती रही। तभी मुझे लगने लगा कि मैं झड़ने वाली हूँ तो मैंने घस्से तेज़ कर दिए। चूंकि स्मूच करते करते मैं ज़्यादा तेज़ घस्से नहीं मार सकती थी इसीलिए मैंने उसके होठों से होंठ अलग किए और अपने हाथ उसकी छाती पर रख कर पूरे ज़ोरों से अपनी फुद्दी को उसके लौड़े पर मारने लगी।
जब मैं उसका पूरा 10 इंच का लौड़ा टोपे तक बाहर निकाल कर फिर फुद्दी के अंदर ठोकती तो मेरे मुंह से निकलता ‘हाय…’ और इसी तरह मैं 10-15 मिनट में मैं काफी लंबे और ज़बरदस्त घस्से मारती चली गई। अजीब बात है कि मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं अभी झड़ी, अभी झड़ी, लेकिन मैं झड़ नहीं पा रही थी, शायद ये अफीम का नशा था। लेकिन आनंद की सभी सीमाएं टूट चुकी थी।अब मैं थकने लगी थी, मैं चाहती तो ढिल्लों को ऊपर आने के लिए बोल सकती थी लेकिन अबकी बार मैं ड्राइवर सीट पर झड़ना चाहती थी। इसीलिए मैंने अपनी पूरी ताकत इकठ्ठी की और उसके लौड़े पर ज़ोर ज़ोर से उछलने लगी। बेड का बेहद महँगा गद्दा भी पूरी शिद्दत से मेरा साथ देने लगा और जब मैं उछल कर नीचे आ रही होती तो ढिल्लों का लौड़ा उसी गति से ऊपर जाता और जब फुद्दी और लौड़े का पूरी बेरहमी से मिलन होता तो ‘फड़ाच… फड़ाच… फड़ाच…’ की आवाज़ आती।
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