RE: Antarvasna कामूकता की इंतेहा
“काले बारी बारी … हो जा शुरू!” ढिल्लों की आवाज़ आयी और काले ने नीचे मेरी गांड में एक धीमा मगर लंबा घस्सा मारा और रुक गया। इसके बाद ढिल्लों ने ऐसे ही एक घस्सा मारा और रुका।
दोस्तो, एक औरत की दो मर्दों द्वारा चुदाई आसान नहीं है, इसके लिए भी आपको तजुर्बा होना चाहिए वरना इसमें बार बार लौड़े बाहर निकलते रह सकते हैं। लेकिन ये दोनों मंझे हुए खिलाड़ी थे। लौड़े अंदर भी थे और जड़ तक भी जा रहे थे।
मेरे खुले मुंह से तरह तरह की आवाज़ें निकल रही थीं। 15-20 मिनट तक मुझे लगातार इसी तरह चोदने के बाद ढिल्लों अचानक रुका और काले से बोला- एक साथ जाने दे अंदर! और स्पीड तेज़ कर दे।
काला उसकी बात सुनकर जोश में आ गया और उसने ढिल्लों से कहा- साली इस बार तो झड़ी ही नहीं, चल करते हैं इसकी मां बहन एक।
यह कह कर दोनों ने मेरी वो तूफानी चुदाई शुरू कर दी कि मेरी चूत और गांड में छक्के छूट गए। बेड ज़ोरों से हिलने लगा और ‘चूं … चूं …’ की आवाज़ करने लगा। अब मेरे मुंह से बस ‘हूँ … हूँ … हूँ …’ की आवाज़ निकल रही थी। तेज़ गति में उन दोनों ने 10-12 घस्से ही मारे कि मेरी फुद्दी ने घुटने टेक दिए और मैं ज़ोरों से झड़ने लगी। मेरे मुंह से बहुत ऊंची आवाज में ‘हाय मेरी माँ …’ निकला और मैं ढिल्लों के सीने पर बदहवासी से सांस लेते हुए पसर गई।
मेरे झड़ने के बाद भी उनकी गति में कोई फर्क नहीं आया और वो मुझे ‘ताड़ … ताड़ …’ करके 15-20 मिनट तक चोदते रहे। इस समय मुझे अपने आप पर इतना गर्व हो रहा था कि पूछो मत। दर्द नाम की कोई चीज़ मेरे जिस्म में नहीं थी और मैं पूरे जोश में मोर्चे पर डटी हुई थी।
एक और तूफानी चुदाई के बाद मैं एक बार फिर ज़ोरों से झड़ गयी। दोस्तो, अब मेरे जिस्म का जोश कुछ ठंडा पड़ गया था। मगर वो थे कि रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे। ये देख कर मैंने हांफते हुए उन दोनों से कहा- बस करो यार … दो बार हो गया मेरा, कितनी लोगे मेरी? थोड़ा टाइम दो मुझे।
यह सुनकर काला हंसा और बोला- अभी तो जानेमन, हमने काम शुरू किया है अपना, अगर सुबह तक तेरी चाल ही ना बदली तो हम किस काम के, और अभी तो हमने तेरी तरह इंजेक्शन भी नहीं लिए हैं, बस समझ ले तुझे चुदना है जब तक हम नहीं थक जाते, थोड़ा जोश में आ जा अब।
उसकी बात सुनकर मेरे होश उड़ गए। अभी तो उन्होंने मुझे 30-40 मिनट ही चोदा था और सुबह तक चुदने की बात सुनकर मैं घबरा सी गयी। मुझे अब पता चल चुका था कि जोश जोश में मैंने इन पंजाबी सांडों के साथ गलत पंगा ले लिया था। मुझे यह भी पता था कि मेरी फुद्दी और गांड दोनों के छेद सुबह तक इतने खोल दिए जाएंगे कि किसी छोटे लण्ड से मैं शायद कभी न झड़ सकूँ।
जब मैंने यह सोचा तो मैंने काले से एक पैग की मांग की क्योंकि मुझे पता था कि बिना नशे के मैं सुबह तक इन दोनों का सामना नहीं कर पाऊंगी और फिर मेरे पास यही एक विकल्प बाकी था। मेरी इस मांग को काले ने स्वीकार कर लिया और वो दोनों रुक गए.
इसी बीच काले ने मुझे एक मोटा देसी दारू का पेग बना कर पिला दिया। इस दौरान मैं बेड से उतर कर नीचे खड़ी हो गयी थी। 2 मिनट के अंदर ही मेरी आँखों के सामने पूरा कमरा घूमने लग गया। उन दोनों ने भी एक एक पेग चढ़ा लिया।
मैं नीचे हाथ लगाकर अपनी गांड को चेक करने लगी तो दोस्तो सीधी 3 उंगलियां मेरी गांड में घप्प से घुस गयीं। मेरे मुंह से अनायास ही निकल गया- सालो, ये क्या कर दिया, इतनी खुल गयी है मेरी।
मेरी बात सुनकर वो दोनों ऊंची ऊंची हँसने लगे।
मेरी नज़र उनके पूरी तरह तने हुए काले लौडों पर पड़ी तो मुझे एहसास हुआ कि अब मैं आम जनता और अपने पति के काम से तो गयी। यही कुछ मेरे दिमाग में चल रहा था कि ढिल्लों मेरे आगे आया और उसने मुझे ऊपर उठा लिया और घप्प से मेरी फुद्दी में डाल दिया। मेरा दोनों बड़े बड़े और दूध से सफेद चूतड़ उसके फौलादी हाथों में थरथरा रहे। उन दोनों को पकड़ कर ढिल्लों से 8-10 अपने लौड़े पर तेज़ी से ‘फच … फच …’ की आवाज़ के साथ मारा।
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