RE: Antarvasna कामूकता की इंतेहा
मैं बाथरूम में जाने लगी तो मुझे चक्कर से आ गया, मैं धड़ाम से फर्श पर गिर गयी। मेरा पूरा जिस्म नशे और हैवानी पंजाबी चुदाई से कांप रहा था। यह देखकर काला आया और उसने करते हुए कहा- तुझे चलने के लिए किसने कहा था, बेड पर लेट जाती, पता भी है किस तरह से चुदी है।
उसने मुझे अपनी बाँहों में उठाया और बेड पर लेटा दिया।
दोनों ने मेरे जिस्म को चेक किया कि कोई चोट तो नहीं आयी लेकिन घुटनों पर कुछ खरोंचों के बिना मुझे कुछ नहीं हुआ था और मैं ठीक थी।
इसके बाद दोनों मेरे गिर्द मेरी तरह नंगे ही लेट गए।
अब आगे:
अगले 15-20 मिनट काला और ढिल्लों दोनों नंगे दोनों तरफ से मुझे बांहों में लेकर लेटे रहे। दरसअल उन दोनों का मेरी ताबड़तोड़ चुदाई में काफी ज़ोर खर्च हो गया था। इस बार तो उन दोनों में से किसी ने भी न तो मेरी गांड और न ही फुद्दी को पौंछा था।
सांस लेकर दोनों उठे और बाथरूम में जाकर दोनों ने अपने मुरझाए हुए काले भुजंग लौड़ों को धोया और साफ किया। लेकिन मुझमें अब भी उठने की हिम्मत नहीं थी और मुझे अपनी गीली फुद्दी और गांड से खीज चढ़ रही थी। इस पर मैंने काले से कहा- यार, मुझे भी बाथरूम तक ले चलो।
यह सुनकर काला हंसा और फिर मेरे पास आकर मुझ अल्फ नंगी को एक झटके से उठा लिया और बाथरूम में ले गया। वहाँ उसने मुझे नीचे उतार दिया और खड़ी कर दिया। तभी उसने शावर वाकई पाइप उठाई और बड़ी तसल्ली से अंदर तक पानी मार मार के मेरी फुद्दी और गांड को धोया।
अचानक मैंने देखा कि पानी में थोड़ा सा खून भी आ रहा था। मैंने अपना हाथ नीचे ले जाकर तीन उंगलियां अपनी फुद्दी में डाल कर चेक किया लेकिन खून वहां से नहीं, मेरी गांड से आ रहा था। फिर मैंने अपना हाथ पीछे से नीचे लेजाकर गांड को 2 उंगलियों से चेक करना चाहा तो मेरी हैरानी की कोई हद न रही। सीधी 2 उंगलियां अनायास ही गांड के अंदर घुस गई बगैर कोई ज़ोर लगाए। फिर जब उँगलयों को देखा तो दोनों खून से सनी हुईं थी। मेरी गांड पूरी तरह से कट फट गई थी। ये तो मुझे नशे का सरूर था कि मैं से गयी, वरना नार्मल हालात में मैं ये चुदाई बर्दाश्त न कर पाती।
खैर काले ने पाइप तब तक मेरी गांड के मुहाने पर लगाए रखी जब टक खून आना पूरी तरह से बंद नहीं हो गया। इसके बाद उसने मुझे फिर उठाया और लेजाकर बेड पर पटक दिया।
इसके बाद वो कहकहा लगाकर हंसा और ढिल्लों से बोला- तेरी जानेमन हाथ लगा लगा कर देखती है।
इस पर ढिल्लों भी हंसा और मुझसे बोला- क्यों जट्टीये, घुसती हैं गांड में अब 3-3 उंगलियां एक साथ?
इस पर मुझे थोड़ा गुस्सा आया और मैं बोली- क्या यार, धीरे नहीं पेल सकते थे, फाड़ के रख दी। पता है कितनी जलन हो रही है?
ढिल्लों बोला- कोई बात नहीं, पहली बार तो फटनी ही थी, अब कुछ नहीं होगा जानेमन। बोल मज़ा आया कि नहीं?
मैंने जवाब दिया- नहीं यार, जलन बहुत हो रही थी, मुझे तो एक और टेंशन में डाल दिया तुमने, पति ने गांड देख ली तो?
इस बात पर ढिल्लों ज़ोर ज़ोर से हंसा- उसको उलटी हो कर मत देना, टाँगें उठा कर ही देना। गांड नहीं दिखेगी।
मैंने कहा- सालो, उसके काम की छोड़ा है मुझे, तुम दोनों से आधा लौड़ा है उसका, अब 10-12 दिन टालमटोल करूँगी, जब तक कुछ कसावट न आ जाये फुद्दी में, वैसे यार अब मेरा दिल नहीं लगेगा तेरे बिन, काश तू घर आ सकता मेरे।
इस पर ढिल्लों फिर हंसा और बोला- इसका भी प्रबंध हो गया है, सुन ध्यान से।
ये कहकर उसने अपना फोन उठाया और किसी को काल की।
दोस्तो, अगली बात सुनकर आपकी रुपिंदर के होश उड़ गए। ढिल्लों के पास मेरे पति का नंबर था और वो दोनों पक्के दोस्तों की तरह बातें करने लगे। फोन हैंड फ्री था। तभी मेरे पति ने ढिल्लों से पूछा- क्यों चल है मौज मस्ती, और जिस शादीशुदा औरत की तुम्हारे साथ है, वो कैसी है? साली को चलने के लायक मत छोड़ना।
ढिल्लों ने मेरे पति को कहा- दो दो चढ़ कर हटे हैं अभी, नंगी बेड पर पड़ी है, सोच ले कैसा हाल होगा। गांड फाड़ दी है। हाथ लगा लगा कर देखती है।
इस पर मेरा पति ठहाका लगाकर और बोला- अच्छी तरह से सर्विस करना साली की, मुझे कब दिला रहे हो इसकी?
मेरे पति को क्या पता था कि ये कोई और नहीं उसकी अपनी धर्म पत्नी है।
इसके बाद ढिल्लों ने कहा- यार तेरे घर आना है, भाभी के हाथ का खाना खाना है, बोल कब आऊं?
इस पर मेरा पति बोला- आना तो पड़ेगा ही, लेकिन मेरी एक शर्त है, कम से कम 2 दिन रह कर जाना होगा।
ढिल्लों बोला- 2 नहीं यार, 4 दिन रह कर जाऊंगा, बोल कब आऊं?
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