RE: Antarvasna कामूकता की इंतेहा
अभी मैं 10 मिनट पहले ही झड़ी थी लेकिन पानी के प्रेशर जो के मेरे दाने पर भी टकरा था, ने मेरे जिस्म में सनसनी पैदा कर दी और मैं बिल्कुल भी नहीं हिली। मेरी आँखें बंद हो गईं।
2-3 मिनट ढिल्लों ने इसी तरह पाइप फुद्दी में घुसेड़ कर रखी और जब उसे पूरा यकीन हो गया कि फुद्दी अंदर से पूरी तरह साफ हो गयी है तो उसने पाइप बाहर निकाल ली।
जब उसने पाइप बाहर निकाली तो मेरे मुंह से अनायास ही ‘ओह …’ निकल गया।
यह सुनकर दोनों हंसे और काले ने कहा- साली को इसमें भी मज़ा आने लग गया था, इसीलिए तो बिल्कुल भी नहीं हिली।
अब ढिल्लों ने मुझे नीचे उतरवा लिया और मेरे दोनों हाथ दीवार के लगा कर मुझसे गांड पीछे बाहर निकालने को कहा।
मैंने वैसा ही किया।
इस बार उसने पाइप उठायी और मेरी गांड में घुसेड़ दी। लेकिन मेरी गांड अभी तक इतनी नहीं खुली थी कि पाइप अंदर जा सके और ऊपर से पानी का प्रेशर भी बहुत था।
यह देख कर ढिल्लों ने अपनी दो उंगलियां पानी के साथ मेरी गांड में घुसा दीं और अंदर बाहर करने लगा। मैं पूरी तरह हिल गयी लेकिन मोर्चे पर डटी रही।
इस तरह जैसे तैसे ढिल्लों ने 5-7 मिनट लगा कर मेरी गांड को पानी और अपनी उंगलियों के साथ अंदर तक धो डाला. और जब उसकी पूरी तसल्ली हो गयी कि अब मेरी गांड बिल्कुल साफ है तो उसने तौलिये के मेरी फुद्दी और गांड अच्छी तरह साफ कर दी।
इसके बाद उसने मुझे मेरी जांघों से उठा लिया और लाकर बेड पर लेटा दिया। अब वो मुझे खींच कर बेड के किनारे तक ले आया जिससे मेरी दोनों टाँगें बेड से नीचे लटकने लगीं। इसके बाद उसने दो तकिए उठाए और मेरी पीठ के नीचे लगा दिए और मेरी टाँगें ऊपर करके तह लगा दी और खुद टांगों के बीच आकर कुर्सी पर बैठ गया।
अब मेरी लाल उभरी हुई क्लीन शेव फुद्दी का मुँह ऊपर की तरफ हो गया।
उसकी इन हरकतों को देख कर काला बोला- क्या हो गया ढिल्लों, लगता अब तू इसकी फुद्दी खायेगा।
इस पर ढिल्लों हंसा बोला- यार बड़ी देर बाद ऐसी शानदार लाल फुद्दी मिली है, आज सारी हसरतें पूरी करूँगा, तू देखता जा।
इसके बाद उसने अपने फोन में मेरी फुद्दी का एक क्लोज शॉट लिया और मुझे दिखाया।
दोस्तो, अपनी गोरी क्लीन शेव फुद्दी जिसका मुंह बीच में से हल्का सा खुल गया था, देख कर मन बाग बाग हो गया।
मैं यही सोच रही थी कि मेरे जिस्म में एक तेज़ लहर दौड़ गई। ढिल्लों ने अपने हाथों से मेरी फुद्दी को अच्छी तरह खोल कर नीचे से ऊपर तक अपनी जीभ फेर दी। मेरे मुंह से ‘ओहह …’ की एक बुलंद आवाज़ निकली।
ढिल्लों ने ये देख कर पांच सात बार और नीचे से ऊपर तक अपनी पूरी रूह से जीभ फेरी। मुझे यकीन ही नहीं हो रहा था कोई मर्द इतनी शिद्दत से फुद्दी को चाट सकता है। मैं धन्य हो गयी।
मेरे मुंह से ‘हाय मेरी माँ, उन्ह मेरी माँ … माँ…’ की ऊंची आवाज़ें अपने आप निकलने लगीं। फुद्दी चटवाने में जो आनन्द है, वो सिर्फ उन्हीं औरतों को पता है जिनकी फुद्दी चाटी गयी हो। वैसे पतिव्रता औरतों को यह आनन्द कम ही मिलता है।
खैर अब ढिल्लों ने अपना पैंतरा बदला। अब उसने मेरी फुद्दी को बुरी तरह खींच कर जितनी चौड़ी ही सकती थी की, अपना पूरा मुंह खोला और फुद्दी को अपने मुंह में भर लिया और अपनी जीभ अंदर डाल कर पूरा जोर लगा कर स्मूच करने लगा।
मैं पागल हो गयी और अब मेरे मुंह से बुरी तरह हुँकारें निकलने लगी। मैं जोश में आकर ऊपर उठी और ढिल्लों का सर पकड़ कर अपनी फुद्दी पर जकड़ लिया.
हालांकि मुझे पता था वो अपना मुंह अलग नहीं करेगा।
उस कमरे में जो कुछ चल रहा था वो कोई सोच भी नहीं सकता। काला कमरे में एक तरफ बैठा सब कुछ होता देख रहा था और हैरान परेशान हो रहा था।
5-7 मिनट की ढिल्लों की कारवाई ने मुझे अंदर तक हिला कर रख दिया और मेरा ज्वालामुखी फट गया। मैं बुरी तरह से हिल हिल कर झड़ने लगी लेकिन ढिल्लों ने अपना मुंह फुद्दी पर ज़ोर से कसे रखा और मेरे पानी की एक बूंद तक बाहर नहीं आने दी।
ढिल्लों ने मेरा पानी पी तो लिया था लेकिन उसके मुंह का ज़ायका बुरी तरह बिगड़ गया था और उसे उल्टी आने ही वाली थी कि उसने पीछे टेबल पर पड़ी दारू की बोतल को उठाया और नीट ही 5-7 घूंटें भर लीं।
दोस्तो मैं अभी अभी बहुत ज़ोरों से झड़ी थी लेकिन मुझे अपनी फुद्दी में ज़रा सी भी चिकनाई महसूस नहीं हो रही थी क्योंकि ढिल्लों इतने ज़ोरों से फुद्दी के घूंट भर रहा था कि उसने फुद्दी पर बिल्कुल पानी नहीं आने दिया। हां, उसका थूक मुझे अपनी फुद्दी पर अच्छी तरह महसूस हो रहा था।
मेरे झड़ने के बाद भी ढिल्लों नहीं रुका और उसी तरीके से मेरी फुद्दी को चाटना जारी रखा। कुछ देर के लिए मैं टाँगें चौड़ी करके निढाल पड़ी रही।
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