RE: Antarvasnax Incest खूनी रिश्तों में चुदाई का नशा
आज हमारे सामने दो बार चुदवा कर और नंगे रहने से मम्मी की झिझक हम से कम हो गयी थी, शायद उन्होने सोच लिया था कि अब छुपाने और झिझकने के लिए कुछ बाक़ी नही बचा, इस के बावजूद वो हमारी मौजूदगी मे शाहजी की बात का जवाब झिझकति हुई सर झुका कर
देने लगीं, “म्म्म्मै आउन्गी, मगर त्त्त्तुम अपने दोस्तों को मत बोलना, च…च..चार चार एक साथ, बाप रे मैं कभी बर्दास्त नही कर सकूँ गी, मैं
मर जाउन्गी.”
मम्मी की इस बात से सॉफ पता चल रहा था कि वो अब शाहजी के दोस्तों से चुदवाने के लिए राज़ी हो चुकी हैं मगर सॉफ सॉफ और खुल कर नही कह पा रही हैं.मम्मी के इस बदलाव को महसूस कर के शाहजी खुश हो कर मम्मी को प्यार करता हुआ कहने लगा, “अरे मेरी
जान डरती क्यूँ है, तुझे कुछ नही हो गा. तू बहुत चुदक्कड औरत है, चार तो क्या तू 8 मर्दों को भी बड़ी आसानी से मज़े ले ले कर झेल ले गी, तू नजमा को देख जब उस जैसी कमसिन लड़की बड़ी आसानी से मज़े ले ले कर चारों से चुदवा सकती है तो तू क्यूँ नही चुदवा सकती है.”
नजमा उठ कर मम्मी के बराबर बैठ कर कहने लगी, “मम्मी आप नही जानती कि चार मर्दों से चुदवाने मे कितना मज़ा मिलता है, मेरा बस
चले तो मैं 8/10 मर्दों से चुदवाऊ. आप एक बार चुदवा कर देख लें.”
“त्त्त्त्त्त्तुम भी सब से…………………….” मम्मी मे अभी भी झिझक थी इसलिए वो सेंटेन्स को पूरा नही कर सकी.
“हाँ मम्मी मैं भी शाहजी के सब दोस्तों से चुदवाती हूँ और जानती हैं चुदाई से पहले यह सब शराब पी कर मस्त हो जाते हैं फिर टेप-रेकॉर्डर पर गाने लगा कर मुझे नंगा कर के मेरा नंगा नाच देखते हैं फिर उसके बाद सब मिल कर मुझे इतने ज़बरदस्त तरीक़े से चोदते हैं कि मैं मज़े मे सब कुछ भूल जाती हूँ.” नजमा बात करते हुए मम्मी की रान को सहलाने लगी.
शाहजी नजमा के चुप होते ही मम्मी के गाल को सहलाता हुआ कहने लगा. “ मेरी रानी अब यह ना नही करना छोड़ कर जिस तरह हम कहें बस वही करती जा फिर तू खुद कहे गी के जवानी का असली मज़ा तो अब मिल रहा है. एक बात बताओं कि जब नजमा की शादी पक्की हो
गयी थी तो हम सब दोस्त बहुत उदास हो गये थे और यही सोचते थे कि नजमा के जाने के बाद चुदाई के लिए फिर से वही 3र्ड क्लास रंडियों को ला कर पहले की तरह चोदना पड़ेगा, मगर तुझ से ताल्लुक़ हो गया है तो अब तू नजमा के जाने के बाद उसकी जगह ले ले गी समझी.”
मैं पहले की तरह मम्मी के सामने कार्पेट पर बैठा सब की बातें सुनते हुए मुसलसल मम्मी की खूबसूरत चूत को ही देखे जा रहा था, अब जैसे ही शाहजी अपनी बात कह कर चुप हुआ मैं जल्दी से बोलने लगा. “मम्मी अभी तक शाहजी के दोस्तों ने आप को नही देखा है जब वो आप को देखें गे तो आप सोच भी नही सकती हैं कि उनका क्या हाल हो गा, क्यूंकी वो सब ख्वाब (ड्रीम) मे भी नही सोच सकते थे कि नजमा के
जाने के बाद उन्हें चोदने के लिए आप जैसी खूबसूरत औरत मिल सकती है, यह कह कर मैं शाहजी की तरफ देख कर बोला. “क्यूँ शाहजी
मैं ग़लत तो नही कह रहा हूँ.”
“बिल्कुल ठीक कहा है तूने, तेरी माँ की खूबसूरती अपनी मिसाल आप है, अरे यह तो बनी बनाई मधूबाला है, आज लाखों मर्द ख़यालों मे मधूबाला को देख देख कर मूठ मारते हैं, अब जब मेरे दोस्तों को चोदने के लिए यह मधूबाला मिले गी तो खुद सोच उनका क्या हाल हो गा, अरे वो साले तो खुशी से पागल हो जाएँ गे.” यह कह कर शाहजी एक लम्हे के लिए चुप हुआ फिर मेरी तरफ देख कर मुस्कुराता हुआ बोला,
“बेहन्चोद मैं बहुत देर से देख रहा हूँ कि तू बराबर नज़र जमाए अपनी माँ की चूत को देखे ही जा रहा है, साले, दूर से बैठ कर देखने का क्या फ़ायदा, अगर ठीक से देखना है तो नज़दीक आ कर देख ले, अबे आजा आजा मैं तेरे लिए पूरी चूत को खोल रहा हूँ ताकि तू ठीक से
देख ले.” यह कहता हुआ शाहजी मम्मी की दोनो टाँगों को पकड़ कर दोनो तरफ फैलाया और ऊपर उठा दिया.
“न्न्न्न्नाही ऊओफ़ च…छोड़ो मुझे ककक्कुच तो श…शरम करो, श..शहाब न्न्न्नाही दद्देखना.” मम्मी मचलती हुई शरम से हकलाते हुए कहने लगीं.
शाहजी मम्मी को मज़बूती से पकड़े हुए कहने लगा, “साली रंडी, यह कुटिया की तरह उच्छल कूद क्यूँ कर रही है, क्या अब कुछ छुपाने के लिए बाक़ी रह गया है जो तू छुपाना चाहती है, वो साला मादर्र्चोद इतने देर से क्या अपने बाप का लंड देख रहा था, वो गान्डु तो इतनी देर से
तेरी चूत ही तो देख रहा था अब नज़दीक से आ कर ठीक से देख ले गा तो उसे देख लेने दे.” फिर वो मुझ से कहा, “अबे मादर्र्चोद तू अभी
तक वहाँ बैठा क्या गान्ड मरवा रहा है, आजा और नज़दीक से आ कर ठीक से दिल भरके अपनी माँ की चूत को देख ले.”
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