RE: MmsBee कोई तो रोक लो
मेरी बात सुनकर, कीर्ति ने मुझ पर झल्लाते हुए कहा.
कीर्ति बोली “जब तुम ये बात पहले से ही जानते थे, तो फिर तुम्हे इसे लेने की, क्या ज़रूरत थी. तुम मेरे बर्थडे पर, मुझे गिफ्ट देकर खुश करना चाहते थे या फिर मेरा मूड खराब करना चाहते थे.”
मैने देखा तो कीर्ति का मूड सच मे बहुत खराब हो चुका था. मुझे अपनी इस हरकत पर बहुत पछ्तावा हो रहा था. मैने उसका बिगड़ा हुआ मूड, ठीक करने की कोशिस करते हुए कहा.
मैं बोला “मैं तो तुझसे पहले ही बोला था कि, ये तुझे पसंद नही आएगा. लेकिन तू ज़िद करके इसे अपने साथ ले आई थी. मगर अब तू इस गिफ्ट को लेकर अपना मूड खराब मत कर, मुझे अच्छा नही लग रहा है.”
कीर्ति बोली “तुझे अच्छे से पता है कि मैं सलवार सूट नही पहनती हूँ, तो अब तू ही बता तेरे इस गिफ्ट का मैं क्या करूँ.”
मैं बोला “तू इस गिफ्ट को भूल जा और इसे मुझे वापस कर दे. मैं इसे किसी ऑर को दे दूँगा. तुझे मैं तेरी पसंद का कोई दूसरा गिफ्ट दिला दूँगा.”
ये कहते हुए मैने कीर्ति के हाथ से वो सूट ले लिया. कीर्ति ने मुझे गौर से देखते हुए कहा.
कीर्ति बोली “अमि निमी को तो ये सूट होना नही है. फिर तुम ये किसे देने की सोच रहे हो.”
मैं बोला “इसमे सोचना क्या है. मैं ये मेहुल को दे दूँगा और वो अपनी गर्लफ्रेंड को गिफ्ट कर देगा.”
ये सुनते ही कीर्ति गुस्से से भड़क उठी. उसने मेरे हाथ से वो सूट छीनते हुए कहा.
कीर्ति बोली “मेरा लिए खरीदा हुआ गिफ्ट, तुम उस शिल्पा को देना चाहते हो. मैं ऐसा कभी नही होने दूँगी.”
कीर्ति को फिर गुस्सा करते देख, मैने उसे समझाते हुए कहा.
मैं बोला “देख तू फिर अपना मूड खराब कर रही है. जब तुझे ये पसंद नही है तो, इस से क्या फरक पड़ता है कि, मैं इसे किसको दे रहा हूँ और फिर मेहुल मेरे लिए कोई गैर नही है.”
लेकिन कीर्ति ने मेरी बात पर भड़कते हुए कहा.
कीर्ति बोली “नही, मेरे लिए खरीदा हुआ गिफ्ट, मैं शिल्पा को हरगिज़ नही देने दूँगी.”
मैं बोला “लेकिन जब तुझे ये पसंद ही नही है तो, तू इसका करेगी क्या.?”
कीर्ति बोली “मैं चाहे इसका कुछ भी करूँ पर इसे शिल्पा को नही देने दूँगी, तो मतलब नही देने दूँगी.”
मुझे समझ मे नही आ रहा था कि, कीर्ति ऐसा क्यो कर रही है. आख़िर वो शिल्पा से किस बात के लिए इतना चिड रही है. इसलिए मैने बात को थोड़ा हल्का बनाते हुए उस से कहा.
मैं बोला “ठीक है, मैं ये किसी को नही दूँगा. लेकिन तू एक बात बता कि, तू शिल्पा से इतना चिड क्यो रही है.”
मेरी बात के जबाब मे कीर्ति ने बात को घूमाते हुए कहा.
कीर्ति बोली “शिल्पा, कैसी दिखती है.”
मैं बोला “अच्छी है. तेरी ही तरह सुंदर दिखती है.”
कीर्ति बोली “तेरा, मेरी ही तरह से क्या मतलब है.”
मैं बोला “मतलब कि रहण सहन पहनावा और बातचीत मे बिल्कुल तेरी तरह ही है.”
कीर्ति बोली “अछा ये बता, मैं और शिल्पा मे से कौन ज़्यादा सुंदर और सेक्सी है.”
मैं बोला “तू ही ज़्यादा सुंदर और सेक्सी है.”
कीर्ति बोली “कैसे कह सकता है कि, मैं ज़यादा सुंदर और सेक्सी हूँ.”
मैं बोला “तू उस से ज़्यादा सुंदर और सेक्सी है, तो है. अब इससे ज़्यादा मुझसे कुछ मत पूछना, तुझे मेरी कसम है.”
कीर्ति बोली “अब तूने कसम दे दी है तो, मैं इस बारे मे कुछ नही पूछूंगी. लेकिन एक बात तुझे बताती हूँ कि, शिल्पा मेहुल के घर, मेहुल को देखने गयी थी. क्योकि पिच्छले 2 दिन से मेहुल स्कूल नही जा रहा है और उसने अपना मोबाइल भी बंद करके रखा है. इसलिए वो नितिका के साथ, मेहुल के बारे मे पता करने गयी थी.”
मैं बोला “ये सब बातें तुझे नितिका ने बताई है ना.”
कीर्ति बोली “हां, नितिका ने ही बताया है. लेकिन शिल्पा से जुड़ी एक बात ऐसी भी है. जिसे नितिका, मेहुल और खुद शिल्पा भी नही जानती.”
कीर्ति की ये बात सुनकर, मैने हैरानी से उसे देखते हुए कहा.
मैं बोला “शिल्पा से जुड़ी ऐसी कौन सी बात है. जिसे खुद शिल्पा भी नही जानती, मगर वो तुझे पता है.”
कीर्ति बोली “यही कि शिल्पा को तुम भी प्यार करते हो.”
कीर्ति के मूह से, ये बात सुनकर एक पल के लिए तो मेरे होश ही उड़ गये. लेकिन अगले ही पल मैने खुद को संभालते हुए कहा.
मैं बोला “तू ये क्या बकवास कर रही है. शिल्पा मेरे दोस्त की गर्लफ्रेंड है. मैं उसके बारे मे ऐसा सोच भी कैसे सकता हूँ.”
कीर्ति बोली “ये कोई बकवास नही है. ये सच है और ये ही सच मैं तेरे मूह से सुनना चाहती थी. मैं जानती हूँ कि, मेहुल से पहले तुम शिल्पा को पसंद कर चुके थे. इसी वजह से तुम्हारी जिंदगी मे कोई दूसरी लड़की नही आई. बोलो सही कहा ना मैने.”
कीर्ति की बात सुनकर, मैं सोच मे पड़ गया कि, जो बात मेरे सिवा कोई जानता था, वो कीर्ति को कैसे पता चल गयी. मुझे इस तरह सोच मे गुम देख कर कीर्ति ने मुझे टोकते हुए कहा.
कीर्ति बोली “इतना ज़्यादा सोचने से कुछ हासिल नही होगा. तुम यही सोच रहे हो ना कि, ये बात जब तुम्हारे सिवा कोई नही जानता तो, मुझे कैसी पता चल गयी.”
मैं बोला “हां, ये बात तो मैने कभी मेहुल तक को नही बताई. फिर ये बात तुझको कैसे पता चल गयी. क्या ये बात नितिका और शिल्पा भी जानती है.”
मुझे कुछ परेशान सा होते देख, कीर्ति ने मुस्कुराते हुए कहा.
कीर्ति बोली “तुम बेकार मे परेशान मत हो. नितिका और शिल्पा को इस बारे मे कुछ मालूम नही है. शिल्पा ने तुम्हे कभी मेहुल के साथ नही देखा था. इसलिए वो ये जानती ही नही थी कि, तुम मेहुल के दोस्त हो. उसे तो मेहुल के घर जाने पर आंटी से पता चला कि, तुम मेहुल के बेस्ट फ्रेंड हो.”
कीर्ति की बात सुनकर, मेरी परेशानी कुछ कम हुई और मैने उस से कहा.
मैं बोला “हां, मैं मेहुल से अक्सर स्कूल के बाद ही मिला करता था.”
कीर्ति बोली “ये सब तो तुम पहले ही बता चुके हो. अब वो बताओ, जो मैं नही जानती हूँ.”
मैं बोला “क्या.?”
कीर्ति बोली “अपने एक एकतरफ़ा प्यार की कहानी.”
मैं बोला “अभी नही, हम कुछ देर बाद, कही घूमने चलते है. वही बैठ कर, हम इस बारे मे बात करेगे.”
कीर्ति बोली “ठीक है, मगर इतना याद रखना कि, तुझे सारी बात आज ही बताना होगी. वरना इस बार मैं सच मे, तुझसे हमेशा के लिए बात करना बंद कर दूँगी.”
मैं बोला “ओके, मैं सारी बात आज ही बता दूँगा. लेकिन तू उसके पहले मुझे ये ब्रेस्लेट वापस कर दे.”
मेरी बात सुनकर, कीर्ति ने चकित होकर मेरी तरफ देखते हुए कहा.
कीर्ति बोली “ओये इसे मैं क्यों वापस कर दूं. ये तो मुझे बहुत पसंद आया है.”
कीर्ति की ये बात सुनते ही, मैने उसको सुबह निमी से हुई बातें बताई. जिसे सुनने के बाद कीर्ति ने ब्रेस्लेट उतार कर मुझे दे दिया और हंसते हुए पुच्छने लगी.
कीर्ति बोली “तुम निमी से इतना क्यो डरते हो.”
मैने भी मुस्कुराते हुए उसकी बात का जबाब देते हुए कहा.
मैं बोला “उस पर तेरी ही परच्छाई पड़ी है, इसलिए वो बहुत जिद्दी है. उसने जो बात एक बार कह दी, तो कह दी. फिर वो किसी की भी नही सुनती. मैं नही चाहता कि, उस से मेरी बेवजह बात बंद हो जाए.
कीर्ति बोली “सब निमी को कितना प्यार करते है. उस प्यार को देख कर तो, कभी कभी मुझे निमी से जलन सी होने लगती है.”
मैं बोला “शरम कर, वो तेरी छोटी बहन है और तुझे उस से जलन होती है. वो अपने घर मे सबसे छोटी है, इसलिए सबकी लाडली है. उससे जलना बंद कर और घूमने चलने की तैयारी कर ले.”
कीर्ति बोली “ओके अब मैं अपनी प्यारी निमी से नही जलुन्गी. लेकिन मुझे इतना तो बता दो, कि हम लोग घूमने कहाँ जा रहे है.”
मैं बोला “कही ज़्यादा दूर नही, बस मिलेन्नीयम पार्क चलेगे.”
कीर्ति बोली “लेकिन वहाँ तो सिर्फ़ बाय्फ्रेंड और गर्लफ्रेंड ही आते है. हम वहाँ जाकर क्या करेगे.”
मैं बोला “वहाँ सभी तरह के लोग आते है. वहाँ हम से कोई ये पुच्छने नही आने वाला कि, हम बाय्फ्रेंड गर्लफ्रेंड है या भाई बहन है.”
कीर्ति बोली “चल तुझे ठीक लगता है तो, हम वही चलते है. लेकिन अमि निमी को क्या कहेगे. वो भी तो हमें जाते देख कर, हमारे साथ चलने की ज़िद करेगी.”
मैं बोला “उनके चलने से हमे क्या परेशानी. वो अपना आराम से झूले मे झूलती रहेगी और हम आराम से अपनी बात करते रहेगे.”
कीर्ति बोली “नही, मुझे अकेले मे बात करना है. तू कोई रास्ता निकाल, जिससे वो दोनो हमें खुशी खुशी घूमने जाने दे.”
कीर्ति की बात सुनकर, मैं सोच मे पड़ गया. मुझे एक तरकीब नज़र आई तो मैने कीर्ति से कहा.
मैं बोला “एक रास्ता है, जिस से अमि निमी हमें खुशी खुशी घूमने जाने दे सकती है.”
कीर्ति बोली “क्या रास्ता है.”
मैं बोला “तुझे पापा ने जो वीडियो गेम दिया है. वो तू उनको खेलने के लिए दे दे. वो दोनो उसे खेलने मे मस्त हो जाएगी और हम अकेले घूमने जा सकेगे.”
कीर्ति बोली “लेकिन यदि वो इसके बाद भी नही मानती है तो.”
मैं बोला “वो ज़रूर मान जाएगी. क्योकि दोनो को वीडियो गेम खेलने का बहुत शौक है. बस वो आपस मे झगड़ा ना करे, वरना नया तेरा वीडियो गेम हमेशा के लिए सो जाएगा.”
मेरी बात सुनकर, कीर्ति को हँसी आ गयी और उसने हंसते हुए कहा.
कीर्ति बोली “मुझे वीडियो गेम की कोई फिकर नही. उनके उपर ऐसे हज़ार वीडियो गेम कुर्बान है. मुझे तो बस इस बात की फिकर की वो हमें खुशी खुशी यहाँ से जाने देती है या नही जाने देती.”
मैं बोला “तू इसकी भी फिकर मत कर, वो हमें ज़रूर जाने देगी. अब उनके आने का समय होने वाला है. इसलिए अब मैं अपने कमरे मे जाता हूँ. अब अमि निमी के साथ ही, तुझे ये गिफ्ट देने आउन्गा.”
मेरी बात सुनकर कीर्ति हँसने लगी और मैं अपने कमरे मे वापस आकर टीवी देखने लगा. फिर 12:30 बजे अमि निमी भी स्कूल से वापस आ गयी. दोनो ने थोड़ी देर बाद कीर्ति को गिफ्ट देने चलने की बात कही और फिर अपने कमरे मे चली गयी.
अपने कमरे मे जाकर, दोनो मूह हाथ धोने और अपने कपड़े बदलने के बाद, अपने अपने गिफ्ट लेकर मेरे पास आती है और मुझे कीर्ति के पास चलने को कहती है. मैं उनके साथ कीर्ति के कमरे मे जाता हूँ.
कीर्ति अपने कमरे मे खोले हुए गिफ्ट जमा रही थी. कीर्ति को देखते ही, निमी जल्दी से दौड़ कर उसके पास जाती है और उसे अपना गिफ्ट देते हुए बर्तडे विश करती है. कीर्ति गिफ्ट लेकर रखने लगती है तो, निमी उस गिफ्ट को अभी ही खोलने को कहती है.
तब कीर्ति उसका गिफ्ट खोलकर देखती है और उसकी बहुत तारीफ करती है. फिर अमि भी अपना गिफ्ट देकर उसको विश करती है. कीर्ति उसका भी गिफ्ट खोल कर देखती है और उसकी भी तारीफ करती है.
सबसे बाद मे मैं अपना गिफ्ट देता हूँ और विश करता हूँ. कीर्ति मेरे गिफ्ट को खोलती है और उसे पहनने लगती है. मगर वो ब्रेस्लेट उसके हाथ मे नही जाता. ये देख कर, मुझे बहुत हैरानी होती है कि, अभी कुछ देर पहले तो, कीर्ति ने बड़ी आसानी से ये ब्रेस्लेट मुझे उतार कर दे दिया था.
फिर इतनी जल्दी ये इतना तंग कैसे हो गया कि, उसके हाथ मे जा ही नही रहा है. मैं हैरत से ये सब देख रहा था. तभी अमि कीर्ति से कहती है.
अमि बोली “दीदी लगता है, ये बहुत टाइट है. आप इसे बदल कर दूसरा ले लीजिए.”
अमि की बात सुनकर, मुझे कीर्ति की इस हरकत का मतलब समझ मे आ जाती है और मैं बात को आगे बढ़ाते हुए कहता हूँ.
मैं बोला “अमि ठीक कह रही है. मैं चलकर इसे बदलवा दूँगा. मगर तुम्हे मेरे साथ चलना पड़ेगा. तभी तुम्हारे नाप का सही ब्रेस्लेट मिल पाएगा.”
उधर निमी ने कीर्ति के मेरे साथ जाने की बात सुनी तो, उसने भी बीच मे कूदते हुए कहा.
निमी बोली “हां दीदी, यही सही रहेगा और इस बहाने हम लोग घूम भी आएगे.”
निमी की बात सुनकर, मुझे तो हँसी आ गयी. मगर कीर्ति ने बात को बदलते हुए कहा.
कीर्ति बोली “नही, तुम दोनो बेकार मे क्यों परेशान होती हो. मैं और पुन्नू जाकर इसे बदल आएगे. तुम्हे करना है तो, बस मेरी छोटी सी हेल्प कर दो.”
कीर्ति की बात ने अमि निमी को उदास कर दिया. लेकिन फिर भी अमि ने उस से हेल्प के बारे मे पुछ्ते हुए कहा.
अमि बोली “दीदी, आपको हम दोनो से क्या हेल्प चाहिए.”
कीर्ति ने वीडियो गेम उठाया और दोनो को दिखाते हुए कहा.
कीर्ति बोली “देखो मौसा जी, मेरे लिए ये वीडियो गेम लेकर आए है. लेकिन मुझसे तो इसे खेलते ही नही बन रहा है. क्या तुम इसे खेलना सिखा सकती हो.”
कीर्ति की बात सुनते ही निमी ने मुस्कुराते हुए कहा.
निमी बोली “दीदी, हम आपको गेम खेलना सिखा सकते है. मगर पहले हमें खुद इसमे खेलकर देखना पड़ेगा. तभी हमें पता चलेगा कि इस मे कौन कौन से गेम है और उन्हे कैसे खेला जाता है.”
कीर्ति बोली “अरे तो तुम लोगों को गेम खेलने से किसने मना किया है. तुम लोग गेम खेलो ना. मैं तो सिर्फ़ इतना चाहती हूँ कि, तुम ये गेम मुझे भी खेलना सिखा दो. अब कब और कैसे सीखना है, ये बात मैं तुम पर छोड़ देती हूँ.”
निमी बोली “तो ठीक है दीदी, आप भैया के साथ ब्रेस्लेट बदलने जाइए. जब तक मैं और अमि दीदी मिलकर, इस वीडियो गेम के सारे गेम समझ लेते है और फिर आपको भी सिखा देगे.”
कीर्ति बोली “ठीक है, लेकिन सारे गेम अच्छी तरह से सीख लेना. क्योकि मुझे इसका कोई गेम नही आता.”
निमी बोली “आप चिंता मत करो दीदी, हम अब सारे गेम सीखने के बाद ही ये वीडियो गेम आपको वापस लौटाएगे. हम लोग अभी ही जाकर आपके काम मे लग जाते है.”
निमी की वीडियो गेम वापस करने की बात सुनकर, मैं बड़ी मुस्किल से अपनी हँसी रोक पाया. वही कीर्ति ने निमी को टोकते हुए कहा.
कीर्ति बोली “नही अभी नही. पहले हम सब मिलकर खाना खाएगे. उसके बाद तुम दोनो इसे खेलते रहना और मैं पुन्नू के साथ ब्रेस्लेट बदलने चली जाउन्गी. हां तुम लोग चाहो तो, अभी इसे अपने कमरे मे रख सकती हो.”
कीर्ति की इस बात से दोनो बहुत खुश हुई और वीडियो गेम उठा कर अपने कमरे मे ले गयी. उनके जाने के बाद, मेरी थोड़ी बहुत कीर्ति से बात हुई और फिर छोटी माँ ने खाना खाने के लिए आवाज़ लगाई तो, हम सब एक एक करके नीचे आ गये.
जब सब आ गये तो छोटी माँ ने खाना लगा दिया और फिर हम सब बातें करते करते खाना खाने लगे. खाना खाते खाते अमि ने कीर्ति से कहा.
अमि बोली “दीदी आज इस ड्रेस मे आप बहुत सुंदर लग रही है. बिल्कुल फ़िल्मो की हेरोइनो की तरह दिख रही है.”
निमी बोली “हां दीदी, आज तो आप बिल्कुल, लकी फिल्म की लकी (स्नेहा उल्लाल) लग रही हो.”
अमि निमी की बात सुनकर सब हंस दिए और फिर से खाना खाने लगे. खाना खाते समय मेरी किसी ज़्यादा बात नही हो रही थी. मैं सबकी बात का, बस हाँ या ना मे जबाब दे रहा था. मगर इस सब मे एक बात मेरे साथ बार बार हो रही थी.
वो बात ये थी कि, ना चाहते हुए भी, बार बार मेरी नज़र कीर्ति पर चली जाती और मैं उसे देखता तो, देखता रह जाता. लेकिन जैसे ही कीर्ति से मेरी नज़र मिलती तो, मैं अपना चेहरा दूसरी तरफ घुमा लेता.
मैं खुद नही जानता कि, मैं ऐसा क्यो कर रहा हूँ. मुझे मालूम था तो बस इतना मालूम था कि, मुझे कीर्ति को देखना अच्छा लग रहा था और मैं उसे देखे जा रहा था. मगर क्यो अच्छा लग रहा था, इसका कोई जबाब मेरे पास नही था.
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