MmsBee कोई तो रोक लो
09-09-2020, 12:44 PM,
#33
RE: MmsBee कोई तो रोक लो
मगर मैं अपनी वजह से कीर्ति की पिक्निक को खराब करना नही चाहता था. इसलिए मैंने अपने मन की बात को, मन मे ही दबाते हुए कीर्ति से कहा.

मैं बोला “अब तुझे क्या हुआ. क्या तुझे अमि निमी के पिक्निक पर जाने से कोई परेशानी है.”

कीर्ति बोली “मुझे उनके जाने से कोई परेशानी नही है. लेकिन तुझे ये सोचना था कि, ये पिक्निक हमने बड़े बड़ों के लिए रखी है. पता नही, वहाँ कौन क्या हरकत करता है. क्या ऐसे मे इनको साथ ले जाना सही है.”

कीर्ति की इस बात से मुझे, उसके इस तरह से चेहरा उतार लेने का मतलब समझ मे आ गया था. असल मे उसे रिया और राज की वजह से इस बात का डर सता रहा था कि, वो अमि निमी के सामने कोई उल्टी सीधी हरकत ना कर दे. उसकी ये बात समझ मे आते ही, मैंने मुस्कुराते हुए उस से कहा.

मैं बोला “तू फिकर मत कर, जैसा तू सोच रही है, वैसा कुछ भी नही होगा और इनकी वजह से तेरी पिक्निक भी खराब नही होगी. इस सबकी ज़िम्मेदारी मैं लेता हूँ. अब रही इनको साथ ले जाने की बात तो, तू ये अच्छी तरह से जानती है कि, मैं इनका उतरा हुआ चेहरा नही देख सकता.”

कीर्ति बोली “अब जब तूने इनको चलने के लिए बोल ही दिया है तो, फिर हम कमाल को भी साथ ले चलते है. कम से कम वो इनका दिल तो बहलाए रहेगा.”

मैं बोला “हां ये ठीक रहेगा. तू उसे अभी ही कॉल कर दे. वो तो पिक्निक के नाम से भागा चला आएगा.”

इसके बाद कीर्ति ने सबसे पहले नितिका को कॉल करके पिक्निक पर चलने का पुछा. नितिका ने कहा कि वो राज, रिया और शिल्पा से बात करके अभी वापस कॉल लगाती है. नितिका से बात होने के बाद, कीर्ति ने कमल से पिक्निक पर चलने की बात कही तो, वो फ़ौरन चलने को तैयार हो गया.

कमल से बात होने के फ़ौरन बाद ही नितिका का कॉल आ गया और उसने बताया कि, सब पिक्निक पर चलने को तैयार है. कीर्ति ने उस से कहा कि, हम लोग 10:30 बजे तेरे घर आ जाएगे. तुम लोग तैयार रहना.

नितिका से बात करने के बाद उसने मेहुल को भी फोन करके सारी बातें बता दी. जब उसकी सबसे बातें हो गयी तो, मैंने उस से पुछा.

मैं बोला “हमें तो दोपहर के खाने के बाद चलना था. फिर तूने नितिका को 10:30 बजे का टाइम क्यो दिया.”

कीर्ति बोली “हम लोग घर से नाश्ता करके निकलेगे और खाना पिक्निक मे ही खाएगे.”

मैं बोला “तो खाने की क्या तैयारी है.”

कीर्ति बोली “हमें खाने की चिंता करने की कोई ज़रूरत नही है. खाने पीने का सारा इंतेजाम मेहुल करेगा. मगर उसने ये बात किसी को भी बताने से मना किया है.”

मैं बोला “अच्छी बात है. मेहुल को ये सब करने मे बहुत मज़ा आता है. खास कर बात जब शिल्पा से जुड़ी हो.”

मेरी ये बात सुनते ही कीर्ति ने मुस्कुराते हुए कहा.

कीर्ति बोली “उसे कम से कम किसी के लिए, कुछ करने का मन तो होता है और एक तू है, जिसे किसी मे कोई दिलचस्पी नही है.”

क्रीती की बात सुन कर मेरे सामने रिया का चेहरा घूमने लगा और मैं सोचने लगा कि, रिया कितनी सुंदर है. लेकिन क्या वो मेरे जैसे सीधे सादे लड़के को पसंद करेगी. मैं अभी अपने इन्ही ख़यालों मे खोया हुआ था कि, तभी कीर्ति ने मुझे टोकते हुए कहा.

कीर्ति बोली “कहाँ खोया है. जल्दी से जाकर तैयार हो जा. तब तक मैं अमि और निमी को भी तैयार कर देती हूँ.”

कीर्ति की बात सुनकर, मैं अपने कमरे मे आकर तैयार होने लगा. मैंने एक ब्लॅक टी-शर्ट और ब्लू जीन्स पहनी और फिर नीचे आ गया. अमि निमी भी तैयार हो चुकी थी और कीर्ति कपड़े बदलने चली गयी थी.

मैं कीर्ति के आने का इंतजार करने लगा. कुछ ही देर बाद कीर्ति भी तैयार होकर आ गयी. आज उसने वाइट शॉर्ट शर्ट और ब्लॅक जीन्स पहना था. जिसमे वो हमेशा की तरह बहुत सुंदर लग रही थी.

मगर आज मैंने उसके कपड़ों पर ज़्यादा ध्यान नही दिया. कीर्ति के आते ही हम सब नाश्ता करने लगे. इसी बीच कमल भी आ गया और वो भी हमारे साथ नाश्ते मे शामिल हो गया.

नाश्ता करने के बाद मैंने ड्राइवर को टाटा सफ़ारी निकालने को बोला और फिर हम लोग नितिका के घर के लिए निकल गये. जब हम लोग नितिका के घर पहुचे तो, नितिका और शिल्पा बाहर खड़ी हमारा ही इंतजार कर रही थी.

शिल्पा ने स्कर्ट टॉप पहना था और नितिका रेड सलवार सूट मे थी. कुछ ही देर मे राज और रिया भी आ गये. रिया ने ब्लॅक टी-शर्ट और ब्लू जीन्स पहना था. जबकि राज पॅंट और शर्ट मे था.

एक एक करके सब गाड़ी मे बैठने लगे. अमि निमी और कमल पहले से ही सबसे पीछे वाली सीट पर बैठे थे. मैं और राज ड्राइवर के बाजू वाली सीट मे आकर बैठ गये. कीर्ति, रिया नितिका और शिल्पा बीच वाली सीट मे बैठ गयी और फिर हम पिक्निक के लिए निकल गये.

करीब एक घंटे के सफ़र के बाद हम लोग वॉटरफॉल पहुच गये. वॉटरफॉल चारो तरफ पहाड़ियों से घिरा हुआ था और वहाँ दूर दूर तक प्राकृतिक सुंदरता बिखरी पड़ी थी.

लोग अक्सर शांति की तलाश मे या फिर हमारी तरह पिक्निक मनाने वहाँ आया करते थे. वहाँ सिर्फ़ बहुत उचाई से गिरते झरने की आवाज़ के सिवा कोई शोर सुनाई नही दे रहा था. वो स्थान शहर से दूर होने की वजह से वहाँ ज़्यादा भीड़ भाड़ नही थी.

हमारे वहाँ पहुचते ही, हमारा स्वागत मेहुल ने किया. वो हम लोगों से पहले वहाँ पहुच गया था और उसने वहाँ खाने पीने का सारा इंतेजाम कर के रखा था. मेरे और कीर्ति के अलावा सभी वहाँ मेहुल को देख कर चौक गये.

मेहुल को अपने सामने देख कर, शिल्पा की खुशी का तो कोई ठिकाना ही नही था. मेहुल ने उसे देख कर आँख मारी और वो मेहुल की इस हरकत से शरमा गयी. मैं मेहुल के पास पहुचा तो उसने मुझे अपने गले से लगाते हुए कहा.

मेहुल बोला “आज तो तू बहुत चमक रहा है. सब कुछ ठीक तो है ना, कही तूने किसी के साथ कोई चक्कर वक्कर तो नही चला लिया.”

मैं बोला “मेरा किसी के साथ कोई चक्कर वक्कर कुछ नही. बस कीर्ति का कल बर्थदे था, इसलिए आज उसे पिक्निक कराने लाया हूँ.”

मेहुल बोला “ये ब्लॅक टी-शर्ट और ब्लू जीन्स मे पटाखा कौन है और उसके साथ ये हॅंडसम लड़का कौन है.”

मैं बोला “ये नितिका के कज़िन है और मुंबई से आए है.”

मेहुल बोला “यार ये लड़की तो अपने हुश्न से सारी दुनिया जला सकती है. मेरी मान तो तू इसे पटा ले, तेरी लाइफ बन जाएगी.”

मेहुल की बात सुनकर, मैं मुस्कुरा दिया. लेकिन इस पहले की मैं कुछ बोल पाता कीर्ति और शिल्पा हमारे पास आ गयी. कीर्ति ने हमारे पास आते ही हम से कहा.

कीर्ति बोली “आप लोग बात ही करते रहोगे या अब कुछ घूमना फिरना भी होगा.”

तब तक बाकी सब लोग भी हमारे पास आ चुके थे. कीर्ति ने रिया और राज का परिचय मेहुल से करवाया. इसके बाद मेहुल सबको वहण लेकर आ गया. ज़हण उसने सबके खाने पीने और बैठने का इंतेजाम किया था. Wअहण आकर हम सब बैठ गये. फिर मेहुल ने कीर्ति से कहा.

मेहुल बोला “यहाँ घूमने फिरने के लिए, हम सब दो दो या तीन तीन के ग्रूप मे बँट जाते है. मैंने तो सोच लिया है कि एक ग्रूप मेरा और शिल्पा का होगा. अब बाकी लोग भी अपना अपना ग्रूप बना लो.”

मेहुल की ये बात सुनकर मुझे अच्छा लगा. क्योकि मैं रिया के साथ रहना चाहता था. लेकिन मेरी ये बात बोलने की हिम्मत नही हो रही थी. ना ही किसी और ने भी कुछ बोलने की कोई उत्सुकता दिखाई. तब मेहुल ने ही सबका ग्रूप बनाते हुए कहा.

मेहुल बोला “लगता है आप लोगो की समझ मे नही आ रहा कि आप किस के साथ ग्रूप बनाए, इसलिए आपकी ये मुश्किल मैं आसान किए देता हूँ. मेरा और शिल्पा का तो एक ग्रूप बन चुका है. अब दूसरा ग्रूप रिया और पुनीत का होगा. तीसरे ग्रूप मे कीर्ति और राज हो जाएगे. चौथे ग्रूप मे नितिका और निमी हो जाएगी. पाँचवा ग्रूप अमि और कमल हो जाएगा.”

मेहुल की ये बात सुनकर जहाँ सब खुश थे. वही मेरी और नितिका की खुशी गायब हो चुकी थी. क्योकि नितिका मेरे साथ रहना चाहती थी. जबकि कीर्ति का राज के साथ रहना मुझे पसंद नही आ रहा था.

मगर ग्रूप बनाने के बाद, मेहुल ने किसी को कुछ बोलने का मौका दिए बिना ही, कहा कि, हम सब एक घंटे यहाँ वहाँ घूमेगे फिर यही आकर मिलेगे. इसके बाद सभी अलग अलग घूमने निकल गये. मैं रिया के साथ झरने के करीब जाकर एक चट्टान पर बैठ गया.

रिया बोली “आप क्या यही बैठे रहेगे. कही घूमेगे नही.”

मैं बोला “हम थोड़ी देर यही बैठ कर बात करते है. फिर जहाँ तुम्हारी मर्ज़ी हो, वहाँ चलेगे.”

रिया बोली “वैसे भी मुझे फालतू मे घूमने की आदत नही है. मुझे तो यही अच्छा लग रहा है.”

ये कहकर वो मुझे से सट कर बैठ गयी. उसके कोमल शरीर की छुअन के अहसास से ही मेरी धड़कने बढ़ गयी. मैंने अपनी धड़कनो पर काबू करने के लिए अपना ध्यान इस तरफ से हटाते हुए रिया से कहा.

मैं बोला “तुम बहुत सुंदर हो और इन कपड़ो मे तो तुम और भी सुंदर लग रही हो.”

रिया बोली “थॅंक्स, मैं जानती हूँ कि मैं बहुत सुंदर हूँ, क्योकि हर लड़का मुझे देख कर यही कहता है.”

रिया की ये बात सुनकर मुझे कुछ अच्छा सा नही लगा. लेकिन तभी रिया ने अपनी बात को पूरी करते हुए कहा.

रिया बोली “सच कहूँ तो आपके मूह से ये बात सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा. क्योकि आप मुझे बहुत अच्छे लगते है.”

मैं बोला “मेरे अंदर तो कोई ऐसी बात ही नही है कि, मैं आपको अच्छा लग सकूँ. ना तो मैं मेहुल और राज की तरह स्मार्ट हूँ और ना ही हॅंडसम हूँ.”

रिया बोली “सब मे अपने अपने गुण होते है और आप ये क्यो सोचते है कि आप हॅंडसम और स्मार्ट नही है. मुझे तो आप हॅंडसम और स्मार्ट दोनो लगते हो. मगर इन सब से बढ़कर जो बात मुझे आपकी पसंद आई है, वो है आपकी सादगी.”

मैं बोला “क्या तुम्हारा कोई बाय्फ्रेंड है.”

रिया बोली “नही मेरा कोई बाय्फ्रेंड नही है.”

मैं बोला “तुम तो इतनी अड्वॅन्स्ड हो, फिर भी तुम्हारा कोई बाय्फ्रेंड नही है.”

रिया बोली “अड्वॅन्स्ड होने का ये मतलब तो नही कि, मैं किसी भी लड़के को अपना बाय्फ्रेंड बना लूँ. मैं एक मेट्रो सिटी मे रहती हूँ और वहाँ लड़के हो या लड़की सब कपड़े की तरह बाय्फ्रेंड गर्लफ्रेंड बदलते रहते है. प्यार का कोई मतलब ही नही समझता. सब सिर्फ़ सेक्स के लिए उतावले रहते है.”

मैं बोला “क्या सेक्स करना बुरी बात है.”

रिया बोली “सेक्स करना बुरी बात नही है. लेकिन यदि सेक्स के लिए ही बाय्फ्रेंड बनाना है तो, फिर सेक्स को पूरा करने के ओर भी काई रास्ते है. मैं सिर्फ़ सेक्स के लिए कोई ऐसा कदम उठाना नही चाहती, जिस से कल मेरे लिए कोई परेशानी खड़ी हो या फिर मुझे ऐसा करने के लिए पछतावा हो.”

मैंने पूछा “क्या तुमने कभी किसी के साथ सेक्स किया है.”

रिया बोली “नही, मैंने कभी सेक्स नही किया.”
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RE: MmsBee कोई तो रोक लो - by desiaks - 09-09-2020, 12:44 PM
(कोई तो रोक लो) - by Kprkpr - 07-28-2023, 09:14 AM

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