MmsBee कोई तो रोक लो
09-09-2020, 12:46 PM,
#35
RE: MmsBee कोई तो रोक लो
सब लोग कॅंप मे पहुच कर कुछ देर आराम से बैठ कर यहाँ वहाँ की बातें करने लगते है. कुछ देर यू बातें करते रहने के बाद, मेहुल ने सब से कहा.

मेहुल बोला “जो जो यहाँ पर नहाने के लिए कपड़े लेकर आया है, वो मेरे साथ चले और जो कपड़े नही लाया है, वो चाहे तो यही रुके या फिर हम लोगों को नहाते देखने के लिए साथ चल चले.”

मेहुल की बात सुनकर कीर्ति और राज को छोड़कर सभी अपने कपड़े निकालने लगते है. लेकिन राज और कीर्ति अपने कपड़े नही निकल रहे थे. उन्हे इस तरह बैठ देख कर, मैंने उन से कहा.

मैं बोला “क्या तुम लोग नहाने के लिए अपने कपड़े नही लाए हो.”

कीर्ति बोली “मैं तो कपड़े लाई हूँ. लेकिन राज अपने कपड़े नही लाया है. इसलिए मैं राज का साथ देने के लिए यही रुक रही हूँ.”

कीर्ति की बात सुनकर मुझे उस पर फिर से बहुत गुस्सा आया. मगर इस बार भी मुझे अपना गुस्सा पीना पड़ गया और मैं चुप चाप अपने कपड़े निकालने लगा. जब सबने अपने कपड़े निकाल लिए तो, रिया ने कहा.

रिया बोली “अब सब लड़के बाहर जाओ, हम कपड़े बदल कर आते है.”

रिया की बात सुनकर, सभी लड़के बाहर आ गये और अपने कपड़े बदलने लगे. कुछ देर बाद सारी लड़किया अपने अपने स्विम्मिंग सूट पहन कर बाहर आ गयी. सभी लड़कियाँ स्वीमिंग सूट मे सभी कमाल की लग रही थी.

लेकिन मेरी नज़र तो सिर्फ़ रिया की तरफ ही थी. उसका स्वीमिंग सूट टू पीस मे था. जिसमे वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी. उसे देख कर मुझे मेरे लिंग मे कंपन सा महसूस हुआ और मैं उसे देखता रह गया.

वही रिया मेरी ऐसी हालत देख कर मुस्कुराते हुए मेरे पास आई और धीरे से मेरे कान मे कहा.

रिया बोली “अपने आपको संभालो, सब तुम्हारी ही तरफ देख रहे है.”

उसकी बात सुनकर मैंने अमि निमी का हाथ पकड़ा और उन्हे झरने की तरफ ले जाने लगा. तभी निमी की दूसरी तरफ नितिका आ गयी और उसने उसका दूसरा हाथ पकड़ लिया. शायद वो मेरे साथ कुछ समय बिताना चाहती थी. लेकिन उसकी देखा देखी रिया भी आ गयी और उसने अमि का दूसरा हाथ पकड़ लिया.

अब हम पाँचो साथ साथ झरने के पानी मे उतरे. मेहुल तो शिल्पा के साथ पानी मे मस्ती करने मे लगा हुआ था. वो उसे अपनी गोद मे उठाता और पानी मे छोड़ देता. शिल्पा उठती और जैसे ही भागने की कोशिश करती वो उसे फिर पकड़ लेता और उठा कर फिर पानी मे छोड़ देता. ये दृश्य देख कर सबको मज़ा आ रहा था. मगर असली मज़ा तो मेहुल लूट रहा था. क्योकि ये सब करने मे कभी वो उसके बूब्स मसल रहा था तो कभी उसकी गान्ड को अपने अंडरवेर मे तंबू गाढ़े लंड से चिपका कर दबा लेता था और फिर उसे अपने उपर लिए पानी मे कूद जाता था.

कुछ देर सब उनकी मस्ती देखते रहे.

फिर अमि बोली "भैया मुझे स्विम्मिंग सीखना है."

तो फिर मैंने उसे अपने दोनो हाथो का सहारा दिया और उसे हाथ पैर चलाने को कहा और जब वो हाथ पैर चलाने लगती तो मैं उसके नीचे से हाथ अलग कर देता मगर मेरे हाथ अलग करते ही वो हाथ पैर चलाना बंद कर देती और बुकबुकने लगती.

तब रिया बोली "देखो अमि एक बार मैं करके दिखाती हूँ फिर तुम मेरे जैसा करना."

ये कहकर रिया ने मेरी तरफ इशारा किया तो मैंने उसे अपने दोनो हाथो पे ले लिया.

मेरा इक हाथ उसके पेट पर था और दूसरा उसकी जाँघो के नीचे. अब वो अमि को हाथ पैर चलाना बता रही थी पर उसके बदन के अहसास से मेरा लिंग पानी के अंदर ही तन गया था. पर मैं कमर के उपर तक था पानी के अंदर था, इसलिए वो किसी को नज़र नही आ रहा था. मगर हाथ चलाते चलाते अचानक रिया का हाथ मेरे लिंग से टकरा जाता है और वो हाथ चलना रोक कर खड़ी हो जाती है.

फिर अमि से बोलती है "अब तुम चलाओ हाथ पैर और जब तुम्हे लगने लगे कि तुम्हे छोड़ देना चाहिए तब तुम बोल देना तो हम छोड़ देगे."

ये कहकर वो फिर से अमि को हाथो मे लेने को बोलती है तो मैं फिर उसे अपने हाथों मे ले लेता हूँ और वो फिर से हाथ पैर चलाने लगती है.

उधर निमी भी अमि के जैसे स्विम्मिंग सीखने की ज़िद करती है तो कमल और नितिका उसे दूसरी तरफ ले जाकर इसी तरह सिखाने लगते है.

इधर रिया मेरे पास खड़ी रहती है और उसे ना जाने क्या सूझती है कि वो अंडरवेर के उपर से मेरे लिंग को सहलाने लगती है और उसकी इस हरकत से जहाँ मेरा लिंग फडफडाने लगता है वही मेरे हाथ भी काँपने लगते है और फिर अचानक वो मेरी अंडरवेर के अंदर हाथ डालकर मेरे लिंग को मसल्ने लगती है. हम दोनो गहरे पानी मे थे इसलिए कोई उसकी हरकत देख नही सकता था.

मैं अपना ध्यान बटाने के लिए अमि से बतियाने लगता हूँ मगर रिया अपने हाथो से मेरे लिंग की चॅम्डी को उपर नीचे करने लगती है और धीरे धीरे रफ़्तार बढ़ाती जाती है और मैं उसकी इस हरकत से अपना नियत्रण खोने लगता हूँ.

तब रिया अमि से बोलती है "अब स्विम्मिंग बहुत हो गयी. अब मैं तुम्हे पानी मे डुबकी लगा कर दिखाती हूँ."

ये कह कर वो अमि को हम से थोड़ा दूर खड़ा कर देती है और कहती है देखना मैं कितनी देर पानी के अंदर रहती हूँ. फिर एक दम से वो पानी मे डुबकी लगा लेती है और अंदर जाकर मेरी अंडरवेर को नीचे खिचकर मेरा लिंग अपने हाथ मे लेकर उसे उपर नीचे करने लगती है. उसकी इस हरकत से मैं अपने आपको संभाल नही पाता और मेरा हाथ अपने आप उसके बूब्स पर चला जाता है और मैं उसके कोमल कोमल बूब्स मसल्ने लगता हूँ.

कुछ देर बाद रिया मेरा हाथ हटाते हुए वापस पानी के उपर आ जाती है मगर अब भी वो मेरे लिंग को अपने हाथो से मसल रही होती है. वो अमि से कहती है अब तुम टाइम देखो कि मैं कितनी देर तक पानी मे रहती हूँ और मुझसे कहती है तुम पानी के अंदर मेरा हाथ पकड़े रहना. ये कहकर वो फिर पानी मे घुस कर मेरे लिंग को अपने मूह मे ले लेती है. मुझे अब मज़ा आने लगता है. वो पूरी ताक़त से मेरे लिंग को चूस रही थी और अपने हाथों से उसकी चमड़ी को उपर नीचे करने लगती है और फिर अचानक मेरे लिंग को अपने मूह मे भर कर चूसने लगती है. मैं भी उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगता हूँ. वो मेरे लिंग को पागलो की तरह कभी हाथों से मसल रही थी तो कभी मूह मे लेकर उसे चूस रही थी. उसके मूह और जीभ के कोमल स्पर्श से मेरा लिंग विकराल रूप ले चुका था और मैं मदहोशी की हालत मे बस उसके बूब्स ही दबाए जा रहा था. ये सिलसिला लगभग 3 मिनिट चलता है और वो फिर पानी से निकलती है.

अमि कहती है अभी 3 मिनिट हुआ. वो तेज तेज सांस खिचती है और बोलती है अबकी बार कम से कम 5 मिनिट होगा. और वो फिर पानी के अंदर जाकर पहले वो मेरे लिंग को अपने होंठो से अच्छी तेज़ी से उपर नीचे करती है और मैं उसके बूब्स मसलता हूँ. कुछ देर बाद वो मेरे लिंग को फिर से अपने मूह मे लेकर तेज़ी से अंदर बाहर करने लगती है. उसके ऐसा करने से मैं बहुत ज़्यादा उत्तेजित हो जाता हूँ और उसका सर को अपने लिंग पर दबाने लगता हूँ. मेरा लिंग झटके खाने लगता है और वो समझ जाती है कि मैं छूटने वाला हूँ. इसलिए वो तेज़ी से लिंग को अपने मूह के अंदर बाहर करने लगती है. मैं अब अपने चरम पर रहता हूँ और उसके सर को अपने हाथों से पूरा अपने लिंग पर दबा देता हूँ और मेरा लिंग उसके मूह मे ही पिचकारिया छोड़ने लगता है. मेरे लिंग से 6-7 पिचकारिया निकलती है और मेरा सारा माल उसके गले के नीच उतरने लगता है और ढीला पड़ कर उसे छोड़ देता हूँ.

मेरे हाथो से छूटते ही वो गुदगुदाते हुए पानी के उपर आ जाती है. उसके मूह मे मेरे माल के साथ साथ कुछ पानी भी भर जाता है. मैं उसकी पीठ थपथपाता हूँ.

रिया अपने को शांत करते हुए अमि से पूछती है "अब कितना टाइम हुआ है."

अमि बोली "पूरे 6 मिनिट हो गये है."

इसके बाद अमि ने कहा "भैया अब भूक लग रही है"

मैं बोला "ठीक है. चलो और कपड़े पहन लो फिर हम खाना खाते है."

ये कह कर मैंने मेहुल और नितिका लोगों को भी पानी से बाहर निकलने को बोला और फिर सब वापस कॅंप पर आ गये. कॅंप मे कीर्ति और राज नही थे. ये देख कर मैंने जो अभी तक रिया के साथ मज़ा किया था सब भूल गया और कीर्ति के बारे मे सोचने लगा कि आख़िर ये राज के साथ क्यो चिपकी हुई है. सबने कपड़े पहने और फिर खाने की तैयारी करने लगे मगर अब मेरा मूड कुछ भी खाने का नही था.

मैं रिया से बोला "ये राज और कीर्ति कहाँ निकल गये."

रिया बोली "जाएँगे कहाँ, होंगे यही कही या फिर अकेले मे मस्ती कर रहे होंगे. जैसे हम लोग कर रहे थे."

रिया की बात सुनकर मुझे झटका लगा और डर भी लग रहा था कि कही अकेले मे ये दोनो कोई हरकत ना कर रहे हो. अब मुझे वहाँ रुकना ज़रा भी अच्छा नही लग रहा था.

मैंने रिया से कहा "उन्हे कॉल करो कि सब खाने के लिए उनका वेट कर रहे है."

रिया शायद मेरे डर को समझ रही थी बोली "डरते क्यो हो. वो जो भी कर रहे होंगे. उसे पूरा करते ही वो खुद ही यहाँ आ जाएगे. तुम उनके पीछे क्यो पड़े हो. उनको भी कुछ मज़ा करने दो. आख़िर हम मज़ा करने ही तो यहा आए है ना.

मैं कुछ नही बोला मगर तभी मेहुल आ गया. उसने कीर्ति और राज को पूछा और जब उसे पता चला कि वो यहाँ कही नही है तो उसने कीर्ति को कॉल किया और उसे वापस आने को कहा. लगभग 10 मिनिट के बाद कीर्ति और राज आ गये. फिर सबने खाना खाया और फिर सब उसके बाद घर के लिए निकले. इस बीच रिया ने मुझसे मेरा मोबाइल नंबर लिया और रात को कॉल करने को कहा.

लौटते समय सबके चेहरे पर रौनक थी सिवाय मेरे और नितिका को छोड़ कर. मैं तो आज की कीर्ति की हरकतों की वजह से परेशान था की वो राज को कुछ ज़्यादा ही भाव दे रही थी. वही नितिका को इस बात का दुख था कि उसे मेरे साथ ज़रा भी समय बिताने का मौका नही मिला और इसके लिए वो रिया को दोषी मान रही थी. मुझे नितिका के साथ पूरी सहानुभूति थी मगर मैं उसके लिए कुछ कर नही सकता. क्योकि मैं तो रिया को पसंद कर रहा था.

खैर मेहुल तो अपनी बाइक से आया था तो वो अपनी बाइक से ही घर निकल गया था. हम लोगों ने नितिका लोगों को उनके घर छोड़ा और फिर हम अपने घर आ गये. घर आते ही अमि निमी दौड़ कर छोटी मा के पास गयी और उन्हे अपनी पिक्निक की बाते बताने लगी. कीर्ति भी वही थी.

मैं उन सब को उधर ही छोड़ कर अपने कमरे मे आ गया. कमरे मे आकर मैं लेट गया और आज कीर्ति के राज के साथ घूमने की बात सोचने लगा. ये सोचते सोचते मेरा दिमाग़ फटने लगा और फिर मैं सो गया.

शाम को 7 बजे कीर्ति ने आकर मुझे जगाया. मैंने कीर्ति को देखा तो वो बहुत ज़्यादा खुश नज़र आ रही थी जिस से मेरा मूड और भी ज़्यादा खराब हो गया. मैं उस से बिना कुछ बोले मूह हाथ धोने चला गया. मैं सोच रहा था कि मेरे ऐसा करने से वो मेरे कमरे से चली जाएगी पर जब मैं मूह हाथ धोकर वापस आया तो वो कमरे मे ही बैठी थी और मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी.

मुझसे उसका ये मुस्कुराना नही देखा गया और मैं उस से बिना कुछ नही बोले तैयार होता रहा और फिर तैयार होने के बाद उसे अपने ही कमरे मे छोड़ कर नीचे आ गया.

नीचे आकर मैंने छोटी माँ से कहा कि मैं मेहुल के घर जा रहा हूँ और खाना भी वही खाकर आउगा. फिर मैं अपनी बाइक उठा कर मेहुल के घर चला गया. मेहुल के घर पहुच कर मैंने डोरबेल बजाई तो दरवाजा मेहुल के पापा ने खोला.

मैं बोला "नमस्ते अंकल जी."

अंकल बोले "नमस्ते पुन्नू बेटा. आओ, अंदर आओ. मेहुल अपने कमरे मे ही है."

मैंने अंदर जाकर आंटी को नमस्ते किया.

आंटी बोली "आज इतनी समय कैसे आ गया. सब ठीक तो है ना."

मैं बोला "आंटी सब ठीक है. मैं बस मेहुल से मिलने आया हूँ और अब खाना खाकर ही जाउन्गा."

आंटी बोली "ठीक है तू मेहुल के पास बैठ. मैं अभी तेरे लिए चाय बनाती हू."

मैं बोला "जी आंटी."

ये कह कर मैं मेहुल के कमरे की तरफ जाने लगा तभी अंकल ने मुझे रोक लिया.

अंकल बोले "पुन्नू बेटा, कभी हमारे पास भी बैठ लिया करो. तुम तो बस अपनी आंटी और मेहुल से मिल कर ही चले जाते हो. जैसे हम तुम्हारे कुछ लगते ही ना हो.

मैं अंकल के पास बैठते हुए बोला "ऐसी बात नही है अंकल. मैं ज़्यादातर दिन मे ही आता हूँ और आप उस टाइम ऑफीस मे ही रहते है. आज शाम को आया हूँ तो आप से मिल पाया हूँ."

अंकल बोले "बात तो तुम्हारी सही है पर कभी कभी हम से भी मिलने आ जाया करो.

हम भी तो तुम्हे मेहुल से कम प्यार नही करते."

मैं बोला "ठीक है अंकल. आगे से ध्यान रखुगा."

तभी आंटी चाय देकर चली गई और मैं अंकल के साथ चाय पीने लगा.

अंकल बोले "बेटा मुझे तुमसे ज़रूरी बात करना है पर वो बात मैं घर मे करना नही चाहता. क्या तुम कल ऑफीस आ सकते हो."

मैं बोला "जी अंकल आ जाउन्गा."

अंकल बोले "ठीक है अब तुम मेहुल के पास जाकर बैठो."

तब तक मेरी चाय भी ख़तम हो चुकी थी और मैं उठ कर मेहुल के कमरे मे चला गया. मेहुल बेड पर आराम से लेटा मोबाइल पर बात कर रहा था. उसकी बात सुन कर मैं समझ गया कि वो शिल्पा से बात कर रहा है. उसने मुझे बैठने का इशारा किया और मैं बिना कुछ कहे उसके पास ही लेट गया और उसकी बातें सुनने लगा.
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RE: MmsBee कोई तो रोक लो - by desiaks - 09-09-2020, 12:46 PM
(कोई तो रोक लो) - by Kprkpr - 07-28-2023, 09:14 AM

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