MmsBee कोई तो रोक लो
09-09-2020, 12:50 PM,
#36
RE: MmsBee कोई तो रोक लो
मेहुल मोबाइल को स्पीकर मोड़ पर डाल देता है और मुझे उन दोनो की बातें सुनाई देने लगती है.

मेहुल बोला "मुझे नही लगता कि तू जैसा कह रही है, ऐसा कुछ उन दोनो के बीच मे हुआ है."

शिल्पा बोली "मैं दावे के साथ कहती हू कि कुछ तो हुआ है. तुमने उस समय पुन्नू के चेहरे के भाव देखे होते तो तुम्हे भी ऐसा ही लगता."

मेहुल बोला "पुन्नू अमि निमी के सामने ऐसा क्यों करेगा."

शिल्पा बोली "अमि निमी तो बहुत दूर थी और उनकी तरफ मेहुल की पीठ थी. सबकी नज़र तो रिया पर थी, जो कि पानी के अंदर थी. उसके पानी के अंदर होने के कारण कोई समझ नही पाया कि, वो पानी के अंदर क्या खेल खेल रही है. सब तो यही समझ रहे थे कि वो पानी मे डुबकी लगाए हुए है. लेकिन पुन्नू के शरीर का अकड़ना, उसके दोनो हाथो का पानी के अंदर कुछ ढूँढना और फिर चेहरे के भाव से पता चल रहा था कि रिया पानी के अंदर उसके लिंग से खेल रही है."

मेहुल बोला "यार ये रिया तो कमाल की लड़की है. उसने इतने लोगो के सामने वो सब करके दिखा दिया जो मैं तुम्हारे साथ अकेले मे भी नही कर सका. मुझे अपने दूध तक नही पीने दिया. बस होंठ चूस कर ही रह गया. आख़िर कब तक मुझे तडपाओगी. अरे कुछ नही तो कम से कम अपना दूध पीने का मौका ही देदो. "

शिल्पा बोला "तुम्हे ये मौका अभी नही मिलेगा. अभी तो तुम बस मेरे होंठो का रस चूसो और दूध दबाओ. वैसे भी तुमने मेरे दूध दबा दबा कर बड़े कर दिए है. "

मेहुल बोला "जान बड़े तो मैने उन्हे पीने के लिए ही किया था पर तुम हो कि उन्हे पीने ही नही देती हो."

शिल्पा बोली "जानू आग तो मेरे दिल मे भी लगी है पर मुझे डर लगता है."

मेहुल बोला "प्यार करने वाले डरा नही करते और एक दिन मैं तुम्हे मन भर के प्यार करना चाहता हूँ. वो भी बिना कपड़ो के."

शिल्पा बोली "अब तुम फिर शुरू हो गये. मैं अब रखती हूँ. रात को खाने के बाद बात करेंगे. बाइ जानू."

मेहुल बोला "बाइ बाइ जान."

इसके बाद मेहुल मोबाइल काट देता है और मेरी तरफ देख कर बोलता है.

मेहुल बोला "भाई अब बता. क्या बात है. तू इतना परेशान सा क्यों दिख रहा है."

मैं बोला "ये शिल्पा मेरे बारे मे क्या बोल रही थी."

मेहुल बोला "यही कि रिया और तुम्हारे बीच मे कुछ चल रहा है और आज पानी के अंदर वो तुम्हारे लिंग से खेल रही थी. लेकिन तू इस बात से तो परेशान नही है. तेरी परेशानी की वजह कुछ और है."

मैं बोला "मेरी परेशानी की वजह राज है."

मेहुल बोला "बात क्या है ज़रा खुल कर बता. क्या राज तेरे और रिया के बीच मे अपनी टाँग अड़ा रहा है. यदि ऐसी कोई बात है तो, तू चिंता मत कर, मैं कल ही साले के हाथ पैर तुडवा देता हूँ. हाथ पैर टूटेगे तो, साला पड़ा रहेगा किसी हॉस्पिटल मे, और तू रिया के साथ मौज करते रहना."

मैं बोला "ऐसी कोई बात नही है. वो साला जब से आया है बस कीर्ति के पीछे पड़ा हुआ है. मैने कीर्ति को समझाया भी मगर वो भी उसके साथ ही रहती है. मैं क्या करूँ कुछ समझ मे नही आता."

मेहुल बोला "हाँ यार आज सुबह कीर्ति ने ही मुझसे ये ग्रूप बना कर घूम ने वाली बात की थी, और बताया था कि किस किस का ग्रूप बनाना है. मैं तो समझा वो तुझे और रिया को पास लाने के लिए ये सब कर रही है, इसलिए मैने इस बात पर ज़्यादा गौर नही किया. मगर बाद मे मैने गौर किया कि कीर्ति राज के साथ कुछ ज़्यादा ही घुल मिलने की कोशिश कर रही थी, और वो राज भी सारे टाइम कीर्ति से ही चिपका रहा. मगर तू चिंता मत कर इसका भी वही इलाज है कि इसे हॉस्पिटल पहुचा दिया जाए."

मैं बोला "इसमे तो पुलिस केस बन सकता है यार, और यदि राज को पता चल गया कि ये सब हम ने करवाया है तो लेने के देने पड़ जाएँगे."

मेहुल बोला "तू डरता बहुत है यार. ऐसा कुछ नही होगा. हमारा काम भी हो जाएगा और हमारा नाम भी नही आएगा. तू बस हाँ बोल."

मैं बोला "तुझे जो ठीक लगे तू कर. बस इस राज नाम के लड़के को कीर्ति से दूर कर दे."

मेहुल बोला "ठीक है ये काम हो जाएगा. साले को पता तो चले कि कीर्ति पर नज़र डालने का अंजाम होता है."

मैं बोला "तू ये काम किस से करवाएगा."

मेहुल बोला "अरे बहुत से गुंडे टाइप के लड़के है मेरे पास. जो मेरे एक इशारे पर अपनी जान दे भी सकते है और किसी की जान ले भी सकते है."

मैं बोला "वो तो ठीक है पर उन्हे समझा देना कि सिर्फ़ उसके हाथ पैर बस तोड़ना है, इसके सिवा उसे कही और चोट नही पहुचाना है."

मेहुल बोला "अब तू मुझे मत समझा और इस बात को भूल जा. ये बता रिया ने सच मे वो सब किया था या फिर वो शिल्पा का वहम है."

मैं बोला "हाँ वो सब हुआ था."

मेहुल बोला "ये सब ऐसे अचानक कैसे हो सकता है."

तब मैने पिक्निक मे रिया से हुई सारी बातें बता दी मगर उसे राज और रिया के सेक्स संबंध के बारे मे कुछ नही बताया.

मेहुल बोला "भाई ये लड़की तो बहुत फास्ट है पर पता नही उसे तुझमे क्या नज़र आया, जो पहली बार मे ही तेरे साथ इतना आगे बढ़ गयी. मुझे तो ये बहुत खेली खाई लड़की लगती है. ज़रा बच के रहना."

मैं बोला "यार वो कुछ दिन के लिए ही यहाँ आई है फिर वापस चली जाएगी. इसलिए उसके बारे मे ज़्यादा कुछ सोचना बेकार है."

मेहुल बोला "कुछ भी कहो यार ये लड़की पटाखा है. तू एक बार तो इस पटाखे को चला कर देख ले."

मैं बोला "मुझे पटाखे चलाने का कोई शौक नही है. मैं तो बस उसे अपनी गर्लफ्रेंड बनाना चाहता हू."

मेहुल बोला "अबे तो गर्लफ्रेंड बना कर उसकी पूजा करेगा क्या.? तब भी तो वही सब करेगा ना जो अभी मैं करने को कह रहा हूँ."

मैं बोला "देख मुझे जो करना है, मैं कर लुगा. तू बेकार की सलाह देना बंद कर."

मेहुल बोला "ओके भाई.

इसके बाद मेरी उस से इधर उधर की बातें होती रही. फिर आंटी खाने के लिए बोलने आई तो मैने सबके साथ बैठ कर खाना खाया. खाने के बाद मेरी उन लोगों से कुछ देर तक बात होती रही. फिर मैने उन सबसे विदा ली और घर वापस आ गया.

मैं घर पहुचा तो सब डाइनिंग टेबल पर बैठे थे. मैने प्यार से अमि निमी के सर पर हाथ फेरा और फिर अपने कमरे मे चला गया. कमरे मे आकर मैं लेट गया और टीवी चालू कर टीवी देखने लगा. फिर 11 बजे कीर्ति उपर आई. उसने मेरे कमरे की तरफ देखा और फिर अपने कमरे मे चली गयी. कुछ देर बाद वो नाइट सूट पहन कर मेरे कमरे मे आई और आकर मेरे बेड पर टोनो टांगे फैला कर बैठ गयी. मगर जब मैं बिना उसकी तरफ ध्यान दिए टीवी ही देखता रहा. तब उसने मेरे हाथ से टीवी का रिमोट छीन कर टीवी बंद कर दी.

कीर्ति बोली "क्या बात है. आज तू मुझसे बात क्यों नही कर रहा है. क्या हो गया है तुझे."

मैं बोला "मुझे तुझसे कोई बात नही करनी. तू चुप चाप सो जा और मुझे टीवी देखने दे."

कीर्ति बोली "टीवी देखने दे तो ऐसे बोल रहा है, जैसे पढ़ाई करने को बोल रहा हो."

मैं अपना गुस्सा शांत करते हुए बोला "देख मेरा मूड खराब है. मुझे और परेशान मत कर."

कीर्ति बोली "ठीक है तुझे मुझसे बात नही करना तो, मैं तुझे परेशान नही करूगी."

इतना कह कर कीर्ति मेरी तरफ पीठ करके लेट जाती है और अपनी आँख बंद कर लेती है. मैं समझता हूँ कि वो सोने की कोशिश कर रही है और फिर मैं टीवी चालू कर टीवी देखने लगता हूँ. मगर तभी मुझे अहसास होता कि शायद कीर्ति रो रही है. मैं टीवी बंद करके उसकी तरफ देखता हूँ तो वो सच मे रो रही होती है. उसे रोते देख मेरा सारा गुस्सा ख़तम हो जाता है.

मैं उसके सर पर हाथ फेरते हुए कहता हूँ "सॉरी. मुझसे ग़लती हुई. मुझे तेरे साथ ऐसा नही करना चाहिए था. देख मैं सॉरी बोल रहा हूँ और तुझसे बात भी कर रहा हूँ. तो अब तू भी अपना रोना बंद कर दे."

मगर उसने रोना बंद नही किया और रोते रोते ही बोली "ये भी कोई बात हुई. जब दिल किया रुला दिया और जब दिल किया चुप करा लिया. जब मूड हुआ बात की और जब मूड नही हुआ बात नही की. क्या हर बात पर तुम्हारी ही मर्ज़ी चलेगी. क्या मैं कुछ भी नही हू."

मैं उसे मनाते हुए बोला "कौन कहता है कि तू कुछ नही है. तू तो जान है मेरी पर तुझे भी तो समझना चाहिए ना कि अभी मेरा मूड सही नही है तो मुझसे कोई बात ना करे , पर तुझे तो हर बात पर मज़ाक सूझ रहा था. फिर भी मैने तुझ पर कोई गुस्सा नही किया. इसके बाद भी तू रोने लगी. मैने तो तुझे कुछ भी नही कहा."

वो रोते हुए ही बोली "हाँ मैं सब समझती हू कि तुम्हारा मूड क्यों खराब है. मैं पिक्निक पर राज के साथ घूम रही थी इसलिए तुम्हारा मूड खराब है."

मैने उसका चेहरा अपनी तरफ घुमाया और उसके आँसू पोंछते हुए बोला "सॉरी मुझसे ग़लती हो गयी. अब तुझे जिसके साथ भी घूमना है तू घूम, मैं अपना मूड खराब नही करूगा."

अब कीर्ति का रोना बढ़ हो चुका था. वह उठ कर बैठ गयी और बोली "हाँ मैं किसी के साथ भी घूमती रहूं तुम्हे क्या फ़र्क पड़ता है. मैं होती ही कौन हू तुम्हारी."

मैं बोला "यार तू किस टाइप की लड़की है. यदि मैं किसी के साथ तेरे घूम ने को लेकर मूड खराब करता हूँ तो उस मे भी तुझे परेशानी है और यदि मूड खराब नही करता हूँ तो उसमे भी तुझे परेशानी है. ऐसे मे मैं करूँ भी तो क्या करूँ. तू ही बता."

कीर्ति बोली "कुछ मत करो सिर्फ़ बात करो. यदि राज की बात को लेकर तुम्हारा मूड खराब था तो तुम मुझसे बोल सकते थे. मैं तो अपनी कोई बात तुमसे नही छिपाती."

मैं बोला "अब तुझे राज पसंद आ रहा है तो मैं तुझे उसके साथ घूम ने से कैसे रोक सकता हूँ."

कीर्ति बोली "तो तुझे क्या लगता है कि, राज के साथ जो मैं इतनी इतनी देर तक घूम रही थी, तो क्या उसके साथ कही छुप कर कुछ ग़लत हरकत कर रही थी."

मैं बोला "मैने तो ऐसा कुछ नही बोला."

कीर्ति बोली "तूने बोला नही पर तेरे अंदर की सोच यही है और इसीलिए तेरा वहाँ से आते ही मूड खराब हो गया और तूने मुझसे बात करना भी बंद कर दिया."

मैं बोला "चल जाने दे. अब तो मेरा मूड ठीक हो गया ना, तो अब इस बात को यही ख़तम कर दे."

कीर्ति बोली "तेरा मूड ठीक हो गया तो इसका मतलब ये तो नही कि तू इस बात को भूल गया कि मैं दिन भर राज के साथ क्या कर रही थी."

मैं बोला "मुझे तुझ पर भरोसा है कि तू कुछ ग़लत नही करेगी. मुझे बस डर इस बात का था कि कही वो राज तेरे साथ कुछ ग़लत ना करे और फिर तेरे उसके साथ यूँ घुल मिल जाने से मेरा डर और बढ़ गया था."

कीर्ति बोली "राज के साथ मैने जो भी किया वो सब एक नाटक था. मैने ही मेहुल को बोला था कि वो घूम ने के लिए इन इन लोगों के ग्रूप बनाए. ताकि तुझे रिया के साथ ज़्यादा से ज़्यादा समय मिल सके. अब यदि मैं राज के साथ ना होती तो जाहिर सी बात है राज रिया के आस पास ही रहता और तू चाह कर भी रिया से कोई बात ना कर पाता."

मैं बोला "तुझे ये सब करने की क्या ज़रूरत थी."

कीर्ति बोली "ज़रूरत थी तभी मैने ऐसा किया. मैं जानती हूँ कि तुझे बहुत दिन बाद कोई लड़की पसंद आई है, इसलिए मैं नही चाहती थी कि तू उसे बिना अपने दिल की बात बताए जाने दे."

मैं बोला "क्या राज ने तुझे प्रपोज़ किया है."

कीर्ति बोली "वो मुझे प्रपोज़ करने की सोचता उस से पहले ही मैने उस से बोल दिया था कि मेरा एक बाय्फ्रेंड है. फिर उसी बाय्फ्रेंड की बात बताते मैं उसे तुम लोगों से दूर रखे रही."

मैं बोला "अब तेरा ये बाय्फ्रेंड कहाँ से आ गया. तेरे दिमाग़ मे ये फालतू की बातें आती कहाँ से है."

कीर्ति बोली "राज को कौन सा यहाँ हमेशा रहना है. जितने दिन वो यहाँ है तब तक मेरा बाय्फ्रेंड बाहर ही रहेगा और जब वो बाहर है तो उस से मिलने का सवाल ही पैदा नही होता."

मैं बोला "तेरे इस नाटक के चक्कर मे तो बेचारे राज के हाथ पैर ही टूट जाते. एक मिंट रुक मुझे एक कॉल करना है."

ये बोल कर मैने मेहुल को कॉल लगाया और उसे सारी बात बताते हुए राज के साथ कुछ भी करने से मना कर दिया.

हमारी बात सुनकर कीर्ति बोली "छि.. तुम लोग राज के हाथ पैर तोड़ने वाले थे."

मैं बोला "अब यदि तुम पर कोई बुरी नज़र डालेगा तो मैं चुप चाप तो देखता नही रह सकता ना. मुझे कुछ तो करना ही पड़ेगा. जो मुझे सही लगा वो ही मैं करने वाला था."

कीर्ति बोली "तुमको उसकी बहन पसंद आई तो ये ठीक बात है पर उसे तुम्हारी बहन पसंद आ गयी तो ये ग़लत बात कैसे हो गयी."

मैं बोला "मैं ये कुछ नही जानता. रिया मुझे मिलती है तो ठीक है. पर यदि रिया मुझे तेरी कीमत पर मिलती है, तो मुझे कोई रिया विया नही चाहिए."

कीर्ति बोली "अरे जैसा तेरा दिल करता है किसी को अपनी गर्लफ्रेंड बनाने का वैसा ही तो मेरा दिल भी करता है किसी को अपने बाय्फ्रेंड बनाने का. इसमे बुराई क्या है."

मैं बोला "इसमे कोई बुराई नही है. तू भी अपना बाय्फ्रेंड बना सकती है मगर वो लड़का शरीफ होना चाहिए. इस राज की तरह सड़क छाप मजनू नही होना चाहिए. यदि तेरी नज़र मे ऐसा कोई लड़का है तो मुझे बता. मैं पहले उसके बारे मे पता करूगा और अगर वो मुझे सही समझ मे आया तो तू उसे बाय्फ्रेंड बना लेना."

कीर्ति हंसते हुए बोली "बाप रे.. क्या कोई ऐसे भी बाय्फ्रेंड बनाता है. अरे बाय्फ्रेंड तो एक नज़र मे दिल को छु जाता है और दिल बिना कुछ सोचे समझे उसको अपने अंदर समा लेता है."

मैं बोला "ठीक है तू जैसे चाहे वैसे अपना बाय्फ्रेंड बना लेना मगर उसे एक बार मुझसे मिलवा ज़रूर देना."

कीर्ति हंसते हुए बोली "ताकि तू उसके हाथ पैर तुडवा दे."

अभी मैं कुछ बोलने ही वाला था कि तभी मेरा मोबाइल बज उठा. किसी नये नंबर से फोन आ रहा था. मैने कॉल उठाया.

मैं बोला "हेलो"

दूसरी तरफ से आवाज़ आई "मैं रिया बोल रही हूँ."

मैं बोला "इतनी रात को क्यों फोन किया. क्या नींद नही आ रही."

रिया बोली "मैं तो कब से फोन करने के लिए बैठी थी मगर ये नितिका की बच्ची सोने का नाम ही नही ले रही थी. अब वो सोई है तो तुम्हे कॉल लगाया है."

मैं बोला "मैं तो कब से तुम्हारे कॉल का वेट कर रहा था फिर सोचा शायद तुम सो गयी होगी इसलिए मैं भी सोने ही वाला था कि तुमहरा फोन आ गया."

रिया बोली "मुझे मिस कर रहे थे ना."

मैं बोला "मिस कर रहा था तभी तो अभी तक जाग रहा हूँ."

मेरी बात सुनकर कीर्ति हँसने लगी और मोबाइल रखने का इशारा करने लगी. इधर

रिया बोली "मिस तो मैं भी तुम्हे बहुत कर रही हूँ."

कीर्ति मोबाइल छिनने लगती है तो मैं रिया से कहता हूँ.

मैं बोला "देखो अब रात ज़्यादा हो गयी है और मुझे सुबह स्कूल भी जाना है. क्या हम कल मिल कर अकेले मे बात कर सकते है."

रिया बोली "कितने समय."

मैं बोला "दोपहर को 3 बजे के बाद तुम जब भी फ्री हो मुझे कॉल कर लेना. मैं आ जाउन्गा."

रिया बोली "ठीक है. मैं सही मौका देख कर कॉल लगा दुगी."

मैं बोला "ओके गुड नाइट."

रिया बोली "गुड नाइट."

और फिर मैं कॉल काट के कीर्ति की तरफ द्देखने लगा.

मैं बोला "क्या हरकत थी ये. मुझे उस से बात क्यों नही करने दी."

कीर्ति बोली "ये बात करने का टाइम मेरा है और इस समय तुम सिर्फ़ मुझसे बात करोगे और किसी से नही."

मैं बोला "ये तेरे बात करने का टाइम कैसे हो गया."

कीर्ति बोली "वो ऐसे कि इस टाइम हम दोनो ही फ्री होते है और हम दोनो के सिवा कोई तीसरा नही होता. इसलिए मैने इस टाइम को अपने लिए फिक्स कर लिया है. अब से तुम्हे 11 बजे तक जिस से भी जितनी बात करना है कर लो मगर 11 बजे के बाद सिर्फ़ मुझसे ही बात करोगे. समझ गये ना."

मैं बोला "हाँ समझ गया. पर अब सोने का टाइम भी हो गया है, तो क्यों ना अब सोया जाए."

कीर्ति बोली "नही, अभी मुझे बात करना है. जब तक मेरी बात पूरी नही हो जाती, तब तक तुम नही सो सकते."

मैं बोला "ओके बोलो क्या बोलना है. पूछो क्या पुच्छना है."

कीर्ति बोली "पहले तो ये बोलो कि आज के बाद कभी मुझसे गुस्सा होकर बात करना बंद नही करोगे."

मैं बोला "ओके अब कभी भी ना तो तुम पर गुस्सा करूगा और ना ही बात करना बंद करूगा. अब अपनी अगली बात बोलो."

कीर्ति बोली "दूसरी बात ये कि 11 बजे के बाद का टाइम मैने सिर्फ़ अपने लिए बात करने का टाइम रखा है. इस समय मे तुम किसी से भी बात नही करोगे. फिर चाहे वो रिया ही क्यों ना हो."

मैं बोला "ओके 11 बजे के बाद मैं तुम्हारे सिवा किसी से भी बात नही करूगा. अब खुश."

कीर्ति बोली "हाँ खुश तो मैं हूँ मगर मेरी अभी भी कुछ बातें बाकी है."

मैं बोला "अब जो बातें बाकी है वो हम कल कर लेगे. कुछ बातें कल के लिए भी छोड़ दो और अब सो जाओ."

कीर्ति बोली "ओके तो अब हम सोते है पर पहले मुझे एक गुड नाइट किस दो."

मैं बड़े प्यार से उसके माथे पर एक किस देता हूँ और "गुड नाइट" बोलता हूँ.

वो भी मेरे गाल पर एक किस करती है और "गुड नाइट." बोल कर आँख बंद कर लेती है.

मैं कुछ देर बैठा उसका मासूम सा चेहरा देखता रहता हूँ और सोचता हूँ कि इस लड़की को समझ पाना मुस्किल ही नही नामुमकिन है. ये सोचते ही मेरे चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाती है और मैं प्यार से उसके बालों पर हाथ फेरता हूँ. कुछ देर तक उसके बालों पर हाथ फेरने के बाद मैं उसके माथे पर फिर एक किस करता हूँ और धीरे से गुड नाइट बोल कर मैं भी सो जाता हूँ.
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RE: MmsBee कोई तो रोक लो - by desiaks - 09-09-2020, 12:50 PM
(कोई तो रोक लो) - by Kprkpr - 07-28-2023, 09:14 AM

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