MmsBee कोई तो रोक लो
09-09-2020, 01:56 PM,
#90
RE: MmsBee कोई तो रोक लो
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वो मेरी इस हालत से अंजान थी. उस समय के मन मे, जो कुछ भी आ रहा था. वो मुझे बके जा रही थी. मैं इस सब के लिए अपने आपको, दोष देने के सिवा कुछ नही कर पा रहा था.

थोड़ी देर बाद जब वो, बोलते बोलते चुप हो गयी. तब मुझे लगा कि, उसका गुस्सा शांत हो गया है. मैने झल्लाते हुए, उस से कहा.

मैं बोला “यदि तेरा बकना हो गया हो तो, अब मैं कुछ बोलूं.”

लेकिन मेरा ऐसा सोचना, मेरी भूल थी. क्योकि मेरी बात सुनते ही, वो गुस्से मे खड़ी हो गयी और फिर उसने मुझे जो जबाब दिया. उसे सुनकर तो मेरा दिल किया कि, मैं अपना सर ही पीट लूँ. उसने गुस्से मे भड़कते हुए कहा.

कीर्ति बोली “हाँ हाँ, बोलो बोलो. अब तो मेरी बात तुमको बकना ही लगेगी. जल्दी से वो दुखड़ा भी सुना दो. जिस से पिघल कर, तुम उस बुड्ढे की बहू के साथ सेक्स करना चाहते हो. लेकिन मैं तुम्हारी तरह इतनी भोली नही हूँ. जो उस बुड्ढे के बहकावे मे आ जाउन्गी.”

कीर्ति की ये बात सुन कर, मैने अपने मान मे कहा “हे भगवान आज इस लड़की को क्या हो गया है. अभी तो ये इतने अच्छे से मेरी हर बात सुन रही थी. अब तो ये मेरी एक बात भी सुनने को तैयार नही है.”

मेरे इस सवाल का जबाब मेरे मन ने दिया और कहा “बेटा अपनी ख़ैरियत चाहता है तो, अब कुछ मत बोल. शायद तेरे चुप रहने से उसका गुस्सा कम हो जाए.”

मुझे मेरे मन की बात सही लगी. इस समय कीर्ति से कुछ भी कहना, खुद अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारना ही था. मेरे लिए बेहतर यही था कि, मैं चुप ही रहूं. मैं सर झुका कर चुप चाप उसकी बातें सुनने लगा.

लेकिन कुछ देर बाद मेरा चुप रहना भी उसको पसंद नही आया. मेरी खामोशी से तिलमिलाकर वो कहने लगी.

कीर्ति बोली “अब चुप क्यो बैठे हो. क्या अब इस बात पर परदा डालने के लिए, कोई नया बहाना ढूँढ रहे हो, या फिर मेरे चोरी छुपे ये सब करने का सोच रहे हो.”

कीर्ति का ये इल्ज़ाम सुनते ही, मेरा सर तनाव से फटने लगा. मेरे लिए उसका ये इल्जन सहना असहनीय हो गया था. तब मुझे अपनी खामोशी को तोड़ना ही पड़ा. मैने अपनी खामोशी को तोड़ते हुए, उस से कहा.

मैं बोला “तू ऐसा सोच भी कैसे सकती है कि, मैं तुझसे कुछ छुपाउन्गा या तेरी चोरी से कुछ करूगा. क्या इतनी सी बात सुनकर ही तेरा मुझ पर से विस्वास उठ गया है. यदि ऐसा है तो, अब मैं तुझसे कुछ नही बोलुगा. लेकिन मेरी एक बात कान खोल कर सुन ले. मैं तुझे अपनी हर बात बता कर खो देना पसंद करूगा. मगर तुझसे कुछ छुपा कर तुझे पाना मुझे मंजूर नही है. यदि मुझे तुझसे कुछ छुपाना ही होता तो, फिर ये जानते हुए भी कि, तू इस बात को सुन कर गुस्सा हो जाएगी. ये बात तेरे सामने कही ही ना होती.”

मेरी इस बात का कीर्ति पर बहुत गहरा असर पड़ा और उसका गुस्सा शांत हो गया. उसने नरम पड़ते हुए, मुझसे कहा.

कीर्ति बोली “तो फिर जब मैं पूछ रही हूँ, तो तुम बोलते क्यो नही हो. बताओ मुझे उस बुड्ढे ने तुम से, ये सब करने की क्या वजह बताई है.”

मैं बोला “मैं वही तो, तुझे बताना चाहता हूँ. लेकिन तू तो मुझे कुछ बोलने का मौका ही नही दे रही है. मैने दादा जी की ये बात सुनते ही, उन्हे इस काम मे मदद करने से मना कर दिया था. मैने उनके सामने साफ कह दिया था कि, मेरी एक गर्लफ्रेंड है और वो मुझ पर बहुत प्यार और विस्वास करती है. मैं उसके प्यार विस्वास के साथ धोका नही कर सकता”

कीर्ति बोली “जब तुमने उन्हे ऐसा करने से साफ मना कर दिया. तब तुम्हे ये बात मुझसे करने की क्या ज़रूरत थी. क्या तुम ये सोचते हो कि मैं तुम्हे उनकी मदद करने के लिए हाँ कह दुगी.”

मैं बोला “मैने ऐसा कुछ भी नही सोचता. मेरे इस बात को तुमसे करने की दो वजह है. पहली वजह तो ये है कि, मैं नही चाहता था कि, मेरी जिंदगी से जुड़े किसी भी पहलू से तू अंजान रहे और दूसरी वजह ये थी कि, दादा जी ने मुझसे कहा था कि, मैं अपनी गर्लफ्रेंड से पुच्छ कर देख लूँ. शायद वो उनकी मदद करने के लिए मुझे हाँ कह दे. लेकिन मैने उन से साफ कह दिया था कि, वो कभी मुझे इस बात के लिए हाँ नही कहेगी. फिर भी उनकी बात रखने के लिए मैं, उनसे ज़रूर बात कर के देखुगा.”

कीर्ति बोली “क्या तुमने इस सब की वजह पता की है.”

मैं बोला “हाँ, जब मैने दादा जी से कह दिया कि, मैं तुमसे बात करके उन्हे बताउन्गा. उसके बाद एक दो बार उन्हो ने मुझसे पुछा की, मेरी तुमसे बात हुई या नही हुई है. तब मैने उन से कहा कि, अभी मेरी उस से बात नही हो पाई है. लेकिन क्या आप मुझे खुल कर बता सकते है कि, आंटी को ऐसी क्या बीमारी है. जिसकी वजह से आपने इतना बड़ा कदम उठाने की सोची है.”

तब उन्हो ने मुझे बताया कि “कुछ दिन पहले बहू के सर और कमर मे बहुत दर्द हो रहा था. मैं उसे डॉक्टर के पास ले गया. लेडी डॉक्टर ने बहू से उस की सेक्षुयल लाइफ के बारे मे पुछा तो बहू ने बताया कि, वो पिच्छले 16 साल से सेक्स संबंधों से वंचित है. तब डॉक्टर ने बहू से कहा कि महिलाओं के 32 से 38 साल की उमर मे ऐसा होता है कि, वो बहुत ज़्यादा करना पसंद करती है और आपको ऐसा मौका बिल्कुल भी नही मिला है. आपके अंदर हिस्टरीया के सुरुआती लक्षण पाए गये है. आपके लिए 15 दिन मे एक बार सेक्स करना ज़रूरी है. नही तो ये बीमारी भयंकर रूप ले सकती है.”

“हिस्टीरिया से पीड़ित महिलाएँ किसी अर्ध-विक्षिप्त इंसान की तरह होती है. वो कभी तो एक दम शांत होती है और कभी एक दम से क्रोध मे आ जाती है. सेक्स संबंधी कोई भी बात सुनते ही उनकी अवस्था बिगड़ने लगती है और दौरे पड़ने पर वो किसी को शारीरिक रूप से नुकसान भी पहुँचा सकती है. महिलाओं में ये बीमारी बहुत आम है. लेकिन इसे हल्के में नही लेना चाहिए. आप मेरी इस बात का खास कर ध्यान रखें कि आपको 15 दिन में एक बार संभोग ज़रूर करना है.
बस बहू की इसी बीमारी के इलाज के लिए मैने तुम से ये मदद माँगी है.”

मेरी इन बातों को कीर्ति बड़ी ध्यान से सुन रही थी. अब उसके चेहरे पर गुस्सा भी नही झलक रहा था. वो वापस मेरे पास आकर बैठ गयी और फिर मुझ से पूछने लगी.

कीर्ति बोली “तो इस मे तुम्हारी मदद माँगने की क्या ज़रूरत थी. अभी उनके पति तो ठीक ठाक है.”

मैं बोला “मैने भी उन से यही सवाल किया था. उन्हो ने उसका मुझे कुछ जबाब नही दिया. तब मैने उन से कहा कि दादू, आप अपनी कोई भी बात मुझे बेहिचक बता सकते है. आप यकीन रखिए कि आपकी हर बात आपके और हम दोनो के बीच मे ही रहेगी.”

कीर्ति बोली “हम दोनो कौन.”

मैं बोला “तू और मैं.”

कीर्ति बोली “क्या उन्हे ये बात मुझे बताने मे कोई परेसानी नही हुई.”

मैं बोला “उन को मैने इस बात का विस्वास दिला दिया था कि, मेरी गर्लफ्रेंड उनकी किसी बात को, किसी दूसरे से नही कहेगी.”

कीर्ति बोली “क्या उन्हो ने वजह बताई.”

मैं बोला “हाँ उन्हो ने वजह बताई. उनका कहना था की, अंकल सेक्स करने के लायक नही है. वो उनका इलाज करवा कर भी देख चुके है. लेकिन कोई फ़ायदा नही हुआ. यही वजह थी कि, बहू इतने साल तक बिना सेक्स किए रही है.”

मेरी बात सुन कर कीर्ति किसी सोच मे पड़ गयी. मैं समझ रहा था कि, वो क्या सोच रही है. लेकिन फिर भी मैं चुप होकर उसके बोलने का इंतजार करने लगा. उसने कुछ देर सोचने के बाद कहा.

कीर्ति बोली “यदि अंकल सेक्स के लायक नही है. तब राज, रिया और प्रिया किस की संतान है.”

मैं बोला “वो तीनो दादा जी की संतान है. ये बात खुद दादा जी ने मुझे बताई है.”

मेरी बात सुन कर कीर्ति दंग रह गयी. शायद वो समझ नही पा रही थी कि, ये सब कैसे हो सकता है. उसने पुछा.

कीर्ति बोली “लेकिन ये कैसे हो सकता है. ये तो अनाचार है.”

मैं बोला “इंसान की मजबूरी उस से कुछ भी करा देती है. ये बात सिर्फ़ दादा जी और आंटी के अलावा अब मैं और तुम ही जानते है कि, राज रिया और प्रिया अपने दादा की संतान है.”

कीर्ति बोली “क्यो अंकल भी तो जानते होगे. क्या अंकल अपनी कमी को नही जानते है.”

मैं बोला “नही, वो नही जानते. उन्हे अपनी कमी के बारे मे मालूम है. लेकिन उनकी नज़र मे राज रिया और प्रिया उनकी ही संतान है.”

कीर्ति बोली “ऐसा कैसे हो सकता है. या तो अंकल जान कर भी अंजान बन रहे है. या फिर उनके साथ कोई धोका किया गया है.”

मैं बोला “तेरा कहना ठीक है. अंकल के साथ धोका ही हुआ है. इसलिए वो उन तीनो को अपनी ही संतान मानते है.”

कीर्ति बोली “ज़रा खुल कर बताओ ना क्या बात है. मेरा तो इस बात को सोच सोच कर सर फटा जा रहा है.”

मैं बोला “जिस बात को सोच कर ही तेरा सर फटा जा रहा है. वो बात जिन पर बीती है. उन पर क्या गुज़री होगी. ये भी ज़रा सोच कर देख.”

कीर्ति बोली “मैं वही समझने की कोसिस कर रही हूँ. तुम बात को ज़्यादा मत घूमाओ और मुझे पूरी बात बताओ. क्या हुआ और कैसे हुआ.”

मैं बोला “ठीक है, मुझे ये बात दादा जी ने बताई है. मैं ये बात तुझे उन्ही की ज़ुबानी बताता हूँ.”

ये कह कर मैं कीर्ति को दादा जी की बताई बात, उन्ही की ज़ुबानी बताने लगा.

दादा जी बोले “बात तब की है जब हम लोग रायपुर मे रहा करते थे. मेरे बड़े बेटे आकाश और बहू पद्‍मिनी की नयी नयी शादी हुई थी. मेरा बेटा आकाश सुरू से ही बहुत सीधा साधा था. उसे शायद सेक्स की भी उतनी जानकारी नही थी. उसकी शादी के 1 साल तक सब कुछ अच्छा चलता रहा. दोनो पति पत्नी दुनिया की नज़र मे खुश दिखाई देते थे. लेकिन असल जिंदगी मे ऐसा नही था.”

“एक तरफ मैं अपने खानदान के पहले वारिस के आने का, बेसब्री से इंतजार कर रहा था. तो दूसरी तरफ मेरे बेटे और बहू की जिंदगी, मेरे इस इंतजार को लेकर बेहद ही तनाव के दौर से गुजर रही थी.”

“ये बात मुझे तब पता चली. जब मैं एक दिन अचानक उनके कमरे के सामने से गुजरा और मैने दोनो के बीच किसी बात को लेकर चल रही नोक झोक को सुना. उस समय पद्‍मिनी ने आकाश से कह रही थी कि, आपके अंदर सेक्स करने की क़ाबलियत ही नही है. जब आप बीज ही नही बो सकते है. फिर आप मुझसे अपने खानदान का वारिस पाने की उम्मीद ही कैसे कर सकते है. मेरे अंदर कोई कमी नही है. यदि कोई कमी है तो, वो आपके अंदर है.”

“मेरे लिए ये बात किसी सदमे से कम नही थी. लेकिन उस समय मैने इस बात को पति पत्नी की आपसी कलह समझ कर अनसुना कर दिया. मुझे लगा कि पद्‍मिनी ने ये बात गुस्से मे कर दी है. क्योकि उस समय पद्‍मिनी की उमर 18 की और आकाश की 21 साल थी. ऐसे मे उनसे ज़्यादा समझदारी की उम्मीद नही की जा सकती थी.”

“ये बात आई गयी हो गयी. इस बात को 6 महीने गुजर चुके थे. अब मेरे छोटे बेटे प्रकाश का जॉब दूसरे शहर मे लग चुका था. वो वहाँ अपने जॉब पर जा चुका था. उस के जाने के दूसरे दिन मुझे फिर आकाश और पद्‍मिनी का झगड़ा सुनाई देता है. ना चाहते हुए भी मुझे उन दोनो के झगड़े मे बीच मे बोलना पड़ता है.”

“मैं दोनो को डॉक्टर से मिलने की सलाह देता हूँ और दूसरे दिन अपनी मुंबई वाली कंपनी का काम देखने मुंबई आ जाता हूँ. उसके दो दिन बाद जब मैं वापस अपने घर लौटता हूँ. तब मुझे पता चलता है कि, डॉक्टर की रिपोर्ट ने पद्‍मिनी की बात को सही ठहराया है. पद्‍मिनी सही है और कमी आकाश मे ही है.”

“इस बात को सुन कर जहाँ मुझे गहरा आघात लगा था. वही एक बाप का दिल इस बात को मानने को तैयार नही था की, उसके बेटे मे कोई कमी हो सकती है. मैं दोनो से कहता हूँ कि, हम मुंबई के डॉक्टर को चल कर दिखाएगे और यदि आकाश मे कोई कमी है भी तो हम वही रुक कर आकाश का इलाज कराएगे.”

“मेरी इस बात से दोनो सहमत हो जाते है. अगले दिन मैं आकाश और पद्‍मिनी को लेकर अपने मुंबई वाले घर मे आ जाता हू. यहाँ पर घर मैने इसी वजह से बनवाया था कि, जब कभी मैं अपने परिवार के साथ आउ तो, यहाँ रह सकूँ. यहाँ आने के बाद मैने एक अच्छे डॉक्टर को आकाश को दिखाया. लेकिन उसने भी वही जबाब दिया. जो जबाब हमारे रायपुर वाले डॉक्टर का था.”

“उसका जबाब सुनकर आकाश टूट सा गया. उसी रात उसने खुद्कुसि करने की कोसिस भी की थी. लेकिन पद्‍मिनी के देख लेने की वजह से हम ने उसे बचा लिया था. लेकिन उसकी इस हरकत से मुझे और पद्‍मिनी दोनो को, बहुत गहरा झटका लगा था. मगर एक बाप होने के नाते मैने अपने आपको संभाला और आकाश से कहा कि, वो चिंता ना करे. कुछ दिन बाद यहा विदेश से कुछ डॉक्टर आ रहे है. मुझे उम्मीद है कि, वो ज़रूर उसे ठीक कर देगे.”

“ये बात मैने सिर्फ़ आकाश का दिल रखने और उसकी हिम्मत बढ़ाने के लिए कही थी. लेकिन बाद मे मुझे पता चला कि, सच मे कुछ डॉक्टर विदेश से आने वाले है. मैने उन से मिलने का मन बना लिया.”
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RE: MmsBee कोई तो रोक लो - by desiaks - 09-09-2020, 01:56 PM
(कोई तो रोक लो) - by Kprkpr - 07-28-2023, 09:14 AM

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