MmsBee कोई तो रोक लो
09-09-2020, 02:04 PM,
#98
RE: MmsBee कोई तो रोक लो
88
पद्मि नी ने मुझे दूध का गिलास दिया और कहने लगी.

पद्मि नी बोली “पिताजी, माँ जाते समय, मुझे आपके पास ही सोने को बोल कर गयी थी. क्या मैं आपके पास सो सकती हूँ.”

मैं बोला “हाँ सो सकती हो.”

पद्मिोनी बोली “ठीक है मैं अभी कपड़े बदल कर आती हूँ.”

ये बोल कर पद्मिीनी कपड़े बदलने चली गयी. पद्मितनी का इस तरह मेरे साथ सोना ये तो साबित कर रहा था कि, वो सब कुछ करने को तैयार है. इसके बाद भी मैं कोई पहल करने की हालत मे नही था.

मैने अलीशा के पहले कयि कम उमर की लड़कियों के साथ संबंध बनाए थे. लेकिन पद्मि नी की उमर उन सब से बहुत कम थी. वो महज 20 साल की थी और मैं 45 साल का था.

इस सब के अलावा वो मेरी बहू भी थी. ऐसे मे मैं उसके साथ अपने आपको किसी भी तरह से सहज महसूस नही कर पा रहा था. मैं कुछ भी समझ नही पा रहा था. मैं इन्ही सोच मे गुम था. तभी पद्मि नी कपड़े बदल कर वापस आ गयी.

अब वो एक ब्लॅक शॉर्ट नाइटी पहने हुई थी. जिसमे से उसका गोरा गोरा बदन झलक रहा था. जिसमे वो बेहद सुंदर लग रही थी. उसने दूध का गिलास वैसे ही रखा देखा तो मुझसे कहा.

पद्मि नी बोली “ये क्या पिताजी, आपने अभी तक दूध नही पिया.”

ये कह कर उसने दूध का गिलास फिर से मुझे पकड़ा दिया और मेरे बाजू मे आकर लेट गयी. मैं चुप चाप दूध पीने लगा. दूध पीने के बाद मैने पद्मि नी की तरफ देखा तो वो आँख बंद करके लेटी हुई थी.

थोड़ी देर बाद मैं भी लेट गया और सोने की कोसिस करने लगा. लेकिन मुझे नींद नही आ रही थी, और कुछ ही देर बाद मुझे अजीब सी बेचेनी होने लगी. इसी बेचेनी मे मैं करवटें बदलने लगा.

मेरी नज़र पद्मिैनी के चेहरे पर पड़ी तो, उसके चेहरे पर ऐसी मुस्कान थी. जैसे वो नींद मे कोई प्यारा सा सपना देख रही हो. मैं उसके चेहरे को देखता रहा और फिर मेरी नज़र उसके सीने पर पड़ी.

नाइटी मे से उसके सीने के गोल गोल उभार बाहर को निकलते से नज़र आ रहे थे. मैं ना चाहते हुए भी उन्हे टकटकी लगा कर देखने लगा और मेरे लिंग मे तनाव आने लगा.

मेरी नज़र उसके सीने से होते हुए उसकी जांघों पर गयी. शॉर्ट नाइटी मे से बाहर निकली, उसकी जाँघो ने मेरी उत्तेजना को और भी बढ़ा दिया. अब मेरा खुद पर से काबू खो चुका था और मैं पायजामे के उपर से ही अपने लिंग को मसलने लगा.

अभी मैं पद्मिरनी की जाँघो को देख कर अपने लिंग को मसल ही रहा था. तभी पद्मि नी ने करवट बदली और उसका चेहरा मेरी तरफ हो गया. मैने भी उसकी तरफ करवट ले ली.

अब उसके सीने की दोनो गोलाइयाँ मेरी आँखों के सामने थी. मेरी बेचेनी हद से ज़्यादा बढ़ चुकी थी, और मैने इस बेचेनी की हालत मे अपने एक हाथ को धीरे से उसके सीने पर रख दिया.

फिर पद्मि नी की तरफ देखा तो, वो अभी भी आँख बंद किए ही लेटी हुई थी. मुझे लगा कि वो गहरी नींद मे है. मैं धीरे धीरे एक हाथ से उसके सीने की गोलाईयों को और दूसरे हाथ से अपने लिंग को मसल्ने लगा.

लेकिन ऐसा करने से मेरी बेचेनी और भी ज़्यादा बढ़ गयी. मैने उसकी नाइटी को उसके पेट के उपर सरका दिया और उसकी जांघों पर हाथ फेरने लगा. अब मैं एक हाथ से पद्मिननी के सीने की गोलाईयों को मसल रहा था और दूसरा हाथ उसकी जांघों पर फेर रहा था.

मेरी उत्तेजना इतनी ज़्यादा बढ़ गयी थी कि, अब मैं अपने दोनो हाथों से, ज़ोर ज़ोर से पद्मि नी के सीने की गोलाइयाँ को मसलने लगा. मेरे ऐसा करने से पद्मि नी ने कसमसाते हुए अपनी आँखे खोल दी.

उसको जागता देख मैं अपने हाथों को उसके सीने से अलग करने लगा. लेकिन तभी पद्मि नी ने अपने दोनो हाथ मेरे हाथों पर रख दिए और उन्हे अपने सीने पर दबाने लगी.

पद्मिदनी की ये सहमति मिलते ही मैं फिर से उसके सीने की गोलाईयों को दबाने लगा और वो मेरे सीने पर हाथ फेरने लगी. उसकी इस हरकत से मैं और भी ज़्यादा गरम हो गया.

मैने उसकी कमर मे हाथ डाल कर उसे अपने पास खिचा और उसकी कमर पर अपना एक पैर रख कर उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए. अब मेरे लिंग की चुभन पद्मि नी को अपनी जाँघो पर महसूस होने लगी थी.

वो भी पूरी तरह से गरम हो गयी थी और किस करने मे मेरा पूरा साथ देने लगी थी. मैने किस करते करते उसकी नाइटी को कमर के उपर सरका दिया और अपना एक हाथ नाइटी के अंदर डाल कर उसके निप्पल्स से खेलने लगा.

मेरे ऐसा करने से वो और भी ज़्यादा कसमसाने लगी और मेरे बलों पर हाथ फेरने लगी. उसकी उतेजना देखकर मेरी उतेज्जना भी चरम पर पहुच गयी थी. मैने उसे उठा कर बेड पर बैठा दिया.

फिर एक झटके मे नाइटी उतार कर अलग कर दी. अब वो सिर्फ़ पैंटी मे थी. उसने नाइटी के उतरते ही अपनी आँखे बंद कर ली और दोनो हाथों से अपने चेहरे को छुपा लिया.

वो बिल्कुल किसी नयी नवेली दुल्हन की तरह, शरम से अपना चेहरा छुपाये, मेरे सामने बैठी थी. मैं उसके अंग अंग को टकटकी लगाए देख रहा था. उसे उस रूप मे अपने सामने देख कर मैं सब कुछ भूल चुका था.

मैं अपलक उसे देख रहा था और वो अपने हाथो से अपना चेहरा छुपाए बैठी थी. मेरे अंदर सेक्स की ज्वाला भड़क रही थी और पद्मिअनी के इस शरमाने से मुझे उस पर बेहद प्यार भी आ रहा था.

मैने एक झटके मे अपना पायजामा कुर्ता उतार दिया. अब मैं सिर्फ़ अंडर वेअर मे था. मैने पद्मिेनी के चेहरे से उसके दोनो हाथों को अलग करने की कोशिश की, मगर उसने अपने चेहरे से हाथ अलग नही किए. मैने उस से धीरे से कहा.

मैं बोला “पद्मि नी, अपनी आँखे तो खोलो. ऐसे चेहरा छुपा कर क्यो बैठी हो.”

पद्मिोनी बोली “नही पिताजी, मुझे शरम आ रही है.”

मैं बोला “यदि तुम्हे पसंद नही है तो, हम ये सब नही करते है.”

पद्मिोनी बोली “नही पिताजी, ऐसी बात नही है. आपको जो करना है कीजिए. लेकिन मुझे देखने के लिए मत बोलिए. मुझे शरम आ रही है.”

मैं बोला “ठीक है, मैं तुम्हे देखने के लिए नही बोलता. लेकिन तुम मेरा साथ तो दोगि ना.”

पद्मिोनी बोली “जी पिताजी.”

ये बोल कर वो चुप हो गयी और अभी भी अपना चेहरा छुपाकर बैठी रही. मैने उसके कंधे को पकड़ कर, उसे बेड पर लिटा दिया और खुद उसके एक तरफ आकर बैठ गया. थोड़ी देर तक मैं उसे सर से लेकर पाँव तक देखता रहा.

वो मेरे सामने सिर्फ़ ब्लॅक पैंटी मे लेटी हुई थी. उसका अंग अंग किसी फूल की तरह खिला हुआ था. उसके गोरे और नंगे बदन को देख कर, एक बार फिर मेरे लिंग ने अंगड़ाई लेना सुरू कर दी. मैने धीरे से अपना एक हाथ पद्मिदनी के एक नंगे बूब्स पर रख दिया.

मेरे हाथ रखते ही पद्मि्नी को एक झटका सा लगा और उसने अपने शरीर को थोड़ा सा हिलाया. मैं आहिस्ता आहिस्ता उसके एक बूब्स को मसल्ने लगा. मैं कभी उसके बूब्स को मसलता तो, कभी उसके निप्पल्स को उंगलियों से मसल देता. मेरी हर हरकत से पद्मिबनी कसमसा जाती और अपने सर को इधर उधर हिलाने लगती. मगर अभी भी उसका चेहरा उसके हाथों से ढका हुआ था.

मैने उसके बूब्स को मसल्ते हुए, अपने होंठ उसके एक बूब्स पर लगाए और उसके निप्पल्स को चूसने लगा. अपने दूसरे हाथ से मैं उसके दूसरे बूब्स को मसल्ने लगा. मैं बड़ी तेज़ी से उसके निप्पल्स को चूस रहा था और बूब्स को मसल रहा था.

मेरे ऐसा करने से पद्मि नी कसमसाने लगी और उसने अपने हाथो को अपने चेहरे से हटा कर, मेरे सर पर रख दिया. वो मेरे चेहरे को अपने बूब्स पर दबाने लगी. लेकिन अभी भी उसकी आँखे बंद थी. उसके ऐसा करने से मुझे भी जोश आ गया और मैं तेज़ी से उसके निप्पल्स चूसने लगा और ज़ोर से उसके बूब्स मसल्ने लगा.

मैं उसके बूब्स को कभी चूस रहा था तो, कभी मसल रहा था. फिर मैं अपने एक हाथ को उसके पेट पर फेरते हुए, उसकी टाँगों की तरफ ले गया और पैंटी के उपर से उसकी पुसी को मसल्ने लगा. मेरे ऐसा करने से पद्मि नी ने अपनी दोनो टाँगों से मेरे हाथ को पुसी पर दबा लिया.

मैने उसके निप्पल्स को चूसना बंद किया और उसकी टाँगों के पास आ गया. पद्मिसनी अभी भी अपनी आँखे बंद किए हुए लेती थी. उसकी टाँगों के पास आकर मैने उसकी पैंटी को पकड़ा और उतारने की कोशिश करने लगा.

पद्मिेनी ने ऐसा करते देखा तो उसने अपने कुल्हों ( हिप्स) को थोड़ा सा उपर उठा लिया. मैने पैंटी को एक झटके मे नीचे उतार दिया और उसकी पुसी पर हाथ फेरने लगा. पुसी को मसल्ने लगा.

मैने अपने हाथ की एक उंगली को उसकी पुसी पर रगड़ना सुरू किया और फिर धीरे धीरे उंगली को उसकी पुसी मे डालने लगा. उसकी पुसी बहुत टाइट थी और इस समय पूरी गीली थी.

मेरी उंगली के अंदर जाने से पद्मि नी सिसियाने लगी और जब मेरी उंगली उसकी पुसी मे चली गयी. तब मैं धीरे धीरे उंगली को अंदर बाहर करने लगा. मेरे ऐसा करने से पद्मिीनी और कसमसाने लगी और अपनी पुसी को सिकोड़ने लगी.

उसकी साँसे तेज चल रही थी और मेरा लिंग पूरी तरह से अकड़ गया था. मेरी उंगली तेज़ी से पद्मिसनी की पुसी के अंदर बाहर हो रही थी. कुछ ही देर मे पद्मिानी पूरे जोश मे आ गयी.वो अपने दोनो हाथों से अपने बूब्स मसल्ने लगी और अपने कुल्हों को बार बार उपर उठा कर मेरा साथ देने लगी.

मैं भी पूरे जोश मे था. मैने एक पल मे उसकी पुसी से अपनी उंगली को बाहर निकाला और उसकी दोनो टाँगो को फैला कर अपना मूह उसकी पुसी मे लगा दिया. फिर मैने अपने होंठो से उसकी पुसी को चूस्ते हुए अपनी जीभ को उसकी पुसी मे डाल दिया.

मेरी जीभ के अंदर जाते ही पद्मि नी के मूह से एक सिसकारी निकली और उसने अपने दोनो हाथो से मेरे चेहरे को अपनी पुसी पर दबा दिया. मैं उसकी पुसी मे जीभ को गोल गोल घुमाने लगा और तेज़ी से जीभ उसकी पुसी के अंदर बाहर करने लगा.

थोड़ी ही देर मे पद्मिीनी ने मुझे अपनी दोनो टाँगों से जाकड़ लिया और मेरे चेहरे को बुरी तरह से अपनी पुसी पर दबाने लगी. फिर बुरी तरह से मचलते हुए कहने लगी.

पद्मिपनी बोली “अयाया पिताजी, मेरा पानी छूटने वाला है.”

उसकी बात सुनकर मैं और भी तेज़ी से अपनी जीभ को अंदर बाहर करने लगा. कुछ ही देर मे पद्मिबनी अकड़ने लगी और उसकी पुसी ने पानी छोड़ना सुरू कर दिया. मैं तब तक अपनी जीभ को अंदर बाहर करता रहा. जब तक की पद्मिननी की पुसी का पूरा पानी नही निकल गया और वो शांत नही पड़ गयी.

उसका पानी निकलते ही वो लंबी लंबी साँसे लेने लगी और मैं उसके पास आकर लेट गया. वो अभी भी अपनी आँखे बंद किए हुए लेटी थी. मैने उसके मानते को चूमा और उस से कहा.

मैं बोला “मज़ा आया.”

पद्मिोनी कुछ नही बोली. बस मुस्कुरा दी. मैने फिर उस से कहा.

मैं बोला “तुम्हे मज़ा आया या नही. कुछ तो बोलो.”

पद्मिोनी बोली “जी आया.”

मैं बोला “तो फिर तुम अपनी आँख क्यो नही खोल रही हो.”

पद्मिोनी बोली “मुझे शरम आ रही है.”

पद्मिोनी का तो पानी निकल चुका था लेकिन मेरा लिंग अभी भी आकड़ा हुआ था. अब मुझे उसको भी शांत करना था. इसलिए मैने फिर से पद्मि नी को गरम करना शुरू कर दिया.
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RE: MmsBee कोई तो रोक लो - by desiaks - 09-09-2020, 02:04 PM
(कोई तो रोक लो) - by Kprkpr - 07-28-2023, 09:14 AM

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