MmsBee कोई तो रोक लो
09-09-2020, 02:23 PM,
RE: MmsBee कोई तो रोक लो
112
मुझे और निक्की दोनो को समझ मे नही आ रहा था कि, प्रिया मुझे अपने पास क्यों बुला रही है. लेकिन निक्की का इशारा पाकर मैं प्रिया के और पास आकर खड़ा हो गया.

लेकिन प्रिया अभी भी मुझे अपने पास आने का इशारा कर रही थी. मैं उसके बाद से सट कर खड़ा था. इसलिए अब मुझे प्रिया का पास आने का इशारा करना समझ मे नही आ रहा था. मगर निक्की उसके ऐसा करने का मतलब समझ चुकी थी.

निक्की ने मुझे प्रिया के पास अपना चेहरा ले जाने का इशारा किया. मुझे निक्की का ऐसा कहना कुछ अजीब लगा लेकिन उस समय प्रिया की किसी बात को काटना, मेरे बस मे नही था.

मैने खामोशी से अपना सर प्रिया के पास झुका दिया और अपने चेहरे को बिल्कुल प्रिया के चेहरे के सामने कर दिया. प्रिया ने थोड़ा सा अपने सर को खिसकाया तो, मुझे समझ मे आ गया कि, वो कुछ कहना चाहती है.

मैने फ़ौरन अपने कान उसके सामने कर दिए. उसने अपने होंठों को बिल्कुल मेरे कानो के करीब किया और धीरे से कहा.

प्रिया बोली “सॉरी, प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो.”

ऐसी हालत मे भी प्रिया के मूह से ये बात सुनकर, मेरी आँखों मे नमी छा गयी. मैने पलट कर प्रिया के चेहरे को देखा तो, उसकी आँखों मे आँसू झिलमिला रहे थे.

मैने उसके आँसू पोन्छे और उसे चुप रहने का इशारा किया. मगर उसने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा.

प्रिया बोली “मैं सच कहती हूँ. वो सब मैने तुम्हे जान बुझ कर नही कहा था. वो सब गुस्से मे मेरे मूह से निकल गया था.”

उसके आँसू थे कि रुक ही नही रहे थे. मैने फिर उसके आँसुओं को पोन्छा और बड़े प्यार से उस से कहा.

मैं बोला “तुम इस बात को लेकर ज़रा भी परेशान मत हो. मैं इस बात को पहले से ही जानता था कि, तुम ये सब बातें सिर्फ़ गुस्से की वजह से कह रही हो. इसलिए मेरे मन मे उस बात को लेकर, ना तो पहले तुम्हारे लिए कोई मैल था और ना ही अभी कोई मैल है.”

मेरी बात सुनकर, प्रिया की आँखे फिर आँसुओं से भीग गयी. मैने अपना हाथ उसके आँसू पोछ्ने के लिए बढ़ाया तो, उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और कहा.

प्रिया बोली “तुम झूठ बोल रहे हो. यदि तुम्हे मेरी बात का बुरा नही लगा था तो, फिर तुमने घर क्यो छोड़ा. तुम मेरी बात मान कर, वहाँ रुक क्यो नही गये.”

प्रिया की बात ने मुझे अजीब परेशानी मे डाल दिया था. निक्की पास बैठी थी और उसके सामने मुझे कुछ कहने मे मुझे उलझन सी हो रही थी. लेकिन प्रिया के दिल से ये बात निकालना भी ज़रूरी था. इसलिए मैने प्रिया को समझाते हुए कहा.

मैं बोला “तुम मेरा विस्वास करो. मैने अभी तुमसे जो कुछ भी कहा है. सब सच कहा है. बाकी की बातें भी मैं तुम्हे अकेले मे बता दूँगा.”

प्रिया शायद मेरी उलझन को समझ चुकी थी. उसने मेरी उलझन को दूर करते हुए कहा.

प्रिया बोली “अभी भी मैं अकेली ही हूँ. तुम निक्की के सामने सारी बातें कर सकते हो. क्योकि दोपहर मे तुम्हारे जाने के बाद, मैने निक्की को सारी सच्चाई बता दी थी. मेरी कोई भी बात निक्की से छुपि नही रहती.”

प्रिया की बात सुनकर मुझे एक झटका सा लगा. मैं निक्की के सामने खुद को शर्मसार महसूस कर रहा था. मैं इतनी भी ताक़त नही जुटा पा रहा था कि, पलट कर एक नज़र निक्की को देख सकूँ. मगर मेरी हालत से अंजान, प्रिया ने फिर मासूमियत से कहा.

प्रिया बोली “बताओ ना, जब तुम मुझसे नाराज़ नही थे तो, फिर तुमने घर क्यो छोड़ा.”

अब प्रिया की बात का जबाब ना दे सकने की मेरे पास कोई वजह नही थी. मैने प्रिया से अपना हाथ छुड़ाया और उसके आँसुओं को सॉफ करते हुए कहा.

मैं बोला “तुमने अपनी बात उस समय बहुत गुस्से मे होने की वजह से कही थी, इसलिए मैने तुम्हारी बात का ज़रा भी बुरा नही माना था. लेकिन इस बात से भी इनकार नही किया जा सकता था कि, तुमने जो कुछ भी कहा था, वो सब पूरी तरह से झूठ था.”

“क्योकि सच तो यही था कि, मेरे बाप ने जिस थाली मे खाया था, उसी मे छेद किया था. जिस घर के लोगों ने हमें अपना समझ कर सहारा दिया था. मेरे बाप ने उसी घर की लड़की के साथ ग़लत हरकत करके, उन लोगों की पीठ पर छुरा घोंपा था.”

“मैं अपने बाप की हरकत के लिए, बेहद शर्मिंदा था और तुमसे नज़र मिला सकने की ताक़त भी, मेरे अंदर नही थी. ऐसे मे यदि मैं उस घर मे रुकता तो, मुझे रोज तुम्हारा सामना करना पड़ता और मैं रोज अपने आपको तुम्हारे सामने शर्मसार महसूस करता. इसलिए मैने तुम्हारा घर छोड़ने का फ़ैसला लिया था.”

“अब तुम मानो या ना मानो, पर सच यही है कि, मैने तुम्हारा घर, तुम्हारी बात का बुरा मान कर नही, बल्कि अपनी खुद की शर्मिंदगी की वजह से छोड़ा था. मैं किसी भी सूरत मे, अपने आपको उस घर मे रहने लायक, महसूस नही कर रहा था.”

इतना कह कर मैने एक ठंडी साँस ली और मैं खामोश हो गया. इस बात को कह देने से, मेरे मन से एक बड़ा बोझ उतर गया था. मैने प्रिया की तरफ देखा तो, वो किसी गहरी सोच मे दिख रही थी.

मुझे ये तो नही पता कि, उस समय वो क्या सोच रही थी. मगर शायद वो इस समय मेरी ही कही बात का जबाब सोच रही थी. उसकी इस सोच ने मुझे परेशानी मे डाल दिया था. क्योकि अभी उसकी तबीयत सही नही थी और ये सब बातें सोचना उसकी सेहत पर बुरा असर डाल सकती थी.

इसलिए मैने उसको, उसकी सोच बाहर निकालने के लिए, उसके हाथ को पकड़ कर दबाया. मेरे ऐसा करते ही प्रिया ने मेरी तरफ देखा तो, मैने उस से कहा.

मैं बोला “अब तुम किसी बारे मे, कुछ भी मत सोचो. तुम्हारे मन मे, जो भी सवाल है, मैं तुम्हारे हर सवाल का जबाब दूँगा. यदि तुम मुझसे घर वापस चलने का बोलोगि तो, मैं तुम्हारे साथ घर भी वापस चलुगा. लेकिन इस सब के लिए, तुम्हे जल्दी से अपनी तबीयत सही करना होगी. बोलो करोगी ना.”

मेरी बात सुनकर प्रिया के चेहरे पर रौनक आ गयी. उसने मुस्कुराते हुए हाँ मे सर को हिलाया. निक्की जो अभी खामोशी से सब कुछ सुन रही थी. उसने प्रिया की इस हरकत को देख कर, उसे छेड़ते हुए, उसका ही डाइलॉग कहा.

निक्की बोली “हाँ, अब दोस्ती की है तो, निभानी भी पड़ेगी.”

इतना कह कर निक्की हँसने लगी और मुझे भी हँसी आ गयी. मगर प्रिया ने झूठा गुस्सा दिखाते हुए, उसे धीरे से एक मुक्का मारा. जिसे देख कर निक्की ने धीरे से कुछ बुद्बुदाया. जो मेरी समझ मे तो नही आया मगर शायद प्रिया समझ गयी थी और वो निक्की को फिर से मारने लगी.

निक्की थोड़ी देर तक प्रिया को ऐसे ही परेशान करती रही. लेकिन जब उसने प्रिया के चेहरे पर थकान देखी तो, उसने प्रिया को परेशान करना बंद कर दिया और उस से कहा.

निक्की बोली “चल अब बहुत बातें हो गयी. अब तू आराम कर ले. हम लोग बाहर जाते है और आंटी को, वापस भेजते है.”

इतना कह कर निक्की, बाहर जाने के लिए उठ कर खड़ी हो गयी और मेरी तरफ देखने लगी. मगर मैं अभी भी अपनी ही जगह पर खड़ा था. क्योकि प्रिया मेरे हाथ को अभी भी पकड़े हुए थी.

शायद वो नही चाहती थी कि, मैं उसके पास से जाउ, इसलिए निक्की की बात सुनने के बाद तो, उसने मेरे हाथ को और भी ज़ोर से पकड़ लिया था. मैने प्रिया के दिल की हालत को समझते हुए निक्की से कहा.

मैं बोला “आप चल कर आंटी को भेजिए. तब तक मैं प्रिया के पास ही बैठता हूँ.”

मेरी बात सुनकर निक्की के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गयी. वो मुस्कुराते हुए बाहर जाने के लिए मूडी ही थी कि, तभी डॉक्टर निशा, एक नर्स और अंकल आंटी के साथ अंदर आई.

उन्हे देखते ही मैने प्रिया से अपना हाथ छुड़ाया और उसने भी मौके की नज़ाकत को समझते हुए फ़ौरन मेरा हाथ छोड़ दिया.

डॉक्टर निशा ने अंदर आने के बाद, सबसे पहले प्रिया से उसकी तबीयत पुछि. उसके बाद उन्हो ने मेरी तरफ मुस्कुराते हुए देखा और मुझसे कहा.

डॉक्टर निशा बोली “ऑर हीरो, क्या हाल है.”

मैने भी मुस्कुरा कर उनकी बात का जबाब देते हुए कहा.

मैं बोला “मैं अच्छा हूँ. आप कैसी है.”

डॉक्टर निशा ने प्रिया की जाँच करते करते, मेरी बात का जबाब देते हुए कहा.

डॉक्टर निशा बोली “मैं भी अच्छी हूँ. लेकिन लगता है कि तुम नही सुधरोगे.”

उनकी ये बात सुनकर, मेरे साथ साथ सभी लोग हैरान होकर डॉक्टर निशा को देखने लगे. मुझे समझ मे नही आया कि, वो ऐसा क्यो बोल रही है. मैने उन से इस बात का कारण जानने के इरादे से कहा.

मैं बोला “क्यो, मैने ऐसा क्या कर दिया.”

डॉक्टर निशा बोली “अब मेरे सामने ज़्यादा स्मार्ट मत बनो. मैने तुमसे पहले ही कहा था कि, इस लड़की को खुश रखो. यही इसकी सेहत के लिए ठीक रहेगा. फिर भी तुमने इसका ख़याल नही रखा. देख लो आख़िर इसकी तबीयत खराब हो ही गयी ना.”

मेरे साथ साथ वहाँ खड़े सभी लोग उनकी बात का मतलब समझ गये थे. वो प्रिया का सही से ख़याल, ना रखे जाने की वजह से ऐसा बोल रही थी. जिसे सुनकर सबके चेहरे पर मुस्कुराहट आ गयी थी. मैने भी उनको अपनी सफाई देते हुए कहा.

मैं बोला “आप ठीक कह रही है. मगर प्रिया ने स्कूल मे ज़्यादा उच्छल कूद की तो, इसमे मेरी क्या ग़लती है. कोई मैने तो, उस से ऐसा करने को नही कहा था.”

मेरी बात सुनकर डॉक्टर निशा ने प्रिया की जाँच करते करते, एक बार फिर मेरी तरफ तिर्छि नज़र से देखा और मुझसे कहा.

डॉक्टर निशा बोली “ओये हीरो, अपुन के साथ ज़्यादा शानपट्टी दिखाने की कोसिस नही करने का. तेरे को नही मालूम, तुम लोग जिस स्कूल मे पढ़ता है, अपुन वहाँ की प्रिन्सिपल रह चुकी है.”

डॉक्टर निशा के मूह से ये बोली सुनकर, मेरे तो चेहरे की हवाइयाँ उड़ गयी. मगर ये हाल सिर्फ़ मेरा नही था. अंकल आंटी प्रिया और नर्स भी डॉक्टर निशा की ये बोली सुनकर, बड़ी हैरानी से उन को देख रहे थे.

मगर निक्की को उनकी बात सुनकर कोई हैरानी नही हुई थी. वो उनकी बात सुनकर मुस्कुरा रही थी. उसने डॉक्टर निशा को छेड़ते हुए कहा.

निक्की बोली “वाह भाभी, आप तो शादी के पहले ही अमन भैया के रंग मे रंग गयी हो. कहीं आप दोनो का शादी के बाद, डॉक्टर-गिरी छोड़ कर गुंडा-गिरी करने का इरादा तो नही है.”

निक्की की बात सुनकर डॉक्टर निशा मुस्कुराए बिना ना रह सकी. उन्हो ने मुस्कुराते हुए निक्की से कहा.

डॉक्टर निशा बोली “नही, हमारा ऐसा कोई भी इरादा नही है. बस पुनीत को देख कर, अमन की पुरानी बातें याद आ गयी थी.”

डॉक्टर निशा की बात सुनकर, निक्की के मन मे अमन की बातों को लेकर उत्सुकता थी. उसने डॉक्टर निशा से कहा.

निक्की बोली “भाभी, क्या भैया सच मे, अपनी कॉलेज लाइफ मे एक टपोरी थे.”

निक्की की ये बात सुनकर, डॉक्टर निशा ने निक्की को गुस्से मे घूर कर देखा. लेकिन निक्की पर उनके घूर्ने का कोई असर नही पड़ा. वो अभी भी पहले की तरह ही हंस रही थी. जिसे देख कर डॉक्टर निशा ने कहा.

डॉक्टर निशा बोली “वो कोई टपोरी वपोरी नही, बल्कि कॉलेज का डॉन था.”

मगर निक्की की शरारत बंद नही हुई. उसने फिर डॉक्टर निशा को छेड़ते हुए कहा.

निक्की बोली “हाँ, दो चार चेले चपाटे बना लिए होंगे और उपर ही अपनी डॉन-गिरी चलाते होगे.”

ये सुनकर डॉक्टर निशा एक बार फिर निक्की को घूर कर देखने लगी. मगर जब उन्हो ने देखा कि, उनके घूर्ने का निक्की पर कोई असर नही पड़ रहा है तो, उन ने निक्की को अमन की डॉन-गिरी के बारे मे हुए कहा.

डॉक्टर निशा बोली “अमन के दो चार चेले नही, बल्कि दो चार कॉलेज के लड़के उसके चेले थे और पूरी यूनिवर्सिटी मे उसका रोब चलता था. कॉलेज के प्रिन्सिपल तक उसके खिलाफ कोई कदम उठाने से क़ौफ़ खाते थे. फिर टीचर्स की तो बात ही छोड़ो.”

सब बड़े गौर से डॉक्टर निशा की बात सुन रहे थे. जब डॉक्टर निशा ने सबके मन मे अमन के बारे मे जानने की उत्सुकता देखी तो, उन्हो ने अपनी बात बढ़ाते हुए आगे कहा.

डॉक्टर निशा बोली “स्टूडेंट्स पर अमन की इमेज का क्रेज़ ऐसा था कि, लड़के तो लड़के, लड़कियाँ तक, उसकी स्टाइल की नकल किया करती थी. कॉलेज की सुंदर से भी सुंदर लड़कियाँ अमन की दीवानी थी.”

डॉक्टर निशा की इस बात निक्की को फिर शरारत सूझी और उसने डॉक्टर निशा को छेड़ते हुए कहा.

निक्की बोली “मगर हमारे भैया की किस्मत ही खराब थी. बेचारे कॉलेज की इतनी सुंदर सुंदर लड़कियों को छोड़ कर कहाँ जाकर फस गये. लेकिन कहते है ना,
“नींद आए चटाई पर तो, दरी किस काम की,
और दिल लगा गधि से तो, परी किस काम की.”

ये कहकर निक्की खिलखिला कर हँसने लगी और निक्की के साथ साथ हम सबको भी हँसी आ गयी. जिसे देख डॉक्टर निशा गुर्रा कर निक्की की तरफ बढ़ी. लेकिन निक्की उनके आगे बढ़ने के मकसद को समझ गयी थी.

वो फ़ौरन जाकर आंटी के पिछे छुप गयी. उससे आंटी के पिछे छुपते देख डॉक्टर निशा ने कहा.

डॉक्टर निशा “मुझसे कब तक बचेगी तू. जब भी मेरे हाथ लगेगी, तेरी ऐसी गत करूगी कि, तू मुझे जिंदगी भर याद रखेगी.”

निक्की ने आंटी के पिछे छुपे छुपे अपना हाथ का अंगूठा दिखा कर डॉक्टर निशा को चिड़ाते हुए कहा.

निक्की बोली “मैं आपकी शादी के पहले आपके हाथ नही लगने वाली और शादी होने के बाद तो, आप मुझे कुछ कर नही पाओगी.”

निक्की की इस बात पर, डॉक्टर निशा ने जबाब देते हुए कहा.

डॉक्टर निशा बोली “उसके लिए भी, तुझे ज़्यादा इंतजार नही करना पड़ेगा. क्योकि इस फ्राइडे को हम शादी कर रहे है. फिर देखती हूँ कि, तुझे मुझसे कौन बचाता है.”

लेकिन डॉक्टर निशा की ये बात सुनने के बाद, निक्की खुद ही आंटी के पिछे से, बाहर निकल आई और फिर डॉक्टर निशा से लिपट कर, बड़े प्यार से कहा.

निक्की बोली “भाभी, मैं ये क्या सुन रही हूँ. क्या सच मे आप लोग इस फ्राइडे को शादी कर रहे है."

मगर इस बार के निक्की के सवाल को सुनकर डॉक्टर निशा शरमा गयी और उन्हो ने हाँ मे सर को हिला दिया. लेकिन उनके इस शर्मिलेपन ने उसकी सुंदरता मे चार चाँद लगा दिए थे. वो सच मे उस समय बहुत ज़्यादा सुंदर दिख रही थी.

डॉक्टर निशा के इस तरह से शरमाने से, मुझे पहली बार अहसास हुआ कि, लड़की का सबसे बड़ा गहना, उसकी शरम होती है. जो उसे किसी दुकान से खरीदना नही पड़ती, बल्कि उसके अंदर ही कहीं छिपि होती है.

डॉक्टर निशा को अपनी शादी की बात से, इस तरह से शरमाते देख, निक्की ने उन से कहा.

निक्की बोली “भाभी, अभी से ऐसे ही शरमाती रहोगी तो, मुझे शादी की पार्टी कौन देगा और शादी की शॉपिंग कौन करवाएगा.”

निक्की की बात सुनकर, डॉक्टर निशा ने अपनी शरम पर काबू करते हुए, बड़े प्यार से निक्की से कहा.

डॉक्टर निशा “शादी की पार्टी अलग से देने का तो, अब समय ही नही बचा है. मगर मैं तुम्हे शादी की शॉपिंग ज़रूर करवा दुगी. लेकिन ट्यूसडे के बाद, मुझे घर से निकलना मना है. इसलिए कल या परसों मे, जब भी तुम्हारे पास टाइम हो, तुम और आरू (डॉक्टर अमन की बहन) घर आ जाओ. मैं दोनो को शॉपिंग करवा दूँगी.”

प्रिया जो अभी तक सब कुछ खामोशी से देख रही थी. अब उस से भी चुप ना रहा गया. उसने डॉक्टर निशा और निक्की की चल रही बात को, बीच मे काटते हुए कहा.

प्रिया बोली “और मेरा क्या होगा. क्या मुझे शादी की शॉपिंग करने को नही मिलेगी.”

प्रिया की बात सुनते ही सबके चेहरे पर हँसी आ गयी. डॉक्टर निशा ने उसके पास आकर, उसके सर पर बड़े ही प्यार से हाथ फेरा और उसे समझाते हुए कहा.

डॉक्टर निशा बोली “सॉरी प्रिया, तुम हमारे साथ शॉपिंग मे नही जा सकती. अभी तुम्हारी हालत शॉपिंग मे जाने लायक नही है. वरना क्या मैं तुम्हे भूल सकती थी.”

डॉक्टर निशा की बात सुनकर, प्रिया उदास हो गयी और प्रिया की उदासी को देख कर, वहाँ खड़े सभी लोगों की हँसी भी गायब हो गयी. लेकिन डॉक्टर निशा ने बड़ी तेज़ी से माहौल को हल्का करते हुए, प्रिया से कहा.

डॉक्टर निशा बोली “अरे इसमे इतना उदास होने की क्या बात है. मैने तो बस ये कहा है कि, हम तुम्हे अपने साथ शॉपिंग के लिए नही ले जा सकते. ये थोड़ी ना कहा है कि, मैं तुम्हे शॉपिंग नही करवाउन्गी.

डॉक्टर निशा की ये बात सुनकर, प्रिया के साथ साथ, सब उनको हैरत से देखने लगे. किसी के भी समझ मे नही आया कि, वो कहना क्या चाहती है. प्रिया ने हैरानी से उन से कहा.

प्रिया बोली “जब मैं यहाँ से जा ही नही सकती तो, फिर मैं शॉपिंग कैसे कर सकती हूँ.”

डॉक्टर निशा ने प्रिया की इस बात पर उसे समझाते हुए कहा.

डॉक्टर निशा बोली “तुम्हारी शॉपिंग भी हम लोग करेगे. मगर तुम अपनी शॉपिंग एमएमएस के ज़रिए करोगी. हम लोग जो भी खरीदी करेगे, पहले तुम्हे एमएमएस करके तुम्हारी पसंद जान लेगे. जो भी चीज़े तुम्हे पसंद आएगी, वो हम खरीद लेगे. इस तरह तुम शॉपिंग पर जाए बिना ही अपनी पसंद की शॉपिंग कर लोगि.”

ये बात सुनते ही प्रिया के चेहरे पर कुछ पल के लिए मुस्कुराहट आ गयी. लेकिन अगले ही पल उसकी मुस्कुराहट फिर से गायब हो गयी और उसने कहा.

प्रिया बोली “लेकिन शॉपिंग करने का भी क्या फ़ायदा. आपकी शादी फ्राइडे की है और मैं तो शादी मे शामिल हो ही नही पाउन्गी.”

डॉक्टर निशा बोली “तुम इस बात की ज़रा भी चिंता मत करो. तुम्हे फ्राइडे के पहले ठीक करने की जबाब्दारी मेरी है. तुम फ्राइडे के पहले ठीक भी हो जाओगी और शादी मे शामिल भी हो सकोगी.”

डॉक्टर निशा की बात सुनकर प्रिया की मुस्कुराहट फिर से वापस आ गयी. उसके बाद डॉक्टर निशा ने अंकल आंटी को, प्रिया की तबीयत के बारे मे, कुछ ज़रूरी हिदायतें दी और उन से कहा.

डॉक्टर निशा बोली “अब आप लोग प्रिया की ज़रा भी चिंता मत कीजिए. प्रिया अब पूरी तरह ख़तरे से बाहर है. फिर भी मैने प्रिया का पूरा ख़याल रखने के लिए, जुली (नर्स) को बता दिया है. ये रात को 10 बजे तक यहाँ रहेगी.”

“रात के लिए, मैने शिखा (नर्स) की ड्यूटी यहाँ लगवा दी है और उसे भी प्रिया का पूरा ख़याल रखने को कहा है. आप लोगो को परेशान होने की ज़रूरत नही है. आप चाहे तो किसी एक को, प्रिया के पास छोड़ कर, बाकी लोग घर जा सकते है.”

इतना कहने के बाद, उन्हो ने प्रिया के पास ज़्यादा भीड़ ना लगाने को कहा और फिर वो नर्स के साथ वापस चली गयी. उनके जाने के बाद, आंटी प्रिया के पास रुकी रही और बाकी सब वेटिंग लाउंज मे आ गये.
Reply


Messages In This Thread
RE: MmsBee कोई तो रोक लो - by desiaks - 09-09-2020, 02:23 PM
(कोई तो रोक लो) - by Kprkpr - 07-28-2023, 09:14 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,453,644 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 539,035 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,213,024 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 916,992 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,625,612 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,058,436 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,912,962 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,931,143 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,983,085 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 280,412 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 13 Guest(s)