MmsBee कोई तो रोक लो
09-09-2020, 02:39 PM,
RE: MmsBee कोई तो रोक लो
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सामने अमन निशा के साथ बड़ी ही स्टाइल के साथ अंदर आ रहा था. उसने अभी तक घर मे किसी को भी निशा के बारे मे नही बताया था. यही वजह थी कि आरू अमन के साथ निशा को देख कर चौक गयी थी.

लेकिन अब सोचने की बात ये थी कि, सीरू और सेलू निशा के बारे मे कैसे जानती है. उन्हे कैसे पता था कि आज अमन और निशा यहाँ आने वाले है. मगर अभी ये सब मालूम करने का समय नही था. अभी तो बस ये देखना था कि, अमन अब इन सबका सामना कैसे करता है.

मैं बस एक दर्शक की तरह अमन और निशा को देख रहा था. जो अपनी धुन मे चले आ रहे थे. आरू को हैरत मे पड़े देख कर, सीरू ने उस से कहा.

सीरत बोली “ऐसे मूह फाडे क्या देख रही है. वो कोई अजूबा नही, हमारी होने वाली भाभी है.”

इधर सीरू का ये कहना हुआ और उधर अमन की नज़र हम पर पड़ गयी. हम पर नज़र पड़ते ही अमन के बढ़ते हुए कदम रुक गये. अमन को यूँ रुकते देख कर, निशा ने उसकी नज़रों का पीछा किया और मुझे अपने सामने पाया.

निशा मेरे अलावा किसी को जानती नही थी. इसलिए मुझे ड्राइवर की यूनिफॉर्म मे देख कर उसके चेहरे पर मुस्कुराहट आ गयी. उसने अमन का हाथ पकड़ा और उसे खिचते हुए मेरे पास ले आई. उसने पास आते ही हँसते हुए मुझसे कहा.

निशा बोली “अजजी ये क्या हुलिया बना रखा है. तुम कब आए और हमें बताया क्यो नही.”

मेरी तो सोच के तोते अमन और निशा को यहाँ देख कर ही उड़ गये थे. इसलिए मैं निशा की इस बात का कोई जबाब ना दे सका. मुझे कुछ ना कहते देख, निशा ने फिर कहा.

निशा बोली “अरे अजजी, कुछ बोलते क्यो नही. मैं तुमसे कुछ पूछ रही हूँ. तुम यहाँ कैसे और ये सब कौन है.”

मैने निशा की इस बात का जबाब देने का सोचा. लेकिन मेरे कुछ बोलने के पहले ही सीरू ने निशा से कहा.

सीरत बोली “हम चारों अजय भैया की बहने है और इन्हो ने ये हुलिया हमें खुश करने के लिए ही बनाया है. लेकिन इनसे इतना सवाल करने वाली आप कौन है.”

सीरू के मूह से मेरी बहन होने की बात सुनकर, निशा चौक गयी. क्योकि वो अच्छे से जानती थी कि, अमन की 3 बहनो के सिवा मेरी कोई और बहन नही है. लेकिन यहाँ चार लड़कियाँ खुद को मेरी बहन कह रही थी और उस से उसका परिचय पूछ रही थी. उसने परेसानी की हालत मे सीरू की बात का जबाब देते हुए कहा.

निशा बोली “हम दोनो अजजी के फ्रेंड है. लेकिन अजजी ने कभी मुझसे आप लोगों के बारे मे कुछ नही बताया.”

निशा की इस बात के जबाब मे सीरू ने कहा.

सीरत बोली “हम ने आपका परिचय पूछा था. अमन भैया को तो हम अच्छे से जानते है. क्या उन्होने भी आपको हमारे बारे मे कुछ नही बताया.”

सीरू की बात सुनकर निशा अमन की तरफ सवालिया नज़रों से देखने लगी. लेकिन अमन की चोरी पकड़ी गयी थी और उसकी हालत भी मेरे जैसी ही थी. उसे भी कुछ समझ नही आ रहा था कि, वो निशा से कैसे कहे कि, वो तीनो उसकी बहन है.

अमन की परेसानी देखते हुए, मुझे लगा कि, यदि निशा को इनका नाम मालूम पड़ जाए तो, वो समझ जाएगी कि, ये तीनो अमन की बहनें है. मैने स्तिथि को संभालने की कोसिस करते हुए कहा.

मैं बोला “सॉरी निशा, मैं तुमको अपनी बहनों से मिलाना भूल गया था. लो अब मैं तुमको इन सब से मिला देता हूँ.”

लेकिन सीरू शायद मेरी इस चालाकी को समझ गयी थी. उसने फ़ौरन मेरी बात को बीच मे से ही काटते हुए कहा.

सीरत बोली “रूको भैया. हम अपना परिचय खुद दे देते है. लेकिन पहले इनका पूरा परिचय तो ले ले.”

सीरू की बात से निशा कुछ परेशान सी लगने लगी. फिर भी उसने अपना परिचय देते हुए कहा.

निशा बोली “मैं डॉक्टर निशा हूँ. अमन के हॉस्पिटल मे ही उसके साथ हूँ.”

इतना बोल कर, निशा चुप हो गयी. लेकिन सीरू ने उस से कहा.

सीरत बोली “और.”

निशा बोली “और क्या.”

सीरत बोली “आपने ये तो बता दिया कि, आप अजय भैया की फरन्ड है. लेकिन ये नही बताया कि अमन भैया आपके फरन्ड है या नही.”

सीरू के इन सवालों से निशा को कुछ उलझन सी हो रही थी. इसलिए सीरू के इस सवाल का जबाब उसने सीधे सीधे देते हुए कहा.

निशा बोली “अमन और मैं जल्दी ही शादी करने वाले है. इतना काफ़ी है या और भी कुछ जानना है.”

निशा की बात सुनकर, सीरू और सेलू के साथ मैं भी अपनी हँसी नही रोक सका. निशा को कुछ भी समझ नही आ रहा था.वही आरू कभी निशा को तो, कभी अमन को देख रही थी. मैने आरू को ऐसे देखा तो, उस से कहा.

मैं बोला “अब बस भी कर, क्या इन दोनो को खा जाएगी.”

मेरी बात को सुनकर, आरू ने अमन की तरफ देखते हुए कहा.

अर्चना बोली “भैया खाना तो आज आप सबको छोटे दादू खिलाएगे. जब मैं उनको ये सब बातें बताउन्गी.”

आरू की ये बात सुनकर, सीरू समेत सबके चेहरे की हवाइयाँ उड़ गयी. अमन को भी लगा कि, उसकी सारी मेहनत पानी मे मिलने वाली है. उसने फ़ौरन आरू के पास आकर, उसे बहलाते हुए कहा.

अमन बोला “अरे मैं तो तुम सबको निशा से मिलवाने ही वाला था. मैं ने अजजी से कहा भी था कि, कोई अच्छा सा दिन देख कर, इन सबको निशा से मिला देते है. तुम्हे यकीन ना हो तो, अजजी से पूछ लो.”

लेकिन आरू पर अमन की इस बात का कोई असर नही पड़ा. उसने अमन को टका सा जबाब देते हुए कहा.

अर्चना बोली “मुझे किसी से कुछ नही पूछना. अब जो भी पुछेगे, रात को छोटे दादू ही पूछेगे.”

इतना कहते हुए आरू ने सबसे नज़र बचा कर मुझे आँख मार दी. उसकी इस हरकत से मुझे तो समझ मे आ गया कि, वो मज़ाक कर रही है. लेकिन बाकी सब की हालत खराब थी और निशा ये सोच सोच कर परेशान थी कि, ये सब क्या हो रहा है.

अमन ने आरू को मनाने की बहुत कोशिश की, लेकिन जब आरू नही मानी तो, उसने मुझसे कहा.

अमन बोला “अजजी ये सब तेरा ही किया धरा है. अब तू ही मुझे इस सब से बाहर निकलेगा. तेरे सिवा ये किसी की बात नही सुनेगी. अब तू ही इसे समझा.”

अमन की बात के जबाब मे मैने उस से कहा.

मैं बोला “ये सब मेरा किया हुआ नही है. ये सब सीरू और सेलू का किया धरा है. अब इन से ही बोलो कि, ये तुम्हे इस मुसीबत से बाहर निकाले.”

अभी मैं आगे कुछ और बोल पाता की इस से पहले ही वो अक्तिवा वाली लड़की अपनी सहेली के साथ हमारे पास आ गयी. मैने उसे देखा तो, मैं बात करना भूल कर उसे ही देखने मे खो गया.

इधर सीरू और सेलू की हालत तो पहले ही औरु ने खराब कर रखी थी. उस पर इस लड़की को देख कर वो कुछ और भी परेशान सी हो गयी. उस लड़की ने हमारे पास आते ही उन दोनो से कहा.

लड़की बोली “अरे आप दोनो तो चली गयी थी. फिर यहाँ वापस कैसे आ गयी. सब ठीक तो है ना.”

उसकी बात सुनकर, सीरू और सेलू ने कुछ बोलते नही बना. वही निशा और भी हैरत मे आ गयी कि, अब ये नयी बला क्या आ गयी. इधर जब आरू ने देखा कि सीरू और सेलू उसको कोई जबाब नही दे पा रही है तो, उसने उस लड़की से कहा.

अर्चना बोली “मैं बताती हूँ ये लोग यहाँ वापस कैसे आई. आपके जाते ही मुझे दौरा पड़ गया था. तब भैया ने इनको कॉल करके मेरे बारे मे बताया तो, ये अपने भैया को लेकर यहाँ आ गयी. इनके भैया डॉक्टर है.”

ये कह कर आरू ने अमन की तरफ इशारा किया. लड़की ने अमन से नमस्ते किया और फिर आरू की तबीयत पुच्छ कर चली गयी. उसके जाते ही उसने मुझे देखा. मैं अब भी उस लड़की को जाते हुए देख रहा था.

अमन को कुछ समझ मे नही आया कि ये लड़की कौन है. उसने मुझे पूछा तो, मेरा ध्यान उसकी तरफ नही था. तब आरू ने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे हिलाया तो मैने उस लड़की को देखना बंद किया और सब को देखने लगा.

अमन ने फिर पूछा कि वो लड़की कौन थी तो, आरू ने उसे सारी बात बता दी. जिसे सुनकर, अमन और निशा हँसे बिना ना रह सके. लेकिन जल्दी ही आरू पर नज़र पड़ते ही उनकी हँसी थम गयी. अमन ने सीरू और सेलू से आरू को समझाने के लिए कहा.

अमन की बात सुनकर, वो दोनो आरू को समझाने की कोसिस करती रही. लेकिन आरू अपनी ज़िद पर ही अडी रही. अब तक निशा को भी सारी बात समझ मे आ चुकी थी और वो भी आरू की बात से परेशान हो गयी थी.

मैं चुप चाप खड़ा इस सब का मज़ा ले रहा था. लेकिन जब देखा कि, अब कुछ ज़्यादा ही मज़ाक हो चुका है तो, मैने आरू को मज़ाक ख़तम करने का इशारा किया और उस से कहा.

मैं बोला “आरू, क्या तू छोटे दादू को ये बात बताए बिना नही मानेगी.”

अर्चना बोली “हां, मैं ये बात हर हालत मे छोटे दादू को बताउन्गी.”

मैं बोला “अच्छा तू बताना चाहती है तो बता देना. लेकिन तू छोटे दादू को क्या बताएगी. ये तो बता दे.”

मेरी बात सुनकर आरू ने अमन और निशा की तरफ देखा और फिर उन्हे घूरते हुए कहा.

अर्चना बोली “मैं छोटे दादू से बोलुगी कि, मुझे दोनो भाभी पसंद है.”

आरू की बात सुनते ही सबके चेहरे खिल उठे और सबके चेहरे पर मुस्कुराहट आ गयी. किसी ने आरू की बात पर गौर नही किया था. लेकिन आरू की बात ने निशा को असमंजस मे डाल दिया था. उस ने बड़ी हिम्मत करके आरू से कहा.

निशा बोली “अभी तुमने ये कहा ना कि, तुमको दोनो भाभी पसंद है.”

अर्चना बोली “हां.”

अब सबका ध्यान आरू की बात पर गया. लेकिन कोई भी उसकी बात का मतलब नही समझ सका. निशा ने परेशान होते हुए उस से कहा.

निशा बोली “दोनो भाभी से तुम्हारा क्या मतलब. क्या तुमने अमन के लिए किसी और को भी पसंद किया है.”

निशा की बात सुनकर आरू हँसने लगी. उसने हँसते हुए निशा की बात का जबाब देते हुए कहा.

अर्चना बोली “भाभी, आप ये क्या सोच रही है. मैने ऐसा तो नही कहा है. दोनो भाभी से मेरा मतलब अमन भैया के लिए आप और अजय भैया के लिए वो अक्तिवा वाली भाभी से था.”

आरू की बात सुनकर सबकी नज़र मेरी तरफ और मेरी नज़र आरू की तरफ चली गयी. मैने चौंकते हुए आरू से कहा.

मैं बोला “ये क्या बोले जा रही है तू.”

मैं अभी इतना ही बोल पाया था कि, सेलू ने बात को बीच मे काटते हुए कहा.

सेलिना बोली “भैया, आरू ठीक ही तो बोल रही है. मुझे भी भाभी पसंद है.”

मैं बोला “तुम लोग ये क्या पागलपन कर रही हो. किसी भी राह चलती लड़की को अपनी भाभी बना रही हो.”

मेरी बात सुनकर, सीरू ने भी उन दोनो की तरफ़दारी करते हुए कहा.

सीरत बोली “भैया, इस बात मे मैं भी इन दोनो के साथ हूँ. मुझे भी भाभी पसंद है.”

सीरू की बात पर मैने झुंझलाते हुए अमन से कहा.

मैं बोला “इन सबका तो दिमाग़ फिर गया है. तू ही इनको कुछ समझा.”

मेरी बात के जबाब मे अमन ने कहा.

अमन बोला “मैं इनको क्या समझाऊ. मुझे तो खुद भाभी बहुत पसंद आई है.”

अमन की बात सुनने के बाद निशा से भी चुप ना रहा गया और उसने भी अपनी सहमति देते हुए कहा.

निशा बोली “और मुझे भी वो पसंद है. बेचारी अभी से अपने होने वाले पति की बहन का कितना ख़याल कर रही थी.”

निशा की बात सुनते ही सब हँसने लगे. सबको हंसते देख, निक्की जो अब तक चुप थी. उसने भी अपनी ज़ुबान खोलते हुए कहा.

निक्की बोली “सब की तरह मुझे भी भाभी बहुत पसंद आई. लेकिन अजय भैया को तो भाभी हम सबसे ज़्यादा पसंद है.”

निक्की की बात सुनकर, मैं सोच मे पड़ गया कि अब ये कौन सा नया बॉम्ब फोड़ने वाली है. वही सब निक्की की इस बात का मतलब समझने की कोसिस करने लगे और निशा ने उस से कहा.

निशा बोली “तुम ये कैसे कह सकती हो कि, अजजी को वो सबसे ज़्यादा पसंद है.”

निक्की ने मेरी तरफ देखा और फिर धीरे से कहा.

निक्की बोली “वो इसलिए कि जब भी भाभी भैया के सामने आते है. वो उनको देखते ही रहते है. जब हम लोग बाहर थे, तब भी भैया उनको देखने मे इतना खो गये थे कि, दीदी लोग कब अंदर चली आई, ये तक इनको पता नही चला और अभी भी जब भाभी यहाँ आई थी, तब भी भैया सिर्फ़ उनको ही देखे ही जा रहे थे.”

निक्की की बात सुनकर सब मुस्कुराने लगे और मेरे पास अब सफाई देने के लिए कुछ नही बचा था. निक्की ने मेरी पोल सबके सामने खोल कर रख दी थी. मैने मुस्कुराते हुए निक्की के कान पकड़ कर उस से कहा.

मैं बोला “गोपी चन्द जासूस की बच्ची. तुझे शरम नही आई, अपने भैया की जासूसी करते हुए.”

निक्की बोली “ओह्ह भैया, मेरा कान छोड़ो, मुझे दर्द हो रही है. कान पकड़ना है तो, सीरू और सेलू दीदी के कान पकडो. क्योकि मुझसे बड़ी जासूस तो वो है. जिनको अमन भैया के यहाँ आने का पहले से पता था.”

मैं बोला “तू बिल्कुल ठीक कहती है. ये सब किया हुआ इन्दोनो का ही है.”

ये कहते हुए मैने निक्की के कान छोड़ दिए और फिर सीरू से कहा.

मैं बोला “अब तुम दोनो ऐसे ही बोलोगि या निक्की की तरह तुम्हारे भी कान पकड़ने होगे.”

मेरी बात सुनकर, दोनो मुस्कुराने लगी और सेलू ने अपनी सफाई देते हुए कहा.

सेलिना बोली “भैया इस सब मे मेरी कोई ग़लती नही है. ये सब दीदी का ही आइडिया था. उन्होने ही कल अमन भैया को फोन पर कहते सुना था कि, आज वो यहाँ आएगे. दीदी ने मुझसे पूछा कि, मैं भाभी से मिलना चाहती हूँ तो, मैं इसके लिए तैयार हो गयी और फिर आपके हमारी यहाँ आने की शर्त को मान लेने से, हमारा भाभी से मिलने का रास्ता खुल गया.”

सेलू की बात सुनकर, निशा ने उसको गले से लगा लिया और उस से कहा.

निशा बोली “तुम लोगों को मुझसे मिल तो लिया है. लेकिन अभी ये बात अपने घर मे मत बताना. क्योकि पहले मुझे अपने घर वालों को इस शादी के लिए तैयार करना है.”

निशा की बात के जबाब मे सीरू ने निशा के सामने अपने चुप रहने की शर्त रखते हुए कहा.

सीरत बोली “भाभी, आप इस बात की ज़रा भी चिंता मत कीजिए. हम मे से कोई भी इस बात को घर मे नही करेगा. लेकिन इसके लिए आप लोगों को हमारी एक शर्त मानना होगी.”

निशा बोली “क्या शर्त है, बोलो.”

सीरत बोली “हमारे अजय भैया जब हमारे सामने इस बात को कबुल नही कर पाए की, वो उस अक्तिवा वाली लड़की को पसंद करते है तो, फिर ये उस लड़की के सामने कैसे कबुल कर पाएगे की, ये उसको पसंद करते है. अभी तो वो इनको एक ड्राइवर ही समझती है. ऐसे मे तो इनकी बात बन ही नही सकती. आप कुछ ऐसा कीजिए कि सारी ग़लतफहमी दूर हो जाए और वो हमारी भाभी बन जाए.”

सीरू की शर्त सुनकर निशा की जान मे जान आई. उसने मुस्कुराते हुए कहा.

निशा बोली “बात तो तुम्हारी सही है. लेकिन हमें उसके बारे मे कुछ भी नही मालूम. यहाँ तक कि हम उसका नाम तक नही जानते. ऐसे मे उसके बारे मे कुछ भी कहना जल्दबाज़ी होगी. पहले हम उसके बारे मे मालूम कर ले. फिर हम उसकी ग़लतफहमी भी दूर कर देगे. तब अजजी को उसकी नज़रो मे एक ड्राइवर ही रहने दो.”

सब को निशा की बात जम गयी और फिर उसके बाद सब वहाँ मौज मस्ती करने मे लग गये. इस बीच वहाँ घूमने फिरने मे हमारी मुलाकात उस लड़की से 2-3 बार हुई और उसकी निशा के साथ कुछ बात चीत भी हुई. मैं उसे देखते रहने के सिवा कुछ ना कर सका.

वहाँ मौज मस्ती करने के बाद सबने रेस्टोरेंट मे खाना खाया. उसके बाद निशा और अमन हॉस्पिटल का बोल कर चले गये. उनके जाने के बाद मैने निक्की को उसके हॉस्टिल छोड़ा और फिर मैं अपनी बहनो के साथ घर आ गया.

शाम को मैं सूरत के लिए वापस निकलना चाहता था. लेकिन घर के सभी लोगों ने आज वही रुकने की ज़िद की तो मैं रुक गया. सुबह के सफ़र और दिन भर घूमने फिरने की वजह से रात को खाना खाने के बाद बिस्तर पर लेटते ही मुझे बड़ी सुकून भरी नींद आ गयी.

लेकिन सुकून भरी नींद शायद मे नसीब मे ही नही थी. मेरी नींद लगे अभी कुछ ही देर हुई थी कि, तभी किसी ने मेरे कमरे का दरवाजा खटखाया. मैने उनिंदी सी हालत मे दरवाजा खोला तो सामने अमन खड़ा था. अमन ने मुझे जो बात बताई, उसे सुनकर मेरी आँखों मे नींद की जगह आँसुओं ने ले ली और मैं धम्म से ज़मीन पर गिर गया.
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RE: MmsBee कोई तो रोक लो - by desiaks - 09-09-2020, 02:39 PM
(कोई तो रोक लो) - by Kprkpr - 07-28-2023, 09:14 AM

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