MmsBee कोई तो रोक लो
09-09-2020, 02:42 PM,
RE: MmsBee कोई तो रोक लो
135
सीरत की बात सुनकर, आरू ने कहा.

अर्चना बोली “क्या सच मे दीदी.”

आरू की आवाज़ सुनते ही सीरत की काटो तो खून नही वाली हालत हो गयी थी. और ने अचानक होश मे आकर उसे ऐसा झटका दिया था कि, वो बस अवाक सी उसे देखे जा रही थी. यही हाल वहाँ खड़े बाकी सब लोगों का भी था. किसी को भी अपनी आँखों पर यकीन नही हो रहा था.

अमन ने सबको हैरान होते देखा तो, उसने सबकी हैरानी को दूर करते हुए उन्हे बताया कि, आरू को पहले ही होश आ चुका था. वो बस सबको सर्प्राइज़ देने के लिए अभी नाटक कर रही थी.

अमन की बात सुनकर और आरू को होश मे देख कर सबकी आँखें खुशी से भीग गयी थी. सब आरू को होश मे देख खुशी मना रहे थे और जब ये खुशी मनाने का दौर थमा तो, सेलिना ने सीरत से कहा.

सेलिना बोली “दीदी, आपने ऐसी क्या बात बोल दी थी कि, ये अपना नाटक भूल कर बोल पड़ी.”

सीरत अब तक अपने आपको आरू के दिए झटके से सम्भल चुकी थी. उसने मुस्कुराते हुए कहा.

सीरत बोली “मैने कुछ खास नही कहा था. मैं तो बस ये बोली थी कि, भैया तेरे ठीक होते ही, हमे अक्तिवा दिलाने की बात कर रहे थे और ये इतना सुनते ही खुशी से फूल कर बोल पड़ी.”

वहाँ खड़े सभी लोग सीरत की बात को सुनकर हंस पड़े. लेकिन इस बात के पीछे छुपे भेद को इन तीनो के अलावा यदि कोई समझ रहा था तो, वो मैं थी. मगर मेरी समझ मे ये बात नही आ रही थी कि, एक मुलाकात मे ही उस लड़की ने ऐसा क्या जादू कर दिया कि, बिना उसके बारे मे जाने ही, ये तीनो लड़की उसे अपनी भाभी बनाने के लिए मरी जा रही है.

मैं इस बात को इनके मन से निकाल देना चाहती थी. क्योकि ये मैं अच्छे से जानती थी कि, अब ऐसा हो पाना मुमकिन नही है. मैने अमन से इस बारे मे बात की तो, उसने मुझे समझाते हुए कहा.

अमन बोला “मैं जानता हूँ कि, वो ऐसा क्यो कर रही है.तुम शायद उस दिन निक्की की एस्सेल वर्ल्ड मे कही बात को भूल गयी हो. निक्की ने हम सबके सामने ये बात कही थी कि, अजय को वो लड़की बहुत पसंद और वो लड़की जब भी अजय के सामने आती है, अजय कहीं खो सा जाता है. उस समय ये बात मैने मज़ाक मे उड़ा दी थी.”

“लेकिन बड़े दादू की मौत के बाद, जब मैने अजय से कहा कि बड़े दादू उसकी शादी को लेकर चिंतित थे और उसे बड़े दादू की आख़िरी इच्छा पूरी करने के लिए शादी कर लेना चाहिए. तब उसने मुझसे कहा था कि, उसे अपनी बहनो की पसंद पर नाज़ है. यदि बड़े दादू जिंदा होते तो उनकी ये इच्छा भी ज़रूर पूरी हो गयी होती.”

“उस दिन मुझे अहसास हुआ कि, मेरी तीनो बहने ही नही, बल्कि मेरा भाई भी इस बात को लेकर गंभीर है. लेकिन मैं उसके लिए कुछ कर पाता, उसके पहले ही ये हादसा हो गया और ऐसी स्थिति बन गयी कि, जिस लड़की से अजजी को प्यार था. वो ही लड़की अब अंजाने मे ही सही मगर अजजी से नफ़रत करती है.”

अमन की ये बात सुनकर मैं सोचने पर मजबूर हो गयी कि, ये अजजी की जिंदगी मे कैसा मोड़ आ गया. जिस इंसान ने जिंदगी भर हज़ारों दर्द सह कर भी, सिर्फ़ सबको खुशियाँ बाटी है. क्या उसे खुशी की एक बूँद भी नसीब नही होगी. ये सब सोच सोच कर मेरी आँखें भर आई.

मेरी आँखों मे आँसू देख कर, अमन ने मेरे आँसुओं को पोछा और मुझे समझाते हुए कहा.

अमन बोला “तुम उस लड़की से दो बार मिल चुकी हो. वो तुम्हे अच्छे से जानती होगी. तुमको भले ही उसमे कोई ख़ासियत नज़र ना आई हो. मगर कुछ तो उसमे ऐसा होगा. जिस वजह से अजजी पहली ही नज़र मे उसे अपना दिल दे बैठा है. मेरा मानना है कि, तुम एक बार और उस से जाकर मिल लो.”

अमन की ये बात मेरी समझ मे नही आई. मैने अपनी हैरानी उस पर जाहिर करते हुए कहा.

मैं बोली “लेकिन ये सब करने का क्या फ़ायदा. क्या तुमको सब कुछ जानने के बाद भी ऐसा लगता है कि, हमे उसके सामने जाना चाहिए.”

मेरी बात सुनकर, अमन ने मुझे समझाते हुए कहा.

अमन बोला “हर बात मे फ़ायदा नुकसान देखना सही नही है. दुनिया मे इंसानियत नाम की भी कोई चीज़ होती है. एक पल के लिए तुम ये भूल जाओ कि, तुम अजजी को जानती हो. बस ये सोच कर उस से मिलो कि, वो लड़की एक हादसे की शिकार है और हो सकता है कि, ऐसे वक्त मे हम उसके किसी काम आ सके.”

अमन का ये रूप मैं पहली बार देख रही थी. मेरे सामने बोल तो अमन रहा था. लेकिन उसके मूह से जो बोल निकल रहे थे, वो अजजी के थे. मैं उसकी इस बात से इनकार ना कर सकी और मैने उस लड़की से मिलने का फ़ैसला कर लिया.

अगले दिन मैने जहाँ शिखा का भाई भरती था, उस हॉस्पिटल से शिखा का पता निकाला और फिर उसके घर पहुच गयी. शिखा से मैं दो बार मिल चुकी थी, इसलिए मुझे देखते ही, वो मुझे पहचान गयी.

मुझे देखते ही शिखा मुझसे यू लिपट कर रोने लगी. जैसे वो मुझे बरसों से जानती हो. मैने शिखा को दिलासा दिया और उसे शांत करते हुए कहा.

मैं बोली “तुम्हारे साथ जो कुछ भी हुआ है, बहुत बुरा हुआ है. बस यही बात मुझे तुम तक खीच कर ले आई है.”

मेरी बात सुनकर, शिखा ने अपनी सारी जिंदगी का हाल मेरे सामने खोल कर रखते हुए कहा.

शिखा बोली “मैं बहुत बदनसीब हूँ. पिताजी का साया तो पहले ही हमारे सर से उठ चुका था. अब जो हमारा भाई था, वो भी किसी अमीर आदमी की दौलत की वजह से हमसे छिन गया.”

शिखा रो रो कर अपना हाल बता रही थी. शिखा से मुझे मालूम पड़ा था कि, उसका घर उसके भाई की कमाई से ही चलता था और अब उनका आख़िरी सहारा भी छिन गया है. शिखा का हाल सुनकर मैं भी अपनी आँखों को छलकने से ना रोक सकी.

मैने उसे कुछ आर्थिक मदद करना चाहा तो, उसने मेरी मदद लेने से मना करते हुए कहा.

शिखा बोली “भगवान जब एक रास्ता बंद करता है तो, दूसरा कोई ना कोई रास्ता खोल भी देता है. मैने लाइफ केर नर्सिंग कॉलेज से नर्सिंग कोर्स किया है. भगवान ने चाहा तो, जल्दी ही मुझे किसी हॉस्पिटल मे नर्स की जॉब मिल जाएगी.”

शिखा की ये बात सुनकर, मैं मन ही मन उसके स्वाभिमान की तारीफ किए बिना ना रह सकी. मैने उस से कहा.

मैं बोली “तुम मुझे अपनी बड़ी बहन समझो और जॉब की फिकर बिल्कुल मत करो. तुम जिस भी हॉस्पिटल मे जॉब करना चाहोगी, मुझे बता देना. तुम्हे बिना किसी परेशानी के जॉब मिल जाएगा. तुम अपने आपको अकेला मत समझना, मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ. तुम्हे यदि आधी रात को भी मेरी ज़रूरत पड़े तो, तुम बेजीझक मुझे फोन कर सकती हो.”

ये कहते हुए मैने शिखा को अपना मोबाइल नंबर दे दिया और उस से विदा लेकर वापस आ गयी. ये बात जब मैने अमन को बताई तो, उसे शिखा और उसके परिवार के साथ बहुत हमदर्दी हुई. वो शिखा की मदद करना चाहता था. लेकिन ये भी समझ चुका था कि, शिखा किसी की मदद नही लेगी.

मैं और अमन शिखा की मदद करने का कोई तरीका ढूँढ रहे थे. तभी अजजी वहाँ आ गया. उसने मुझे और अमन को यू गहरी सोच मे पड़ा देखा तो कहा.

अजय बोला “तुम दोनो किस सोच मे पड़े हो. क्या कोई परेशानी है.”

अमन ने अजजी को अपने सामने देखा तो, उसे अपनी परेशानी बताते हुए कहा.

अमन बोला “मुंबई मे हुए इन हादसो मे मेरे एक परिचित की भी मौत हो गयी. वो अपने परिवार मे अकेला कमाने वाला था. मैं उसके परिवार की कुछ आर्थिक मदद करना चाहता था. लेकिन वो किसी की भी कोई मदद लेने को तैयार नही है. समझ मे नही आ रहा कि, ऐसे हालत मे उनका गुज़ारा कैसे होगा.”

अमन की बात सुनकर, अजजी ने कुछ सोचते हुए कहा.

अजय बोला “सुनने मे आया है कि, सरकार हादसो मे घायल हुए लोगों को पचास हज़ार और हादसो मे मरे हुए लोगों को एक लाख रुपये मुआवज़ा दे रही है.”

अजय की बात के जबाब मे अमन ने उसे समझाते हुए कहा.

अमन बोला “क्या तू इस सरकारी फरमान को नही जानता. आदमी आज मरा है और मुआवज़ा पता नही कब मिल पाता है. फिर एक लाख रुपये से आज के समय मे होता क्या है. वो भी तब जबकि उस परिवार मे कोई कमाने वाला ही ना हो.”

अमन की इस बात ने अजय को भी सोचने पर मजबूर कर दिया था. लेकिन वो एक बिज़्नेसमॅन था और उसे इसके सारे दाव पेंच आते थे. उसने इसका भी रास्ता तुरंत निकालते हुए कहा.

अजय बोला “ये भी कोई मुस्किल काम नही है. किसी जीवन बीमा कंपनी ( लाइफ इन्षुरेन्स कंपनी) वाले को पटा लो. उसकी मदद से ये साबित कर दो कि, जो इंसान मरा था, उसका जीवन बीमा था. इस तरह तुम अपने उस परिचित के परिवार की जितने की मदद करना चाहते हो, उतने की मदद आसानी से कर सकते हो.”

अजय की बात सुनकर, मैं और अमन हैरानी से उसको देखते रह गये. उसने हमारी इतनी बड़ी समस्या का हल बड़ी ही आसानी से निकाल दिया था. लेकिन अभी हमे और भी चौकना बाकी था. उसने अपने जेब से एक चेक बुक निकाली और फिर 5 लाख का एक चेक भर कर अमन की तरफ बढ़ाते हुए कहा.

अजय बोला “मेरी तरफ ये छोटी सी मदद भी अपने उस परिचित के परिवार तक पहुचा देना.”

इतना कह कर, अजय हमारे पास से उठ कर आरू के पास चला गया. हम दोनो उसे जाते देखते रहे. उसने अंजाने मे ही उस परिवार की मदद कर दी थी. जो मदद उसे सब कुछ पता चलने पर करनी थी. अजय के जाने के बाद, अमन ने मुझसे कहा.

अमन बोला “तुमने अजजी का दिल देख लिया. बिना कुछ भी जाने उसने एक मजबूर परिवार की मदद कर दी. वो ऐसा ही है, जो एक बार उस से मिल लेता है. उसी का हो कर रह जाता है. फिर भी ना जाने क्यो, उसकी किस्मत हमेशा उसको छल्ति रही है.”

अमन की बात ने मुझे एक बार फिर सोचने पर मजबूर कर दिया था. लेकिन इस बार की मेरी सोच हमेशा से उल्टी थी. मैं वो सोच रही थी, जिसकी उम्मीद अमन को भी नही थी. अमन ने मुझे अपनी बात का कोई जबाब ना देते देखा तो, उसने मुझसे कहा.

अमन बोला “कुछ बोलती क्यो नही. क्या मैने कुछ ग़लत कहा है.”

मैं बोली “नही, तुमने कुछ ग़लत नही कहा. लेकिन मुझे लगता है कि, अजजी और शिखा दोनो एक दूसरे के लिए ही बने है. किस्मत ने उन्हे मिलाया ही इसलिए था कि, वो एक दूसरे का अधूरापन दूर कर सके.”

मेरी बात सुनकर अमन ने हैरान होते हुए कहा.

अमन बोला “ये आज अचानक तुम्हारी सोच मे ये बदलाव कैसे आ गया. क्या तुमको लगता है कि, हमारे कुछ करने से वो लोग एक हो सकते है.”

अमन की बात के जबाब मे मैने कहा.

मैं बोली “हमारे कुछ लगने ना लगने से कुछ नही होता. हम उनके लिए कुछ करे या ना करे. लेकिन यदि किस्मत ने उनको एक दूसरे के लिए चुना है तो, देखना वो उनको फिर से एक दूसरे मिलवाएगी और तब तक मिलाती रहेगी, जब तक वो दोनो एक ना हो जाए.”

मेरी इस बात से अमन का हौसला भी बढ़ गया और उसने अजय के बताए रास्ते पर अमल करना सुरू कर दिया. उसने एक बीमा एजेंट की मदद से शिखा के परिवार की 10 लाख की मदद कर दी. जिसकी खबर बाद मे शिखा ने मुझे फोन करके दी.

शिखा ने बताया कि, उसके भाई ने 10 लाख का बीमा किया था, जिसकी रकम उनके परिवार को मिल जाने से, उसकी परिवार की आर्थिक स्तिथि कुछ हद तक ठीक हो गयी है. अब वो बेफिकर होकर अपनी बहन को आगे पढ़ा सकेगी और जॉब करके अपने परिवार की देख भाल कर सकेगी.

उस दिन शिखा को खुश देख कर, मुझे भी बहुत खुशी हुई थी. लेकिन साथ ही इस बात का अफ़सोस भी हो रहा था कि, उसे ये खुशी मेरे और अमन के झूठ की वजह से मिली है. जिस वजह से मेरे दिल पर एक बोझ सा था.

मगर अमन ने मुझे समझाया कि, हमने जो किया है. वो किसी तरह से भी ग़लत नही है. शिखा को मैं अपने परिवार की एक सदस्या समझता हूँ और इस पर उसका पूरा हक़ था. ये मेरी मजबूरी है कि, मैं अभी उस पर ये बात जाहिर नही कर सकता.

अमन की बातों से साफ हो गया था कि, अमन के लिए शिखा उसके परिवार का एक हिस्सा है और मैं तो उसे पहले ही अपनी छोटी बहन बना चुकी थी. इसलिए अब मेरे दिल से इस बात का बोझ उतर चुका था कि, हमने शिखा से झूठ बोल कर कुछ ग़लत किया है.

ऐसे ही दिन गुज़रते गये और फिर 15 दिन हॉस्पिटल मे रहने के बाद आरू की छुट्टी हो गयी. लेकिन अभी उसके हाथ और पैर की हड्डी टूटने की वजह से उसके एक हाथ और एक पैर मे प्लास्टर चढ़ा हुआ था. जिसे उतारने के लिए उसे अभी एक दो बार हॉस्पिटल मे आना था.

लेकिन अब आरू की हालत पहले से बहुत बेहतर थी. इसलिए चाचा जी चाहते थे कि, अजजी अब वापस जाकर अपना कारोबार संभाले, जिसकी तरफ अजजी ने पिच्छले 15 दिन से पलट कर भी नही देखा था. मगर अजजी आरू के पूरी तरह से ठीक हो जाने तक, उसे छोड़ कर जाने को तैयार ही नही था.

बाद मे आरू के मनाने पर वो जाने को तैयार हुआ और फिर अगले दिन अजजी सूरत वापस चला गया. इस तरह एक बार फिर से सबकी जिंदगी वापस अपनी पटरी पर आ गयी थी. लेकिन आरू ने घर पहुचते ही शिखा वाली बात सीरत और सेलिना को भी बता दी थी और दोनो ये बात सुनते ही, इसकी हक़ीकत जानने मेरे पास आ पहुचि.

मैने दोनो को समझाया कि, शिखा से मैं मिल चुकी हूँ और वो बहुत अच्छी है. लेकिन उसके मन मे अजजी को लेकर जो सोच है, उसे बदलने मे कुछ समय लगेगा. तब तक हमे कुछ सबर से काम लेना होगा और ये बात हम मे से किसी को भी अजजी को नही बताएगा.

शिखा को अमीर लोगों से नफ़रत है. इसलिए अजजी के अमीर होने की बात को भी अभी शिखा से कोई नही करेगा. इतनी बात समझा कर मैने सीरत और सेलिना को वापस घर भेज दिया था. मुझे लग रहा था कि, ऐसा करके मैने स्तिथि पर काबू पा लिया है.

लेकिन मैं शायद ग़लत थी या फिर किस्मत अभी कुछ और ही करना चाह रही थी. सीरत एक दिन आरू को प्लास्टर उतरवाने हॉस्पिटल लेकर आ रही थी. तभी रास्ते मे उसे शिखा अपनी अक्तिवा के पास खड़ी नज़र आई.

शिखा को देख कर, उसने अपनी गाड़ी रुकवाई और उस से इस तरह खड़े रहने की वजह पुछि तो, उसने बताया कि, उसकी अक्तिवा खराब हो गयी है और वो एक नर्स के इंटरव्यू के लिए एक हॉस्पिटल मे जा रही है.

सीरत ने उसकी बात सुनकर, उस से कहा कि, वो उसके साथ आ जाए. वो उसे हॉस्पिटल तक छोड़ देती है. शिखा को इंटरव्यू के लिए जल्दी थी. इसलिए उसने अपनी अक्तिवा वही पार्क कर दी और आकर गाड़ी मे बैठ गयी. लेकिन गाड़ी मे बैठते ही उसकी नज़र ड्राइवर पर पड़ी तो, उसने सीरत से कहा.

शिखा बोली “आपने अपना ड्राइवर बदल लिया है क्या.”

शिखा की बात सुनते ही सीरत समझ गयी कि, शिखा का इशारा अजजी की तरफ है. उसने मुस्कुराते हुए कहा.

सीरत बोली “वो हमारे ड्राइवर नही है.”

सीरत की बात सुनते ही शिखा ने हैरान होते हुए कहा.

शिखा बोली “ड्राइवर नही है से क्या मतलब. क्या आपने उन्हे नौकरी से निकाल दिया है.”

शिखा की बात के जबाब मे सीरत कुछ बोलने वाली थी कि, उसे मेरी बात याद आ गयी और वो सच बात बोलते बोलते रुक गयी. लेकिन उसे समझ मे नही आ रहा था कि, वो अब शिखा से क्या बोले और फिर जब उसे कुछ समझ नही आया तो उसने शिखा से कहा.

सीरत बोली “वो अब हमारे ड्राइवर नही है. क्योकि अब वो टॅक्सी चलाते है.”

सीरत की इस बात से हैरान होकर, शिखा ने आरू की तरफ देखते हुए कहा.

शिखा बोली “लेकिन ये तो उनकी बहन है. जब वो आपके ड्राइवर नही है तो, फिर ये आपके साथ कैसे है.”

सीरत अपने ही बनाए झूठ के जाल मे फस्ति जा रही थी. उसे इस बात का अंदाज़ा नही था कि, आरू को अपने ड्राइवर की बहन बताने की बात, शिखा को अब भी याद होगी. उस से शिखा की इस बात का कोई जबाब देते नही बन रहा था. ऐसे मे आरू ने बात को सभालते हुए कहा.

अर्चना बोली “आप शायद भूल रही है कि, इनके भैया एक डॉक्टर है और उन्हो ने मेरे इलाज के लिए मुझे अपने पास रखा है. अभी भी हम हॉस्पिटल ही जा रहे है. आज मेरे हाथ का प्लास्टर उतारना है.”

इतना कहकर आरू, गुस्से मे सीरत को देखने लगी. सीरत उसके गुस्से का मतलब समझ रही थी. लेकिन उसके पास भी अभी ये सब बोलने के सिवा कोई रास्ता नही था. उसने आरू का गुस्सा कम करने के लिए शिखा से बात करते हुए कहा.

सीरत बोली “आप किसी और हॉस्पिटल मे नर्स के जॉब के लिए क्यो कोसिस कर रही है. मैं अभी अपने भैया से बात करके आपको उनके हॉस्पिटल मे जॉब दिलवा देती हूँ.”

सीरत की बात सुनकर, आरू का गुस्सा सच मे कम हो गया. उसने भी चहकते हुए शिखा से कहा.

अर्चना बोली “दीदी सही बोल रही है. इनके भैया बहुत अच्छे है. जब वो एक अपने ड्राइवर की बहन का इतना ख़याल रखते है तो, आपको भी वहाँ कोई तकलीफ़ नही होने देगे और फिर इनकी होने वाली भाभी भी उसी हॉस्पिटल मे ही है.”

आरू की बात सुनकर, शिखा कुछ सोच मे पड़ गयी और फिर उसने कहा.

शिखा बोली “निशा दीदी ने मुझसे कहा था क़ि, वो मुझे किसी भी हॉस्पिटल मे जॉब दिला देगी. लेकिन मैं जॉब अपनी क़ाबलियत के बल पर हासिल करना चाहती थी, किसी सिफारिश के बाल पर नही. इसलिए मैने उनसे जॉब दिलाने के लिए नही कहा था.”

शिखा की बात सुनकर सीरत ने उसे समझाते हुए कहा.

सीरत बोली “आज के समय मे एक लड़की के लिए जॉब हासिल करने से ज़्यादा मुस्किल काम कहीं भी इज़्ज़त के साथ जॉब कर पाना है. क्योकि आज के समय मे एक अकेली लड़की पर बुरी नज़र रखने वाले लोग बहुत ज़्यादा मिल जाएगे. ऐसे मे नर्स के जॉब मे आपको दिन के साथ साथ रात की भी ड्यूटी करना पड़ेगी. क्या आपको लगता है कि, आप ये सब बड़ी आसानी से कर लेगी.”

सीरत की इस बात ने शिखा को सोच मे डाल दिया था. वो एक सीधी सादी लड़की थी और उसका सामना अभी इन सब बातों से नही हुआ था. उसे सीरत की बातों मे सच्चाई नज़र आ रही थी. लेकिन वो कुछ बोल नही पा रही थी. सीरत ने शिखा को दुविधा मे देखा तो, उसने कहा.

सीरत बोली “मैं अभी भैया से बात करती हूँ. यदि आपको सही लगे तो, आप वहाँ जॉब कर लेना.”

सीरत की बात सुनकर, शिखा ने हां मे सर हिला दिया. हॉस्पिटल मे पहुचने के बाद, सीरत ने शिखा को अमन से मिला कर, उसके बारे मे बता दिया. जिसे सुनने के बाद अमन ने शिखा से कहा.

अमन बोला “मेरे हिसाब से सीरत ठीक कह रही है. लेकिन निशा आपको छोटी बहन मानती है. इस तरह आप मेरे परिवार का एक हिस्सा ही हुई. यदि आप यहाँ जॉब करेगी तो, आपको कोई परेशानी नही होगी और हम दोनो की आँखों के सामने भी बनी रहगेगी. लेकिन आपको जहाँ भी ठीक लगे, आप वहाँ जॉब कर सकती है. हमारे रहते आपको किसी भी हॉस्पिटल मे जॉब करने मे कोई परेशानी नही होगी.”

अमन दिल से चाहता था कि, शिखा उसी हॉस्पिटल मे काम करे. लेकिन वो शिखा के साथ ना तो कोई ज़बरदस्ती करना चाहता था और ना ही ये चाहता था कि, उसे कहीं भी जॉब करने से डर महसूस हो. इसलिए सीरत ने शिखा के मन मे किसी दूरी जगह पर जॉब करने का जो डर बैठाया था, उसे अमन ने ये कह कर मिटा दिया था कि, हमारे रहते आपको किसी भी हॉस्पिटल मे जॉब करने मे कोई परेशानी नही होगी.

Reply


Messages In This Thread
RE: MmsBee कोई तो रोक लो - by desiaks - 09-09-2020, 02:42 PM
(कोई तो रोक लो) - by Kprkpr - 07-28-2023, 09:14 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,415,711 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 534,906 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,197,656 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 905,248 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,605,949 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,039,945 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,883,520 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,830,933 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,946,778 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 277,063 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 9 Guest(s)