MmsBee कोई तो रोक लो
09-09-2020, 02:50 PM,
RE: MmsBee कोई तो रोक लो
इस बात के अगले दिन, शिखा रात को मेरे हॉस्पिटल आने का इंतजार करती रही. लेकिन रात को मेरा हॉस्पिटल जाना हमेशा नही होता था. इसलिए शिखा को मुझसे मिलने के लिए 2-3 दिन इंतजार करना पड़ गया.

इस बात के तीसरे दिन जब मैं एक मरीज को देखने हॉस्पिटल पहुचि तो, आरू के पास मेरी मुलाकात शिखा से भी हो गयी. वहाँ से लौटती समय शिखा ने मुझसे कहा.

शिखा बोली “दीदी, आरू के भैया किराए के मकान मे अकेले रहते है और ऐसे मे उनको खाने पीने की परेशानी होती है. यदि वो चाहे तो, मेरे घर मे पेयिंग गेस्ट बनकर रह सकते है.”

शिखा की इस बात ने मुझे चौका कर दिया था और मुझे ये देख कर खुशी भी हो रही थी की, उन दोनो को पास लाने की हमारी कोसिस रंग ला रही थी. लेकिन अज्जि के लिए ऐसा कर पाना मुमकिन नही था. इसलिए मैने समझाते हुए कहा.

मैं बोली “अज्जि अपनी मर्ज़ी से ही किराए के मकान मे रहता है. वरना उसे अमन के घर रुकने मे भी कोई रोक नही है. अमन का एक मकान यहाँ खाली पड़ा हुआ है. अमन ने अज्जि को वहाँ रुकने को भी बोला है. लेकिन अज्जि रहने को तैयार ही नही है. मुझे नही लगता कि वो इस बात के लिए तैयार होगा.”

मेरी ये बात सुनकर शिखा को निराशा हुई. उसने मुझे अपनी परेशानी बताते हुए कहा.

शिखा बोली “मेरे घर मे कोई मर्द नही है. ऐसे मे चाह कर भी किसी अंजान को अपने घर मे किरायेदार नही रख सकते. लेकिन आरू के भैया के आ जाने से, हमारे घर मे एक किरायेदार भी आ जाएगा और घर मे एक मर्द का साया भी हो जाएगा.”

शिखा की इस बात मे मुझे एक सच्चाई नज़र आई. मैने ना चाहते हुए भी उस से कह दिया कि, मैं अज्जि से इस बारे मे बात करूगी. मैं इस बार मे अज्जि का जबाब पहले से ही जानती थी. मगर फिर भी मैने उस से इस बारे मे बात की और उसने ऐसा करने से साफ मना कर दिया.

अभी इस बात को हुए 2 दिन ही बीते थे कि, आरू की दूसरी सर्जरी के अगले ही दिन अज्जि किसी काम से वापस सूरत चला गया. वहाँ से आने के बाद वो कुछ परेशान सा लग रहा था. लेकिन उसने कोई परेशानी होने से साफ मना कर दिया.

मगर फिर उसने मुझे ये कह कर चौका दिया कि, वो शिखा के घर मे पेयिंग गेस्ट बन कर रहने को तैयार है. मुझे अज्जि का अचानक से ये बदलाव समझ मे नही आया. फिर भी मैने इस बात की खबर शिखा को दे दी.

शिखा को मेरी ये बात सुनकर बहुत खुशी हुई. उसने कहा कि वो जब चाहे या आकर रह सकते है. इसके बाद अज्जि ने अपनी तीनो बहनो से कहा कि, अब वो जल्दी से जल्दी उनकी भाभी को लाना चाहता है. इसलिए अब वो शिखा के घर मे पेयिंग गेस्ट बनकर रहेगा.

आज्जि की ये बात सुनकर, सबको बहुत खुशी हुई. उसी दिन से अज्जि ने शिखा के घर मे पेयिंग गेस्ट बन कर रहना सुरू कर दिया. आज्जि रात भर आरू के पास रहता और दिन भर शिखा के घर मे रहता.

मगर अब अज्जि बहुत थका थका सा और परेशान सा लगता था. सीरू अज्जि के साथ हॉस्पिटल मे रहती थी. इसलिए ये बात उस से छुपि ना रह सकी. उसके मन मे इस सब को लेकर बहुत से सवाल उठ रहे थे.

अगले दिन अज्जि ने सीरू को घर छोड़ा और फिर शिखा के घर चला गया. आज्जि के जाने के बाद सीरू तैयार हुई और फिर शिखा के घर चली गयी. वहाँ उसकी शिखा से मुलाकात हुई तो, उसने कहा कि, वो भैया का नया घर देखने आई है.

शिखा ने बताया कि, अज्जि तो टॅक्सी लेकर चला गया. फिर वो सीरू के लिए चाय पानी लेने चली गयी. मगर शिखा की इस बात ने सीरू के दिमाग़ मे एक धमाका सा कर दिया था. उसने अज्जि को कॉल लगाया तो, अज्जि ने उस से कहा कि, वो अपने नये घर मे आराम कर रहा है.

आज्जि की इस बात ने सीरू के मन के शक़ को और पक्का कर दिया. शिखा के घर चाय पानी करने के बाद, सीरू सीधे मेरे पास आई. उसने ये सारी बातें मुझे बताई तो, मैने उस से कहा कि, अज्जि जब से सूरत से आया है, तभी से वो कुछ परेशान परेशान सा नज़र आ रहा है. मेरी इस बात का समर्थन सीरू ने भी किया.

मैने भी अज्जि को कॉल किया तो, उसने मुझे भी वो ही जबाब दिया जो, उसने सीरू को दिया था. अब एक बात तो हमारे समझ मे आ चुकी थी कि, अज्जि हमसे कुछ छुपाना चाहता था. इसलिए वो शिखा के घर पर पेयिंग गेस्ट बन कर रहने को तैयार हुआ था.

ये बात समझ मे आते ही सीरू की आँखे आँसुओं से भीग गयी. उसने नम आँखों से कहा.

सीरत बोली “भाभी, लगता है कि भैया किसी बड़ी परेशानी मे फस गये है. वरना वो हमसे इतना बड़ा झूठ कभी नही कहते. वो हमसे कुछ छुपा रहे है.”

सीरू की इस बात मे मुझे भी सच्चाई नज़र आ रही थी. लेकिन मैने उसे समझाते हुए कहा.

मैं बोली “जिस भाई के पास तेरे जैसी बहन हो. उस भाई का कोई भी परेशानी कुछ नही बिगड़ सकती. तू फिकर मत कर, मैं अभी अमन से इस बारे मे बात करती हूँ.”

ये कह कर, मैने सीरू को अपने साथ लिया और सीधे अमन के पास आ गयी. मैने सारी बातें अमन को बता दी. जिसे सुनने के बाद अमन ने फ़ौरन सूरत अज्जि मॅनेजर को कॉल लगाया और वहाँ के हालत जानने लगा.

जैसे जैसे अमन को वहाँ के हालत पता चल रहे थे. वैसे वैसे उसके चेहरे का रंग बदलता जा रहा था. वहाँ के हालत जान कर अमन भी कुछ परेशान सा हो गया और उसने हमसे कहा.

अमन बोला “मुझे अभी ही सूरत जाना होगा. आज्जि अभी सूरत मे ही है.”

अमन इस समय बहुत परेशान लग रहा था. सीरू ने उसे इतना परेशान देख कर उस से कहा.

सीरत बोली “लेकिन भैया ऐसा क्या हुआ है, जिसकी वजह से अज्जि भैया झूठ बोल कर सूरत गये है और जिसे सुनने के बाद, आप भी सूरत जाने की बात कर रहे है.”

सीरू की बात सुनकर, अमन ने उसको अज्जि के हालत बताते हुए कहा.

अमन बोला “अज्जि इसके पहले जब काम का बोल कर सूरत गया था. उस समय उसकी एक मिल मे आग लग गयी थी. जिस से उसे करोड़ों का नुकसान हुआ है. ऐसे समय मे अज्जि का सूरत मे रहना ज़रूरी था. लेकिन वो आरू को भी अकेला छोड़ना नही चाहता था. वो ये बात बता कर, हमको भी परेशान करना नही चाहता होगा, इसलिए वो शिखा के घर मे पेयिंग गेस्ट बन कर रहने को तैयार हो गया. ताकि हमे इस बात के बारे मे कुछ भी पता ना चल सके.”

अमन की ये बात सुनने के बाद भी सीरू को तसल्ली नही हुई. उसने अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा.

सीरत बोली “लेकिन ये इतनी बड़ी बात तो नही है कि, भैया इतने ज़्यादा परेशान हो जाए. मुझे लगता है कि, बात कुछ और है.”

सीरू की बात सुनकर, पहले मुझे हैरानी हुई कि, वो एक मिल के जल जाने को भी बड़ी बात नही कह रही है. लेकिन फिर मुझे इस बात का अहसास हुआ कि, वो अज्जि के पास पैसों की कोई कमी ना होने की वजह से ऐसी बात कह रही है. वही अमन ने सीरू की बात सुनी तो, उसने सीरू को समझाते हुए कहा.

अमन बोला “अज्जि के परेशान होने की वजह ये भी हो सकती है कि, ये मिल उसने अपनी मेहनत के बल पर खड़ी की थी. अब जो भी बात हो, ये बात वहाँ जाने पर ही पता लगेगी. इसलिए मैं वहाँ फ़ौरन जाना चाहता हूँ.”

इतना कह कर, अमन सूरत जाने की तैयारी करने लगा और कुछ ही देर बाद वो सूरत के लिए निकल गया. अमन के जाने के बाद मैने सीरू को बड़ी मुस्किल से समझा कर और ये बात किसी को भी बताने का मना करके घर भेज दिया.

सूरत पहुच कर, अमन ने मुझे वहाँ के सारे हालत बताए. जिसे सुनकर मुझे अज्जि के इतना ज़्यादा परेशान होने की वजह समझ मे आ गयी थी. मैने अमन को विस्वास दिलाते हुए कहा कि, मैं अज्जि की हर मदद करने के लिए तैयार हूँ. फिर अमन ने कुछ ज़रूरी बातें बता कर कॉल रख दिया.

रात को जब अमन अज्जि के साथ वापस आया तो, उसने ये बात कॉल करके मुझे बता दी. उनके आने की बात सुनते ही मैं अज्जि से मिलने हॉस्पिटल पहुच गयी. अजजी मेरे पहुचने के बाद, सीरू के साथ हॉस्पिटल पहुचा.

सीरू गुस्से मे लग रही थी और आते ही सीधे आरू के पास चली गयी. उसके जाने के बाद, मैं अज्जि के साथ अपने रूम मे आ गयी और उस से सूरत के हालत पूछने लगी. आज्जि ने मुझे सारे हालत बताए और फिर जब हम आरू के पास जाने के लिए उठे तो, सीरू दरवाजे पर खड़ी रो रही थी.

आज्जि ने आकर, उसके सर पर हाथ फेरा और उसके आँसू पोंछ कर, उसे अपने सीने से लगाते हुए कहा.

अजय बोला “तू मुझसे इस बात को लेकर नाराज़ थी ना कि, मैने तुझसे ये बात क्यो छुपाई. अब तू ही देख, जब तुझे ये बात पता चली तो तू क्या कर रही है. ये जो तेरी आँखों के मोती है. ये ही मेरी असली दौलत है और इन्हे मैं एक नकली दौलत के लिए खोना नही चाहता था. तेरा भाई एक बिज़्नेसमॅन और फिर भला वो अपने हाथ से, खुद अपना नुकसान कैसे कर सकता था.”

आज्जि की बात सुनकर, मेरी आँखे भी छलक गयी. वही सीरू उस पर झूठा गुस्सा दिखा कर उसे मुक्का मारने लगी. अभी भाई बहन की ये तकरार चल ही रही थी कि, तभी अज्जि को ढूँढते हुए शिखा वहाँ आ गयी और उसने कहा कि, आरू बहुत देर से आप लोगों के आने का रास्ता देख रही है. उसकी बात सुनकर, सब आरू के पास आ गये.

इसके बाद से अज्जि रात को आरू के पास रहता था और सुबह सूरत जाकर अपनी मिल का काम देखता. शिखा को यही लगता कि अज्जि टॅक्सी चला रहा है. जबकि बाकी लोगों को अमन ने बोल दिया था कि, अज्जि को काम की वजह से, उसका रोज सूरत जाना ज़रूरी है. जिस वजह से अज्जि के घर मे ना रहने से कोई सवाल नही उठा.

आरू को बस ये बताया गया कि, अज्जि शिखा के घर मे पेयिंग गेस्ट बन कर रहने लगा है. जिसे सुनकर वो भी बहुत खुश थी. मेरे, अमन और सीरू के सिवा किसी को भी अज्जि के रात दिन के इस संघर्ष के बारे मे पता नही था.

दिन यू ही बीतते गये और फिर आरू हॉस्पिटल से छुट्टी होकर घर आ गयी. आरू का अमन के घर जाना शिखा को अजीब ना लगे, इसलिए उस से कहा गया कि, आरू के पूरी तरह ठीक होने तक, वो अमन की निगरानी मे सीरू और सेलू के साथ रहेगी.

आरू की हॉस्पिटल से छुट्टी हो चुकी थी. इसलिए मैने शिखा की ड्यूटी वापस दिन मे करवा दी. लेकिन आरू की हॉस्पिटल से छुट्टी होने के बाद भी, अज्जि का रोज सूरत आने जाने का सिलसिला नही थमा. पहले उसे आरू की वजह से रोज सूरत आना जाना पड़ रहा था तो, अब उसे शिखा के घर मे पेयिंग गेस्ट बन कर रहने की वजह से रोज आना जाना पड़ रहा था.

इस बीच आरू का भी शिखा के घर आना जाना सुरू हो गया. पहले वो सीरू के साथ शिखा के घर गयी और उसके बाद अक्सर निक्की के साथ उसका शिखा के घर आना जाना होने लगा था.

कुछ ही समय मे अज्जि की वो मिल फिर से सुरू हो गयी और अज्जि के काम का बोझ कम हो गया. अब वो हफ्ते मे 2-3 दिन ही सूरत जाया करता था. धीरे धीरे अज्जि और शिखा के बीच की नज़दीकियाँ बढ़ती जा रही थी. लेकिन दोनो मे से कोई भी अपने प्यार का इज़हार नही कर पा रहा था.

आज्जि शिखा से अपने प्यार के इज़हार के साथ साथ, उसे अपनी सच्चाई भी बताना चाह रहा था. लेकिन इसके लिए उसे एक खास समय का इंतजार था और वो खास समय अब कुछ दिन बाद आने ही वाला था कि, उसके पहले ही शिखा के सामने ये सच्चाई खुद ही इस तरह आ गयी.



अब आगे की कहानी पुन्नू की ज़ुबानी….


अपनी इतनी बात कह कर निशा चुप हो गयी और सब की तरफ देखने लगी. जहाँ बरखा के चेहरे पर गुस्सा नज़र आ रहा था. वही शिखा के चेहरे पर दुख नज़र आ रहा था. अब ये बात तो शिखा की जानती थी कि, उसका ये दुख अज्जि की कहानी को सुनकर था या अपने भाई की मौत की वजह से था.

लेकिन उनके के चेहरे पर के चेहरे के भाव सबकी समझ के बाहर थे. वो किसी गहरी सोच मे लग रही थी. जब थोड़ी देर तक कोई कुछ नही बोला तो, निशा ने फिर बात को आगे बढ़ाते हुए कहा.

डॉक्टर. निशा बोली “आप लोग शायद अब भी अज्जि को ग़लत मानते है और आपको इस बात का विस्वास नही कि, अज्जि बहुत ही जल्दी आप सबके सामने ये सच्चाई बताने वाला था. वो बस सही समय का इंतजार कर रहा था.”

निशा अपनी बात बोलकर, एक बार फिर सबकी तरफ देखने लगी. शायद उनसे किसी के कुछ बोलने की उम्मीद थी और उनकी ये उम्मीद बेकार नही गयी. निशा की ये बात सुनकर आंटी ने कहा.

आंटी बोली “मैं अज्जि को ग़लत नही मानती और मैं जानती हूँ कि, वो अपनी बात कहने के लिए सही समय का इंतजार कर रहा था.”

आंटी की इस बात ने शिखा और बरखा को ही नही बल्कि हम सबको भी हैरानी मे डाल दिया था. जहा शिखा और बरखा उनको फटी फटी आँखों से देख रही थी. वही हम सब उनको हैरानी से देख रहे थे.

किसी के समझ मे नही आया कि, आंटी ऐसा क्यो कह रही है. लेकिन आंटी ने हमारी हैरानी को और भी बढ़ाते हुए हेतल से कहा.

आंटी बोली “तुम शायद अज्जि के मॅनेजर धीरू शाह की बेटी हो. जिसने एक लड़के के प्यार मे पड़ कर खुद को आग लगा ली थी.”

आंटी की इस बात ने हेतल को भी हैरानी मे डाल दिया था. उसने आंटी की बात की हामी भरते हुए कहा.

हेतल बोली “जी आंटी, मैं उन्ही की बेटी हूँ. लेकिन आप ये सब कैसे जानती है.”

आंटी बोली “मैने तुम्हारे पापा और अज्जि के बीच हुई सारी बातें सुन ली थी. जब उसकी मिल मे आग लगने के बाद वो यहाँ रहने आया तो, उसके रहन सहन से वो कभी भी मुझे एक टॅक्सी ड्राइवर नही लगता था. लेकिन जब शिखा ने अज्जि और डॉक्टर अमन के बीच के परिवारिक रिश्तों के बारे मे मुझे बताया तो, मुझे लगा कि शायद डॉक्टर अमन के साथ रहने की वजह से ही अज्जि का रहन सहन ऐसा है.”

“मगर कुछ समय बाद एक आदमी हमारे यहाँ अज्जि से मिलने आया. उस समय शिखा ड्यूटी पर और बरखा कॉलेज गयी हुई थी. इसलिए मैं उनके लिए चाय लेकर गयी. तब मुझे एक ऐसी सच्चाई का पता चला कि, मेरी नज़रों मे अज्जि की इज़्ज़त और बढ़ गयी. मगर मैने इस बात का अहसास अज्जि को नही होने दिया कि, मैं उनके बीच की बात सुन चुकी हूँ.”

“ये सच है कि, मैं ये बात नही जानती थी कि, मेरे बेटे की मौत की वजह अज्जि है. लेकिन आज जब मुझे इस सच्चाई का पता चला तो, मेरी आँखों मे अज्जि की उस दिन की बातें गूँज गयी और मैने उसी पल अज्जि को इस सब के लिए माफ़ कर दिया.”

आंटी की इस बात को सुनकर, हमे कुछ समझ मे नही आ रहा था कि, वो ऐसी किस बात के बारे मे बात कर रही है. जिसे सोच कर उन्हो ने अज्जि की ग़लती को माफ़ कर दिया. हम सब हैरान थे. तब सीरू ने आंटी से ये बात जानने के लिए कहा.

सीरत बोली “आंटी, आपने अज्जि भैया और उस आदमी के बीच ऐसा क्या सुन लिया था कि, आज सारी सच्चाई सामने आने के बाद भी, आपने एक पल मे ही अज्जि भैया की इतनी ग़लती को माफ़ कर दिया.”

मगर आंटी ने सीरू की इस बात का जबाब देने से इनकार करते हुए कहा.

आंटी बोली “सॉरी बेटा, मेरे अंदर इतनी हिम्मत नही है कि, मैं ये बात हेतल और अज्जि की बहनों के सामने कह सकूँ. लेकिन ये बात तुम अपनी भाभी से भी जान सकती हो. जिन्हो ने मिल मे आग लगने की बात तो सबको बता दी. मगर अज्जि की परेशानी की असली वजह किसी के सामने नही आने दी.”

आंटी की इस बात से वहाँ खड़े हर एक को एक झटका सा लगा. सब एक बार फिर हैरत मे पड़े, निशा की तरफ देखते रहे थे. वही निशा ने सबकी नज़रे अपनी तरफ उठती देख कर, अपना सर झुका लिया. शायद उसे इस तरह से इस सच्चाई के सामने आ जाने की उम्मीद नही थी.
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RE: MmsBee कोई तो रोक लो - by desiaks - 09-09-2020, 02:50 PM
(कोई तो रोक लो) - by Kprkpr - 07-28-2023, 09:14 AM

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